नहीं थम रहा हादसों का कहर, बस-ट्रक की भीषण टक्कर में डेढ़ दर्जन घायल, धरमपुरा-बरेला मार्ग ‘रेड जोन’ में तब्दील

मुंगेली- मुंगेली जिले के जरहागांव थाना क्षेत्र में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को पथरिया मोड़ के पास एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ, जहां यात्री बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती कराए गए है। लेकिन ये हादसा अकेला नहीं है। महज 15 दिन पहले थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर रात के अंधेरे में हुए एक सड़क हादसे में 29 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। दुर्भाग्य की बात ये है कि आज तक न आरोपी वाहन चालक व वाहन का पता चला, न ही यह साफ हो पाया कि दुर्घटना कैसे हुई। परिजनों का कहना है कि जांच की रफ्तार इतनी धीमी है कि परिजन आज भी न्याय की आस में हैं।

धरमपुरा से बरेला तक ‘रेड जोन’, लेकिन इंतजाम जीरो ?

धरमपुरा से बरेला तक की सड़क को लगातार हो रहे हादसों के कारण कथित तौर पर स्थानीय लोग ‘रेड जोन’के रूप में देख रहे है, लेकिन न सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, न बैरियर पर निगरानी व्यवस्था। जिला बॉर्डर और थानों के पास सुरक्षा कैमरे तक नहीं लगे हैं, जिससे दुर्घटनाओं के कारणों की जांच या दोषियों की पहचान मुश्किल हो जाती है। आलम ये है कि जरूरत पड़ने पर कि निजी घरो अथवा दुकानों के सीसीटीवी कैमरे पर पुलिस को निर्भर रहना पड़ता है।

क्या जान की कीमत इतनी सस्ती है?

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर हादसे के बाद जांच और वादे तो होते हैं, लेकिन स्थायी समाधान आज तक नहीं निकला। तेज रफ्तार, लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता की ये त्रासदी अब लोगों की जान लेने लगी है।

स्थानीयों की मांग

स्थानीय रहवासियों एवं राहगीरों की ये मांग है कि कथित रेड जोन में सीसीटीवी कैमरे और स्पीड मॉनिटरिंग उपकरण लगाए जाएं। बैरियर और बॉर्डर एरिया में निगरानी व्यवस्था हो। थानों को सक्रिय रूप से दुर्घटनाओं की जांच करनी चाहिए। हादसों की स्वतंत्र जांच और समयबद्ध रिपोर्ट पेश हो, क्योंकि सवाल अब सिर्फ हादसे का नहीं, व्यवस्था की संवेदनहीनता का है। क्या जिम्मेदार अब भी नही जागेंगे?

साइबर फ्रॉड के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: म्यूल अकाउंट्स से 4.16 करोड़ का किया ट्रांजेक्शन, 10 शातिर ठग गिरफ्तार…

गरियाबंद- जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह संकेत भी दिया है कि ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क अब छोटे शहरों और गांवों तक गहराई से फैल चुका है. राजिम थाना क्षेत्र के अंतर्गत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाताधारकों के खातों में 30 मई 2024 से लेकर 17 मार्च 2025 के बीच कुल 4 करोड़ 16 लाख रुपये की संदिग्ध एंट्री दर्ज की गई है. जब इन ट्रांजैक्शन की जांच की गई, तो पता चला कि ये रकम ठगी और साइबर फ्रॉड से जुड़ी हुई हैं।

एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस घोटाले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने म्यूल अकाउंट यानी ऐसे बैंक खाते जिनका उपयोग धोखाधड़ी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. का इस्तेमाल कर इस ठगी को अंजाम दिया.

जांच में यह भी सामने आया है कि यह पूरा गिरोह छोटे गांवों के गरीब और अशिक्षित लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाता था. बाद में उन्हीं खातों का उपयोग देशभर में चल रही ऑनलाइन ठगी की रकम इधर से उधर करने में किया जाता था.

