*एआरवी शुरू करने का निर्देश, महिला चिकित्सक का वेतन रोका*
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गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ राजेश झा ने कैम्पियरगंज क्षेत्र के चार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) पर लगे मुख्यमंत्री आरौग्य मेले का रविवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि आशा कार्यकर्ता की मदद से मेले का पर्याप्त प्रचार प्रसार कराएं, ताकि अधिकाधिक मरीजों को मेले का लाभ मिल सके। मेले में सभी प्रमुख जांचों, परामर्श और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो। पीपीगंज एपीएचसी पर निरीक्षण के दौरान सीएमओ ने एआरवी (कुत्ता काटने के बाद लगने वाला टीका) की सुविधा यथाशीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया। जंगल अहगी एपीएचसी के स्वास्थ्य मेले में सीएमओ को महिला चिकित्सक अनुपस्थित मिलीं। उन्होंने चिकित्सक का वेतन रोकने का निर्देश दिया।
सीएमओ डॉ झा ने बताया कि पीपीगंज में रैबिज से बचाव के इंजेक्शन एआरवी की मांग वहां के जनप्रतिनिधियों ने भी जन आरोग्य समिति की बैठक के दौरान उठाई थी। वहां पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर यह सुविधा शुरू की जाएगी। साथ ही अन्य बुनियादी सुविधाओं को भी बढ़ाने के लिए अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से कहा गया है। जंगल अगही में जिस महिला चिकित्सा अधिकारी का वेतन रोका गया है, उनका जवाब संतोषजनक न होने पर अग्रिम कार्रवाई भी की जाएगी। उपस्थित अधिकारियों से अस्पताल परिसर की साफ सफाई और बेहतर सेवा देने के लिए कहा गया है।
नेतवर बाजार एपीएचसी का भी निरीक्षण किया गया। वहां पाया गया कि अस्पताल पहुंचने के लिए सम्पर्क मार्ग सही नहीं है। इसके लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर कनेक्टिंग रोड ठीक कराया जाएगा। मेले में मरीजों से बातचीत की गई। मछलीगांव एपीएचसी पर भी मेले को देखा गया। वहां मेले को और बेहतर बनाने के लिए आरबीएसके टीम से सहयोग लेने का निर्देश दिया गया है। सभी स्थानों पर मेले में उपलब्ध सुविधाओं के प्रचार प्रसार करने पर विशेष जोर दिया गया है।
प्रत्येक मरीज को दें यह संदेंश
सीएमओ ने मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक मरीज को अपनी सेवा के जरिये यह संदेश देने की कोशिश करें कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर अपने मन से दवा न लें। नजदीकी सरकारी अस्पताल पर चिकित्सक और आवश्यक दवाएं मौजूद हैं। अतिशीघ्र चिकित्सक की सेवा लेने से बीमारी की जटिलताएं नहीं बढ़ती हैं। इसलिए चिकित्सक की मदद से ही इलाज कराएं, न कि खुद दवा खरीद कर खाएं या फिर झोलाछाप के पास जाएं।






May 26 2025, 11:15
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