नवा रायपुर में प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर रद्द, 540 रुपए वर्गफीट में जमीन देने का भी था प्रस्ताव

रायपुर-  नवा रायपुर अटल नगर में प्रस्तावित ‘होलसेल कॉरिडोर’ प्रोजेक्ट पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में तैयार किए गए होलसेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को निरस्त किया जा चुका है. होलसेल कॉरिडोर निर्माण के लिए अब नए सिरे से प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा. नवा रायपुर में बसाहट, निवेश व वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए होलसेल कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया था. पूर्व में ‘होलसेल कॉरिडोर’ के लिए नवा रायपुर में 1083 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई थी और इसका भू-उपयोग परिवर्तन किया जा चुका था. ‘होलसेल कॉरिडोर’ को दक्षिण एशिया व देश का सबसे बड़ा थोक व्यावसायिक बाजार बनाने की योजना थी. पूर्ववर्ती सरकार द्वारा होलसेल कॉरिडोर में 540 रुपए वर्गफीट में व्यवसायियों को भू-खंड आवंटित करने तथा इसके निर्माण में अतिरिक्त राशि राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था.

बताया गया है कि पूर्ववर्ती सरकार के इस निर्णय पर वर्तमान भाजपा सरकार सहमत नहीं है और भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को भी निरस्त कर दिया गया है. नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा नवा रायपुर में नीलामी के जरिए जमीन का आवंटन किए जाने का प्रावधान है. जबकि होलसेल कॉरिडोर के लिए भू-खंडों की दर निर्धारित की गई थी.

अधोसंरचना निर्माण पर 100 करोड़ रुपए होंगे खर्च

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण की ओर से नवा रायपुर क्षेत्र में सड़क, नाली, बिजली, पेयजल सहित अन्य अधोसंरचना निर्माण का कार्य भी शुरू किया जा रहा है. करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न अधोसंरचना निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इनमें 30 करोड़ रुपए सड़क निर्माण पर खर्च होंगे. शेष राशि नाली, बिजली, पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित करने पर व्यय किए जाएंगे.

सुशासन तिहार : 45 साल पुरानी मांग पर CM साय ने लगाई मुहर, 10 गांवों के 5000 से अधिक किसानों को होगा सीधा फायदा

रायपुर-  गरियाबंद जिले के सुदूर वनांचल मड़ेली में आज एक ऐतिहासिक क्षण उस समय आया, जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 45 वर्षों से अधूरी पड़ी पीपरछेड़ी सिंचाई परियोजना को पूरा करने की घोषणा की। यह घोषणा न केवल एक अधूरे वादे की पूर्णता है, बल्कि क्षेत्र के हजारों किसानों के सपनों की भी पुनर्स्थापना है।

1977 में प्रारंभ हुई इस योजना को घुनघुट्टी नाला पर बांध बनाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन 1980 में वन अधिनियम लागू होने के कारण वन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति न मिलने से कार्य अधर में लटक गया। इसके बाद की कई सरकारों ने इस ओर गंभीर पहल नहीं की, और किसानों की आशाएं धीरे-धीरे धुंधली पड़ती गईं।

परंतु मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मुद्दे को प्राथमिकता में लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पर्यावरणीय स्वीकृति देकर वर्षों पुरानी इस परियोजना को जीवनदान दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार समाधान शिविर में इस बहुप्रतीक्षित स्वीकृति की घोषणा की, जिसे सुनकर उपस्थित जनसमूह ने हर्षोल्लास से वातावरण गुंजायमान कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि किसानों के संघर्ष, प्रतीक्षा और उम्मीद की जीत है। यह सुशासन तिहार का असली अर्थ है – लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाना। इस निर्णय से न केवल क्षेत्र के किसानों को स्थायी सिंचाई सुविधा मिलेगी, बल्कि फसल उत्पादन और किसानों की आर्थिक स्थिति में भी व्यापक सुधार होगा, जिससे क्षेत्र में समग्र विकास की नई धारा बहेगी।

कस्टम मिलिंग घोटाला : मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी को हाईकोर्ट से मिली जमानत, सालभर से जेल में है बंद

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाला के आरोपी मनोज सोनी को ED और EOW केस में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. बता दें कि मनोज सोनी मार्कफेड के तत्कालीन एमडी हैं. छत्तीसगढ़ में 140 करोड़ रुपए का कस्टम मिलिंग घोटाला हुआ था।

कस्टम मिलिंग घोटाले को लेकर पहले ईडी फिर ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज की थी. तत्कालीन एमडी मनोज सोनी बीते एक साल से केंद्रीय कारागार रायपुर में बंद है. बता दें कि कस्टम मिलिंग घोटाले को लेकर पहले ईडी और फिर ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज की थी. हाईकोर्ट में मनोज सोनी की जमानत याचिका पर बीते 13,14 और 15 अप्रैल को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट में लगातार सुनवाई हुई थी और 15 अप्रैल को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ईडी और ईओडब्लू के दोनों प्रकरणों में जमानत दे दी है.


