महिला स्वास्थ्यकर्मी ने अपने सहयोगी पर लगाया दुष्कर्म का गंभीर आरोप, आरोपी गिरफ्तार

गरियाबंद- जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक महिला स्वास्थ्यकर्मी से दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है. पीड़िता ने अपने सहयोगी टुकेश कुमार साहू पर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने और शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शोषण करने का आरोप लगाया है.

जानकारी के अनुसार, यह घटनाक्रम वर्ष 2021 में कोविड ड्यूटी के दौरान शुरू हुआ और फरवरी 2025 तक चला. पीड़िता ने गर्भवती होने के बाद आरोपी द्वारा जबरन गर्भपात कराए जाने की बात भी कही है.

पीड़िता की शिकायत पर पाण्डुका थाना में आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी टुकेश कुमार साहू को आज, 5 मई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. फिलहाल, पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है.

नियम को दरकिनार कर मंडी बोर्ड ने निकाला करोड़ों रुपए का टेंडर, जिम्मेदार कौन ?

लोरमी- छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एक बार फिर नियमों को अनदेखा कर करोड़ों रुपए के टेंडर निकालने का मामला सामने आया है। दरअसल जिले के लोरमी विधानसभा इलाके में 59 काम के लिए करीब 6 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है, जहां सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कार्यालय कृषि उपज मंडी समिति लोरमी ने करोड़ों रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 7 अप्रैल 2025 को ऑफलाइन निविदा जारी कर दिया. इसमें करीब 45 कामों की निविदा 10 लाख रुपए से ऊपर है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन ने 28 मार्च 2025 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि विभागीय समसंख्यक आदेश 1 अप्रैल 2021 द्वारा प्रदेश के सभी नगर पालिका निगम एवं नगर पालिका परिषदों व सभी नगर पंचायत में राशि 20 लाख एवं अधिक लागत के सभी विकास कार्यों की निविदाएं ई-टेंडरिंग के माध्यम से किया जाए। राज्य शासन ने उक्त आदेश में संशोधन करते हुए 10 लाख रुपए एवं अधिक लागत के विकास कार्यों की निविदाएं ई टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित करने की अनुमति दी थी. साथ ही e-procurement portal में आवश्यकता अनुसार संशोधन सुधार करते हुए मैन्युअल पद्धति से आमंत्रित समस्त निविदाओं से संबंधित अन्य जानकारी व निविदा क्रमांक निविदा का विवरण निविदा की तिथि न्यूनतम निविदाकार कार्यादेश को e-procurement portal में प्रदर्शित भी करने कहा गया था। इसके बावजूद शासन के नियम को ताक में रखते हुए लोरमी मंडी बोर्ड के सचिव कमल कांत कौशिक ने करोड़ों रुपए के 59 निर्माण कार्यों की ऑफलाइन निविदा निकाल दी।

जारी निविदा के अनुसार 29 अप्रैल 2025 को शाम 5 बजे तक निविदा प्रपत्र प्राप्त किए जाने के लिए इसके साथ ही निविदा प्रपत्र विक्रय की शुल्क नगद जमा कर निविदा प्रपत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 1 मई तक बताया गया है. वहीं रजिस्टर्ड पोस्ट या स्पीड पोस्ट से कार्यालय में आवेदन प्राप्त करने की तिथि 7 मई को बताया गया है. साथ ही निविदा 10 मई को खोला जाएगा, ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा पहले ही यह आदेश जारी किया गया है ऐसे में नियमों को अनदेखा कर टेंडर निकालना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

कांग्रेस ने की टेंडर निरस्त करने और दोषी अफसर पर कार्रवाई की मांग

इधर नियम विरुद्ध जारी किए गए करोड़ों रुपए के टेंडर को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेश पाटले ने गलत तरीके से टेंडर जारी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई सहित जांच के बाद टेंडर को निरस्त करने की मांग की है। उधर सारधा कृषि उपज मंडी बोर्ड के सचिव कमल कांत कौशिक ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से 10 लाख रुपए से अधिक राशि का कार्य होना है। उन्हें आदेश की कॉपी देर से 25 अप्रैल को विभागीय पत्र के माध्यम से मिली है, जिसके चलते यह टेंडर निकाला गया है, जो प्रक्रिया में है। सचिव ने बताया कि निविदा के लिए 89 ठेकेदारों ने निविदा के लिए आवेदन दिया गया, जिसमें कुल 59 काम के लिए 34 लोगों को विभाग से निविदा फार्म जारी किया है। उन्होंने कहा, उन्हें नियम के बारे में पता नही था। काम स्टार्ट कर दिया गया था इसलिए इस प्रक्रिया को बीच में नहीं रोका गया।

