श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को के ‘Memory of the World Register’ में शामिल, सीएम साय ने बताया भारत की समृद्ध विरासत के लिए गौरवपूर्ण

रायपुर- श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के ‘Memory of the World Register’ में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे भारत की समृद्ध विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण करार दिया है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा कि यह हमारी सनातन और शाश्वत ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मान्यता मिलने के साथ ही हमारी संस्कृति, कलात्मक प्रतिभा और आध्यात्मिक चेतना का भी सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्रंथ हमारी कालातीत धरोहर है, जिसने सदियों से भारत की आत्मा को पोषित किया है और सम्पूर्ण मानवता को नैतिकता का मार्ग दिखाया है. अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा उनके नेतृत्व में हमारी प्राचीन ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मंच पर सर्वोच्च स्थान मिल रहा है.

हार्डवेयर व्यापारी के लाइसेंसी पिस्टल से चली गोली, ऑटो पार्ट्स दुकान संचालक की हालत गंभीर, इलाज जारी…

दंतेवाड़ा- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक व्यापारी की लाइसेंसी पिस्टल से अचानक चली गोली ने इलाके में हड़कंप मचा दिया. हादसे में एक ऑटो पार्ट्स दुकान के संचालक के पेट में गोली लग गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. तुरंत घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. यह घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, जय माजीसा हार्डवेयर के संचालक देवकरण बुरड़ अपनी लाइसेंसी पिस्टल की सफाई के लिए शुक्रवार सुबह तेल लेने गया हुआ था. इस दौरान देवकरण बाजार के पास स्थित एक ऑटो पार्ट्स संचालक प्रमोद तोमर को पिस्टल दिखा रहा था. तभी अचानक पिस्टल से गोली चली और दुकानदार के पेट में लगी. हादसे में दुकान मालिक प्रमोद गंभीर रूप से घायल हो गया.

जिला अस्पताल से घायल को डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. बताया जा रहा है कि घायल युवक के पेट से गोली निकाली जा चुकी है, हालांकि हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है. पिस्टल को जब्त कर लिया गया है. 

अवैध प्लाटिंग पर 5 साल बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, प्रापर्टी डीलरों पर सिर्फ 10-10 हजार का जुर्माना

गरियाबंद- जिला मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग पर 5 साल बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हुई है. प्रापर्टी डीलराें ने नियम ताक में रखकर करोड़ों की कमाई की. इससे सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान हुआ, लेकिन अब केवल 10-10 हजार जुर्माना भरकर प्रापर्टी डीलर इससे छुटकारा पा जाएंगे. वहीं खरीददारों की सांसें अटक गई है, क्योंकि नामांतरण का पुनरीक्षण के बाद निरस्त की कार्रवाई हो सकती है.

पाबंदी के बावजूद जिला मुख्यालय में पिछले कुछ सालों से अवैध प्लाटिंग व काॅलोनी बसाने का गोरख धंधा फल फूल रहा था. मामले में एक्शन लेते हुए 2019 से 2022 तक 13 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जिसमें से एक को छोड़कर 12 अवैध काॅलोनी/प्लाटिंग पर सुनवाई चली. एसडीएम ऋसा ठाकुर ने सुनवाई करते हुए पाया कि 12 प्रकरणों में अनावेदकों ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 70, धारा 98 एवं धारा 172 का उल्लंघन किया है. इसके चलते न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ( रा० ) गरियाबंद ने 20 मार्च 2025 को आदेश पारित कर अनावेदकों को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 (4) के तहत 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.

जिला प्रशासन के मुताबिक उक्त आदेश के परिपालन में 06 अनावेदक हर्षित अग्रवाल, मो. हनीफ मेमन, मो. रिजवान मेमन, मो. हनीफ मेमन, मो. जावेद मेमन, संरक्षणकर्ता सौरभ देवांगन ने 10-10 हजार रुपए चालान के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में जमा किया है.

12 विक्रेताओं ने 100 से ज्यादा टुकड़े में बेचा कृषि भूमि

मामले की जांच में पाया गया कि नगर निवेश के अधीन आने वाले भूखंड जो कृषि प्रयोजन के थे उन्हें बगैर व्यपवर्तित करते हुए कई छोटे भूखंडों में काट बेच दिया गया. होटल सीटी रेसीडेंसी के पीछे न केवल अवैध कालोनी बसा दिया गया बल्कि उक्त कॉलोनी में पक्की सड़क की मंजूरी भी दिला दी. राजनीतिक प्रशासनिक सरंक्षण प्राप्त कुछ रसूखदार अब भी बेखौफ होकर अवैध प्लाटिंग का काम कर रहे. इस कारोबार में न तो नगर निवेश के नियमावली का पालन हुआ न तो कालोनाइजर एक्ट का पालन किया जा रहा है. पिछले कई सालों से चल रहे इस हाईलेवल के अवैध कारोबार में प्रोपर्टी डीलरों ने करोड़ों कमा लिया, जबकि वास्तविक किस्म और नियम से खरीदी बिक्री नहीं होने के कारण शासन को लाखों के स्टाम्प शुल्क का नुकसान हुआ है. अब सवाल उठता है कि क्या उन्हें महज 10 हजार का जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा या कल को कोई बड़ी कार्रवाई होगी.

छोटे भू खंडों की नामांतरण की होगी जांच

एसडीएम ने बेचने वालों पर जुर्माना लगाने के अलावा खरीदारों के छोटे भूखंडों की जानकारी भी जुटा रही है. तहसीलदार को निर्देशित कर सभी प्रकरणों के भू-खण्डों के क्रेता, विक्रेता, भू-स्वामी द्वारा किए गए सभी विक्रय, नामांतरण की जानकारी मंगाई गई है. पुनरीक्षण में अगर नियम विरुद्ध नामांतरण पाया गया तो खरीददारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

जानिए कहां-कहां हुई अवैध प्लाटिंग

1_हनीफ मेमन द्वारा ग्राम आमदी (म) में खसरा नंबर 491/1 पर

2_अब्दुल हकीम द्वारा आमदी (म) में खसरा नंबर 500 पर

3_शिशिर देवांगन द्वारा आमदी (म) में खसरा नंबर 486 पर

4_जावेद मेमन द्वारा मजरकट्टा में खसरा नम्बर 780,790,789,783,784 पर

5_हर्षित अग्रवाल द्वारा डोंगरी गांव में खसरा नम्बर 321/27 पर

6_रिजवान मेमन द्वारा पारागांव में खसरा नंबर 733 पर

7_हनीफ मेमन द्वारा केशोडार में खसरा नम्बर 29/4 में अवैध प्लाटिंग किया गया, जिसका प्रकरण दर्ज था, किंतु जिला मुख्यालय में अब भी कई रसूखदारों के अवैध कालोनी और प्लाटिंग का मामला दर्ज नहीं हुआ है, न ही वहां किसी प्रकार के प्रशासनिक रोक टोक हो रहा.

40 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, एक दंपति भी शामिल

सुकमा-  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है. सरकार की प्रभावी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें एक दंपति भी शामिल है. आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 40 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. 

22 नक्सलियों ने सुकमा एसपी और सीआरपीएफ के डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल 1 पुरुष और 1 महिला नक्सली पर 8-8 लाख रुपये, 1 पुरुष और 1 महिला नक्सली पर 5-5 लाख रुपये, 2 पुरुष और 5 महिला नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये और 1 पुरुष नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. इस तरह कुल मिलाकर इन आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 40 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था.

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को बीजापुर में 2 इनामी समेत 22 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था. तीन अलग-अलग क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन पर निकले जवानों ने इन नक्सलियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार नक्सलियों के पास से बम बनाने और अन्य नक्सल सामग्री बरामद की गई थी.

Ex-IAS अनिल टुटेजा के घर पर CBI की दबिश, खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज…

रायपुर- बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने टुटेजा के घर पर दबिश दी है.

बता दें कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में एक वर्ष से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के आधार पर सशर्त जमानत दी थी. लेकिन केवल ईडी के केस में राहत मिली है. उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया है, जिसकी वजह से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपियों में से एक हैं. ईडी के अनुसार, भूपेश बघेल सरकार के समय सरकारी शराब के नाम पर 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया गया है. आरोप है कि घोटाले को अनिल टुटेजा के अलावा आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट के जरिए अंजाम दिया था.

वन मंत्री के गृह क्षेत्र में प्रस्तावित चिड़ियाघर का विरोध, ग्रामीणों का आरोप- पहले बांध की वजह से किया विस्थापित

जगदलपुर- वन मंत्री केदार कश्यप के गृह क्षेत्र भानपुरी में प्रस्तावित चिड़ियाघर का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. सालेमेटा, खड़गा, छुरावण्ड, जामगांव और कमेला पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों का आरोप है कि पहले उन्हें कोसारटेडा बांध के चलते विस्थापित किया गया था, और अब चिड़ियाघर के नाम पर उनकी पुनर्वास की गई जमीन भी छीनी जा रही है. 

ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए परियोजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की. ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि खेती ही इन परिवारों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, और सरकार रोजगार के नाम पर उन्हें गुमराह कर रही है.

विवाद के बीच जिला प्रशासन ने मामले की जांच की बात कही है. इधर सरकार कोसारटेडा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के तहत रिसॉर्ट और चिड़ियाघर बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन ग्रामीण इसे अपनी आजीविका पर खतरा मान रहे हैं.

पीएम सूर्य घर कनेक्शन देने में लापरवाही, 4 एई को नोटिस

रायपुर/बिलासपुर-  केन्द्र सरकार की महत्वाकांछी योजना पीएम सूर्य घर में लापरवाही बरतना 4 बिजली अधिकारियों को महंगा पड़ गया है. उनके द्वारा पीएम सूर्य घर का प्लांट स्टॉल होने के बाद भी सिंकोनाइज करने में बेहवजह विलंब किया गया है. इसलिए विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने चार एई को शोकॉज नोटिस जारी किया है.

पीएम सूर्य घर योजना में सरकार का उद्देश्य लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना है. इसके लिए लोगों को अपने मकानों के छत पर एक किलोवॉट से आवश्यकतानुसार अधिक क्षमता का सोलर पैनल लगाना होता है. इसमें उपभोक्ताओं को एक किलोवॉट पर 30,000 रूपए तक की सब्सीडी दी जाती है. इस योजना का सोलर प्लांट लगाने के बाद विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को उसका सिकोनाइज करना होता है. इसके लिए अधिकारियों के पास एक सप्ताह का समय होता है. पीएम सूर्य घर योजना में सोलर प्लांट लगने के बाद चार सहायक अभियंता (एईर) ने गंभीर लापरवाही की. जिसके कारण बीस दिनों तक मामला लटका रहा. इसकी जानकारी होने पर विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने पीएम सूर्य घर योजना में लापरवाही बरतने वाले चार सहायक अभियंताओं को शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसमें गोल बाजार जोन के एई प्रिता देवी एक्का, सकरी एई योगेश साहू, मुंगेली जोन के प्रभारी एई ऋषि तिवारी और कोटा शहर के एई विरेन्द्र पाल यादव शामिल है. अब उनका जवाब मिलने के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बिना टेंडर कनेक्शन देने वाले एई को नोटिस

वहीं मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने बिना टेंडर एस ब्रिक्स कंपनी को ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली कनेक्शन देने वाले मस्तूरी के तत्कालीन सहायक अभियंता नरपाल सिंह पंकज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. इसमें एई ने मल्हार वितरण केंद्र के ग्राम बकरकुदा में ठेकेदार मेसर्स श्रीराम एनर्जी प्रोपराइटर हर्ष चंद्रा के साथ मिलकर एस ब्रिक्स एंड मैटेरियल्स को कंपनी के नियमों को ताक पर रखकर बिजली कनेक्शन दे दिया था.

CGPSC मामले में CBI की छापेमारी, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा- “कांग्रेस के शासन काल में हुआ करप्शन टूरिज्म”

रायपुर-  सीजीपीएससी घोटाले मामले में सीबीआई की छापेमारी में हुए खुलासे ने फिर से सियासी हलचल बढ़ा दी है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने लगातार केंद्रीय एजेंसियों पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में करप्शन टूरिज्म हुआ है.

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि क्या कांग्रेस अपने सरकार के मुखिया से पूछेंगे कि हो क्या रहा था ? हैरानी है कि रिसोर्ट में बैठाकर सीजीपीएससी का पेपर सॉल्व कराया जा रहा था. ऐसे युवा सिस्टम में घुसकर पूरे विभाग को बर्बाद करते हैं. छत्तीसगढ़ के होनहार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था. कांग्रेस के शासन काल में करप्शन टूरिज्म हुआ है.

नक्सलियों में मची खलबली : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा 

बीजापुर में 22 नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों की दो श्रेणियों में इस समय काफी ज्यादा खलबली मची हुई है. जिन लोगों को पहले बंदूक के दम पर डराकर, धमकाकर नक्सल संगठन में शामिल किया गया था और पद भी दिए गए थे, अब वे स्वयं को स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं और स्वेच्छा से पद छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं.

सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाया दुकान, गड़बड़ी में शामिल पटवारी और शिक्षक अब तोड़ रहे घर…

महासमुंद- वन विद्यालय से लगे सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से दुकान बनाए गए. अब जब जांच शुरू होने जा रहा है, तब पटवारी और शिक्षाकर्मी स्वयं इन दुकानों को तोड़ रहे हैं. 

बता दें कि बीटीआई रोड गौरवपथ स्थित वन विद्यालय से लगे खसरा नंबर 102/5 (1898 वर्ग फुट) जमीन पर बड़े झाड़ का जंगल है. इससे लगे खसरा नंबर 102/4 की जमीन की हल्का पटवारी से मिलीभगत कर जमीन दलाल समेत शासकीय शिक्षकों ने 100 और 20 रुपए के ई-स्टांप के जरिए 40 लाख रुपए में खरीद-फरोख्त की, लेकिन अपनी जमीन की बजाए जमीन दलाल समेत शासकीय कर्मचारियों ने खसरा नंबर 102/5 पर चार दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया.

फर्जीवाड़ा में पूरी प्रशासनिक तंत्र जानबूझकर अंजान बने रहा. इस कारण ही भू माफिया, दलाल और शासकीय कर्मचारियों के हौसला बढ़ता गया, जबकि सारा खेल जिला प्रशासन के नाक के नीचे होता रहा. आखिरकार अवैध निर्माण पर वन विभाग ने जांच कर इसकी रिपोर्ट प्रशासन से मांगी. राजस्व अमला ने नाप-जोख तो कर लिया, लेकिन 10 दिन बाद भी रिपोर्ट वन विभाग को मुहैया नहीं कराया है.

क्यों है राजस्व विभाग इतना सुस्त

जिला प्रशासन की ही एक इकाई वन विभाग भी होती है, लेकिन जांच के 10 दिन बाद भी रिपोर्ट डीएफओ के टेबल में न पहुंचना कहीं ना कहीं राजस्व की कार्रवाई को लेकर संकेत दे रहा है. जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में आबादी भूमि बताया गया था, और आज से 10 दिन पूर्व वहीं राजस्व हमले की टीम की जांच पर वह वन विद्यालय के लिए सुरक्षित भूमि और बड़े झाड़ का जंगल मिला है.

कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार

डीएफओ पंकज राजपूत का कहना है कि अवैध कब्जा करने वाले ही अपना कब्जा तोड़ रहे हैं. यह मेरे लिए भी इस नौकरी के कार्यकाल में बड़ा ही आश्चर्य की बात है. रही जांच की बात तो राजस्व अमले ने मेरे आवेदन पर जांच कर अभी तक रिपोर्ट मुझे नहीं सौंपा है. रिपोर्ट आ जाने पर मैं कार्रवाई करने के लिए तैयार हूं.

कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी

वहीं इस मामले में कलेक्टर विनय कुमार लंगहे ने कहा कि अगर मकान बनाने वाले स्वयं उसे तोड़ रहे हैं, तो अच्छी बात है. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी. इस तरह के अवैध कामों में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बिलासपुर महापौर के साथ 11 लोगों को कोर्ट का नोटिस, कांग्रेस महापौर प्रत्याशी ने दायर की है याचिका…

बिलासपुर- निगम चुनाव भले ही प्रदेश में संपन्न हो गया हो, लेकिन उसका असर अब भी बरकरार है. जाति प्रमाण पत्र व चुनाव खर्च को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने महापौर पूजा विधानी समेत 11 लोगों को नोटिस जारी किया है.

कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी रहे प्रमोद नायक ने जिला न्यायालय में दायर की थी. इसमें महापौर पूजा विधानी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र उपयोग करने के साथ चुनाव प्रचार में खर्च की जाने वाली निर्धारित 25 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ 5 लाख खर्च किए जाने का आरोप लगाया है. प्रमोद नायक ने महापौर का निर्वाचन शून्य घोषित कर उन्हें (याचिकाकर्ता) को निर्वाचित घोषित करने की मांग की गई है.

याचिका की सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने महापौर पूजा विधानी, कलेक्टर, ऑब्जर्वर, एडिशनल कलेक्टर, निर्वाचन आयुक्त समेत 6 अन्य में प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी.

बड़े अंतर से जीती थीं पूजा विधानी

बता दें कि बिलासपुर नगर निगम में महापौर के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी ने 1 लाख 52 हजार 11 मत हासिल किए थे, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक को 85 हजार 944 वोट मिले थे. इस तरह से पूजा विधानी ने 66 हजार 67 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. चुनाव प्रचार के दौरान भी पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा उठाया गया था.