इस मामले की जानकारी गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल से सामने आई, जहां देशभर से साइबर क्राइम से जुड़े आंकड़े और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी होती है. वहीं से राजिम में संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की गई, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली.

अगर आप भी किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर बैंक खाता खोलने जा रहे हैं, या किसी को अपना अकाउंट नंबर और दस्तावेज दे रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. ये छोटा-सा कदम आपको भी कानूनी पचड़े में डाल सकता है.

राजिम पुलिस की टीम अब इस पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आशंका जताई जा रही है कि इस ठगी नेटवर्क की पहुंच अन्य राज्यों तक भी हो सकती है.

यह मामला बताता है कि अब ठगों का निशाना केवल बड़े शहर नहीं, बल्कि छोटे गांव और कस्बे भी हैं. इसलिए जरूरी है कि लोग जागरूक रहें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.

हैदराबाद अग्निकांड पर सीएम विष्णुदेव साय ने जताया शोक, बोले- हादसा हृदयविदारक, दिवंगतों को दी श्रद्धांजलि

रायपुर- हैदराबाद के चारमीनार के पास स्थित गुलजार हौज इलाके में रविवार सुबह हुए भीषण अग्निकांड को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मृतकों के प्रति संवेदना और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।

सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, हैदराबाद के चारमीनार के निकट हुए भीषण अग्निकांड में 17 लोगों की असमायिक मृत्यु और कई लोगों के घायल होने का हृदयविदारक समाचार प्राप्त हुआ है। मैं उन सभी दिवंगत आत्माओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। साथ ही इस हादसे में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

बता दें कि यह हादसा गुलजार हौज इलाके में एक रिहायशी और व्यावसायिक उपयोग वाली इमारत में हुआ, जहां आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों में आठ बच्चे और पांच महिलाएं भी शामिल हैं। यह हादसा हाल के वर्षों में हैदराबाद की सबसे बड़ी त्रासदियों में गिना जा रहा है।

कार में छिपाकर बेच रहे थे कोकीन, पुलिस ने दबिश देकर तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, 9 लाख की सामग्री जब्त

रायपुर- राजधानी रायपुर में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। न्यू राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र के महावीर नगर स्थित रामरामा रेसिडेंसी के पास से पुलिस ने तीन आरोपियों को प्रतिबंधित मादक पदार्थ कोकीन के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 7.48 ग्राम कोकीन, लग्जरी कार और मोबाइल फोन समेत करीब 9 लाख रुपये की सामग्री जब्त की गई है। यह कार्रवाई एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और न्यू राजेन्द्र नगर थाना की संयुक्त टीम ने की है। आरोपियों के खिलाफ न्यू राजेन्द्र नगर में धारा 21, 22 नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार, 18 मई को एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति रामरामा रेसिडेंसी के पास एक कार में बैठे हैं और अपने पास प्रतिबंधित मादक पदार्थ कोकीन रखकर उसकी बिक्री की फिराक में ग्राहक की तलाश कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारियों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) डी.आर. पोर्ते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) संदीप मित्तल, नगर पुलिस अधीक्षक (पुरानी बस्ती) राजेश देवांगन और उप पुलिस अधीक्षक (क्राइम) संजय सिंह ने तत्काल संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए।

जिसके बाद संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर चारपहिया वाहन (Kia Seltos – CG/04/MV/1022) और उसमें बैठे तीन व्यक्तियों को चिन्हित कर हिरासत में लिया। पूछताछ में व्यक्तियों ने अपना नाम शुभांक पॉल, सागर पीटर और सिद्धार्थ पांडेय, निवासी रायपुर होना बताया। टीम के सदस्यों द्वारा उनकी चारपहिया वाहन की तलाशी लेने पर वाहन में प्रतिबंधित मादक पदार्थ कोकीन रखा होना पाया गया। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 7.48 ग्राम प्रतिबंधित मादक पदार्थ कोकीन, नगदी रकम तथा घटना में प्रयुक्त 03 नग आईफोन एवं 01 नग चारपहिया वाहन CG/04/MV/1022, जुमला कीमती लगभग ₹9,00,000 जब्त किया।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

