मिर्ज़ापुर के बेसिक शिक्षा विभाग में दागियों का दबदबा, कायदे-कानून बना बौना
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मीरजापुर। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में दागियों का बोलबाला सिर चढ़कर बोल रहा है। आलम यह है कि इनके आगे सारे कायदे कानून भी बौना साबित होते हुए आएं हैं। ताजा मामला बीआरसी नारायनपुर से जुड़ा हुआ सामने आया है जहां से हटाएं गये एक प्रभारी प्रधानाध्यापक को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इनके आगे सारी शिकायतें, अधिकारियों के दिशा-निर्देश कोई मायने नहीं रखते हैं, देखने से तो कुछ ऐसा ही लग रहा है। बताया जा रहा है कि छात्रों के आधार बनाने में धन उगाही किए जाने के आरोप लगने के बाद कंपोजिट विद्यालय कंदवा के प्रभारी प्रधानाध्यापक धीरज सिंह को बीआरसी नारायनपुर से हटा दिया गया था, बावजूद इनकी उपस्थिति बनी हुई है, बीआरसी ग्रुप में बराबर इनके द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब इन्हें बीआरसी से हटा दिया गया है तो फिर यह कैसे व किसके निर्देश पर ग्रुप में निर्देश दिए जा रहे हैं।
बताते चलें कि प्रभारी प्रधानाध्यापक कंदवा धीरज सिंह सरकारी खाते के ₹50 हजार रुपए अपनी पत्नी के नाम निकलने के आरोपी भी है, जिसकी जांच चल रही है, वहीं उन्हें बीआरसी से हटाया जा चुका है। ऐसे में यह किस अधिकार से बीआरसी ग्रुप में मैसेज डाल रहे है यह एक गंभीर विषय बना हुआ है तो वहीं इनके द्वारा सारे जांच को प्रभावित करने की भी आशंका जताई जा रही है।
आश्चर्य की बात है कि इतने सब के बाद भी बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी नारायणपुर की कृपा इनपर लगातार बनी हुई है। इससे जहां मौजूदा सरकार की पारदर्शी पूर्ण नीतियों पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं, वहीं विभाग में व्याप्त मनमानी और तानाशाही पूर्ण रवैया भी उजागर हो रहा है।
May 07 2025, 19:24