अजब-गजब: डीएम के समानांतर बीएसए ने भी बनाई तीन सदस्यीय जांच टीम
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मीरजापुर। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए लोगों को बचाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए सारी शिकायतों को भी दरकिनार करते हुए मनमाने ढंग से गलत आख्या रिपोर्ट लगाकर उच्चाधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा है।
अब ताजा मामला जिलाधिकारी के समानांतर जांच टीम गठित किए जाने का सामने आया है जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। गौरतलब हो कि जिले के नारायनपुर विकासखंड क्षेत्र स्थित कंपोजिट विद्यालय कंदवा में विद्यालय के निर्माण कार्य से लेकर अन्य में हेराफेरी सहित प्रभारी प्रधानाध्यापक धीरज सिंह द्वारा सरकारी खाते का पैसा अपनी पत्नी के खाते में भेजे जाने को लेकर जिलाधिकारी सहित आईजीआरएस पर शिकायत की गई थी तथा मामले में जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई गई थी।
आश्चर्य कि बात है कि शिकायतकर्ता के शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए बीएसए और एबीएसए नारायणपुर मामले पर पर्दा डालते हुए जिलाधिकारी को भी ग़लत आख्या रिपोर्ट देकर गुमराह करते हुए आएं हैं। शिकायतकर्ता द्वारा पुन: शिकायत किए जाने पर
इस सम्पूर्ण मामले में जिलाधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं। आश्चर्य कि बात है कि जिलाधिकारी द्वारा जांच टीम बनाने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा भी तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई। जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी नारायणपुर, खंड शिक्षा अधिकारी जमालपुर एवं भवन प्रभारी अजय श्रीवास्तव को रखा गया है। जिसको लेकर आम आम जनमानस में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिरकार ऐसा क्या डर बना हुआ था कि जिलाधिकारी द्वारा जांच टीम गठित करने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी जिलाधिकारी के समानांतर जांच टीम बनानी पड़ी है? मज़े की बात तो यह है कि बीएसए ने जो टीम गठित की है उन सभी पर पहले भी काफी विवादों में बने रहने का आरोप प्रत्यारोप लग चुका है। बावजूद इसके जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच टीम गठित कर इन्हें ही उसमें शामिल किया जाना
अपने आप में कई सवालों को जन्म दे रहा है। ख़ैर अब देखना यह है कि जिलाधिकारी इस मामले में क्या एक्शन लेती हैं।
दूसरी ओर कंदवा कंपोजिट विद्यालय में आरोपी प्रभारी प्रधानाध्यापक धीरज सिंह के विरुद्ध कई जांच लंबित होने के बावजूद उनको फिर से भवन निर्माण के कार्य में लगाया गया है। जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिरकार ऐसी कौन सी मजबूरी है जो बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के मन से प्रभारी प्रधानाध्यापक धीरज सिंह का मोह भंग होने का नाम नहीं ले रहा है।
May 03 2025, 16:01