  • शुभांक पॉल (35 वर्ष) – निवासी कटोरा तालाब, मदर टेरेसा स्कूल के पास, थाना सिविल लाइन
  • सागर पीटर (33 वर्ष) – निवासी श्याम नगर क्रिश्चियन कॉलोनी, थाना तेलीबांधा
  • सिद्धार्थ पाण्डेय (34 वर्ष) – निवासी शैलेन्द्र नगर, कन्या शाला के पास, थाना कोतवाली
झाड़ फूंक के नाम पर धर्मांतरण का आरोप, हिंदू संगठन ने किया जमकर हंगामा, स्कूल प्राचार्य और पत्नी के खिलाफ थाने में की शिकायत

कवर्धा- छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक बार फिर कथित धर्मांतरण का मामला सामने आया है. रविवार को एक निजी निवास में करीब 30-35 हिंदू धर्म के लोगों को एकत्र कर कथित रूप से धर्मांतरण कराये जाने की सूचना मिली. इसके बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और जमकर विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्राचार्य थॉमस और उनकी पत्नी पर झाड़-फूंक के नाम पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

मौके पर मौजूद हिंदू संगठनों का दावा है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो मिशनरी समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की कोशिश की. सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल स्थिति को नियंत्रित किया.

विरोध के बाद हिंदू संगठनों ने कवर्धा थाना में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि थॉमस और उनकी पत्नी गरीब, अशिक्षित और नवयुवकों को गुमराह कर झाड़-फूंक के बहाने उनका धर्मांतरण करवा रहे हैं. शिकायत में यह भी बताया गया है कि आरोपी पहले भी धर्मांतरण के मामलों में न्यायिक हिरासत में रह चुके हैं. इसके साथ ही संगठनों ने उस रिहायशी क्षेत्र में संचालित चर्च को बंद कराने की मांग की है, जहां यह गतिविधि चल रही थी.

हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि धर्मांतरण जैसी गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मामले की छानबीन जारी है.

लंबे समय से नक्सल समस्या से प्रभावित रहे जगरगुंडा में खुली इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया वर्चुअल शुभारंभ

रायपुर- लंबे समय से नक्सल समस्या से प्रभावित रहे छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जगरगुंडा क्षेत्र के लोगों को भी अब बैंकिंग सुविधा का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास से सुकमा के जगरगुंडा में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया। बैंक की इस शाखा से आसपास के 12 गांव के लगभग 14 हजार ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शुभारंभ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन इस क्षेत्र के लोगों के लिए ऐतिहासिक है। लंबे समय से यह क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पिछले डेढ़ वर्षों में हमारी डबल इंजन की सरकार में हम बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने में कामयाब हुए हैं। यही कारण है कि आज यहां बैंक की नई शाखा खुली है। लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार की सुरक्षा, विकास और विश्वास की रणनीति, सुरक्षा बलों के लगातार अभियान और केंद्र और राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प से बस्तर अंचल के गांव तेजी से नक्सल समस्या से उबर कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी में सभी ग्राम पंचायत में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की गारंटी दी गई है, जिस पर अमल करते हुए 24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर प्रत्येक विकासखंड की 10 - 10 ग्राम पंचायतों में 1460 अटल पंचायत डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किए गए हैं। जहां ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिलना प्रारंभ हो गया है। एक वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों में इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को सुशासन तिहार की भी विस्तार से जानकारी दी। श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान उन्होंने स्वयं डिजिटल सेवा केंद्रों पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। ग्रामीण यहां बैंकिंग सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि जब वे दंतेवाड़ा में कलेक्टर थे, तब यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित था। अंदरूनी इलाके में जाने के पहले सोचना पड़ता था। वर्ष 2001 में इस भवन में ग्रामीण बैंक की शाखा थी, जिसे नक्सलियों द्वारा लूटने का प्रयास किया गया था। आज इसी भवन में इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा खुल रही है। यहां से ग्रामीणों को तेंदूपत्ता बोनस, किसान सम्मान निधि जैसी अनेक योजनाओं की राशि गांव में ही मिलेगी।