10 लाख से ऊपर के कार्य के लिए ई-टेंडर अनिवार्य

इधर सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए नवीन पहल के साथ 10 लाख रुपए से अधिक के सभी कार्यों के लिए ई टेंडर अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं लोरमी विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों में नियमों को दरकिनार कर मंडी समिति के सचिव ने ऑफलाइन टेंडर निकाल दिया है। ऐसे में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार के इस नियम में पलीता लगाने का काम विभागीय अधिकारी किस तरह खुलेआम कर रहे हैं इसकी बानगी लोरमी मंडी समिति में देखा जा सकता है।

बता दें कि ई-टेंडरिंग प्रणाली के जरिए भ्रष्टाचार के मामलों में कमी सहित निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वन और गुणवत्ता में सुधार के लिए साय सरकार का यह कदम जिससे विकास कार्यों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में यह कदम कितना कारगर साबित होगा, इस टेंडर से अंदाजा लगाया जा सकता है।

बड़ा सवाल – सरकार के आदेश का क्यों नहीं हुआ पालनवहीं कार्यालय प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड द्वारा भी एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें बस्तर संभाग क्षेत्र के अंतर्गत 50 लाख तक के कार्यों एवं राज्य के अन्य संभाग क्षेत्र अंतर्गत 20 लाख रुपए तक के कार्यों की निर्णय मैन्युअल पद्धति से आमंत्रित अनुमति को आंशिक संशोधन करते हुए 10 लाख तक के कार्यों को मैन्युअल निविदा के माध्यम से तथा 10 लाख से अधिक के कार्यों के सभी निवेदन ई-टेंडरिंग के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने के लिए निर्देश भी जारी किया गया है। साथ ही कार्यालय इन आदेश क्रमांक 742 दिनांक 26 मई 2020 से जारी आदेश को संशोधित करते हुए राज्य शासन के उक्तानुसार आदेश के अनुरूप आदेशित किया जाता है कि मंडी बोर्ड या मंडी समितियां के अंतर्गत कराए जाने वाले सभी निर्माण कार्यों के लिए 10 लाख तक के कार्यों की निवेदन मैन्युअल पद्धति से तथा 10 लाख से अधिक के कार्यों के समस्त निवेदन टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित किया जाए। यह आदेश जारी दिनांक से तत्काल प्रभावशील होगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा 28 मार्च को यह आदेश जारी किया गया है तब मंडी बोर्ड द्वारा यह आदेश 11 दिन बाद निकालते हुए पालन क्यों नहीं किया जा रहा।

हालांकि पूरे मामले में देखना होगा कि प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव के विधानसभा क्षेत्र में नियमों को ताक में रखते हुए जो टेंडर जारी किया गया है इस मामले में विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा कब तक जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाती है।

पुलिस विभाग में फेरबदल, कई थानों को मिले नए प्रभारी, देखें लिस्ट …

अंबिकापुर- सरगुजा पुलिस विभाग में तबादला हुआ है, जिसमें थाना प्रभरी (TI), (एसआई) SI और (एएसआई) ASI को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया है. यह ट्रांसफर लिस्ट पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार अग्रवाल ने जारी किया है.

तबादला आदेश के अनुसार, कुल 8 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण किया गया है. इनमें निरीक्षक शशिकांत सिंह को लखनपुर थाना प्रभारी बनाया गया है, जबकि निरीक्षक भरत लाल साहू को दरिमा थाना का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अलावा निरीक्षक मनोज प्रजापति को लुंड्रा थाना से हटाकर साइबर सेल का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उप निरीक्षक नवल किशोर दुबे को मैनपाट के कमलेश्वरपुर थाना का प्रभारी बनाया गया है. इसके साथ ही तीन अन्य उप निरीक्षकों और एक सहायक उप निरीक्षक का भी तबादला किया गया है.

