विष्णु के सुशासन में औद्योगिक विकास को मिल रही नई दिशा : सीएम साय ने कहा-

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं. आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है.

बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयां संचालित हैं. बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं. एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियां यहां स्थापित हैं. संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है.

विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले. इस्पात उद्योग के लिए 15  वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है.

विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है, जिसमें 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है. अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है. युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप  तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है. स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है. इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है. ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है.  स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है.

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें. यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है. यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी. उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी.

जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य,  बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

ईडी के खिलाफ कल देशभर में कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में भी कांग्रेसी नेशनल हेराल्ड की संपत्ति सीज करने का करेंगे विरोध

रायपुर-  नेशनल हेराल्ड की संपत्ति सीज करने के मामले में कांग्रेस कल देशभर में ईडी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ में भी रायपुर सहित हर जिले और तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसकी जानकारी सभी जिला और शहर अध्यक्षों को भेज दी है. रायपुर में दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू होगा, जिसमें पीसीसी चीफ सहित कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

बता दें कि कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ED ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं. मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी.

कोर्ट ने ED से मामले की केस डायरी भी मांगी है. 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी. 12 अप्रैल 2025 को जांच के दौरान कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई. ED ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया था. इससे पहले मंगलवार को ही सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस पहुंचे, जहां उनसे गुरुग्राम के शिकोहपुर लैंड घोटाले में पूछताछ हुई.


जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था. आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया. स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया. अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी.

छज्जा गिरने से बच्चे की मौत का मामला : जनहित याचिका पर आज फिर हुई सुनवाई, कलेक्टर ने हाईकोर्ट में पेश किया शपथपत्र

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बीते 30 मार्च को मकान का छज्जा गिरने से बच्चे की मौत हो गई थी. इस हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की. मंगलवार को मुख्य नयायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश की बैंच ने सुनवाई की. इस दौरान बिलासपुर कलेक्टर अवनीश ने पूर्व आदेश के अनुपालन में शपथपत्र पेश किया. कोर्ट को बताया गया कि डीजे वाहन की टक्कर से यह घटना हुई, न कि तेज आवाज के कारण. मामले में अगली सुनवाई जून महीने में होगी.

बिलासपुर कलेक्टर ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस पूरे मामले में डीजे और वाहन मालिक सहित चालक पर प्रथम सूचना रिपोर्ट की गई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

मीडिया जानकारी में बताया गया कि बीते 30 मार्च की शाम को मल्हार के केंवटपारा में हिन्दू नववर्ष के मौके पर जुलूस निकाला गया था. इस दौरान डीजे की तेज आवाज के कारण एक मकान की बालकनी गिर गई, जिससे नीचे खड़े कई लोग घायल हो गए. पांच लोग घायल हैं, जिनमें चार बच्चे हैं. इलाज के दौरान घायल बच्चे की मौत हो गई थी. 

उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने रिपोर्ट पेश करते हुए कोर्ट में बताया कि मामले का तथ्य यह है कि जिस वाहन पर डीजे लगा था, उससे बालकनी गिरी और इस तरह यह घटना घटी. इसके मद्देनजर, जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर, बिलासपुर ने उपरोक्त समाचार रिपोर्ट के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया है. बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए सभी तथ्यों पर बारीकी से नजर डालते हुए हलफनामा स्वीकार किया.

पुलिस ने पकड़ी 56 किलो चांदी… ले जाने के तरीके से पुलिस शॉक्ड

रायपुर-  राजधानी रायपुर की खमतराई थाना पुलिस ने 56 किलो चांदी जब्त की है. इसकी कीमत करीब 60 लाख रूपए आंकी गई है. पुलिस के सूत्र बताते है कि ये चांदी युवक दुपहिया वाहन में बोरे में भरकर ले जा रहे थे. संदेह के आधार पर उन्हें जब रोका गया तो पुलिस के होश उड़ गए जब उन्होंने ये देखा कि बोरे के अंदर चांदी भरी हुई है. वजन करने पर पता चला कि ये चांदी 56 किलो 300 ग्राम है. इसे महाराष्ट्र से लाना बताया जा रहा है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि इस चांदी की खरीदी के दस्तावेज सही है या नहीं, पुलिस ये भी जांच करने में जुट गई है कि ये किस व्यापारी की चांदी है.

खमतराई पुलिस के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति दोपहिया वाहन पर अवैध रूप से एल्यूमिनियम जैसी चांदी की सिल्लियां ले जा रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश और थाना प्रभारी खमतराई के नेतृत्व में पुलिस ने भनपुरी चौक पर नाकाबंदी की. इस दौरान एक ईवी स्कूटर (Ather, नंबर CG 04 PQ 8047) को रोका गया, जिसमें दो लोग सवार थे. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम ओंकार जाधव (23 वर्ष) और अजय गेजगे (23 वर्ष), दोनों महाराष्ट्र निवासी, बताया.

पुलिस ने उनके थैले की तलाशी ली, जिसमें 115 सिल्लियां (कुल 56.3 किलोग्राम) एल्यूमिनियम जैसी चांदी की मिलीं. आरोपियों से इनके परिवहन और स्वामित्व के वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई कागजात पेश नहीं कर सके. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से चांदी की सिल्लियों के साथ-साथ परिवहन में प्रयुक्त स्कूटर को भी जब्त कर लिया.

आरोपियों के खिलाफ थाना खमतराई में इस्तगासा क्रमांक 02/2025, धारा 35(1), ई बीएनएसएस/303(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 'विकसित बस्तर की ओर' विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर समेत बस्तर संभाग के किसान,  कृषि उद्योग से जुड़े गणमान्य स्थानीय उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों, व्यापरियों कृषि से सम्बंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा की बस्तर को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है। बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए हमे खेती पर ज्यादा जोर देना है , विशेषकर यहां के सीमांत किसानों पर ध्यान देना है। श्री साय ने कहा कि बस्तर के लिए कृषि सबसे बेहतर विकल्प है, इससे स्थानीय जनजातियां जुड़ी हुयी है और लोग अपनी रुचि के अनुसार काम करेंगे तो उसमे सफल भी होंगे। कृषि के विकास के लिए हमने बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें मक्के की खेती को बढ़ाना पड़ेगा। ये कम लागत में तैयार होने वाली और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। मक्का के लिए बस्तर की जलवायु काफी अनुकूल है। इसके साथ ही यहां मिलेट्स उत्पादन का काफी ज्यादा स्कोप है, इसकी खेती पर हमे विशेष काम करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और संभावनाओं का संगम है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सशक्त नीति, पारदर्शी प्रशासन और जनभागीदारी से साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बस्तर को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद हमारे प्रदेश के लिए एक कलंक की तरह रहा है, केन्द्र सरकार के सहयोग से इसे समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल नाश किया जाए और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद केवल सुरक्षा की चुनौती नहीं है, बल्कि यह विकास की कमी का परिणाम है। इसलिए आवश्यक है कि हम बस्तर के हर गांव और हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करें।

परिचर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कृषि क्षेत्र के विकास संबंधी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधा का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, फसल ऋण की सुलभता और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। बस्तर संभाग में इस समय 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के रूप में 64.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र परिवारों का सत्यापन कर उन्हें भी योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर में 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय, 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज और 1 कृषक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 29 उद्यान रोपणियाँ, 9 शासकीय मत्स्य प्रक्षेत्र, एक पोल्ट्री प्रक्षेत्र तथा एक शासकीय सुअर पालन केंद्र भी कार्यरत हैं। केसीसी कवरेज वर्तमान में 86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आगामी तीन वर्षों में 1.25 लाख नए केसीसी जारी करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर के गांव से किया मोर दुआर-साय सरकार महाअभियान का शुभारंभ

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बस्तर जिले के ग्राम घाटपदमपुर से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण के लिए प्रदेशव्यापी मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री इस दौरान उन्होंने घाटपदमपुर के कई हितग्राहियों के घर पहुंचकर स्वयं सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।

इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम घाटपदमपुर आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी और नवनिर्मित घरों को देखकर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने किया पात्र परिवारों का सर्वे

मुख्यमंत्री श्री साय जब हितग्राही शिलोमणि कश्यप एवं करुणा कश्यप के घर पहुंचे तब परिवारजनों ने उनका परंपरागत रूप से आत्मीय स्वागत किया। शिलोमणि कश्यप ने बताया कि उनके परिवार में कुल पाँच सदस्य हैं पति हरिसिंह, बेटा अभिनव जो 9वीं कक्षा में पढ़ता है, बेटी अनुप्रिया (8वीं कक्षा) और छोटा बेटा अभिषेक जो तीसरी कक्षा में है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार वर्षों से पक्के मकान का सपना देख रहा था, जो अब इस योजना के तहत पूरा होता नजर आ रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव की एक अन्य हितग्राही लूदरी कश्यप के घर का भी सर्वेक्षण किया। उन्होंने स्वयं ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। इस दौरान लूदरी कश्यप ने भावुक होकर कहा कि बरसों से पक्के मकान का सपना देखा था, आज वह साकार होता दिख रहा है। यह मेरे लिए बेहद भावुक क्षण है। लूदरी कश्यप ने यह भी साझा किया कि बरसात के दिनों में कच्चे घर में सांप का डर और घर की मरम्मत पर होने वाले खर्च से वे परेशान रहती थीं। उन्होंने कहा कि अब इस योजना से उन्हें इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।

लूदरी कश्यप ने बताया कि उनके साथ पति मनबोध कश्यप, बहू करुणा कश्यप, पुत्र ईश्वर कश्यप और पोता रहते हैं। लूदरी कश्यप ने कहा कि उनका पूरा परिवार मजदूरी पर निर्भर है और सीमित आय के चलते पक्के मकान का निर्माण संभव नहीं हो पा रहा था। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उनका एक सुरक्षित और स्थायी पक्का मकान का सपना जल्द ही पूरा होगा। ग्राम पंचायत घाटपदमपुर की कुल जनसंख्या 2,078 है, जिसमें वर्तमान में 583 परिवार निवासरत हैं। इस पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पूर्व में स्थायी प्रतीक्षा सूची के आधार पर 11 परिवारों को आवास की स्वीकृति दी गई थी, जिनके मकानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

महतारी वंदन योजना बनी सहारा

मुख्यमंत्री श्री साय को ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है। इस योजना से उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है, जिससे वे अपने दैनिक खर्चों के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए भी कुछ बचत कर पा रहे हैं।

हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।

इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम जगदलपुर के महापौर संजय पाण्डे सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

साय कैबिनेट की बैठक 17 को, कई अहम फैसलों पर लग सकती है मुहर

रायपुर- नए वित्तीय वर्ष की साय कैबिनेट की पहली बैठक 17 अप्रैल को होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. यह बैठक दोपहर 12.30 बजे मंत्रालय में होगी. पिछले कैबिनेट बैठक में मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने समेत कई निर्णय लिए थे.

अग्रवाल समाज का सम्मान समारोह : निकाय चुनाव में निर्वाचित अग्रबंधुओं का हुआ सम्मान, सांसद बृजमोहन बोले –

रायपुर-  अग्रवाल सभा रायपुर एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें नगरीय निकाय चुनाव में पूरे छत्तीसगढ़ से निर्वाचित हुए अग्रबंधुओं का सम्मान किया गया. मैक काॅलेज सभागार समता काॅलोनी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन ने कहा, अग्रवाल समाज को बिजनेस के साथ सेवा का भी काम ज्यादा करना चाहिए. राजनीति और सार्वजनिक पदों में अग्रवाल समाज के अग्रबंधु संख्या बढ़ाने का प्रयास करें.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अमर अग्रवाल पूर्व मंत्री, राजेश अग्रवाल विधायक अंबिकापुर, संपत अग्रवाल विधायक बसना और राजीव अग्रवाल अध्यक्ष सीएसआईडीसी मौजूद रहे. अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल, कार्यक्रम प्रभारी द्वय योगी अग्रवाल और बिसंबर अग्रवाल, प्रचार प्रसार प्रभारी प्रमोद जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और जिला पंचायत में पूरे छत्तीसगढ़ से विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में अग्रबंधु निर्वाचित हुए हैं. सभी का समाज की ओर से सम्मान किया गया.

कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान

1. राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष CSIDC रायपुर 2. नवीन अग्रवाल खरोरा अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर, 3. रमन अग्रवाल अध्यक्ष रामानुजगंज नगर पालिका 4. श्याम सुन्दर अग्रवाल अध्यक्ष नगर पालिका सक्ती, 5. कमल गर्ग अध्यक्ष खरसिंया नगर पालिका, 6. राकेश जालान अध्यक्ष पेंड्रा नगर पालिका. 7. डाक्टर खूशबू अग्रवाल अध्यक्ष बसना नगर पंचायत 8. अनीता चंदन अग्रवाल अध्यक्ष थान खमरिया नगर पंचायत, 9. कमलेश अग्रवाल अध्यक्ष सरिया नगर पंचायत 10. कपिल सिंघानिया अध्यक्ष लैलूंगा नगर पंचायत 11. नेहा सन्नी बंसल उपाध्यक्ष लखनपुर नगर पालिका, 12. शैलेश अग्रवाल उपाध्यक्ष नगर पालिका सूरजपुर 13. अंबर अग्रवाल पार्षद एवं जोन अध्यक्ष रायपुर नगर निगम 14. कृतिका जैन पार्षद रायपुर नगर निगम 15 निलेश अग्रवाल पार्षद दुर्ग नगर निगम 16. अरुण अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 17. दीपक अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 18. दीपक कुमार अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 19. दीपा विकास अग्रवाल पार्षद शक्ति नगर पालिका 20. गायत्री सचिन अग्रवाल पार्षद लखनपुर नगर पालिका 21. सुनील अग्रवाल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका, 22. मंजू बंसल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका 23 मंजू प्रदीप गोयल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 24. मुकेश गर्ग पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 25 प्रमोद तायल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका आदि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया.

जिन स्थानों से जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं उन स्थानों के अग्रवाल सभा के अध्यक्ष और पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्रवाल सभा एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के सभी पदाधिकारियों के साथ युवा महिला युवती विंग का अहम योगदान रहा.

उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष मंडल बने स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष, निशांत खेतान को मिली महासचिव की जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। रायपुर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष कुमार मंडल को छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CGSIMA) का नया अध्यक्ष चुना गया है। वहीं, युवा उद्योगपति निशांत खेतान को एसोसिएशन का महासचिव नियुक्त किया गया है।

बता दें कि आरती स्पंज एंड पावर लिमिटेड के निदेशक डॉ. मनीष मंडल को सर्वसम्मति से यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। उद्योग जगत में उनका अनुभव और योगदान किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले भी वे मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन सहित कई औद्योगिक संगठनों में अपनी नेतृत्व क्षमता दिखा चुके हैं। स्टील उद्योग की दशा और दिशा को बेहतर करने में उनका योगदान सराहनीय रहा है।

नए अध्यक्ष और महासचिव की ताजपोशी के बाद उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। कई वरिष्ठ उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों ने दोनों को बधाइयाँ और शुभकामनाएं दी हैं। सभी को पूरी उम्मीद है कि निश्चित तौर पर इनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के स्पंज और स्टील सेक्टर को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। एसोसिएशन में यह बदलाव उस वक्त हुआ है जब उद्योग कई चुनौतियों से जूझ रहा है, कच्चे माल की कीमतें, पर्यावरण मानक, और तकनीकी आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। ऐसे में डॉ. मंडल और निशांत खेतान की जोड़ी से बड़े फैसलों और ठोस पहल की उम्मीद की जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की बस्तर अंचल को बड़ी सौगात, जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ किया। इस कार्यालय के प्रारंभ होने से बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के विभागीय कामकाज में काफी सुविधा होगी। जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों के सर्वेक्षण, डीपीआर निर्माण और तकनीकी स्वीकृति में तेजी आएगी। पहले इन कार्यों की स्वीकृति के लिए रायपुर जाना पड़ता था। अब ये काम संभागीय मुख्यालय बस्तर में ही हो सकेंगे।

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के विशेष पहल से शुरू हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नवीन कार्यालय में विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी बजट में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में यह कार्यालय जगदलपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय इंद्रावती परियोजना मंडल भवन के ऊपरी तल में संचालित हो रहा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम महापौर संजय पांडेय एवं जिला पंचायत अध्यक्ष वेदमती कश्यप, वित्त आयोग के अध्यक्ष निवास राव मद्दी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के. एस. भंडारी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।