वित्तमंत्री श्री चौधरी ने बैंक परिसर में कैश काउंटर और शाखा प्रबंधक कार्यालय का निरीक्षण करते हुए बैंक में अपना भी खाता खुलवाया। उनके साथ महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी ने भी बैंक में अपना खाता खुलवाया। उल्लेखनीय है कि बैंक के साथ ही एटीएम की सुविधा भी ग्रामीणों के लिए उपलब्ध कराई गई है।

शुभारम्भ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव वर्चुअली जुड़े थे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी, कलेक्टर सुकमा देवेश कुमार ध्रुव, जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन और बैंक के रीजनल मैनेजर गौरीशंकर नायक जगरगुण्डा में उपस्थित थे।

खारून नदी पुल पर कल से महीने भर तक प्रभावित रहेगा यातायात, जाम से बचने इन रास्तों का करें इस्तेमाल…

रायपुर- दुर्ग को रायपुर से जोड़ने वाला खारून नदी पर बने पुल पर महीनेभर के लिए यातायात प्रभावित रहेगी. लोक निर्माण विभाग 19 मई से लेकर 20 जून तक पुल के नीचे के बेरिंग को बदलने से लेकर बीसी वर्क और रेलिंग बदलने का कार्य करेगा.

लोक निर्माण विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 19 से 30 मई के बीच पुल के नीचे के बेरिंग को चेंज करने का कार्य किया जाएगा. इसके लिए रोजाना 2 से सुबह 4 बजे तक पुल पर यातायात पूर्णतः बंद रहेगा. इसके बाद 1 से 20 जून तक 24 घण्टे ब्रिज के ऊपर एक्सपान्सन ज्वाइंट चेंज (डामर उखाड़ कर) बीसी वर्क और रेलिंग बदलने का कार्य किया जाएगा.

यातायात के वैकल्पिक संचालन के लिए मरम्मत कार्य वाले ब्रिज पर डिवाइडर लगाकर दो लेन में बांटा जाएगा. एक लेन में मरम्मत कार्य चलेगा और डिवाइडर के दूसरी ओर सिंगल लेन में ट्रैफिक चलता रहेगा. इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात का अत्यधिक दबाव की वजह से ब्रिज से लेकर कुम्हारी तक जाम की स्थिति निर्मित हो सकती है.

जाम से बचने केलिए यात्री दुर्ग से रायपुर आने-जाने वाले यात्री वैकल्पिक मार्ग के तौर पर उतई-सेलूद-दौर-घुघुवा-औरी-मोतीपुर-अमलेश्वर रायपुर, पुरानी भिलाई चौक (सिरसा गेट)-ग्राम सिरसा-औरी-मोतीपुर-अमलेश्वर-रायपुर अथवा रायल खालसा-ग्राम उरला-परसदा-अमलेश्वर-रायपुर का उपयोग कर सकते हैं.

3 साल पहले हुआ करोड़ों का घोटाला, जांच में आरोप सिद्ध… लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं!

डोंगरगढ़-  डोंगरगढ़ वन विभाग में जो घोटाला हुआ, वह न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि सरकारी तंत्र की उदासीनता और भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें भी उजागर करता है. मामला तीन साल पुराना है, जांच में फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

साल 2021 में बोरतलाव और कटेमा गांव के जंगलों में बांस रोपण, फेंसिंग और मिट्टी भराई जैसे कार्यों के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये जारी किए थे. कागजों में काम पूरे हो गए, मजदूरों को भुगतान भी दिखा दिया गया. लेकिन जब जांच हुई, तो मामला पूरी तरह फर्जी निकला.