अब एक कॉल या व्हाट्सएप मैसेज पर मिलेगी पुलिस सहायता, ‘समाधान सेल’ की हुई शुरुआत, 24 घंटे एक्टिव रहेगा हेल्पलाइन नंबर…

बलौदाबाजार- जिले में आम नागरिकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने और पुलिस व जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से ‘समाधान सेल’ की शुरुआत की गई है. पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देशन में शुरू हुए इस नवाचार का औपचारिक उद्घाटन आज बलौदाबाजार पुलिस कम्युनिटी हॉल में किया गया.

शिकायत दर्ज करने के लिए केवल एक कॉल या व्हाट्सएप काफी

‘समाधान सेल’ के तहत अब नागरिक हेल्पलाइन नंबर 94792 20392 पर कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी शिकायत, सुझाव या आपराधिक गतिविधियों की सूचना दर्ज करा सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सक्रिय रहेगा, जिससे लोग कभी भी संपर्क कर सकेंगे.

शिकायतों का तय समय में समाधान

पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने जानकारी दी कि गंभीर अपराध या अवैध गतिविधियों से जुड़ी शिकायतों का समाधान 24 घंटे के भीतर और सामान्य शिकायतों का 72 घंटे में किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है जो प्राप्त सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.

सूचना देने वाले की पहचान रहेगी गोपनीय

जो नागरिक अपराध संबंधी सूचनाएं देंगे, उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, ताकि उन्हें किसी प्रकार का डर या संकोच न हो. यह पहल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में आम नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी.

पुलिस-जनता संवाद को मिलेगा बढ़ावा

‘समाधान सेल’ के माध्यम से पुलिस और आम लोगों के बीच संवाद को मजबूत किया जाएगा. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जब जनता पुलिस पर भरोसा करती है और सक्रिय रूप से संवाद करती है, तो अपराध नियंत्रण में अभूतपूर्व सफलता मिलती है.

आगे और सुधार की योजना

पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि भविष्य में आमजनों से मिले प्रतिक्रिया के आधार पर ‘समाधान सेल’ को और अधिक प्रभावशाली और जनोपयोगी बनाया जाएगा.

आय से अधिक संपत्ति का मामला : EOW-ACB ने 30 साल बाद कोर्ट में पेश किया चालान, सेवानिवृत्त हो चुके हैं आरोपित अधिकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आय से अधिक संपत्ति के मामले में EOW-ACB ने 30 साल बाद कोर्ट में चालान पेश किया है. यह मामला 1995 का है. तब आरोपित अधिकारी की आयु 55 वर्ष थी, अब वह 85 वर्ष के हैं और आरोपित अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.


जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश एक था तब ईओडब्लू भोपाल ने 13 सितंबर 1995 को मामला पंजीबद्ध कर ईओडब्लू की रायपुर शाखा को मामला सौंप दिया था. तब भोपाल में पदस्थ खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के तत्कालीन ज्वाईंट डायरेक्टर डीडी भूतड़ा के विरुध्द कार्यवाही में ईओडब्लू ने बिलासपुर में राईस मिल, कई जमीनें, स्वर्णाभूषण सहित पांच लाख रुपए नगद बरामद कर किया था. इस मामले में 30 सालों से चार्जशीट/फ़ाइनल रिपोर्ट ही कोर्ट में दाखिल नहीं हुई थी. तीस वर्षों के बाद इओडब्लू ने जो अंतिम प्रतिवेदन पेश किया है, उसमें यह बताया है कि ईओडब्लू ने कार्यवाही की तब आरोपी डीडी भूतड़ा ने आय से 303.4 प्रतिशत अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की थी.

आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा के लिए पहले चरण की लॉटरी प्रक्रिया पूरी, 23 जिलों में 44,054 सीटों पर छात्रों का हुआ चयन

रायपुर-  निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (RTE) के अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिए आरटीई पोर्टल के माध्यम से प्रथम चरण की लॉटरी प्रक्रिया सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर में शुरू हुई. यह प्रक्रिया 5 मई से 6 मई 2025 तक चलेगी.