ये है पूरा मामला

वर्ष 2022-23 में कस्टम मिलिंग के एवज में राइस मिलरों से प्रति क्विंटल 20 रुपए कमीशन लेने के आरोप हैं. मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी ने विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा के माध्यम से रोशन चन्द्राकर को निर्देश दिया था कि केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है. आयकर विभाग ने जब छापे की कार्रवाई के दौरान एक करोड़ छह लाख रुपए नकदी सहित लेन-देन के दस्तावेज सहित डिजिटल डिवाइस जब्त किया था. इस तरह कस्टम मिलिंग के माध्यम से राइस मिलरों से 140 करोड़ रुपए वसूली करने के आरोप हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलदाकछार में दी कई सौगातें: महानदी में होगा तटबंध निर्माण, चौक में लगेगी हाई मास्ट लाइट

रायपुर- प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार अंतर्गत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलौदाबाजार भाटापारा जिले के ग्राम बलदाकछार में आयोजित चौपाल में ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम बलदाकछार में महानदी के बहाव से नदी के तट को कटाव से बचाने हेतु तटबंध निर्माण एवं गांव के चौक में हाई मास्ट लाइट लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही ग्रामीणों की मांग पर बलदाकछार में उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने, महानदी में एनीकट निर्माण हेतु जांच कराने, नवापारा अभयारण्य में जंगल सफारी के लिए सफारी वाहन चलाने हेतु ड्राइवरों को प्रशिक्षण देकर रोजगार प्रदान करने की बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लोगों की समस्याओं और सरकारी योजनाओं की पहुँच आमजन तक हो रही है या नहीं—इसी को जानने के लिए सुशासन तिहार के तहत अधिकारीगण आपके घर तक पहुँच रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को आवास का लाभ देने हेतु आवास 2.0 का सर्वे जारी है। इसमें सभी पात्र हितग्राही अपना पंजीयन अवश्य कराएं। अब सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 5 एकड़ असिंचित या 2.5 एकड़ सिंचित भूमि के मालिक तथा मोटरसाइकिल रखने वाला व्यक्ति भी आवास योजना के लिए पात्र होगा। महतारी वंदन योजना के लिए नवीन पंजीयन हेतु पुनः पोर्टल प्रारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव बसवराजू एस. सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

हनुमान मंदिर से मूर्ति चोरी, हिंदू संगठनों में आक्रोश, जांच में जुटी पुलिस

पथरिया- मुंगेली जिले के लछनपुर मार्ग पर स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर से हनुमान जी की मूर्ति चोरी होने से इलाके में सनसनी फैल गई है. असामाजिक तत्वों द्वारा की गई इस शर्मनाक हरकत के बाद हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. फिलहाल पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम मामले की जांच में जुट गई है.

मिली जानकारी के अनुसार, स्वर्गीय लतेलराम पाल के परिजनों द्वारा 30 जून 2020 की स्मृति में इस मंदिर की स्थापना विधि-विधान से की गई थी. आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए श्रद्धालुओं ने आस्था और सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर की स्थापना करवाई थी. प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा-अर्चना के लिए पुजारी मंदिर पहुंचते थे.

घटना बीते दिनों की है, जब शाम करीब 4 बजे पूजा के बाद पुजारी मंदिर से लौट गए. लेकिन महज आधे घंटे बाद वहां से गुजर रहे राहगीरों ने देखा कि मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति ही गायब है. इस सूचना के बाद दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर समिति के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. शुरुआत में मूर्ति खंडित होने की आशंका थी, लेकिन जब मंदिर के भीतर जाकर देखा गया तो स्पष्ट हुआ कि मूर्ति पूरी तरह चोरी हो चुकी है.

हनुमान जी की जो मूर्ति चोरी हुई है, उसमें चांदी की आंखें लगी थीं और श्रद्धालुओं ने चांदी-सोने के लॉकेट भी अर्पित किए थे. आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं कीमती धातुओं की नीयत से मूर्ति को चुरा लिया गया है.

