Ex-IAS अनिल टुटेजा के घर पर CBI की दबिश, खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज…

रायपुर- बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने टुटेजा के घर पर दबिश दी है.

बता दें कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में एक वर्ष से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के आधार पर सशर्त जमानत दी थी. लेकिन केवल ईडी के केस में राहत मिली है. उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया है, जिसकी वजह से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपियों में से एक हैं. ईडी के अनुसार, भूपेश बघेल सरकार के समय सरकारी शराब के नाम पर 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया गया है. आरोप है कि घोटाले को अनिल टुटेजा के अलावा आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट के जरिए अंजाम दिया था.

वन मंत्री के गृह क्षेत्र में प्रस्तावित चिड़ियाघर का विरोध, ग्रामीणों का आरोप- पहले बांध की वजह से किया विस्थापित

जगदलपुर- वन मंत्री केदार कश्यप के गृह क्षेत्र भानपुरी में प्रस्तावित चिड़ियाघर का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. सालेमेटा, खड़गा, छुरावण्ड, जामगांव और कमेला पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों का आरोप है कि पहले उन्हें कोसारटेडा बांध के चलते विस्थापित किया गया था, और अब चिड़ियाघर के नाम पर उनकी पुनर्वास की गई जमीन भी छीनी जा रही है. 

ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए परियोजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की. ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने कहा कि खेती ही इन परिवारों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, और सरकार रोजगार के नाम पर उन्हें गुमराह कर रही है.

विवाद के बीच जिला प्रशासन ने मामले की जांच की बात कही है. इधर सरकार कोसारटेडा क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के तहत रिसॉर्ट और चिड़ियाघर बनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन ग्रामीण इसे अपनी आजीविका पर खतरा मान रहे हैं.

पीएम सूर्य घर कनेक्शन देने में लापरवाही, 4 एई को नोटिस

रायपुर/बिलासपुर-  केन्द्र सरकार की महत्वाकांछी योजना पीएम सूर्य घर में लापरवाही बरतना 4 बिजली अधिकारियों को महंगा पड़ गया है. उनके द्वारा पीएम सूर्य घर का प्लांट स्टॉल होने के बाद भी सिंकोनाइज करने में बेहवजह विलंब किया गया है. इसलिए विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने चार एई को शोकॉज नोटिस जारी किया है.

पीएम सूर्य घर योजना में सरकार का उद्देश्य लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना है. इसके लिए लोगों को अपने मकानों के छत पर एक किलोवॉट से आवश्यकतानुसार अधिक क्षमता का सोलर पैनल लगाना होता है. इसमें उपभोक्ताओं को एक किलोवॉट पर 30,000 रूपए तक की सब्सीडी दी जाती है. इस योजना का सोलर प्लांट लगाने के बाद विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को उसका सिकोनाइज करना होता है. इसके लिए अधिकारियों के पास एक सप्ताह का समय होता है. पीएम सूर्य घर योजना में सोलर प्लांट लगने के बाद चार सहायक अभियंता (एईर) ने गंभीर लापरवाही की. जिसके कारण बीस दिनों तक मामला लटका रहा. इसकी जानकारी होने पर विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने पीएम सूर्य घर योजना में लापरवाही बरतने वाले चार सहायक अभियंताओं को शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसमें गोल बाजार जोन के एई प्रिता देवी एक्का, सकरी एई योगेश साहू, मुंगेली जोन के प्रभारी एई ऋषि तिवारी और कोटा शहर के एई विरेन्द्र पाल यादव शामिल है. अब उनका जवाब मिलने के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बिना टेंडर कनेक्शन देने वाले एई को नोटिस

वहीं मुख्य अभियंता ए. के. अंबष्ट ने बिना टेंडर एस ब्रिक्स कंपनी को ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली कनेक्शन देने वाले मस्तूरी के तत्कालीन सहायक अभियंता नरपाल सिंह पंकज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. इसमें एई ने मल्हार वितरण केंद्र के ग्राम बकरकुदा में ठेकेदार मेसर्स श्रीराम एनर्जी प्रोपराइटर हर्ष चंद्रा के साथ मिलकर एस ब्रिक्स एंड मैटेरियल्स को कंपनी के नियमों को ताक पर रखकर बिजली कनेक्शन दे दिया था.

CGPSC मामले में CBI की छापेमारी, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा- “कांग्रेस के शासन काल में हुआ करप्शन टूरिज्म”

रायपुर-  सीजीपीएससी घोटाले मामले में सीबीआई की छापेमारी में हुए खुलासे ने फिर से सियासी हलचल बढ़ा दी है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने लगातार केंद्रीय एजेंसियों पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में करप्शन टूरिज्म हुआ है.

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि क्या कांग्रेस अपने सरकार के मुखिया से पूछेंगे कि हो क्या रहा था ? हैरानी है कि रिसोर्ट में बैठाकर सीजीपीएससी का पेपर सॉल्व कराया जा रहा था. ऐसे युवा सिस्टम में घुसकर पूरे विभाग को बर्बाद करते हैं. छत्तीसगढ़ के होनहार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था. कांग्रेस के शासन काल में करप्शन टूरिज्म हुआ है.

नक्सलियों में मची खलबली : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा 

बीजापुर में 22 नक्सलियों की गिरफ्तारी को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों की दो श्रेणियों में इस समय काफी ज्यादा खलबली मची हुई है. जिन लोगों को पहले बंदूक के दम पर डराकर, धमकाकर नक्सल संगठन में शामिल किया गया था और पद भी दिए गए थे, अब वे स्वयं को स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं और स्वेच्छा से पद छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं.

सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाया दुकान, गड़बड़ी में शामिल पटवारी और शिक्षक अब तोड़ रहे घर…

महासमुंद- वन विद्यालय से लगे सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से दुकान बनाए गए. अब जब जांच शुरू होने जा रहा है, तब पटवारी और शिक्षाकर्मी स्वयं इन दुकानों को तोड़ रहे हैं. 

बता दें कि बीटीआई रोड गौरवपथ स्थित वन विद्यालय से लगे खसरा नंबर 102/5 (1898 वर्ग फुट) जमीन पर बड़े झाड़ का जंगल है. इससे लगे खसरा नंबर 102/4 की जमीन की हल्का पटवारी से मिलीभगत कर जमीन दलाल समेत शासकीय शिक्षकों ने 100 और 20 रुपए के ई-स्टांप के जरिए 40 लाख रुपए में खरीद-फरोख्त की, लेकिन अपनी जमीन की बजाए जमीन दलाल समेत शासकीय कर्मचारियों ने खसरा नंबर 102/5 पर चार दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया.

फर्जीवाड़ा में पूरी प्रशासनिक तंत्र जानबूझकर अंजान बने रहा. इस कारण ही भू माफिया, दलाल और शासकीय कर्मचारियों के हौसला बढ़ता गया, जबकि सारा खेल जिला प्रशासन के नाक के नीचे होता रहा. आखिरकार अवैध निर्माण पर वन विभाग ने जांच कर इसकी रिपोर्ट प्रशासन से मांगी. राजस्व अमला ने नाप-जोख तो कर लिया, लेकिन 10 दिन बाद भी रिपोर्ट वन विभाग को मुहैया नहीं कराया है.

क्यों है राजस्व विभाग इतना सुस्त

जिला प्रशासन की ही एक इकाई वन विभाग भी होती है, लेकिन जांच के 10 दिन बाद भी रिपोर्ट डीएफओ के टेबल में न पहुंचना कहीं ना कहीं राजस्व की कार्रवाई को लेकर संकेत दे रहा है. जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में आबादी भूमि बताया गया था, और आज से 10 दिन पूर्व वहीं राजस्व हमले की टीम की जांच पर वह वन विद्यालय के लिए सुरक्षित भूमि और बड़े झाड़ का जंगल मिला है.

कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार

डीएफओ पंकज राजपूत का कहना है कि अवैध कब्जा करने वाले ही अपना कब्जा तोड़ रहे हैं. यह मेरे लिए भी इस नौकरी के कार्यकाल में बड़ा ही आश्चर्य की बात है. रही जांच की बात तो राजस्व अमले ने मेरे आवेदन पर जांच कर अभी तक रिपोर्ट मुझे नहीं सौंपा है. रिपोर्ट आ जाने पर मैं कार्रवाई करने के लिए तैयार हूं.

कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी

वहीं इस मामले में कलेक्टर विनय कुमार लंगहे ने कहा कि अगर मकान बनाने वाले स्वयं उसे तोड़ रहे हैं, तो अच्छी बात है. लेकिन सरकारी कर्मचारियों की जांच होकर रहेगी. इस तरह के अवैध कामों में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बिलासपुर महापौर के साथ 11 लोगों को कोर्ट का नोटिस, कांग्रेस महापौर प्रत्याशी ने दायर की है याचिका…

बिलासपुर- निगम चुनाव भले ही प्रदेश में संपन्न हो गया हो, लेकिन उसका असर अब भी बरकरार है. जाति प्रमाण पत्र व चुनाव खर्च को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने महापौर पूजा विधानी समेत 11 लोगों को नोटिस जारी किया है.

कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी रहे प्रमोद नायक ने जिला न्यायालय में दायर की थी. इसमें महापौर पूजा विधानी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र उपयोग करने के साथ चुनाव प्रचार में खर्च की जाने वाली निर्धारित 25 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ 5 लाख खर्च किए जाने का आरोप लगाया है. प्रमोद नायक ने महापौर का निर्वाचन शून्य घोषित कर उन्हें (याचिकाकर्ता) को निर्वाचित घोषित करने की मांग की गई है.

याचिका की सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने महापौर पूजा विधानी, कलेक्टर, ऑब्जर्वर, एडिशनल कलेक्टर, निर्वाचन आयुक्त समेत 6 अन्य में प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी.

बड़े अंतर से जीती थीं पूजा विधानी

बता दें कि बिलासपुर नगर निगम में महापौर के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी ने 1 लाख 52 हजार 11 मत हासिल किए थे, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक को 85 हजार 944 वोट मिले थे. इस तरह से पूजा विधानी ने 66 हजार 67 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. चुनाव प्रचार के दौरान भी पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा उठाया गया था.

छत्तीसगढ़ में फैशन शिक्षा को नई उड़ान- मुख्यमंत्री श्री साय की कैबिनेट ने नवा रायपुर में एन.आई.एफ.टी. कैम्पस की स्थापना की दी मंजूरी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में फैशन शिक्षा और औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में नवा रायपुर में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.एफ.टी.) के नए कैम्पस की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 271.18 करोड़ रुपये है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए फैशन शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर खोलेगा, बल्कि राज्य में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.एफ.टी.) भारत में फैशन डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी संस्थानों में से एक है। 1986 में कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत स्थापित इस संस्थान के वर्तमान में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु सहित देश भर में 17 परिसर हैं। नवा रायपुर में स्थापित होने वाला यह 18वां नया कैम्पस छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि होगी। यह संस्थान फैशन डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन प्रबंधन और फैशन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करेगा। साथ ही, यह फैशन उद्योग के साथ सहयोग के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्लेसमेंट के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।

नवा रायपुर में एन.आई.एफ.टी. की स्थापना से छत्तीसगढ़ के युवाओं को विश्वस्तरीय फैशन शिक्षा प्राप्त करने का अवसर अपने राज्य में ही मिलेगा। यह संस्थान तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करके फैशन और टेक्सटाइल उद्योग को मजबूती प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य राज्य के युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। नवा रायपुर में एन.आई.एफ.टी. कैम्पस की स्थापना न केवल फैशन शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को औद्योगिक और आर्थिक विकास के नए शिखर पर ले जाएगी।

नवा रायपुर एक उभरता हुआ वैश्विक केंद्र

नवा रायपुर, जो पहले से ही एक स्मार्ट सिटी के रूप में अपनी पहचान बना चुका है, अब शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में भी एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। एन.आई.एफ.टी. कैम्पस की स्थापना से नवा रायपुर को फैशन और टेक्सटाइल उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बनने का अवसर मिलेगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की छवि को भी निखारेगी।

वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने विशेष क्षेत्रों में लगेंगे शिविर, बढ़ाए जाएंगे काउंटर, परिवहन सचिव ने बैठक में दिए निर्देश

रायपुर- वाहनों में हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के कार्य में तेजी लाने के लिए अनुबंधित कम्पनियों द्वारा शिविर लगाये जाएंगे। कम्पनियों की यूनिटों में कार्यबल बढ़ाया जाएगा। साथ ही हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की सुविधा जिला परिवहन कार्यालयों में भी उपलब्ध होगी। परिवहन सचिव एवं आयुक्त एस. प्रकाश ने आज इस कार्य के लिए अनुबंधित कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कार्य की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में परिवहन अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक में इस कार्य में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देश के अनुपालन में राज्य में वाहनों में हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

बैठक में परिवहन सचिव ने वाहन स्वामी के पंजीकृत वाहन में मोबाईल नंबर अपडेट करने के लिए परिवहन कार्यालय में काउण्टरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम जनता को एचएसआरपी लगाने की सरल, सुलभ प्रक्रिया तथा विभागीय वेबसाईट cgtransport.gov.in के उपयोग करने के संबंध में जागरूक किया जाए। साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता के बीच एचएसआरपी नंबर प्लेट की महत्ता एवं उपयोगिता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। आम जनता की सुविधा के लिए एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया तथा संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जिलास्तर पर भी मोबाईल नंबर जारी किए जाएंगे।

बैठक में अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने फिटमेंट सेंटर के कार्यबल, तकनीकी उपकरणों सहित जिला परिवहन कार्यालयों में आम जनता, वाहन स्वामियों को एचएसआरपी फिटेड कराने की सुविधा मुहैया कराये। इसके अतिरिक्त अनुबंधित कंपनियां विशेष क्षेत्रों में इस हेतु शिविरों का आयोजन करें, जिसमें परिवहन कार्यालय से संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। अनुबंधित कंपनियों को आबंटित जिलों में एचएसआरपी लगाने हेतु उपलब्ध यूनिट, इकाई व कार्यबल में वृद्धि कर कम समय में फिटिंग कार्य करने, एचएसआरपी लगाने हेतु आवेदन की प्रक्रिया, फिटमेंट सुविधा, घर पहुंच सुविधा एवं निर्धारित शुल्क के संबंध में अवगत कराना सुनिश्चित करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। अनुबंधित कम्पनियों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे जिले में खोले गये फिटमेंट सेंटर, प्रतिनिधि की जानकारी, संपर्क नंबर इत्यादि को सार्वजनिक रूप से आम जनता को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें।

बैठक में अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर, संयुक्त परिवहन आयुक्त यू.बी.एस. चौहान, उप परिवहन आयुक्त मनोज कुमार धु्रव, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी युगेश्वरी वर्मा तथा रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जगदलपुर, धमतरी, जॉजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़ के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त अनुबंधित कंपनी रोसमार्टा के मुकेश मल्होत्रा तथा रियल मेजॉन कम्पनी के विश्वजीत मुखर्जी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी स्थित शहीद स्मारक भवन में लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रफुल्ल विश्वकर्मा को नये दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज एवं वन आदि प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ एक समृद्ध राज्य है। यहां लौह अयस्क, कोयला, टीन, बक्साइड, चूना पत्थर से लेकर लिथियम सहित अन्य महत्वपूर्ण खनिज पर्याप्त मात्रा मौजूद हैं। इसी तरह वन संसाधनों के मामलों में भी छत्तीसगढ़ एक अग्रणी राज्य है। राज्य में मौजूदा संसाधनों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर मोदी की गारंटी के अनुरूप देश के साथ साथ छत्तीसगढ़ को भी 2047 तक विकसित राज्य बनाना है। इसके तहत राज्य में सभी समाज और वर्गों के विकास के पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। यहां कृषि औजारो के निर्माण सहित विभिन्न शिल्प कलाओं के निर्माण में लौह शिल्पकारों की प्राचीन काल से ही अहम भूमिका रही है। हमारे प्रदेश के हर क्षेत्र एवं हर गांव में लौह शिल्प से जुड़े शिल्पकार निवासरत है और वो अपनी जीविकोपार्जन के लिए ही नहीं बल्कि अपने परम्परागत व्यवसाय के माध्यम निर्माण के क्षेत्र में अहम भागदारी निभा रहे। नवनियुक्त अध्यक्ष श्री विश्वकर्मा के नेतृत्व में बोर्ड शिल्पकारों के उत्थान एवं शिल्प कला को नई ऊंचाइया प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन है। आज हमने प्रदेश के लिए 20 अग्निशमन वाहनों का लोकार्पण किया। गर्मी के दिनों में आग लगने की घटना अधिक होती है। उनसे बचाव के लिए अग्निशमन वाहन उपयोगी साबित होंगे। आज कैबिनेट की बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया है। जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के कैम्पस की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई। यह कैम्पस नवा रायपुर में स्थापित होगा। इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। भारत में फैशन शिक्षा का यह एक प्रमुख संस्थान है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने भी सभा को संबोधित करते हुए विश्वकर्मा समाज का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। कहते है भगवान श्री विश्वकर्मा इस सुंदर संसार का सृजन किए। पहले गांव में कोई भी कार्य विश्वकर्मा समाज के लोगों के बिना पूर्ण नहीं हो पाता था चाहे कृषि का कार्य हो या शादी-ब्याह। सभी में लोहे से बने औजारों का उपयोग करते थे। आज लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के माध्यम से ऐसे प्रतिभाशाली शिल्पकारों को पहचान कर उनकी प्रतिभा को निखारने की जरूरत है। उन्होंने लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के नए अध्यक्ष प्रफुल्ल विश्वकर्मा को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस दौरान जगदलपुर विधायक किरण देव सिंह ने कहा कि प्रफुल्ल विश्वकर्मा बहुत ही सहज सरल एवं अनुभवी है। वह सभी को साथ में लेकर चलने वाले लोगों में शामिल है। निश्चित ही उनके नेतृत्व में बस्तर से लेकर सरगुजा तक शिल्पकला को एक नया मुकाम मिलेगा।

इस अवसर पर महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी, विधायकगण सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, रायपुर की महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता, भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, छत्तीसगढ़ निःशुक्त जन वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लोकेश कवाड़िया, राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन, छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार बोर्ड के अध्यक्ष ध्रुव कुमार मिर्घा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा, छग राजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष प्रहल्लाद रजक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. विश्वकर्ता, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अध्यक्ष शशांक शर्मा, रायपुर विकास प्राधिकारण के अध्यक्ष नंदे साहू, किशोर महानंद सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने मैग्नेटो मॉल में देखी छत्तीसगढ़ी फिल्म 'सुहाग', बोले– फिल्म सिटी से मिलेगा छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नया आकाश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित मैग्नेटो मॉल के सिनेमाघर में छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘सुहाग’ के विशेष प्रदर्शन को देखने पहुँचे। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले पद्मश्री सम्मानित और धरसीवा के विधायक अनुज शर्मा के अभिनय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया था, और आज यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा कितनी खूबसूरती से अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सांसद रूपकुमारी चौधरी, विधायक किरण देव सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि और आयोगों/मंडलों के नवनियुक्त अध्यक्षगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘सुहाग’ एक पारिवारिक फिल्म है और भारत में पारिवारिक मूल्यों पर आधारित फिल्मों का सदा से विशेष स्थान रहा है। उन्होंने याद किया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म 'मोर छइहां भुइहां' भी पारिवारिक थी, और अब ‘सुहाग’ उसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है। फिल्म के माध्यम से छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, रिश्तों की गरिमा और पारिवारिक जीवन की सहजता को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

श्री साय ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की प्रतिभाओं की भी सराहना करते हुए कहा हमारे कलाकार, निर्देशक और पूरी यूनिट मेहनत और लगन से कार्य करते हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ी सिनेमा आज दर्शकों के दिलों को छू रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित फिल्म सिटी का निर्माण, छत्तीसगढ़ी सिनेमा को बेहतर अधोसंरचना, बेहतर अवसर और राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। इससे स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की सांस्कृतिक पहचान और अधिक सशक्त होगी।