प्रदेश में एआई प्रज्ञा से शासकीय कार्यों में आएगी क्रांति
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* एआई प्रज्ञा कार्यक्रम के अंतर्गत सचिवालय अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डिजिटल तकनीक में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए "ए.आई. प्रज्ञा" (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम फॉर रिसोर्स, अवेयरनेस, ग्रोथ एंड यूथ एडवांसमेंट) कार्यक्रम के तहत आज प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस, उत्तर प्रदेश समिति द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग अमित कुमार घोष द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपकरणों के माध्यम से शासकीय कार्यप्रणाली को अधिक सशक्त, पारदर्शी एवं दक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सुरक्षित व उत्तरदायी उपयोग की ओर प्रेरित किया।
इस प्रशिक्षण में अधिकारियों को ए.आई. उपकरणों के दैनिक जीवन एवं औद्योगिक क्षेत्रों में प्रयोग, चैट जी.पी.टी. की समझ, प्रभावी संवाद लेखन, जी.पी.टी. प्रॉम्प्ट्स का कुशल उपयोग, दस्तावेजों का एक भाषा से दूसरी भाषा में रूपांतरण (जैसे को-पायलट जैसे औजारों के माध्यम से), डिजिटल एवं सूचना सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, साइबर अपराधों (फिशिंग, साइबर स्टॉकिंग, उत्पीड़न, मैलवेयर आदि) की पहचान और रोकथाम, तथा भारत में लागू प्रमुख साइबर क़ानूनों से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम में विशेष सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग एवं राज्य समन्वयक, सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस श्रीमती नेहा जैन ने अवगत कराया कि सचिवालय के अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, निजी सचिव एवं अपर निजी सचिव को पूर्व में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है और वर्तमान में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को इस विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्री घोष ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभावी उपयोग करते हुए अधिकारी अपनी कार्य क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं और शासकीय कार्यों का निष्पादन कम समय में अधिक दक्षता से कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ए.आई. उपकरणों के प्रयोग में गोपनीयता और साइबर सुरक्षा संबंधी नियमों का कड़ाई से पालन आवश्यक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से आगामी वर्षों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और यह तकनीक प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग अमित कुमार घोष, विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग एवं राज्य समन्वयक श्रीमती नेहा जैन सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।
May 21 2025, 14:24