मंदिर में एक छोटा गेट है और पूजा-पाठ नियमित रूप से होता है, इसलिए ताला नहीं लगाया जाता था. घटना के बाद बुधवार रात और गुरुवार सुबह पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में तलाश की, लेकिन मूर्ति का कोई सुराग नहीं मिला. अब क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ घोटाला मामले में एसीबी/ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की है. EOW ने आज 4 अफसरों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. न्यायालय ने 13 मई तक यानि चार दिन के लिए चारों आरोपी पत्थलगांव जनपद सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर, रिटायर्ड जनपद सीईओ बीएस राज, डीएमएफ नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर और जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्जा को पुलिस रिमांड पर भेजा है. बता दें कि इन अधिकारियों पर डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है.

DMF घोटाले में बड़ी कार्रवाई : ACB-EOW ने 4 अफसरों को किया गिरफ्तार, सभी 13 मई तक रिमांड पर भेजे गए, करोड़ों के गबन का आरोप

रायपुर- छत्तीसगढ़ में डीएमएफ घोटाला मामले में एसीबी/ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की है. EOW ने आज 4 अफसरों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. न्यायालय ने 13 मई तक यानि चार दिन के लिए चारों आरोपी पत्थलगांव जनपद सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर, रिटायर्ड जनपद सीईओ बीएस राज, डीएमएफ नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर और जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्जा को पुलिस रिमांड पर भेजा है. बता दें कि इन अधिकारियों पर डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है.

इन अफसरों को ACB-EOW ने किया गिरफ्तार

भरोसा राम ठाकुर – तत्कालीन नोडल अधिकारी, डीएमएफ, जिला कोरबा

भूनेश्वर सिंह राज – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा

राधेश्याम मिर्झा – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा

वीरेंद्र कुमार राठौर – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा

DMF फंड के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप

इन अधिकारियों पर डीएमएफ फंड के दुरुपयोग, वित्तीय अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि डीएमएफ के तहत खनिज क्षेत्र के विकास के लिए स्वीकृत योजनाओं में भारी वित्तीय घोटाला किया गया, जिसमें ठेके देने में पारदर्शिता नहीं बरती गई और कई योजनाएं कागज़ों में ही पूर्ण दिखा दी गई. ब्यूरो ने प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित दस्तावेजों, बैंक लेन-देन और फर्जी भुगतान की पुख्ता जानकारी जुटाकर इन अधिकारियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य एकत्र किए. इन पर डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है.

पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना

पुलिस रिमांड के दौरान इन अफसरों से पूछताछ में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है. यह आशंका है कि इस घोटाले में अन्य अधिकारी, ठेकेदार और नेता भी शामिल हो सकते हैं. जांच एजेंसियां अब इन सभी संभावित संदिग्धों की भूमिका की जांच में जुटी है.

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नशीली टेबलेट के साथ 1 अंतरराज्यीय आरोपी समेत 2 गिरफ्तार…

रायपुर- राजधानी के थाना पुरानी बस्ती क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नशे के अवैध कारोबार में लिप्त 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक अंतरराज्यीय आरोपी और एक विधि के साथ संघर्षरत किशोर शामिल है. पुलिस ने इन दोनों के कब्जे से कुल 1060 नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट निट्राजपैम बरामद की, जिसकी बाजार में अनुमानित कीमत ₹70,000 बताई जा रही है.

गुप्त सूचना पर पहुंची पुलिस टीम

मामला तब सामने आया जब एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को 6 मई को सूचना मिली कि भाठागांव के आछी तालाब के पास कुछ लोग प्रतिबंधित दवाएं बेचने की फिराक में हैं. सूचना पर पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया.

संयुक्त टीम ने की घेराबंदी, मौके पर पकड़े आरोपी

पुरानी बस्ती थाना पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने योजनाबद्ध ढंग से घेराबंदी की और संदिग्ध हुलिए वाले दो व्यक्तियों को पकड़ा. इनमें से एक ने अपना नाम मोहम्मद तबरेज (22 वर्ष), निवासी नुआपाड़ा, ओडिशा बताया. साथ ही एक किशोर भी पकड़ा गया, जो विधि के साथ संघर्षरत बताया जा रहा है.

नशीली टेबलेट के नहीं थे वैध दस्तावेज

पूछताछ और तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से निट्राजपैम टेबलेट की बड़ी खेप मिली. जब उनसे दवा रखने या बेचने के वैध दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके. इसके बाद दोनों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज़ एक्ट की धारा 21बी के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.

थाना पुरानी बस्ती में अपराध दर्ज

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना पुरानी बस्ती में अपराध क्रमांक 184/25 के तहत केस दर्ज किया गया है.

गिरफ्तारी में इन अधिकारियों की रही अहम भूमिका

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी यागेश कश्यप, निरीक्षक परेश कुमार पाण्डेय, सउनि अतुलेश राय, प्र.आर. प्रमोद वर्ठी, पुष्पराज सिंह, संतोष दुबे, बसंती मौर्या, बोधेन मिश्रा, दिलीप जांगड़े, राजेंद्र तिवारी, विकास क्षत्री, केशव सिन्हा, तुलसी राम साहू, सुनील शुक्ला, विपिन शर्मा और नागेंद्र सिन्हा की सक्रिय भागीदारी रही.

रायपुर पुलिस ने इस कार्रवाई को नशे के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान का हिस्सा बताया है और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कदम जारी रखने की बात कही है.

करोड़ों के विकास कार्यों की निविदा में गड़बड़ी : कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग, डिप्टी सीएम साव ने मामले में लिया संज्ञान

लोरमी- मुंगेली जिले के लोरमी में कृषि उपज मंडी समिति सचिव ने नियम विरुद्ध करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की निविदा निकाल दी है. इस मामले में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने संज्ञान लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से यह बात संज्ञान में आया है, क्या मामला है इसके लिए निश्चित रूप से बातचीत करूंगा. अब देखना होगा कि मंत्री क्या एक्शन लेते हैं. वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता मनीष त्रिपाठी ने जल्द ही गलत तरीके से निकाले गए निविदा को निरस्त कर नियमानुसार कार्रवाई करने की मांग की है.

प्रदेश में जहां सुशासन तिहार चल रहा है, वहीं लोरमी विधानसभा में अधिकारी की मनमानी से शासन को करोड़ों रुपए नुकसान पहुंचाने का काम मंडी के अधिकारी कर रहे हैं. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोरमी विधायक अरुण साव गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के रामहेपुर एन में समस्या निवारण शिविर में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने बातचीत के दौरान लोरमी कृषि उपज मंडी समिति में नियम विरुद्ध 6 करोड़ से अधिक राशि के निकाले गए 59 कामों के मैन्युअल निविदा मामले में संज्ञान लेने की बात कही.

बता दें कि आज ही उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. इस बीच अटेंडेस रजिस्टर में गड़बड़ी मिलने पर साव ने फटकार लगाकर अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए.

बड़ा सवाल – कब तक जांच के बाद होगी विभागीय कार्रवाईविदित हो कि कुछ महीने पहले छत्तीसगढ़ में सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सख्ती दिखाई थी, जहां रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में मरम्मत कार्य में लापरवाही की जानकारी पर उन्होंने कार्य स्थल का औचक निरीक्षण कर अफसर की क्लास लगा दी थी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब रायपुर सहित अनेक स्थानों पर डिप्टी सीएम ने लगातार गुणवत्ता में कोई भी समझौता नहीं करने की हिदायत दी है. अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है तो बड़ा सवाल यह उठता है कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र में जब नियम विरुद्ध करोड़ों रुपए के टेंडर मंडी बोर्ड के अधिकारी द्वारा जारी किए जा रहे हैं तो इस मामले में कब तक जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

पारदर्शिता के साथ विकास काम में तेजी लाने बदला गया है नियम

बता दें कि पहले ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया 20 लाख रुपए या उससे अधिक के काम में अनिवार्य था, जिसे अब घटाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है. इसे सरकार के कामकाज, प्रशासनिक प्रक्रिया सहित ठेका प्रणाली को व्यवस्थित और भ्रष्टाचार में कमी लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है, ताकि पारदर्शिता के साथ विकास काम तेजी से हो. बावजूद प्रदेश के लोरमी में मंडी सचिव ने नियम विरुद्ध 6 करोड़ से अधिक राशि के 59 निर्माण कार्यों का टेंडर निकाल दिया है.

मुख्यमंत्री श्री साय ने महासमुंद, गरियाबंद और बलौदाबाज़ार-भाटापारा जिले के अधिकारियों की बैठक ली

रायपुर-   सुशासन तिहार के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विभिन्न जिलों के गांवों का आकस्मिक निरीक्षण और समाधान शिविरों का दौर जारी है जहाँ आवेदनों के निराकरण की स्थिति से अवगत होकर वे समीक्षा बैठक भी ले रहे हैं। आज इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय ने महासमुंद जिला मुख्यालय में महासमुंद, गरियाबंद और बलौदा बाज़ार के कलेक्टर-एसपी, डीएफओ सहित अन्य अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने जिले में सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों और उन के निराकरण की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही शासन की फ्लैगशिप योजनाओं की इन जिलों में क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने ज़ोर दिया कि ज़िलों में आमजनों के हित को सर्वाेपरि रख कलेक्टर-एसपी नियमित भ्रमण कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार का उद्देश्य जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के साथ जन संवाद को मजबूत करना है। हमारे संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा जनता के दुख दर्द को कम करने जनता तक पहुंचने को कहते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी ऊर्जा, प्रतिबद्धता और विनम्रता के साथ लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निराकरण करें और अपने दायित्व का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठकों में यह स्पष्ट हुआ है कि जो अधिकारी क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहते हैं, उन्हें जनसमस्याओं की गहरी समझ रहती है। एक सफल अधिकारी वही होता है, जो पहल करता है, संवाद करता है और समाधान तक पहुँचता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गर्मी के मौसम को देखते हुए आमजन को पेयजल की सुलभ एवं सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने राजस्व मामलों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि मार्च 2026 तक तीन साल से अधिक लंबित सभी राजस्व प्रकरणों का निपटारा सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। लोगों को पक्का आवास देने की इस योजना के क्रियान्वयन में कोई कोताही ना बरती जाये। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना निर्माण कार्यों में आने वाली दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने ऐसे जिलों को जहाँ 10-12 वीं बोर्ड के नतीजे संतोषजनक नहीं आए हैं वहाँ ज़्यादा बेहतर नतीजे लाने पर ध्यान देने कहा ।

बैठक में सांसद महासमुंद रूपकुमारी चौधरी, प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल, विधायक महासमुंद योगेश्वर राजू सिन्हा, राजिम विधायक रोहित साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस, रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे, पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

भारत-पाक जंग के बीच छत्तीसगढ़ में हाई अलर्ट : DGP ने पुलिसकर्मियों की छुटि्टयों पर लगाई रोक

रायपुर- भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच छत्तीसगढ़ में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. रायपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. डीजीपी अरुण देव गौतम ने आदेश जारी कर पुलिसकर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. पुलिस इकाई के प्रमुखों को अलर्ट रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. आदेश के मुताबिक, अफसरों को मुख्यालय नहीं छोड़ने कहा गया है. अफसर और कर्मचारी शासकीय कार्य से ही जिला मुख्यालय छोड़ सकेंगे.

भारत पाकिस्तान तनाव के बाद के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस अलर्ट मोड में है. रायपुर एयरपोर्ट के अलावा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैड और एमपी के राजा भोज एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. एयरपोर्ट के बाहरी सर्किल पर वाहनों की जांच की जा रही है. हर एक गाड़ी की सघन जांच हो रही है.

बता दें कि राजधानी रायपुर समेत अन्य हिस्सों में स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट इंडिया (सिमी) का छह साल पहले मजबूत नेटवर्क था. ऐसे में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो रायपुर में सिमी के सदस्यों की गतिविधियों की आशंका बढ़ गई. ऐसे में सुरक्षा एजेंसी किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहते हैं।

2013 में 17 सिमी कार्यकर्ताओं की हुई थी गिरफ्तारी

इस नेटवर्क को नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ एटीएस ने तोड़ा. रायपुर में रह रहे सिमी के छत्तीसगढ़ चीफ उमेर सिद्दीकी, एक नाबालिग समेत स्लीपर सेल से जुड़े 17 सिमी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की थी. दरअसल, भोपाल पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए सिमी के आतंकी शेख मुजीब का रायपुर से गहरा नाता रहा. यहीं से उसने देश के कई हिस्सों में हुए बम धमाकों के लिए विस्फोटकों की सप्लाई की थी. शेख मुजीब ने ही फरार सिमी आतंकियों के रहने का इंतजाम रायपुर में कराया था. प्रतिबंधित संगठन सिमी की गतिविधियां रायपुर समेत अन्य जिलों में लंबे अर्से तक रही. वहीं, 12 अक्टूबर 2019 को सिमी के सदस्य अजहर को भी गिरफ्तार किया गया था. वहीं 3 साल पहले सिमी के सदस्य श्रवण को भी पकड़ा गया था..