जिन ग्रामीणों के नाम पर मजदूरी दिखाई गई थी, उनमें से कई तो कभी वन विभाग के किसी काम में शामिल ही नहीं हुए थे. कुछ तो स्कूल के छात्र थे, कुछ महिलाएं गर्भवती थीं. किसी ने गड्ढा नहीं खोदा, न बांस लगाया, फिर भी उनके खातों में पैसे भेजे गए. बाद में विभागीय कर्मचारियों ने ग्रामीणों से पैसे निकलवाकर खुद रख लिए, और उन्हें दो-चार सौ रुपये पकड़ाकर चलता कर दिया.

शिकायत के बाद 3 साल तक फाइल दबाए रखने के बाद जब आखिरकार जांच हुई. तहसीलदार मुकेश ठाकुर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया. उनकी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि यह पूरा मामला फर्जी है. काम नहीं हुए, भुगतान हुआ और पैसे गबन कर लिए गए. गांव वालों के बयान भी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिन्होंने माना कि उनके खातों से जबरन पैसे निकलवाए गए.

इतना कुछ सामने आने के बावजूद न तो किसी अफसर पर कार्रवाई हुई, न किसी कर्मचारी को निलंबित किया गया. शिकायतकर्ता 3 साल से रायपुर से लेकर दिल्ली तक गुहार लगा रहा है, लेकिन सिस्टम पूरी तरह खामोश है.

जब इस मामले पर वन विभाग की एसडीओ पूर्णिमा राजपूत से सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई जवाब देने से इनकार कर दिया. शायद इसलिए, क्योंकि जवाब देने से कई बड़े अधिकारियों और नेताओं की कुर्सियां हिल सकती हैं.

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब घोटाला साबित हो चुका है, जांच रिपोर्ट आ चुकी है, गवाह भी सामने हैं – तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या इसमें बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत है? या फिर खुद सिस्टम दोषियों को बचा रहा है?

डोंगरगढ़ का यह मामला सिर्फ एक घोटाले की कहानी नहीं है, यह सरकारी तंत्र की लाचारी और भ्रष्टाचार की पोल खोलता आईना है, जहां जांच सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह जाती है, और इंसाफ अगली फाइल के पन्नों में दबा रह जाता है.

ट्रांसफार्मर फ्री में हटाने का नियम, लेकिन अर्जी देने पर बिजली कंपनी थमा रही डेढ़ लाख तक का बिल…

रायपुर- गर्मी के दिनों में लोड बढ़ने पर ट्रांसफार्मर में आग लगने का खतरा बना रहता है, और अगर यह ट्रांसफार्मर घर के सामने लगा हो तो घर-परिवार के लिए खतरा बन जाता है. लेकिन ट्रांसफॉर्मर को हटवाना आम लोगों के बस की बात नहीं, क्योंकि बिजली कंपनी हटाने का पूरा खर्चा मांगती है, जबकि मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना के तहत ऐसे ट्रांसफार्मर निशुल्क शिफ्ट करने का प्रावधान है.

पिछले दो साल में निगम में 50 से ज्यादा आवेदन किए गए. लेकिन इनमें से केवल 15 ही आवेदन समिति को भेजे गए. लोगों ने मुख्यमंत्री विद्युतीकरण के तहत शिफ्ट करने की मांग की, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं हटाए गए. उल्टे लोगों को डेढ़-डेढ़ लाख के खर्च का बिल थमा दिया गया.

