छत्तीसगढ़ में ओड़िशा के फार्मासिस्ट की हत्या, एक नाबालिग समेत चार आरोपी गिरफ्तार…

नुआपड़ा/रायपुर-  पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में एक ओड़िया फार्मासिस्ट की नृशंस हत्या के मामले में एक नाबालिग सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने परशु दंडसेना (20), गणपत दंडसेना (27), सरोज दंडसेना (24) और एक अन्य नाबालिग को हिरासत में लिया है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नुआपड़ा शहर के शिवशक्ति नगर निवासी फार्मासिस्ट मानस त्रिपाठी उर्फ नवीन (30) का शव जशेखरा गांव (कोमाखान थाना क्षेत्र) के एक खेत से बरामद किया था. इस मामले में आज कोमाखान पुलिस ने महुलभाटा से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया.

पुलिस के अनुसार, कोमाखान पुलिस की एक विशेष टीम ने कल नुआपड़ा शहर में तलाशी अभियान चलाया. सबसे पहले महुलभाटा गांव से परशु को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान परशु ने अन्य तीन आरोपियों — सरोज, गणपत और एक नाबालिग — के नाम बताए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.

जांच में पता चला कि (फार्मासिस्ट की हत्या) फार्मासिस्ट मानस पहले से ही परशु और गणपत को जानता था. 8 तारीख की शाम परशु और गणपत ने दवा मांगने के बहाने मानस को सुखसागर रेस्टोरेंट के पास एक सुनसान जगह पर बुलाया. फिर चारों ने मिलकर उसके चेहरे और दोनों हाथों को प्लास्टिक टेप से बांधा और एक चार पहिया वाहन (OD 26 A 2700) में जबरन अपहरण कर लिया.

उसे तान्वत रोड से कोमाखान ले जाया गया और फिर लाखों रुपये की फिरौती की मांग की गई. लेकिन मानस के बचत खाते में मात्र ₹9,000 थे. फिरौती न मिलने पर चारों आरोपियों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को काशेकेरे के पास फेंक दिया.

पुलिस ने मृतक की बाइक (OD 26 A 2064) और दवाइयों से भरा बैग बरामद किया है. इसके अलावा, आरोपियों का चार पहिया वाहन और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. कोमाखान थाने के आईआईसी नितेश ठाकुर ने बताया कि मामले की आगे जांच जारी है.

तलाक के बाद भी एक ही घर में रहेंगे पति-पत्नी, हाईकोर्ट ने 6 बिंदुओं पर दी सहमति

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. आपसी विवाद में तलाक के बाद भी पति-पत्नी एक ही घर में रहेंगे. कोर्ट में सुनवाई से पहले दोनों ने आपस में समझौता किया. कोर्ट ने पति को घर के ग्राउंड फ्लोर और पत्नी को फर्स्ट फ्लोर में रहने की सहमति दी है. यह मामला दुर्ग जिले का है.

फैमिली कोर्ट के तलाक के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट की पहल के बाद पति-पत्नी ने सुलह का रास्ता अपनाया है. उनके बीच 6 बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिसके मुताबिक उन्हें घर के खर्च में बराबर का हिस्सा देना होगा। गवाहों की मौजूदगी में ये एग्रीमेंट कराया गया. जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने फैसले में कहा है कि ऐसा तलाक के आदेश को रद्द करने और विवाह में एकता और संबंधों में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किया गया है.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, दुर्ग निवासी महिला और उसके पति के बीच आपसी विवाद शुरू हो गया, जिसके चलते मामला फैमिली कोर्ट पहुंच गया. फैमिली कोर्ट ने 9 मई 2024 को हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत पेश परिवाद को स्वीकार करते हुए तलाक की अर्जी मंजूर की थी. इस फैसले के खिलाफ पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था. हाईकोर्ट अपील की सुनवाई के दौरान ही पति-पत्नी ने आपसी सहमति से विवाद सुलझा लिया. 28 अप्रैल 2025 को गवाहों की उपस्थिति में एग्रीमेंट का दस्तावेज तैयार किया गया. इसे 1 मई 2025 को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया.

हाईकोर्ट ने 28 अप्रैल 2025 के समझौते को दर्ज करते हुए अपील स्वीकार की, जिसके बाद फैमिली कोर्ट के 9 मई 2024 के आदेश और डिक्री को रद्द कर दी. साथ ही स्पष्ट किया कि पति-पत्नी को समझौते की शर्तों को मानना होगा. एग्रीमेंट तोड़ने पर दोनों में से कोई भी दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.