पहले दिन कुल 23 जिलों के 44,054 सीटों पर लॉटरी निकाली गई. शेष 10 जिलों की लॉटरी प्रक्रिया 6 मई को पूरी की जाएगी. उसके बाद स्कूल में दाख़िला की प्रक्रिया सात मई से 30 मई तक की होगी.

इन जिलों की निकाली गई लॉटरी

इस वर्ष राज्य के सभी 33 जिलों से कुल 1,05,372 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से जांच उपरांत 69,553 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से कुल 6,628 निजी स्कूलों की 52,007 सीटों पर चयन किया जाएगा.

किस जिले से आए कितने आवेदन

दूसरे चरण की पूरी शेड्यूल

इच्छुक पालक 20 जून से 30 जून 2025 तक आरटीई पोर्टल के माध्यम से नए आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद 1 जुलाई से 8 जुलाई के बीच दस्तावेजों की जांच की जाएगी. योग्य आवेदकों के लिए लॉटरी प्रक्रिया 14 और 15 जुलाई को आयोजित की जाएगी, जिसके बाद चयनित छात्रों का स्कूलों में दाख़िला 18 जुलाई से 31 जुलाई तक किया जाएगा.

लॉटरी प्रक्रिया के दौरान लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी, उप संचालक आशुतोष चौरे, सहायक संचालक महेश नायक, आरटीई सेल के अधिकारी, प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन से राजीव गुप्ता, पालकगण एवं पालक संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

बता दें कि आरटीई के तहत राज्य सरकार निजी स्कूलों में प्रवेश पाने वाले इन बच्चों की पढ़ाई का संपूर्ण खर्च वहन करती है. यह दाखिला स्कूलों में दर्ज छात्र संख्या के अनुसार 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर दिया जाता है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लिखा पत्र, दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने की उठाई मांग

रायपुर- रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर आमजन से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्ग के दिवंगत शिक्षकों के 1242 आश्रित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने का आग्रह किया है।

श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि शिक्षा कर्मी कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ के बैनर तले दिवंगत शिक्षकों के परिजनों ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 307 दिनों तक आंदोलन किया। इस आंदोलन के दौरान परिजनों ने जल सत्याग्रह, दण्डवत आंदोलन, जेल भरो आंदोलन और महिलाओं द्वारा मुण्डन जैसी मार्मिक गतिविधियों के माध्यम से अपनी पीड़ा को व्यक्त किया, जिससे संपूर्ण प्रदेश की आत्मा व्यथित हो उठी थी।

श्री अग्रवाल ने बताया कि उस समय वे स्वयं, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. रमन सिंह एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ इस आंदोलन में परिजनों के साथ खड़े थे तथा भाजपा ने सत्ता में आने पर जल्द से जल्द अनुकम्पा नियुक्ति देने का वादा किया था।

उन्होंने पत्र में जानकारी दी कि वर्तमान में मात्र 27 पात्र आवेदकों को ही अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है, जबकि लगभग 1242 आश्रित परिजन अब भी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अधिकांश को टीईटी अर्हता के अभाव में अपात्र घोषित कर दिया गया है, जबकि कई की आयु सीमा भी पार हो रही है।

सांसद श्री अग्रवाल ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इस विषय को मानवीय दृष्टिकोण एवं संवेदनशीलता के आधार पर लेते हुए राज्य कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर नियमों में आवश्यक शिथिलता दी जाए, ताकि शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप इन परिजनों को शिक्षा विभाग एवं पंचायत विभाग में रिक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों जैसे लिपिक, विज्ञान शिक्षक, भृत्य आदि पर नियुक्ति दी जा सके।

हाल ही में दिवंगत शिक्षकों के परिजनों ने श्री अग्रवाल से भेंट कर अपनी समस्याएं साझा की थीं और उन्हें ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई थी। बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार से इस गंभीर एवं संवेदनशील विषय पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है, जिससे इन परिवारों को राहत मिल सके और वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।

FICCI ने विदेश व्यापार महानिदेशालय को लिखा पत्र, RODTEP योजना के विस्तार की उठाई मांग

