ध्यान दें! गाड़ी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना हुआ अनिवार्य, नहीं लगाया है तो अब कटेगा चालान…

रायपुर- अगर आपने गाड़ी अप्रैल 2019 से पहले खरीदी है तो तत्काल हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन (नंबर) प्लेट (एचएसआरपी) लगवा लिजिए, नहीं तो जांच के दौरान पकड़े जाने पर आपको 500 से दस हजार रुपए तक का चालान अदा करना पड़ जाएगा. परिवहन विभाग एचएसआरपी के लिए 15 अप्रैल तक का समय तय किया था, जिसके बाद से अब चालानी कार्रवाई की जाएगी. 

प्रदेशभर में 40 लाख और रायपुर जिले में दस लाख से अधिक वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाया जाना है. पिछले कुछ महीने के भीतर मात्र 60 हजार वाहनों में ही नंबर प्लेट लगवाया गया है. ऐसे में अब परिवहन विभाग और यातायात पुलिस मिलकर कार्रवाई करेगी.

40 लाख वाहनों में लगनी है नंबर प्लेट

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में 60 हजार से अधिक और रायपुर जिले में 24,903 वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाए जा चुके है. वहीं 35 हजार वाहनों का पंजीयन कराया गया है. मगर, करीब 40 लाख वाहनों में इसे लगाया जाना है. इसके लिए रोसमार्टा सेटी और रियल मेजान इंडिया लिमिटेड कंपनी के साथ ही ऑटोमोबाइल डीलरों को नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.

कलेक्ट्रेट में खुला काउंटर

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने के लिए रायपुर कलेक्ट्रेट में एक काउंटर खुल चुका है, ताकि वाहन चालकों को कोई परेशानी न हो. यहां बाइक के लिए 365 रुपए और कार के लिए 500 रुपए से अधिक निर्धारित शुल्क लेकर एचएसआरपी बनाकर दिए जा रहे हैं.

ये हैं निर्धारित शुल्क

दोपहिया, ट्रैक्टर और ट्रेलर का शुल्क जीएसटी सहित 365.80 रुपये, तीन पहिया के लिए 427.16 रुपये, हल्के मोटरयान के लिए 656.08 रुपये और पैसेंजर कार के लिए 705.64 रुपये निर्धारित किया गया है. सभी भुगतान डिजिटल मोड से किए जा रहे हैं.

सभी वाहनों में एचएसआरपी अनिवार्य

अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने बताया कि एक अप्रैल 2019 के पहले के दोपहिया, चार पहिया वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए सभी आरटीओ को निर्देश जारी किए जा चुके हैं. 15 अप्रैल के बाद बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों पर केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के अनुसार चालानी कार्रवाई की जाएगी.

देखिए गवर्नमेंट नोटिफिकेशन –

खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय में विवादों के बीच डॉ. लवली शर्मा ने संभाला कुलपति का पदभार, ABVP के विरोध पर कांग्रेस विधायक ने कही यह बात…

खैरागढ़-  छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय में इन दिनों मधुर सुर-ताल की जगह विरोध और आरोपों की गूंज सुनाई दे रही है. नई कुलपति की नियुक्ति को लेकर ABVP छात्र संघ लगातार विरोध कर रहे हैं. इन विवादों के बीच डॉ. लवली शर्मा ने बेबाकी से कुलपती का पदभार संभाल लिया है. लेकिन इस नियुक्ति को लेकर सियासत अभी खत्म नहीं हुई है…

डॉ. लवली शर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर दिया बयान

बता दें, बीते दिन कार्यभार ग्रहण करने से पहले डॉ. शर्मा सीधे दंतेश्वरी माता मंदिर पहुंचीं. वहां उन्होंने पूजा-अर्चना कर अपनी नई जिम्मेदारियों के लिए आशीर्वाद लिया. फिर वे विश्वविद्यालय परिसर पहुंचीं और राजा-रानी व राजकुमारी इंदिरा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर नमन किया. यह एक परंपरागत शुरुआत थी. कुछ ही देर बाद नव नियुक्त कुलपति डॉ. शर्मा मीडिया से रूबरू हुईं. इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा कि “अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने कहीं दो रुपये का भी भ्रष्टाचार किया है, तो मैं मान लूंगी कि मैं हार गई…” उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय को फिर से A ग्रेड दिलाना, रिसर्च के स्तर को ऊंचा उठाना और छात्रों को आत्मविश्वासी बनाना उनकी प्राथमिकता होगी.

विश्वविद्यालय को लेकर सियासत और हुआ तेज

इधर विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा था. लगातार दो दिन से चल रहे इस विरोध ने रविवार की रात नया मोड़ ले लियाथा. ABVP के छात्रों ने कुलपित के विरोध में रविवार को रातभर जमकर हंगामा किया. कलेक्टर एसपी और पुलिस बल रात भर वहां तैनात रहे. हालांकि प्रदर्शनकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. यही बात अब कांग्रेस को चुभ गई. 

विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा,“अगर यही प्रदर्शन एनएसयूआई (NSUI) ने किया होता, तो अब तक छात्रों पर FIR हो चुकी होती. लेकिन ABVP को सरकार का खुला संरक्षण मिला हुआ है. ये दोहरा मापदंड नहीं तो और क्या है?” कुलपति की नियुक्ति पर कांग्रेस का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कई काबिल और ईमानदार प्रोफेसर हैं, जिन्हें मौका मिलना चाहिए था. लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर एक विवादित महिला को कुलपति बनाना राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सम्मान के खिलाफ है.

अब आगे क्या..?

डॉ. लवली शर्मा ने तमाम विरोधों के बावजूद कुर्सी संभाल ली है. लेकिन उनकी नियुक्ति पर उठते सवाल और ABVP के आंदोलन ने सरकार को असहज कर दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस दिशा में कदम उठाती है? क्या ABVP पर कार्रवाई होगी? या कुलपति की नियुक्ति पर पुनर्विचार किया जाएगा? 

फोटो: खैरागढ़ युनिवर्सिटी में अब तक कुलपतियों के कार्यकाल का विवरण.

राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला, जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी … देखें लिस्ट

रायपुर- राज्य प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक विनायक शर्मा को अपर कलेक्टर MCB बनाया गया है.

रजत कुमार बने GAD सेक्रेटरी, मुकेश बंसल एडिशनल चार्ज से रिलीव

रायपुर-  राज्य शासन ने मंगलवार को जारी अपने आदेश में आईएएस रजत कुमार को सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए आईएएस मुकेश कुमार बंसल को इस अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया है.

आरक्षक भाई की मौत पर विवाहित बहन को नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति, हाईकोर्ट ने डीजीपी और आईजी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

बिलासपुर- विवाहित बहन को अनुकंपा नियुक्ति न देने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. कोर्ट ने संशोधित पॉलिसी के आधार पर याचिका स्वीकार किया और पुलिस महानिदेशक रायपुर एवं पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

शहर से लगे ग्राम फरहदा गतौरा निवासी निधि सिंह राजपूत के भाई क्रांति सिंह राजपूत जिला कोरबा में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे. सेवाकाल के दौरान 13 अप्रैल 2023 को उनकी मृत्यु हो जाने पर उनकी विवाहित बहन निधि ने पुलिस अधीक्षक कोरबा के समक्ष अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन प्रस्तुत कर एएसआई के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की, परंतु पुलिस अधीक्षक कोरबा ने इस आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन खारिज कर दिया कि आवेदक विवाहित है.

उक्त कार्रवाई से क्षुब्ध होकर निधि ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए जारी पॉलिसी के तहत अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उनके आश्रित माता, पिता, भाई एवं अविवाहित बहन को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता प्रदान की गई थी. उक्त पॉलिसी के आधार पर सिर्फ अविवाहित बहन को ही अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती थी, परंतु छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा 22 मार्च 2016 को उक्त पॉलिसी में संशोधन कर अविवाहित बहन के स्थान पर केवल बहन शब्द जोड़ दिया गया. इस आधार पर किसी अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर उसके विवाहित एवं अविवाहित दोनों बहनों को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी.

छत्तीसगढ़: NSS कैंप में हिंदू छात्रों से जबरन पढ़ाया गया नमाज, पुलिस में की शिकायत…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रों से जबरदस्ती नमाज पढ़ाने का मामला सामने आया है. हिंदू छात्रों ने बीती रात कोनी पुलिस थाने में एनएसएस कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है वे उन्हें NSS कैंप में योगा के बहाने जबरदस्ती नमाज पढ़ने पर मजबूर करते हैं.

शिकायतत करने वाले हिंदू छात्रों ने पुलिस को बताया कि 26 मार्च से 1 अप्रैल तक NSS का कैंप आयोजित किया गया था. इस कैंप में विश्विद्यालय के 159 छात्र हुए शामिल थे. इनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, जबकि बाकी सभी हिंदू थे. वहीं 30 मार्च को ईद के दिन मुस्लिस छात्रों के साथ-साथ हिंदू छात्रों को भी जबरदस्ती नमाज पढ़वाई गई.

छात्रों ने अपनी शिकायत में बताया कि कोऑर्डिनेटर ने चारों मुस्लिम छात्रों को मंच पर नमाज अदा करने बुलाया और बाकी छात्रों को आदेश दिया कि उन्हें देखकर नमाज अदा करने की प्रक्रिया दोहराएं और सीखें. हिंदू छात्रों ने इस दौरान इसका विरोध भी किया, लेकिन उनसे जबरदस्ती नमाज पढ़ने पर मजबूर किया गया. छात्रों ने बताया कि इस दौरान NSS कैंप के छात्रों का मोबाइल जमा करा लिया गया था, इस वजह से इस घटनाक्रम का कोई वीडियो या फोटो रिकॉर्ड नहीं किया जा सका.

इस मामले में कुछ छात्रों ने अपना पहचान छुपाते हुए एक वीडियो भी जारी किया है और अपनी आपबीती सुनाई है. फिलहाल कोनी थाना पुलिस हिंदू छात्रों की शिकायत पर मामले की जांच में जुट गई है. 

देखें शिकायत की कॉपी:

मवेशियों की मौत का मामला : कांग्रेस की जांच टीम पहुंची गांव, ग्रामीणों ने बताया – रात में डंप हो रहा रायपुर और बिरगांव का कचरा

रायपुर- राजधानी से लगे उरला के कन्हेरा गांव में मवेशियों की मौत का कारण जानने कांग्रेस की जांच समिति आज घटना स्थल पहुंची. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू की अध्यक्षता में जांच समिति के सदस्यों ने घटना स्थल का जायजा लिया. जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने दूषित पशुआहार खाने से गायों की मृत्यु होने की आशंका जताई है. ग्रामीणों ने कांग्रेस की टीम को बताया कि रायपुर और बिरगांव नगर निगम का कचरा रात को लाकर गांव में डंप किया जाता है, जो जलस्रोतों को लगातार दूषित कर रहे हैं. इससे मवेशी और ग्रामीण बीमार पड़ रहे.

दरअसल आधे दर्जन मवेशियों की मौत का कारण गांव के आसपास फैक्ट्री के डंप किए गए वेस्ट को माना जा रहा है. न सिर्फ फैक्ट्री बल्कि बिरगांव और रायपुर नगर निगम का भी वेस्ट इसी गांव के आसपास के इलाकों में रात के अंधेरे में फेंक दिया जाता है. ऐसे ही खराब हो चुके भूसे की कुछ बोरियों को फेंका गया, जिसे मवेशियों ने खाया. इसी दूषित भूसे और दूषित पानी पीने से मवेशियों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है. जांच समिति के पहुंचने से पहले ही मवेशियों को उसी स्थान में दफना दिया गया था. साथ ही जिस भूसे को मवेशियों ने खाया था उसे भी जमीदोज कर दिया गया था.

जांच समिति के संयोजक पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि गांव में खराब भूसा लाकर फेंका गया था, जिसे खाकर मवेशियों की मौत हुई है. उन्होंने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि अधिकारियों और प्रशासन की लापरवाही से घटना घटी है, जिसका कड़ा विरोध कांग्रेस पार्टी कर रही है. कांग्रेस सरकार ने यही देखकर पशु संरक्षण के लिए गौठान खोले थे, जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया. उनके दाना चारा, पानी की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने मवेशियों के संरक्षण को सरकार के नियंत्रण से बाहर बताया है और गौठान का संचालन पुनः शुरू करने की मांग की है. वही पूर्व सांसद छाया वर्मा ने फैक्ट्री का संचालक रोकने और उचित जांच कर मामले में कार्रवाई की मांग की है.

कलेक्टर से शिकायत करेंगे स्थनीय जनप्रतिनिधि

कांग्रेस की जांच समिति ने कन्हेरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. यहां ग्रामीणों ने बताया कि छह महीने पहले ट्रक हादसे में 8-10 गायों की एक साथ मौत हुई थी. इसी प्रकार आए दिन हादसे होते रहते हैं और बजरंग दल के लोग आकर मृत गायों को दफना देते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रायपुर और बिरगांव नगर निगम का कचरा रात को लाकर गांव में डंप किया जाता है. यही नहीं आसपास के होटल वालों का ख़राब खाना भी यही फेंका जाता है. ये सभी जलस्रोतों को लगातार दूषित कर रहे हैं, जिससे मवेशी ही नहीं गांव वालों का जीना भी मुश्किल हो चुका है. इस मामले में जल्द अब स्थानीय जनप्रतिनिधि कलेक्टर को आवेदन देकर समस्याओं का निवारण की मांग करेंगे.

धनेंद्र साहू के साथ जांच समिति के सदस्य पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनीता शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष पंकज शर्मा, जिला (ग्रामीण) कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष उधोराम वर्मा एवं बिरगांव नगर निगम के महापौर नंदलाल देवांगन सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता घटना स्थल पर पहुंचे थे.

करोड़ों की सरकारी भूमि का बंदरबांट : शिक्षक, पटवारी और जमीन दलाल ने मिलकर वेशकीमती जमीन का कौड़ियों के दाम में किया खरीद फरोख्त

महासमुंद-  जिले में शासकीय भूमि का फर्जीवाड़ा सामने आया है। करोड़ों की वेशकीमती जमीन को भू माफिया और जमीन दलालों ने मिलकर कौड़ियों में खरीदी फरोख्त की है। महज 100 रुपये के स्टांप पेपर पर जिस खसरे की नोटरी से लिखा-पढ़ी कराई है वो बड़े झाड़ का जंगल निकला। खरीदने वाला और कोई नहीं तीन शिक्षाकर्मी है, तो वहीं एक पटवारी है। इससे जिला प्रशासन और वन विभाग बेखबर है।

महासमुंद जिला मुख्यालय में इन दिनों भू माफिया और जमीन दलालों की नजरें सरकारी जमीनों पर है और इसमें राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों की संलिप्तता साफ तौर पर देखा जा सकता है। बीटीआई रोड गौरवपथ वन विद्यालय से लगे खसरा नंबर 102/5 1898 वर्ग फुट जमीन बड़े झाड़ का जंगल है। सालों पहले इस जमीन पर उषा देवांगन पति केशव देवांगन ने कब्जा कर घर बनाकर रहते थे, लेकिन उस दौरान जिला प्रशासन और ना ही वन विभाग ने कोई कार्रवाई की।

करोड़ों की शासकीय भूमि कौड़ियों के दाम

उषा देवांगन से कुर्मीपारा निवासी पटवारी अरविंद चंद्राकर ने अपनी पत्नी भूमिका चंद्राकर और भाभी भारती पति मोहित चंद्राकर के नाम पर 16 सितंबर 2024 को खसरा नंबर 102/4 का 598 वर्ग फुट जमीन की 100 और 20 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी लिखा – पढ़ी करा कर कौड़ियों के भाव 10 लाख रुपए में खरीदा, लेकिन शासकीय कर्मचारियों और जमीन दलाल ने दुकानों का निर्माण खसरा नंबर 102/5 बड़े झाड़ के जंगल में किया है।

जमीन दलाल और शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत

इसी तरह जमीन दलाल महासमुंद कौशिक काॅलोनी निवासी कृष्णा कुमार साहू पिता स्व. जेठूराम साहू और महासमुंद नेमचंद गार्डन के पीछे रहने वाला विकास कुमार साहू पिता टिकाराम साहू के साथ मिलकर 17 सितंबर 2024 को सौदा पत्रक तैयार कराया. इसके बाद 21 सितंबर 2024 को उषा देवांगन से खसरा नंबर 102/4 का भाग में 1300 वर्ग फुट जमीन का 100 रुपये के स्टांप पेपर पर 30 लाख में जमीन खरीदी फरोख्त का नोटरी द्वारा लिखा-पढ़ी हुई है, लेकिन इन दोनों अब खसरा नंबर 102/5 भूमि पर व्यवसायिक दुकान का निर्माण करा रहा है।

ऐसे दिया गया फर्जीवाड़ा को अंजाम

जमीन दलाल कृष्णा कुमार साहू, पटवारी अरविंद चंद्राकर, विकास साहू और महासमुंद हल्का पटवारी ने मिलकर इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। इन्होंने खसरा नंबर 102/4 को आबादी भूमि बताकर स्टांप पेपर में नोटरी से सौदा पत्रक तैयार कराया। इन्हें पता था कि शासकीय भूमि की नियमानुसार रजिस्ट्री नहीं हो सकती तो सभी ने सुनियोजित तरीके से खसरा नंबर 102/4 के बजाए दुकानों का निर्माण खसरा नंबर 102/5 में करने लगा। इन सभी को पता था कि, खसरा नंबर 102/4 नहीं बल्कि 102/5 है और जो राजस्व मद में बड़े झाड़ का जंगल दर्ज है।

पटवारी का कारनामा

भारती चंद्राकर पति मोहित और भूमिका पति अरविंद चंद्राकर ने वर्तमान हल्का पटवारी 42 खम्मनलाल साहू से नजरी – नक्शा की मांग की। पटवारी ने खरीदी फरोख्त के तीसरे महीने में यानी 11 नवंबर 2024 को खसरा नंबर 102/4 का भाग आबादी भूमि बताकर 598 वर्ग फुट जमीन का नजरी – नक्शा बनाकर दिया। ऐसे ही जमीन दलाल कृष्णा कुमार साहू और शिक्षाकर्मी विकास साहू को 1300 वर्ग फुट जमीन की खरीदी बिक्री के एक महीने बाद 15 अक्टूबर 2024 ठीक उसी जमीन का भाग और आबादी भूमि का कब्जेदार की मांग पर नजरी – नक्शा दिया गया। जब वन विभाग ने उक्त भूमि पर हो रहे निर्माण की जांच के लिए राजस्व विभाग के अधिकारी से कहा तो पटवारी खम्मनलाल साहू और आरआई मनीष श्रीवास्तव मौका स्थल की नाप-जोख किया तो खसरा नंबर 102/5 बड़े झाड़ का जंगल निकला।

शासकीय जमीन का बंदरबांट करने वाले सरकारी मुलाजिम

अरविंद चंद्राकर हल्का पटवारी लभराकला में पदस्थ हैं। अरविंद चंद्राकर की भाभी भारती चंद्राकर सहायक शिक्षकी वर्ग – 3, प्राथमिक शाला साराड़ीह में पदस्थ हैं। इसी तरह भारती के पति मोहित चंद्राकर शिक्षक वर्ग -2 प्राथमिक शाला खिरसाली और विकास साहू वर्ग -1 एल बी शिक्षक बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम मोंगरापाली के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं।

सत्ता से जुड़े सफेदपोश की संलिप्तता

सत्ताधारी के सफेदपोश के रिस्तेदरा और छुटभैया नेता भी जमीन दलाली का काम कर रहे हैं। सफेदपोश के संरक्षण में ऐसे जमीनों का फर्जीवाड़ा हो रहा है। बाकायदा इसके लिए अफसरों पर दबाव भी बनाया जाता है। सफेद पोश के रिश्तेदार और छुटभैए नेताओं का डेरा अक्सर राजस्व विभाग के दफ्तरों में देखा जा सकता है। राजस्व विभाग में इनका इतना दबदबा है कि इनके इशारें में जमीन का डायवर्सन से लेकर खरीदी बिक्री हो या फिर शासकीय भूमि का कब्जा हो सभी में हिस्सा तय है। इन सबके कारण पूर्व में एक राजस्व अधिकारी ने सफेदपोश नेता के दबाव से तंग आकर अपना ट्रांसफर करा लिया।

राजस्व टीम भेजकर जांच कराएंगे : डीएफओ

इस मामले में महासमुंद डीएफओ पंकज राजपूत ने कहा, संबंधित भूमि राजस्व की है, जो लंबे समय से वन विद्यालय के लिए आरक्षित है। कुछ समय से एक कब्जाधारी निवास कर रहे थे। अभी वहां कंस्ट्रक्शन होता पाया गया है, जो पूरी तरह अवैध है। एसडीएम को इसकी सूचना दे दी गई है। राजस्व टीम भेजकर जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद हमारे और एसडीएम मिलकर कार्रवाई करेंगे। छोटे झाड़ जंगल पाया जाता है तो वन संरक्षण अधिनियम लागू होगा।

नक्सलियों के सामूहिक सरेंडर पर दोगुना इनाम : सीएम साय ने कहा – नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ विकास की मुख्यधारा से जुड़ें

रायपुर- नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को सरकार और अधिक प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तैयार नई नक्सल आत्मसमर्पण नीति के तहत सामूहिक आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल घोषित इनाम की दोगुनी राशि मिलेगी, बल्कि नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों में एक करोड़ के विशेष विकास कार्य भी कराए जाएंगे।

नक्सली संगठन की किसी फॉर्मेशन इकाई के यदि 80 प्रतिशत या उससे अधिक सक्रिय सदस्य सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें उनके विरुद्ध घोषित इनामी राशि की दोगुनी राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे अति नक्सल प्रभावित जिलों में यदि किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय समस्त नक्सली व मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण करते हैं, और ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया जाता है, तो वहां एक करोड़ रूपए के विकासात्मक कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।

नई नीति के तहत यदि पति-पत्नी दोनों आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें पृथक इकाई मानते हुए अलग-अलग पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। हालांकि यदि किसी योजना में दोनों को एक इकाई माना जाता है, तो वहीं के अनुसार लाभ मिलेगा। इनामी राशि का निर्धारण दोनों के लिए पृथक रूप से किया जाएगा।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को राहत व सहायता राशि गृह विभाग के बजट से उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि आत्मसमर्पण के 10 दिनों के भीतर पूरी राशि संबंधित व्यक्ति को प्रदान कर दी जाए। यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली पर पहले से आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, तो उसके नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान और 6 माह तक के अच्छे आचरण को देखते हुए मंत्रिपरिषद की उप समिति इन मामलों को समाप्त करने पर विचार कर सकती है।

दुर्ग में मासूम से दुष्कर्म और हत्या का मामला: DNA टेस्ट रिपोर्ट में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे, ASP बोले –सिगरेट और एसिड से जलाने की बात भ्रामक

दुर्ग-  6 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. डीएनए रिपोर्ट में रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई है. सोमेश यादव ही भयावह घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी पाया गया है. ASP सुखनंदन राठौर ने बताया कि उसने ही घटना को अंजाम दिया है. हालांकि हिरासत में लिए गए अन्य दो संदिग्धों के सैंपल और बच्ची के शव से लिए गए सैंपल मैच नहीं हुए हैं. इसके अलावा पीएम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सिगरेट और एसिड से जलाने वाली जानकारी को असत्य बताया, साथ ही ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स को भी झूठा करार दिया है.

हालांकि, पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या बच्ची के शव को कार में छिपाने या इस घटना में किसी अन्य व्यक्ति ने किसी प्रकार की सहायता की थी. साथ ही घटना की जानकारी और किसे थी, इसकी भी जांच की जा रही है.

एडिशनल एसपी ने बताया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ सेक्सुअल असाल्ट होना पाया गया है, जिसके चलते कार्डियक अरेस्ट के कारण बच्चे की मौत हुई है. सिगरेट से जलाने और एसिड वाली बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने नहीं आई है. कुछ मीडिया संस्थानों ने इन तरह की खबरे चलाई हैं, जो पूरी तरह असत्य है. 

आम लोगों पर भी एक्शन की तैयारी

पुलिस सोशल मीडिया में बच्ची का नाम, पता या चित्रण उजागर करने वाले लोगों के खिलाफ पर पोक्सो एक्ट की धारा के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. वहीं एडिशनल एसपी ने पीड़िता के परिजनों के सीबीआई और नार्को टेस्ट की मांग पर कहा कि हम पूरी प्रमाणिकता के साथ-साथ साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर भी जांच कर रहें हैं. परिजन हमें सहयोग कर रहे हैं और आगे की जांच कर रही है. 

बता दें कि नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याभोज के लिए सुबह करीब 9 बजे 6 साल की मासूम बच्ची घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वह वापस नहीं लौटी. परेशान परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. खोजबीन करते हुए शाम को घर के पास पार्क में कार की डिक्की से बच्ची की लाश मिली. इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए और कार मालिक के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण किया. पुलिस ने बच्ची के शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने लोगों को समझाइश देने के बाद संदेही तीन युवकों को हिरासत में लिया. परिजनों ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.