जिला अस्पताल में लापरवाही से गई मरीज की जान! आक्रोशित परिजन शव लेकर पहुंचे कलेक्टर कार्यालय, CMHO ने कही जांच के बाद कार्रवाई की बात

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- जिला अस्पताल गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में इलाज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि समय पर इलाज न मिलने की वजह से 42 वर्षीय बरन प्रताप सिंह की मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत लगातार बिगड़ती रही, लेकिन डॉक्टरों ने समय पर उचित इलाज नहीं किया और आखिरकार उसे बिलासपुर रेफर कर दिया गया. रास्ते में ही बरन प्रताप सिंह ने दम तोड़ दिया.

मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित परिजन एम्बुलेंस में शव लेकर देर शाम कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए. परिजनों ने इलाज में हुई लापरवाही को लेकर शिकायत दर्ज करवाई और तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. इसके बाद मृतक के परिजनों ने अपर कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराई. जांच का आश्वासन मिलने के बाद, काफी मान-मनौव्वल के पश्चात परिजन मृतक के शव को लेकर कलेक्टर कार्यालय से रवाना हुए.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक को कल रात जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. खून की जांच के बाद पता चला कि मृतक बरन प्रताप सिंह के अत्यधिक शराब सेवन के कारण उसकी किडनी और लिवर दोनों अंग डेमेज हो गए थे, जिसकी वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी.

उन्होंने यह भी बताया कि इलाज के दौरान मृतक के परिजन उसे भभूत खिलाने और झाड़-फूंक से इलाज कराने का प्रयास कर रहे थे. हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच करवा रहे हैं. यदि किसी डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी.

छत्तीसगढ़ में नामांतरण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: तहसीलदारों से छीना गया अधिकार, अब रजिस्ट्री के साथ ही होगा ऑटोमेटिक नामांतरण

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने ज़मीन की खरीद-फरोख्त के बाद नामांतरण (mutation) की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर तहसीलदारों से नामांतरण का अधिकार छीन लिया है और यह अधिकार अब रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को सौंप दिया गया है।

बता दें कि इस बदलाव के साथ अब पंजीकृत रजिस्ट्री होते ही संबंधित भूमि और संपत्तियों का नामांतरण स्वचालित रूप से हो जाएगा। यह संशोधन छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 की उप-धारा (1) और धारा 110 के तहत किया गया है।

अब तक क्या होता था?

पहले ज़मीन की रजिस्ट्री के बाद खरीदार को तहसीलदार के पास नामांतरण के लिए आवेदन देना पड़ता था। फिर कोर्ट जैसी प्रक्रिया में समय लगता था, जिससे फर्जीवाड़े और विलंब की गुंजाइश बनी रहती थी। खासकर किसानों को इस कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, क्योंकि बिना नामांतरण के वे समर्थन मूल्य पर धान तक नहीं बेच पाते थे।

अब क्या होगा?

अब रजिस्ट्री के साथ ही ज़मीन का नाम संबंधित खरीदार के नाम ऑटोमैटिक दर्ज हो जाएगा। इससे न केवल प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि भू-माफिया और फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी।

सरकार का उद्देश्य

इस नए आदेश से ज़मीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी, आम जनता को राहत मिलेगी, और ज़मीन के मामलों में फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए होने वाले घोटालों पर प्रभावी रोक लगेगी।

नए नियमों से क्या बदलेगा?