रायपुर- आरओडीटीईपी योजना के भविष्य को लेकर उत्पन्न अनिश्चितता को लेकर भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय को पत्र लिखा है। पत्र में एडवांस ऑथोराइज़ेशन (एए), एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स (ईओयू) और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) के तहत काम करने वाली इकाइयों के लिए निर्यात उत्पादों पर शुल्कों या करों में छूट (आरओडीटीईपी) योजना के तत्काल विस्तार की मांग की है।

FICCI ने वाणिज्य मंत्रालय को लिखे पत्र में 5 फरवरी 2025 के बाद इन एक्सपोर्ट ओरिएंटेड जोन में स्थित इकाइयों के लिए आरओडीटीईपी लाभ की समाप्ति पर चिंता जाहिर की है। मंत्रालय से आग्रह किया है कि कम से कम 30 सितंबर 2025 तक विस्तार की अधिसूचना में तेजी लाई जाए। मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए FICCI ने इस जरूरत पर जोर दिया है कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग की लागत प्रतिस्पर्धी बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय निर्यातकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए एए/ईओयू/एसईजेड इकाइयों को इस योजना के तहत बरकरार रखा जाना चाहिए।

FICCI का प्रतिनिधित्व फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई) और एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई) जैसे शीर्ष उद्योग निकायों द्वारा हाल ही में किए गए इसी तरह के प्रस्तुतीकरण के बाद आया है, जो वैश्विक व्यापार के बारे में उद्योग जगत की आशंकाओं को दर्शाता है। भारत के उद्योग को आगे ले जाने में एल्युमीनियम की प्रमुख भूमिका है, जिसमें 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है। इससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक देश बन गया है।

इससे पहले अपने प्रस्तुतीकरण में एफआईएमआई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के एल्युमीनियम निर्यात का लगभग 45 प्रतिशत एए/ईओयू/एसईजेड लोकेशनों पर स्थित इकाइयों से आता है। इसमें बताया गया कि आरओडीटीईपी समर्थन वापस लेने से वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने कि भारतीय कंपनियों की क्षमता काफी कम हो गई है, क्योंकि अंतर्निहित कर और शुल्क जो एल्युमीनियम उत्पादन लागत का 10 प्रतिशत तक है, वे छूट-रहित और अनसुलझे रहेंगे।

वाणिज्य मंत्रालय के प्रगतिशील उपायों की सराहना करते हुए फिक्की ने आगाह किया है कि कारोबारी माहौल में बहुत दबाव है। ऐसे में देश की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बहाल करने के लिए आरओडीटीईपी कवरेज को बढ़ाने में होने वाली देरी नुकसानदेह साबित होगी। गौरतलब है कि एफआईएमआई ने अपने प्रतिनिधित्व में बताया था कि इससे उत्पादन में कटौती, नौकरी छूटने और भारतीय एल्युमीनियम सेक्टर में डॉमेस्टिक वैल्यू ऐडिशन में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिसकी वर्तमान वार्षिक क्षमता 41 लाख टन है। तरक्की के रास्ते पर इंडस्ट्री को गतिमान रखने के लिए घरेलू क्षमता विस्तार के लिए नए निवेश महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।

वैश्विक व्यापार में जारी चुनौतियों को देखते हुए FICCI ने कहा कि एए/ईओयू/एसईजेड निर्यातकों के लिए विस्तार मिलने से उद्योग को वह निश्चितता और स्थिरता मिलेगी, जिसकी उसे बहुत जरूरत है। FICCI ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की त्वरित कार्रवाई समानता बहाल करने और वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने की भारत की महत्वाकांक्षा को सहयोग देने में बेहद अहम साबित होगी।

एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2026 के लिए आरओडीटीईपी योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे दी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 16,575 करोड़ रुपए था। अब एएआई, एफआईएमआई और FICCI सहित अग्रणी उद्योग संगठन डीटीए के अनुरूप एए/ईओयू/एसईजेड इकाइयों के लिए आरओडीटीईपी योजना को 5 फरवरी 2025 से आगे बढ़ाकर कम से कम 30 सितंबर 2025 तक करने की वकालत कर रहे हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार आरओडीटीईपी विस्तार को औपचारिक रूप से अधिसूचित करने के लिए शीघ्र कार्रवाई करेगी। यद्यपि भू-राजनीतिक संकट और वैश्विक मंदी के चलते आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है, किंतु फिर भी एए/ईओयू/एसईजेड के लिए आरओडीटीईपी का विस्तार उद्योग को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा और अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य के बीच भारतीय निर्यात की निरंतर वृद्धि सुनिश्चित हो पाएगी।