आवेदन देने के बाद लगाते हैं चक्कर

ऐसे ट्रांसफार्मर पुराने मोहल्लों और बस्तियों में हैं. ऐसे में अर्जी देने वाले भी आर्थिक तौर पर इतने सक्षम नहीं हैं कि वे इतनी बड़ी रकम केवल ट्रांसफार्मर शिफ्ट करने के लिए अदा कर सके. ऐसे ही एक मामले में पीड़ित ने बताया कि ट्रांसफार्मर हटाने के लिए निगम में आवेदन दे चुका है. बिजली कंपनी वालों ने सर्वे किया और डेढ़ लाख का बिल दे दिया. ऐसे पीड़ित एक-दो नहीं बल्कि कई हैं, जो अपने घर के आस-पास लगा ट्रांसफार्मर को हटाने के लिए अर्जी देकर भटक रहे हैं.

राजधानी के इन इलाकों में ज्यादा समस्या

इस तरह की समस्या रायपुर के कुशालपुर, प्रोफेसर कालोनी, पुरानी बस्ती, खोखोपारा, गुढ़ियारी, बजरंग नगर, लाखेनगर, आमापारा व कुकरीपारा बांसटाल शास्त्रीबाजार व बैजनाथपारा सहित कुछ इलाकों में ज्यादा है.

एक साल में भेजे केवल 15 प्रस्ताव

पिछले एक साल में जिला स्तरीय समिति की 15 प्रस्ताव भेजे हैं. इनमें से अधिकांश प्रस्ताव विधायकों, मंत्रियों और सांसद की ओर से भेजे गए हैं. कुछ प्रस्ताव बिजली कंपनी और पूर्व मंडल अध्यक्ष तथा पूर्व पार्षदों के सिफारिशी पत्रों पर तैयार किए गए हैं.

फ्री शिफ्टिंग का प्रावधान

राज्य में मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना पर अमल करने कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनी है. इसमें निगम कमिश्नर, टाउन प्लानिंग विभाग और पीडब्ल्यूडी के अफसर तथा कलेक्टोरेट के अधिकारी व बिजली कंपनी के अफसर सदस्य हैं. निगम के माध्यम से आवेदन समिति में पेश होते हैं. समिति की हर महीने बैठक होती है, और आवेदनों का परीक्षण करने के बाद काम शुरू होता है. आमतौर पर समिति ऐसे मामलों की स्वीकृति देती है, जिससे बहुत से लोग प्रभावित होते हैं. एक-दो लोगों या व्यक्तिगत आवेदनों पर विचार नहीं किया जाता.

नक्सल विरोधी अभियान पर गृहमंत्री विजय शर्मा का बड़ा आरोप, कहा- “राहुल गांधी की भूमिका संदिग्ध, मेरे पास है प्रमाण…”

जगदलपुर-  छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है. नक्सलियों की मांद माने जाने वाले कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बल एक बड़ा अभियान छेड़े हुए हैं. ऐसे समय में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पीठ पीछे गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप लगाया है.

इस अभियान में तेलंगाना सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के सवाल पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि राहुल गांधी “पीठ पीछे गड़बड़” कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद देश के सबसे बड़े संकटों में से एक है, और इसमें भी राहुल गांधी की भूमिका संदिग्ध लगती है. मेरे पास इसके प्रमाण मौजूद हैं, जिनके आधार पर मैं यह बात कह रहा हूं.

ऑपरेशन में 31 नक्सली ढेर, 35 हथियार बरामद और सैंकड़ो बंकर नष्ट

बता दें कि बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले ऑपरेशन ब्लैक फारेस्ट में 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए. मुठभेड़ों के दौरान 35 हथियार, 450 IED, सैकड़ों बंकर और माओवादियों की तकनीकी इकाइयां भी नष्ट की गई है. 21 अप्रैल से 11 मई के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में 16 वर्दीधारी महिला माओवादी समेत कुल 31 वर्दीधारी माओवादियों के शव और 35 हथियार बरामद किए गए हैं. प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि मुठभेड़ स्थल से बरामद शव प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई माओवादी संगठन अंतर्गत पीएलजीए बटालियन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी कैडर्स हैं. इस अभियान में अब तक कुल 216 माओवादी ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए. उपरोक्त माओवादी ठिकाने और बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए.