अवैध प्लाटिंग पर 5 साल बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति, प्रापर्टी डीलरों पर सिर्फ 10-10 हजार का जुर्माना

गरियाबंद- जिला मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग पर 5 साल बाद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हुई है. प्रापर्टी डीलराें ने नियम ताक में रखकर करोड़ों की कमाई की. इससे सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान हुआ, लेकिन अब केवल 10-10 हजार जुर्माना भरकर प्रापर्टी डीलर इससे छुटकारा पा जाएंगे. वहीं खरीददारों की सांसें अटक गई है, क्योंकि नामांतरण का पुनरीक्षण के बाद निरस्त की कार्रवाई हो सकती है.

पाबंदी के बावजूद जिला मुख्यालय में पिछले कुछ सालों से अवैध प्लाटिंग व काॅलोनी बसाने का गोरख धंधा फल फूल रहा था. मामले में एक्शन लेते हुए 2019 से 2022 तक 13 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जिसमें से एक को छोड़कर 12 अवैध काॅलोनी/प्लाटिंग पर सुनवाई चली. एसडीएम ऋसा ठाकुर ने सुनवाई करते हुए पाया कि 12 प्रकरणों में अनावेदकों ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 70, धारा 98 एवं धारा 172 का उल्लंघन किया है. इसके चलते न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ( रा० ) गरियाबंद ने 20 मार्च 2025 को आदेश पारित कर अनावेदकों को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 (4) के तहत 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.

जिला प्रशासन के मुताबिक उक्त आदेश के परिपालन में 06 अनावेदक हर्षित अग्रवाल, मो. हनीफ मेमन, मो. रिजवान मेमन, मो. हनीफ मेमन, मो. जावेद मेमन, संरक्षणकर्ता सौरभ देवांगन ने 10-10 हजार रुपए चालान के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय में जमा किया है.
12 विक्रेताओं ने 100 से ज्यादा टुकड़े में बेचा कृषि भूमि
मामले की जांच में पाया गया कि नगर निवेश के अधीन आने वाले भूखंड जो कृषि प्रयोजन के थे उन्हें बगैर व्यपवर्तित करते हुए कई छोटे भूखंडों में काट बेच दिया गया. होटल सीटी रेसीडेंसी के पीछे न केवल अवैध कालोनी बसा दिया गया बल्कि उक्त कॉलोनी में पक्की सड़क की मंजूरी भी दिला दी. राजनीतिक प्रशासनिक सरंक्षण प्राप्त कुछ रसूखदार अब भी बेखौफ होकर अवैध प्लाटिंग का काम कर रहे. इस कारोबार में न तो नगर निवेश के नियमावली का पालन हुआ न तो कालोनाइजर एक्ट का पालन किया जा रहा है. पिछले कई सालों से चल रहे इस हाईलेवल के अवैध कारोबार में प्रोपर्टी डीलरों ने करोड़ों कमा लिया, जबकि वास्तविक किस्म और नियम से खरीदी बिक्री नहीं होने के कारण शासन को लाखों के स्टाम्प शुल्क का नुकसान हुआ है. अब सवाल उठता है कि क्या उन्हें महज 10 हजार का जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा या कल को कोई बड़ी कार्रवाई होगी.
छोटे भू खंडों की नामांतरण की होगी जांच
एसडीएम ने बेचने वालों पर जुर्माना लगाने के अलावा खरीदारों के छोटे भूखंडों की जानकारी भी जुटा रही है. तहसीलदार को निर्देशित कर सभी प्रकरणों के भू-खण्डों के क्रेता, विक्रेता, भू-स्वामी द्वारा किए गए सभी विक्रय, नामांतरण की जानकारी मंगाई गई है. पुनरीक्षण में अगर नियम विरुद्ध नामांतरण पाया गया तो खरीददारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
जानिए कहां-कहां हुई अवैध प्लाटिंग
1_हनीफ मेमन द्वारा ग्राम आमदी (म) में खसरा नंबर 491/1 पर
2_अब्दुल हकीम द्वारा आमदी (म) में खसरा नंबर 500 पर
3_शिशिर देवांगन द्वारा आमदी (म) में खसरा नंबर 486 पर
4_जावेद मेमन द्वारा मजरकट्टा में खसरा नम्बर 780,790,789,783,784 पर
5_हर्षित अग्रवाल द्वारा डोंगरी गांव में खसरा नम्बर 321/27 पर
6_रिजवान मेमन द्वारा पारागांव में खसरा नंबर 733 पर
7_हनीफ मेमन द्वारा केशोडार में खसरा नम्बर 29/4 में अवैध प्लाटिंग किया गया, जिसका प्रकरण दर्ज था, किंतु जिला मुख्यालय में अब भी कई रसूखदारों के अवैध कालोनी और प्लाटिंग का मामला दर्ज नहीं हुआ है, न ही वहां किसी प्रकार के प्रशासनिक रोक टोक हो रहा.
Apr 18 2025, 15:38