  • तहसीलदारों से नामांतरण की शक्तियाँ समाप्त
  • रजिस्ट्रार/सब-रजिस्ट्रार को मिला अधिकार
  • रजिस्ट्री होते ही स्वतः नामांतरण
  • किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
  • भूमि विवादों और फर्जीवाड़े पर रोक

यह कदम छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में आगे बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

छत्तीसगढ़ सरकार की उद्योगों को बड़ी सौगात: भूमि विकास नियम में किया गाया संशोधन, अब एक ही भू-खंड पर कर सकेंगे दोगुना निर्माण

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में किए सुधार के चलते अब उद्योग एक ही भू-खंड पर दोगुना निर्माण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर हुए इस संशोधन से राज्य में उद्योगों एवं व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम में संशोधन 24 दिसंबर 2024 को अधिसूचित किए गए हैं।

फ्लैटेड इंडस्ट्रीज़ के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 1.5 से बढ़ाकर 3.0 किया गया है, जिससे उद्योग एक ही भूखंड पर अब दोगुना निर्माण कर सकेंगे। इससे विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कम लागत में अधिक उपयोग योग्य स्थान उपलब्ध होगा। औद्योगिक प्लॉट्स के लिए ग्राउंड कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सेटबैक में कमी की गई है, जिससे ज़मीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।

नगर पालिका क्षेत्रों और विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में व्यावसायिक भवनों के लिए न्यूनतम 5.0 एफएआर निर्धारित किया गया है। जिन भूखंडों का क्षेत्रफल 5 एकड़ या उससे अधिक है और जिन तक 100 मीटर चौड़ी सड़क की पहुँच है, उन पर एफएआर 5.0 लागू होगा। यदि ये भूखंड सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक (सीबीडी) या ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवल्पमेंट (टीओडी) ज़ोन में आते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 2.0 एफएआर की अनुमति होगी, यानी कुल एफएआर 7.0 तक हो सकेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि इन सुधारों से राज्य में आधुनिक औद्योगिक तथा व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन और राज्य की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने इन संशोधनों को उद्योग हितैषी नीति के तहत तैयार किया है, ताकि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक एवं व्यावसायिक निवेश को बढ़ावा मिल सके।

जुड़वा बच्चों की जिंदगी बचाने पुलिस का सराहनीय कदम, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयरलिफ्ट कर भेजा गया हैदराबाद

बिलासपुर-  बिलासपुर में संवेदनशील पहल करते हुए पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो नवजात बच्चों को बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद एयरलिफ्ट कराया. इस दौरान अस्पताल से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए 20 मिनट में एम्बुलेंस दोनों नवजातों को लेकर बिलासा एयरपोर्ट पहुंची.

दरअसल, मामला प्रीमैच्योर जुड़वा बच्चों से जुड़ा है. जो जन्म के बाद ही क्रिटिकल स्टेज में थे. दोनों बच्चों का वजन और प्लेटलेट्स बेहद कम था. बच्चों के परिजनों ने नाजुक हालत में पैदा हुए नवजातों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया गया. लेकिन नाजुक स्थिति के बीच बच्चों को सुरक्षित एयर एंबुलेंस तक ले जाने की बड़ी चुनौती थी.

सूत्रों के मुताबिक, वन विभाग की आईएफएस अफसर की 30 मार्च को डिलीवरी हुई, तब उन्होंने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया. 7 माह गर्भ में रहीं दोनों बच्चियों को कार्डियक संबंधी गंभीर समस्या थी. ऐसे में उन्हें पहले शहर के शिशु रोग अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन, यहां उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रही थी. जिसके चलते बच्चियों को हैदराबाद एयर लिफ्ट करने की योजना बनाई गई. इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टरों से संपर्क कर परिजनों ने एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की.

पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल से बिलासा एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया. बाद में एंबुलेंस के जरिए ग्रीन कॉरिडोर से नवजातों को बिलासा एयरपोर्ट पहुंचाया गया. यहां से एयर एंबुलेंस के जरिए बच्चों को हैदराबाद एयरलिफ्ट कर दिया गया है. हैदराबाद में आगे बच्चों का उपचार किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में विष्णु के सुशासन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं: मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों और महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने गुरुवार को धमतरी और कांकेर जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर इस प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, विष्णु के सुशासन में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी।