सुशासन तिहार : रायपुर नगर निगम में 7 मई से समाधान शिविर, जानें कहां-कब होगा आयोजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार “सुशासन तिहार 2025” के तहत नगर पालिक निगम रायपुर व्यापक जनसंपर्क अभियान चला रहा है. प्रथम चरण के अंतर्गत 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक सभी 10 जोनों में आमजन की मांगों एवं शिकायतों से संबंधित ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन प्राप्त किए गए. इसके बाद द्वितीय चरण में प्राप्त शिकायतों और मांगों का गुणवत्तापूर्ण समाधान तेजी से किया जा रहा है. अब सुशासन तिहार 2025 के तृतीय चरण में रायपुर नगर निगम की ओर से 7 मई से सभी 10 जोनों में सार्वजनिक स्थलों पर जोनवार समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.

समाधान शिविरों में अधिकारी आवेदकों को उनके आवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देंगे और शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी देंगे, ताकि पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकें.

जानिए जोनवार कहां-कब लगेगा समाधान शिविर

  • जोन 1: 10 मई – दही हांडी मैदान, गुढ़ियारी
  • जोन 2: 7 मई – शहीद स्मारक भवन, जीई रोड
  • जोन 3: 13 मई – बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर
  • जोन 4: 15 मई – सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम
  • जोन 5: 19 मई – डीडी नगर सामुदायिक भवन, सेक्टर-2
  • जोन 6: 20 मई – शहीद संजय यादव उच्चतर माध्यमिक शाला, टिकरापारा
  • जोन 7: 23 मई – पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, जीई रोड
  • जोन 8: 27 मई – सामुदायिक भवन, भारत माता स्कूल के सामने, टाटीबंध
  • जोन 9: 28 मई – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कम्युनिटी हॉल, जोरा

जोन 10: 30 मई – सामुदायिक भवन, गुरुद्वारा, देवपुरी.

शालेय शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव और DPI संचालक से की मुलाकात, युक्तियुक्तकरण और पदोन्नति को लेकर की चर्चा, सुझाव के साथ रखी मांगे…

रायपुर- शालेय शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मंत्रालय और संचालनालय में शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और नव नियुक्त DPI संचालक ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने किया. मुलाकात का उद्देश्य प्रदेश में चल रहे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया और रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नति के मुद्दों पर चर्चा करना था.

युक्तियुक्तकरण में विसंगतियों पर जताई आपत्ति

संगठन ने युक्तियुक्तकरण से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों और मापदंडों में पाई जा रही विसंगतियों और व्यावहारिक समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा. संगठन ने सुझाव दिया कि शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक विद्यालयों में प्राथमिकता से पदस्थापन हो, जबकि पुराने सेटअप के साथ छेड़छाड़ न की जाए, जिससे शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के गुणवत्ता युक्त शिक्षाधिकार पर असर न पड़े.

पदोन्नति को प्राथमिकता देने की मांग

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नतियों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया और अधिकारियों से आग्रह किया कि युक्तियुक्तकरण से पहले पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की जाए. उनका कहना था कि यदि पदोन्नतियां पहले कर दी जाएं, तो कई स्थानों पर युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि अधिकारीगणों ने संगठन की बातों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन पर अमल होगा.

प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा मापदंडों से प्रदेश के कई स्कूलों में अव्यवस्था फैल रही है और इससे प्राथमिक शिक्षा प्रणाली प्रभावित हो रही है. उन्होंने चेताया कि 2008 के सेटअप से हटकर यदि शिक्षकों की संख्या कम की जाती है, तो इससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा.

मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

शालेय शिक्षक संघ ने आज की मुलाकात के दौरान माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन और सुझाव पत्र भी सौंपा है, जिसमें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में सुधारने की मांग की गई है.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे ये पदाधिकारी

प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. सांत्वना ठाकुर समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे.