जिले में प्राकृतिक खेती का बढ़ेगा दायरा, कृषि सखियां किसानों को देंगी प्रशिक्षण
रमेश दूबे
संतकबीरनगर ।कृषि विज्ञान केंद्र, संत कबी नगर, जो अचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के प्रसार निदेशालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, बगही के वैज्ञानिकों के द्वारा केंद्र पर पाच दिवसीय “कृषि सखियों” का प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन कृषि विज्ञान केन्द्र, संत कबीर नगर के वरिष्ठ वैज्ञानिकएवं अध्यक्ष डॉ राजेश चन्द्र वर्मा जी के नेतृत्व में केंद्र पर नेचुरल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना अंतर्गत कृषि सखियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 25.04.2025 को प्रारम्भ किया गया जो कि आज 29.04.2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
कृषि सखियां नेचुरल फार्मिंग की विद्या को सीख कर अपने क्षेत्र में चयनित किसानों को नेचुरल फार्मिंग को बढावा देने हेतु जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगी एवं इन किसानों के साथ जुड़कर प्राकृतिक खेती संपन्न करेंगी। जिसमे प्राकृतिक खेती पूरी तरह से रसायन मुक्त होती है. इसमें रासायनिक खाद, कीटनाशक, खरपतवार नाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है I केन्द्र के अध्यक्ष जी ने किसानो को जीवामृत कैसे बनाएँ पर विस्तार से जानकारी दी I कृषि वैज्ञानिक डॉ देवेश कुमार ने कहा सबसे पाहिले मिट्टी की जांच जरुरी है उसके बाद फसल चक्र अपनाना है कृषि सखियों को विस्तार से प्राकृतिक खेती विषय पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की गई I कृषि वैज्ञानिक डॉ तरुन कुमार ने (एक एकड़ भूमि के लिए) घटक पानी 200 लीटर, देशी गाय का गोबर 10 किलोग्राम देशी गाय का मूत्र 5-10 लीटर, गुड़ से 1.5 किलोग्राम, बेसन 1 से 1. 5 किलोग्राम, खेत की मिट्टी लेनी है । विधि : उपरोक्त सामग्रियों को अच्छी तरह टंकी में घोल लें। घोल को घड़ी की सुई को दिशा में 2-3 मिनट तक घोलें । टंकी को बोरी से ढक कर 72 घंटे तक छाँव में रख दें। सुबह-शाम दो-दो मिनट घोलें। इस घोल का उपयोग 7 दिन के अन्दर-अन्दर करें। पाच दिवसीय “कृषि सखियों” का प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र-बगही के पौली और हैसर बाजार ब्लाक से चयनित 20 कृषि सखियों को श्री अनुपम पाण्डेय “मास्टर ट्रेनर” के साथ वैज्ञानिको ने प्रशिक्षण दिया साथ ही कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारीगण के साथ सफलतापूर्वक प्रशिक्षण का समापन किया I जैसे श्रीमती पूनम देवी, रिमा देवी, चन्द्रिका देवी राधिका देवी मीनापुष्पा देवी श्री मती सुंदरी देवी, नीलम देवी, शासिबाला आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
May 04 2025, 16:56