धमतरी जिले के ग्राम तेलिनसत्ती में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-2 का दौरा करते हुए श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने बच्चों के साथ फर्श पर बैठकर खेल-खेल में परिचय किया, उनके नाम पूछे और चॉकलेट बांटी। बच्चों से नाश्ता व भोजन के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्धारित समय पर भोजन और नाश्ता देने के निर्देश दिए। पोषक आहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, गर्मी को देखते हुए पीने का पानी और ओआरएस की व्यवस्था करने, और केंद्रों को सुबह 7 से 11 बजे तक खोलने के निर्देश भी दिए। मंत्री ने बच्चों को खेल-खेल में व्यवहारिक ज्ञान देने, पढ़ाई पर ध्यान देने और साफ-सफाई का महत्व सिखाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए सुरक्षित, सुविधायुक्त और अनुकूल बनाया जाए।

कांकेर जिले के ग्राम दरगाहन में आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण के दौरान कुछ कमियां पाए जाने पर श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने दोहराया, बच्चों की देखरेख में कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। निरीक्षण के बाद आयोजित समीक्षा बैठक में श्रीमती राजवाड़े ने विभागीय अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास पदुम सिंह एल्मा, संचालक समाज कल्याण रोक्तिमा यादव, परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित कई लोग उपस्थित थे। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य बच्चों और महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा।

65 साल के बुजुर्ग ने आदमखोर तेंदुए से लड़कर पोते की बचाई जान, कलेक्टर ने किया सम्मानित, कहा- साहसी दादा शेर से कम नहीं…

गरियाबंद- तेंदुए से बहादुरी से लड़कर अपने चार साल के पोते को मौत के मुंह से खींच लाने वाले 65 वर्षीय दर्शन नेताम को आज जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया. साथ ही, UPSC 2024 में 273वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल करने वाले अंकित थवानी को भी प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया. 

साहसी दादा शेर से कम नहीं : कलेक्टर

कोठीगांव निवासी दर्शन नेताम ने बीते मंगलवार को अपने पोते को तेंदुए के हमले से बचाया था. नलकूप में स्नान कर रहे दादा ने जैसे ही पोते को तेंदुआ उठाकर ले जाते देखा, वे 100 मीटर तक तेंदुए के पीछे दौड़े और उस पर कूद पड़े. इस साहसिक प्रयास से तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग गया. बच्चे की गर्दन पर तेंदुए के दांतों के निशान पाए गए हैं, लेकिन उसकी जान बच गई.

इस अदम्य साहस के लिए कलेक्टर भगवानू उइके और डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने दर्शन नेताम को शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया. कलेक्टर ने उन्हें “शेर से कम नहीं” बताते हुए ग्रामीणों से वन क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने और हिंसक वन्य प्राणियों से दूरी बनाए रखने की अपील की है.

UPSC में प्रदेश से तीसरा स्थान प्राप्त करने पर अंकित थवानी हुए सम्मानित

राजिम निवासी अंकित थवानी ने UPSC 2024 की परीक्षा में देशभर में 273वीं रैंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है. छत्तीसगढ़ में उन्हें तीसरा स्थान मिला है. इस उपलब्धि पर जिला प्रशासन ने उन्हें भी विशेष रूप से सम्मानित किया.

अंकित प्रयागराज राजिम के निवासी हैं और पूर्व राजपत्रित अधिकारी मुरली मनोहर थवानी के सुपुत्र हैं. प्रशासन ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अन्य युवाओं को भी उनसे प्रेरणा लेने का संदेश दिया.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पहलगाम आतंकी हमले को झीरम कांड से जोड़ा, कहा- दोनों जगह सुरक्षा नहीं थी, वहां भी नाम पूछकर मारा गया था

दुर्ग- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज एक प्रेस वार्ता कर कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस हमले ने न सिर्फ 27 परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. बघेल ने इस आतंकी घटना को ‘झीरम घाटी की घटना’ से जोड़ते हुए केंद्र सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए. वहीं संविधान बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित की जा रही ‘संविधान बचाओ रैली’ पर भी विस्तृत चर्चा की और भाजपा की आलोचना की.

