5 दशकों के बाद एकबार फिर देश में होने जा रहा मॉक ड्रिल, जानिए पूरा डिटेल
डेस्क : बीते अप्रैल माह में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ी कार्रवाई की है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में आतंकवादियों के 09 ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इधर इस ऑपरेशन को लेकर पूरा देश भारतीय सेना को सलाम और पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा कर रहा है। वहीं विपक्षी राजनीतिक दल भी इसकी प्रशंसा करने में पीछे नहीं है। देश की सुरक्षा को लेकर समस्त देशवासी एकजुट है।
भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में आतंकवादियों के 09 ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद बुधवार को देश भर में शाम 7 बजे से मॉक ड्रिल और और ब्लैकआउट होने जा रहा है। युद्ध तथा आपातकाल की स्थिति में इस तरह की ड्रिल की जाती है। ऐसे में बिहार सहित पूरे देश में हो रहे मॉक ड्रिल को लेकर जिलों का चयन भी हो चुका है और इस दौरान क्या क्या करना होगा उसे लेकर भारत सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी किये गए हैं।
बिहार में राजधानी पटना सहित शहरों में 6:58 पर युद्ध वाला सायरन बजेगा। इस दौरान पटना में 10 मिनट का ब्लैकआउट भी होगा यानी किसी प्रकार के बिजली उपकरण नहीं जलेंगे।
बता दें देश में पहली बार 1971 के युद्ध के दौरान इस तरह की मॉक ड्रिल हुई थी, तब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ था। ऐसे में करीब 5 दशकों के बाद यह मॉक ड्रिल हो रही है जो आज के समय के अधिकांश भारतियों के लिए बिलकुल नया अनुभव है। इस बार के अभ्यास में 244 जिलों में मॉक ड्रिल की जा रही है, जिनमें से लगभग 100 को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इन जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. कैटेगरी 1 में वे जिले हैं जो अत्यधिक संवेदनशील माने गए हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान एयर स्ट्राइक/हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन (Air Raid Sirens) बजाया जाएगा। इमरजेंसी में यह अलार्म सिस्टम लोगों को हवाई हमले के प्रति सचेत करते हैं ताकि लोग सेफ प्लेस पर पहुंच जाएं।
आम लोगों के लिए स्कूल, ऑफिस और कम्यु निटी सेंटर्स में वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। यहां सिखाया जाएगा कि हमले के दौरान क्याि करें। जैसे- ‘ड्रॉप एंड कवर’ तकनीक (झुककर छिप जाओ और कान बंद कर लो), नजदीकी शेल्टर का पता लगाना, प्राथमिक चिकित्सा देना और तनाव के समय शांत रहना सिखाया जाएगा।
देश में अचानक ब्लैकआउट की प्रैक्टिस की जाएगी। इसमें लाइट कट कर दी जाएगी। रौशनी वाले सभी उपकरण बंद कर दिए जाएंगे ताकि हवाई हमले के दौरान दुश्मन की नजर से बचा जा सके। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान क्रैश ब्लैकआउट व्यापक तौर पर पालन किया गया था।
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज (Camouflage Exercises) यानी सैन्य ठिकानों, संसद, संचार टावरों और बिजली संयंत्रों जैसी रणनीतिक इमारतों और प्रतिष्ठानों को इस तरह ढक (छलावरण) दिया जाएगा कि सैटेलाइट या हवाई निगरानी के दौरान पहचाना ना जा सके।
जब मॉक ड्रिल हो जाएगी तो ड्रिल में शामिल होने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक Action Taken Report रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट में एक्श्न, कार्यान्वयन (execution), निष्कर्ष (findings) और सुधार (improvement) के क्षेत्रों का विवरण होगा।
May 07 2025, 18:07