इन बिंदुओं पर पति-पत्नी में हुआ समझौता

समझौते के मुताबिक, भिलाई की जिस कॉलोनी में उनका मकान है, वहां दोनों साथ रहेंगे. पति ग्राउंड फ्लोर और पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर रहेगी. जल कर, बिजली बिल, संपत्ति कर, रखरखाव शुल्क जैसे सभी सामान्य खर्च दोनों बराबर बांटेंगे. दोनों के व्यक्तिगत खर्च, बैंक खाते, पेंशन, वेतन और व्यक्तिगत आय से संबंधित जिम्मेदारी अपनी-अपनी होगी. कोई भी पक्ष दूसरे की वित्तीय संपत्ति में बिना लिखित सहमति के हस्तक्षेप नहीं करेगा. पत्नी को केंद्रीय हॉस्पिटल का चिकित्सा लाभ दिलाने के लिए पति जरूरी औपचारिकताएं पूरी करेगा. पत्नी आवेदन शुल्क और अन्य खर्च खुद वहन करेगी. दोनों को यात्रा, अलग स्थानों पर रहने और स्वतंत्र सामाजिक संबंध रखने की स्वतंत्रता होगी. कोई भी पक्ष दूसरे के रिश्तेदारों या सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं होगा. आपसी सहमति से संयुक्त यात्राएं कर सकेंगे.

कांग्रेस के सवालों पर उपमुख्यमंत्री साव ने किया पलटवार, कहा- 9 आतंकी ठिकानों का ध्वस्त होना बड़ी जीत, इतना समझ नहीं आता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण

रायपुर-  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर ऑपरेशन की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर घेरा और स्पष्ट जवाब मांगा. इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है.

डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस प्रकार कल (12 मई, 2025) DGMO ने स्पष्ट रूप से जानकारी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के नौ अड्डों को एकसाथ ध्वस्त किया, यह बहुत बड़ी सफलता है. पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है और खुद सीजफायर के लिए संपर्क किया. अगर इसके बाद भी किसी को समझ नहीं आता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

कांग्रेस की ‘बैलाडीला बचाओ यात्रा’ पर उपमुख्यमंत्री साव का तंज

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस के बैलाडीला बचाओ यात्रा की घोषणा पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को गतिविधियां करने का अधिकार है, लेकिन जिस पार्टी ने देश को तोड़ा, वो भारत जोड़ो यात्रा निकालती है, और जिसने संविधान को तार-तार किया, वो संविधान बचाओ यात्रा निकालती है. कांग्रेस जनता से कट चुकी है और अब शून्यता की ओर बढ़ रही है.”

गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले दो यात्राएं स्थगित कर चुकी है और अब ‘बैलाडीला बचाओ यात्रा’ निकालने की तैयारी में है.

बीजेपी निकालेगी देश भर में तिरंगा यात्रा

डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि पहलगाम की घटना के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से करारा जवाब दिया, यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. देशभर में राष्ट्रप्रेमी सेना के समर्थन में हैं, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी.

कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला : हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी

बिलासपुर-  बलरामपुर के लिब्रा घाट पर अवैध रेत खनन रोकने गई वन और पुलिस की संयुक्त टीम पर हुए हमले में आरक्षक शिवभजन सिंह की मौत हो गई. इस गंभीर मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने आज मामले की सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब अवैध खनन पर रोक के लिए पहले से निर्देश जारी हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, यह बेहद गंभीर स्थिति है। स्टेट अफेयर्स की हालत चिंताजनक है. वहीं ये भी कहा कि इस तरह की घटना का दोहराव नहीं होना चाहिए. मामले में 9 जून को अगली सुनवाई तय की गई है. 

खनन माफियों ने आरक्षक को कुचला

बता दें कि नदी किनारे अतिक्रमण की शिकायत पर वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान नदी घाट पर झारखंड के खनन माफिया को अवैध रेत खनन करते देख रोकने का प्रयास किया गया. इस पर झारखंडी खनन माफिया ने टीम पर ही हमला कर दिया. रेत माफियाओं ने आरक्षक को ही ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे आरक्षक शिव भजन सिंह की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते के बाद आईजी और एसपी वैभव बैंकर ने मौके पर पहुंचे थे.

मामले में टीआई सस्पेंड

इस पूरे मामले में आईजी दीपक झा ने थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया है. आदेश में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारियों को बिना सूचना दिए आधी रात को टीआई अपर्याप्त बल लेकर अवैध रेत खनन रोकने गए थे, जहां खनन माफिया ने घटना को अंजाम दिया.