भिलाई के एक निजी होटल में आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पहलगाम की दुखद घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले से देश की 140 करोड़ जनता व्यथित है.उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले में 27 परिवार उजड़ गए. जो लोग खुशी के पल बिताने गए थे, वे अब दुखी होकर लौटे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कल ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है.

भूपेश बघेल ने कहा कि आज की इस वार्ता में ‘पहलगाम की घटना’ और ‘संविधान बचाओ रैली’ पर बात करने आए हैं. उन्होंने कहा कि एक पहलू यह है कि धर्म पूछ-पूछ कर हत्याएं की गई, कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया. दूसरा पहलू यह है कि जो लोग घोड़ा चला रहे थे, उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों को बचाया. इन दोनों घटनाओं में समानता यह है कि हमने भी झीरम में अपनों को खोया था. वहां भी सुरक्षा नहीं थी और पहलगांव में भी सुरक्षा नहीं थी.

भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम में भी नाम पूछ-पूछ कर मारा गया था. वहां भी 33 लोग मारे गए थे और पहलगाम में भी 27 लोगों की जान गई. पहलगाम में भी पुलिस बल और अर्धसैनिक बल मदद के लिए सामने नहीं आया. इस घटना ने झीरम घाटी की घटना की याद ताज़ा कर दी. हमारे सभी नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की, शोक व्यक्त किया और केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कही. लेकिन भाजपा की सोशल मीडिया टीम ने सिर्फ ‘धर्म पूछ-पूछ कर मारा’ को ही मुख्य मुद्दा बना दिया.

पूर्व सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा कि वहां सहायता क्यों नहीं पहुंची? इसका जिम्मेदार कौन है? इंटेलिजेंस फेलियर का जिम्मेदार कौन है?

संविधान बचाओ रैली को लेकर पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि आज राष्ट्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. संविधान को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है और सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की तैयारी की जा रही है. रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से पहले ईडी ने कई कांग्रेस नेताओं के घर छापे मारे. अहमदाबाद में भी राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई.

नेशनल हेराल्ड को लेकर बघेल ने कहा कि देश की आज़ादी में नेशनल हेराल्ड से निकलने वाली पत्रिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यह एक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में है. उस संस्था पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो सेक्शन 8 के तहत संचालित है.

भाजपा के नेता ने 5 हजार करोड़ रुपये के मामले का झूठा हल्ला मचाया, जबकि इस परिवार ने सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है. भाजपा के नेता लगातार अफवाह फैलाने और कांग्रेस नेताओं को दुर्भावना से फंसाने की कोशिश की जा रही है. इसके विरोध में हमें निर्देश मिला है कि 40 दिनों तक लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिसमें ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन भी शामिल है.

क्या है झीरम घाटी हत्याकांड

झीरम घाटी हत्याकांड 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के झीरम घाटी में हुआ था. यह घटना नक्सली हिंसा का हिस्सा थी और इसमें कांग्रेस पार्टी के कई प्रमुख नेताओं की हत्या हुई थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 के पहले कांग्रेस ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी. उस दौरान राज्य में भाजपा सरकार थी. इस परिवर्तन यात्रा के जरिए कांग्रेस सत्ता पर काबिज होना चाह रही थी, लेकिन इसी बीच 25 मई 2013 को एक नक्सली हमले ने छत्तीसगढ़ को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस हमले में नक्सलियों ने एक साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को मौत के घाट उतार दिया. मरने वालों में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, विद्या चरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित लगभग 30 से अधिक नेता, कार्यकर्ता और कई जवान शामिल थे. इतना बड़ा राजनीतिक नरसंहार देश में इससे पहले नहीं हुआ था.

भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड मामले में कांग्रेस प्रदेश महासचिव गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के 3 दिन पहले नारायणपुर में भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में NIA ने आज नारायणपुर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव शिवानंद नाग को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए ने पूर्व में रतन दुबे हत्याकांड मामले में 4 लोगों को गिरफ्तरा किया था और लगातार इस हत्याकांड पर नजर बनाए रखी हुई थी. आज NIA की टीम ने कांग्रेसी नेता शिवानंद नाग को भी गिरफ्तार कर जगदलपुर NIA कोर्ट में पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है.

फोटो: भाजपा नेता रतन दुबे

बता दें, नक्सलियों ने 4 नवंबर 2023 को नारायणपुर जिले के कौशलनार गांव के साप्ताहिक बाजार में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या कर दी थी. माओवादियों ने उन पर हाथ कुल्हाड़ियों से हमला कर उन्हें मौत दी थी. यह हत्या स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और स्थानीय लोगों में आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई थी.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि इस हत्या के पीछे माओवादियों के हाथ हैं. इसके बाद NIA ने 23 फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ली. 5 जून 2024 को NIA ने एक आरोपी धन सिंह कोर्राम के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद 20 दिसंबर 2024 को NIA ने प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी संगठन) के तीन सदस्यों सैनूराम कोर्राम, लालूराम कोर्राम और एक सशस्त्र माओवादी कैडर के खिलाफ चार्टशीट दायर की थी.

कर्ज, रंजिश और सुपारी किलिंग की खौफनाक दास्तां : 48 घंटे में पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, तीन आरोपी गिरफ्तार

डोंगरगढ़-  शहर के करवारी रोड पर मिली खून से लथपथ लाश ने जब सनसनी फैलाई तब किसी को अंदाजा नहीं था कि इसके पीछे एक पूरी साजिश रची गई थी. मृतक की पहचान कन्हारगांव निवासी देवलाल मण्डावी के रूप में हुई, जिसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. चेहरा कुचलकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई, ताकि मामला अंधे कत्ल की शक्ल ले सके, लेकिन डोंगरगढ़ पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी महज 48 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है.

जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि देवलाल का पुराना दोस्त ओमकार मण्डावी था, जो पेशे से ईंट भट्ठे का ठेकेदार है. देवलाल ने ओमकार से करीब ढाई लाख रुपए उधार लिए थे और जब पैसे की वापसी की मांग की गई तो देवलाल न सिर्फ झगड़ता, बल्कि फर्जी केस में फंसाने की धमकी भी देता रहा. इससे आक्रोशित होकर ओमकार ने देवलाल को रास्ते से हटाने की ठान ली.

वारदात से पहले मृतक को जमकर पिलाई थी शराब

ओमकार ने अपने भांजे महेन्द्र नेताम को इस साजिश में शामिल किया. महेन्द्र ने अपने करीबी योगेश चौरे से संपर्क किया और हत्या का प्रस्ताव रखा. योगेश ने 5 से 6 लाख की सुपारी पर हत्या करने की हामी भर दी. योजना के तहत घटना से कुछ दिन पहले देवलाल की टूटी हुई बाइक को बहाना बनाकर उसे घर से बुलवाया गया. साथ ही उसे शराब पिलाकर बेहोश करने की तैयारी भी की गई. 20 अप्रैल की रात डोंगरगढ़ में देवलाल को जमकर शराब पिलाई गई. जब वह नशे में लड़खड़ाता हुआ करवारी रोड की ओर अकेला बढ़ा तो योगेश और महेन्द्र ने मोटरसाइकिल से उसका पीछा किया. जैसे ही मौका मिला, सागौन की मोटी लकड़ी से देवलाल के सिर और चेहरे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. हत्या के तुरंत बाद दोनों आरोपी फरार हो गए.

सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स, सायबर तकनीक से पुलिस को मिली मदद

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ओमकार मण्डावी लगातार मोबाइल पर संपर्क में बना रहा और निर्देश देता रहा. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और सायबर तकनीक की मदद से तीनों आरोपियों को दबोच लिया. पूछताछ में उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया और कत्ल की पूरी कहानी बताई. इस केस ने न सिर्फ पुलिस की सक्रियता को दिखाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि रंजिश और लालच जब मिलते हैं तो इंसान कैसे शैतान बन जाता है।

दिनेश मिरानिया की अंत्येष्टि में भाजपा नेताओं की हंसी-ठिठोली, कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है…

रायपुर- पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों की गोली से केवल 27 पर्यटकों का शरीर ही छलनी नहीं हुआ, देश का सीना भी छलनी हुआ है. इस आतंकी घटना से देश दुखी है. भावनाओं का सैलाब चारों ओर उमड़ रहा है. रायपुर के दिनेश मिरानिया का नाम भी उन पर्यटकों में शामिल था, जिनकी मौत आतंकवादियों की गोली से हुई. रायपुर पहुंचने के बाद दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. मारवाड़ी श्मशान घाट में हुए अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में पूरी सरकार मौजूद थी.

कांग्रेस ने वीडियो वायरल कर कहा- देखिए भाजपा का संस्कार

अंतिम संस्कार के इसी कार्यक्रम के दौरान का एक वीडियो कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल किया और भाजपा के संस्कार पर सवाल उठाया. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने विभिन्न सोशल माध्यमों में वीडियो को साझा करते हुए लिखा है, बेशर्मी की पराकाष्ठा : पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए स्व. दिनेश मीरानिया की शोक सभा में भाजपाई हंसी-ठिठोली कर रहे हैं.

 

कांग्रेस की ओर से वायरल वीडियो में भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ठहाके लगाते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ क्षण का यही क्लिप वायरल है. संजय श्रीवास्तव जहां हंस रहे थे उस जगह सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, आरएसएस के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉक्टर पूर्णेन्दु सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, गृह मंत्री विजय शर्मा समेत सरकार के प्रमुख चेहरे मौजूद थे.

किस बात पर आई हंसी ?

वीडियो को गौर से देखने पर पता चल रहा है कि मारवाड़ी श्मशान घाट में मृतक दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम चल रहा था. एक किनारे लगाए गए पंडाल के नीचे पहली पंक्ति में सरकार के तमाम प्रमुख चेहरों के साथ संजय श्रीवास्तव भी बैठे थे. इस दौरान वहां नगर निगम पार्षद सचिन मेघानी ने उनके कान में आकर कुछ बातें कहीं, जिसके बाद दोनों नेता ठहाका लगाकर हंसते नजर आए. यकायक वहां मौजूद कई चेहरों की नजर उन पर पड़ी. श्मशान घाट में मौजूद लोग इस हंसी-ठिठोली पर अचंभित नजर आए. हालांकि यह पता नहीं चल सका कि संजय श्रीवास्तव को आखिर इतनी जोर से हंसी शोक वाली जगह पर कैसे आई ? क्योंकि संजय श्रीवास्तव गम्भीर नेता माने जाते हैं.

कांग्रेस और भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा‌?


इस मामले में कांग्रेस नेता धनंजय ठाकुर ने कहा, ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है. पूरा देश जहां गम में है. शोक सभा में भाजपा नेता जिस प्रकार से हंसी-ठिठोली कर रहे यह भाजपा की संवेदनहीनता है. पीड़ित परिवार पर क्या गुजर रहा होगा. इस घटना पर पूरे देश में आक्रोश है और भाजपा नेता को मजा आ रहा है. ये भाजपा की बेशर्मी है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा में भी भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर हंसी-ठिठोली करते दिखे थे. ये लोग गम का उपहास उड़ाने का काम करते हैं. वहीं भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा है कि किसी पुरानी बात पर हंसी आ गई तो इसका मतलब ये नहीं कि हम पीड़ित परिवार के साथ नहीं है. हमारी पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है. जो पर्यटक कश्मीर में फंसे हैं उन्हें सुरक्षित लाने की कवायद हमारी सरकार कर रही।


अटल अस्थि कलश की याद हुई ताजा

सात साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के राजधानी पहुंचने पर रखी गई श्रद्धांजलि सभा के दौरान भी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर की हंसी-ठिठोली से भरी तस्वीर वायरल हुई थी. भाजपा हाईकमान को यह खबर पता चलने पर कड़ा एतराज जताया गया था.

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