गर्मी में खूंखार हो रहे कुत्ते, हर दिन 250 लोगों को बना रहे शिकार
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भीषण गर्मी का असर बढ़ते ही कुत्ते काटने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। गर्मी में खूंखार हो रहे कुत्ते हर महीने करीब छह से साढ़े छह हजार लोगों को निशाना बना रहे हैं। स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर दिन 200 से 250 लोग एंटी रेबिज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में घटनाएं अधिक हो रही हैं। जिला अस्पताल में बीते तीन माह में एंटी रेबिज इंजेक्शन की खपत में तेजी आई है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 21 मार्च से 20 अप्रैल तक जिला अस्पताल में 3400 एंटी रेबिज इंजेक्शन की खपत हुई है।
इस कारण बढ़ी हैं घटनाएं
गर्मी बढ़ते ही कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चला कि अस्पतालों में एंटी रेबिज का इंजेक्शन लगवानों की भीड़ बढ़ती जा रही है। कुत्तों के खूंखार होने के पीछे गर्मी तो एक कारण है ही। वहीं, देर रात ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन करने वालों को कुत्ते अंजान समझकर हमला कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक शिकार युवा हुए हैं। वहीं, केवल 10 से 12 फीसदी बच्चे हैं। आंकड़ों पर गौर करेंगे तो जिला अस्पताल में औसतन हर महीने तीन हजार से 3200 लोगों को एंटी रेबिज इंजेक्शन लगाई जा रही है। वहीं, भदोही एमबीएस में हर महीने 1200 से 1500 एंटी रेबिज की खपत हो रही है। जिले की छह सीएचसी पर हर महीने 200 से 250 और 17 पीएचसी, तीन अर्बन पीएचसी पर हर महीने करीब 100 से 125 लोगों को एंटी रेबिज लगाया जा रहा है। वहीं, जिला अस्पताल के इमरजेंसी में हर महीने 100 से 125 एंटी रेबिज लगाया जा रहा है। औराई सीएचसी पर तीन महीने में 4,496 इंजेक्शन लगाए गए हैं।
मरीज को लगाए जाते हैं चार इंजेक्शन
जिला अस्पताल के डॉ. विवेक सिंह ने बताया कि कुत्ता काटने के चार इंजेक्शन मरीज को लगाए जाते हैं। पहला इंजेक्शन 24 घंटे के अंदर, दूसरा तीसरे दिन, तीसरा इंजेक्शन सातवें दिन और चौथा इंजेक्शन 28वें दिन लगाया जाता है। कुत्तों के काटने के बाद एंटी रेबिज इंजेक्शन लगवाना इसलिए जरूरी है कि किटाणु न पनपने पाए।
जिला अस्पताल में कब और कितना इंजेक्शन लगा
21 जनवरी से 20 फरवरी 3034
21 फरवरी से 20 मार्च 3181
21 मार्च 20 अप्रैल 3400
गर्मी में क्यों खूंखार हो जाते हैं कुत्ते?
डॉ. प्रदीप ने बताया कि गर्मी में कुत्ते खूंखार इसलिए हो जाते हैं, क्योंकि उनके शरीर में पसीना नहीं होता है, जिससे वे गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। गर्मी के कारण उनका थर्मोरेगुलेशन (शरीर का तापमान नियंत्रित करने की प्रक्रिया) प्रभावित होता है और वे अधिक उत्तेजित और आक्रामक हो जाते हैं।
तीन महीने में कहां कितने एंटी रेबिज के भेज गये बॉयल
सीएमओ डॉ. एसके चक ने बताया कि एमसीएस 7500, एमबीएस भदोही 1675 एंटी रेबिज का बॉयल अभी उपलब्ध है। वहीं सीएचसी दुर्गागंज 620, भदोही 500, गोपीगंज 500, औराई 1100, सुरियावां 440, डीघ 570 बॉयल है। 17 पीएचसी पर 1574 बाॅयल एक मार्च से 30 अप्रैल के बीच भेजी गई है। बताया कि ड्रग वेयर हाउस में 4600 बॉयल स्टाॅक में है। एक बॉयल में पांच व्यक्ति को इंजेक्शन लगता है।
May 05 2025, 17:46