सीजी पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त प्रेस वार्ता: प्रदेश में चल रहे नक्सल ऑपरेशन की देंगे जानकारी…

रायपुर- भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अब एक बार फिर से पुलिस के साथ सीआरपीएफ का फोकस देश के लिए नासूर बन चुके नक्सलियों के सफाए पर हो गया है. इस कड़ी में छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और सीआरपीएफ महानिदेशक जीपी सिंह 14 मई को दोपहर 3 बजे बीजापुर में नक्सल विरोधी आपरेशन के बारे में जानकारी देंगे.

बता दें कि सुरक्षाबल ने 25 अप्रैल को नक्सलियों को उनके मांद कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर जाकर ललकारा था. अभियान की सफलता का आंकलन इस बात से किया जा सकता है कि अब तक 20 से 22 नक्सलियों को ढेर कर दिया था, जिसके शव बरामद किए जा चुके हैं. वहीं मौके से सुरक्षाबल के दबाव के बीच बड़ी संख्या में नक्सली भागने में कामयाब रहे थे.

सुरक्षाबलों को तलाशी के दौरान लंबी-चौड़ी गुफा मिली थी, जिसमें सैकड़ों लोग आराम से रह सकते थे. बताया जाता है कि नक्सलियों के लिए यह आरामगाह था, जहां वे रणनीति बनाने के बाद अभियान को अंजाम देने के लिए बाहर निकलते थे. अब सुरक्षाबल ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी को एक तरह से नक्सल मुक्त कर दिया है.

माना जा रहा है कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी में मिली सफलता के बाद अब सुरक्षाबलों की आगे की रणनीति का छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक और सीआरपीएफ के डीजी खुलासा कर सकते हैं. इसके पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 7 मई को गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली थी, जिसमें कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चल रहे नक्सलियों के विरुद्ध अभियान की जानकारी लेते हुए जरूरी दिशानिर्देश दिए थे.

बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपेरशन विवेकानंद सिन्हा उपस्थित थे.

पति-पत्नी सामान लेने गए बाहर, घर में सो रहा था 4 साल का बेटा, अचानक गैस सिलेंडर फटने से हुआ धमाका, आग बुझाने की कोशिश में 9 लोग झुलसे

सक्ती- सक्ती से लगे ग्राम सरवानी में सोमवार रात को घर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई और फिर गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. हादसे में 9 लोग झुलस गए, जिसमें से 6 की हालत नाजुक बताई जा रही है. घायलों को रायगढ़ जिले के अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. आग लगने से घर का गैस सिलेंडर फटने से हुए जोरदार धमाके से इलाके में हड़कंप मच गया.

जानकारी के अनुसार, सरवानी निवासी यमुना शंकर और उसकी पत्नी प्रमिला साहू “प्रमिला ब्यूटी पार्लर” के नाम से दुकान चलाते हैं. दोनों कल दुकान के लिए सामान लेने सक्ती गए हुए थे. इसी दौरान उनके घर में आग लग गई. आग की लपटें उठती देख पड़ोसियों ने बिना देर किए घर के अंदर मौजूद उनके चार वर्षीय बेटे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हालांकि आग तेजी से फैलती गई और कुछ ही देर में रसोई में रखा गैस सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया, जिससे स्थिति और भयावह हो गई.

ब्लास्ट इतना जोरदार था कि आसपास के घरों तक इसकी आवाज पहुंची. रसोई की दीवारें ढह गईं और फ्रिज, कूलर सहित कई सामान जलकर खाक हो गया. आग बुझाने में जुटे पड़ोसी पीतांबर साहू, प्रतिभा साहू, जिधन साहू, दिगम्बर साहू, भवानी पटेल, जम्मूलाल पटेल सहित अन्य कई लोग इसकी चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए.

कल रात हुए हादसे ने सक्ती जिले की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है घटना के बाद आग बुझाने के लिए एंबुलेंस जांजगीर जिले से बुलानी पड़ी जिसमें 2 से ढाई घंटे लग गए वही घायलों को इलाज के लिए रायगढ़ के निजी हॉस्पिटल भेजा गया है इससे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि सक्ती जिले में आने वाले करोड़ो रूपए आखिर कहा खर्च हो रहे है. घटना में साहू परिवार के घर में आग लगने से लाखों रुपए के नुकसान होने की आशंका है.

नाबालिग ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, घर के म्यार में लटकी मिली लाश, जांच में जुटी पुलिस

अंबिकापुर- दरिमा थाना क्षेत्र के बकालो में नाबालिग के आत्महत्या का मामला सामने आया है. नाबालिग ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है.

जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत बकालो की 15 वर्षीय नाबालिग बालिका ने सोमवार को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने दुपट्टे की मदद से घर के म्यार (छत की बीम) में फंदा लगाकर यह कदम उठाया. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 3 बच्चे झुलसे, दो की हालत गंभीर

कोरबा- छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक बार फिर से आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला है. कुरूडीह गांव में तीन बालक बिजली की चपेट में आ गए. मनीष कश्यप (14 साल) और लोकेश कुमार कर्ष (13 साल) गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि एक अन्य साथी अचेत हो गया. दो बालकों को जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

जानकारी के मुताबिक, तीनों दोस्त गांव से लगे एक तालाब के पास घूमने गए थे. तेज गर्जना और बारिश के दौरान अचानक बिजली गिरने से तीनों वहीं बेहोश होकर गिर पड़े. कुछ देर बाद एक लड़के को होश आया और उसने घर पहुंचकर परिजनों को घटना की जानकारी दी.

दो की हालत गंभीर

सूचना मिलते ही 112 की मदद से घायलों को जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत गंभीर बनी हुई है. गांव में इस हादसे के बाद दहशत का माहौल है.

बर्खास्तगी मामला : हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को किया निरस्त, सहकारी बैंक के बर्खास्त कर्मचारियों का पक्ष सुनने का आदेश

बिलासपुर- हाईकोर्ट की डबल बैंच ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के 106 कर्मियों की बर्खास्तगी के मामले में बैंक की अपील आंशिक रूप से स्वीकार की है. कोर्ट ने सहकारी बैंक की अपील पर सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें सहकारी बैंक के कर्मचारियों की बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया गया था. कोर्ट ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को यह आदेश दिया है कि वह निकाले गए कर्मचारियों का पक्ष जानने के बाद ही यह तय करे कि उन्हें नौकरी पर रखना है या बर्खास्त करना है.

बता दें कि वर्ष 2016 में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधन ने 106 लोगों को नियुक्ति दी थी, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था. इस मामले में 29 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई को चुनौती दी. जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संबंधित कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का आदेश निरस्त कर दिया था. कोर्ट ने माना कि कर्मचारियों का पक्ष जाने बिना ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.

सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ बैंक प्रबंधन ने डिवीजन बेंच में अपील की थी. सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने फैसला देते हुए सभी बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने के सिंगल बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता यानी बैंक प्रबंधन को यह निर्देश दिया कि जिन कर्मचारियों ने भी अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है, उनका पक्ष जाना जाये और उसके बाद ही उनकी बर्खास्तगी को लेकर कोई फैसला किया जाये. कोर्ट ने इसके लिए प्रबंधन को 3 माह का समय दिया है.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बिलासपुर में भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय के अध्यक्षीय कार्यकाल में 2016 में 106 कर्मचारियों की भर्ती की गई थी. इस भर्ती के लिए एक एजेंसी के जरिये उम्मीदवारों की परीक्षा ली गई और फिर इंटरव्यू के बाद नियुक्तियां दी गई. भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायत होने के बाद तत्कालीन सीईओ और कलेक्टर ने नियुक्त किया गए सभी लोगों को बर्खास्त कर दिया था. बताया जाता है कि इन भर्तियों के लिए विधिवत ढंग से अनुमति नहीं ली गई थी. वहीं कई लोग परीक्षा में नहीं बैठे और उन्हें भी नौकरी दे दी गई. इंटरव्यू कमेटी में बैंक प्रबंधन ने अपने ही अपात्र कर्मचारियों को शामिल कर लिया था. इंटरव्यू के नंबर भी काफी ऊपर-नीचे थे. इसके अलावा कई अनेक गड़बड़ियां उजागर हुई थीं. जिसे देखते हुए यह भर्ती ही निरस्त कर दी गई थी.

ऑनलाइन ट्रेडिंग गेम का झांसा देकर लाखों की ठगी, आरोपी देवर गिरफ्तार

दुर्ग-  ऑनलाइन धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को दुर्ग पद्मनाभपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कोहका निवासी पीड़िता खिलेश्वरी से ऑनलाइन ट्रेडिंग गेम का झांसा देकर 7 लाख पचास हजार रुपए की धोखाधड़ी की थी। आरोपी पीड़िता का देवर है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी थी।

पुलिस ने बालोद जिले के ग्राम परसदा निवासी आरोपी योभिजीत साहू को सुरगी, जिला राजनांदगांव से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपी ने पीड़िता से ऑनलाइन ट्रेडिंग गेम का झांसा देकर ठगी करना स्वीकार किया. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया.