बिहार के 7 शहरों में हुआ मॉकड्रिल, पटना में नागरिक सुरक्षा कोर के 12 हजार स्वयंसेवकों ने लिया हिस्सा
डेस्क : बीते अप्रैल माह में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनातनी चल रही है। बीते मंगलवार की देर रात भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित कई आतंकी ठिकानों पर हमला कर उसे ध्वस्त कर दिया है। वहीं आज बुधवार को पूरे देश में युद्ध के दौरान आपात की स्थिति बनने पर उससे बचाव के लिए मॉक ड्रिल किया गया। बिहार के सात शहरों में मॉकड्रिल में नागरिक सुरक्षा कोर के 12 हजार स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। युद्ध जैसी स्थितियों से निपटने के लिए हुए रिहर्सल में अपनी भूमिका निभाई। इस बीच नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने संबंधित डीएम सह नियंत्रक नागरिक सुरक्षा से 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 54 वर्षों बाद युद्ध जैसे हालात के रिहर्सल से मिले फीडबैक की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इसी हिसाब से कमियां दूर की जाएंगी। बुधवार को रिहर्सल के दौरान आपात स्थिति से निबटने को लेकर प्रशासन और नागरिक सुरक्षा कोर की मजबूती और कमजोरियों को विभिन्न पैमानों पर परखा गया। छह जिले के सात शहरों को कई सेक्टर में बांटते हुए उनमें जिला प्रशासन के दंडाधिकारी समेत नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी। साथ ही कंट्रोल रूम के माध्यम से भी जिलों से रिपोर्ट ली गई। जानकारी के मुताबिक नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने संबंधित जिलाधिकारी सह नियंत्रक नागरिक सुरक्षा से 12 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। इसमें देखा जाएगा कि अभियान के दौरान सिविल डिफेंस, होमगार्ड, फायर समेत किन-किन बल का कितना इस्तेमाल हुआ? किस-किस तरह के हमले का रिहर्सल हुआ? किसी जगह फायरिंग, किसी जगह बम अटैक तो किसी जगह मिसाइल अटैक से संबंधित मॉकड्रिल की गई है। मॉकड्रिल की सफलता दर क्या रही? रिपोर्ट से हर बिंदु के आधार पर आपदा की स्थिति में मजबूती और कमजोरी को चिह्नित किया जाएगा।
आपदा के समय स्वयंसेवकों की महत्ता को देखते हुए नागरिक सुरक्षा का वर्तमान अधिसूचित जिलों के अनुमंडलों और दूसरे जिलों में विस्तार करने की तैयारी है। फिलहाल राज्य के छह जिलों पटना, बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया के शहरी क्षेत्रों में ही नागरिक सुरक्षा कोर कार्यरत है। वहीं, नागरिक सुरक्षा से जुड़े स्वयंसेवकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में विभिन्न नागरिक सुरक्षा कोर से करीब 12 हजार स्वयंसेवक जुड़े हैं।
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