मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा साहेब का संपूर्ण जीवन संघर्ष की अनुपम मिसाल है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने हमें एक ऐसा संविधान दिया जो भारत को लोकतंत्र, समानता और न्याय की मजबूत नींव प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा साहब के विचारों को युगप्रेरक बताते हुए कहा कि आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम उनके आदर्शों पर चलें, और एक समावेशी, समतामूलक और न्यायप्रिय समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, 5 दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में आंधी और गरज-चमक के साथ बरसेंगे बादल…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में रविवार शाम से मौसम ने करवट ली है. राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के एक-दो स्थानों पर तेज आंधी के साथ ही हल्की से मध्यम बारिश हुई है. वहीं आज भी मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. अगले 3 घंटों में बेमेतरा, बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कबीरधाम, खैरगढ़ छुईखदान गंडई, कोरबा, मुंगेली में अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है. अगले 5 दिनों तक प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसे ही बने रहने की संभावना है.

अगले 48 घंटों में 2-3 डिग्री लुढ़केगा पारा

मौसम विभाग के अनुसार, समुद्र तल पर चक्रवाती परिसंचरण बनने के कारण मौसम में बदलाव आया है. इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में अगले 5 दिनों तक तेज हवा के साथ हल्की बारिश होने की संभावना बनी रहेगी. आज 14 अप्रैल से बादल गरजने के साथ तेज हवा की गतिविधि बढ़ने की संभावना है. वहीं अगले 48 घंटों में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की गिरावट होने और आगामी दिनों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी. 

बीते दिन ऐसा रहा प्रदेश का मौसम

बीते दिन एक्टिव सिस्टम के चलते प्रदेश के बस्तर संभाग के कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई. कोंडागांव में आंधी-बारिश के साथ ओले भी गिरे. कई घरों के छप्पर उड़ गए हैं. सड़कों पर पानी भर गया. वहीं सरगुजा संभाग में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई.

बीते दिन ऐसा रहा प्रदेश का तापमान:

राजधानी में मौसम का पूर्वानुमान

रायपुर में 14 अप्रैल को आकाश आंशिक मेघमय रहने और चमक गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 40 और 25 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है.

शिक्षित बेरोजगारों के लिए रोजगार पाने का मौका, 15 अप्रैल को होगा जॉब फेयर का आयोजन, 15 से 26 हजार रुपये तक मिलेगी सैलरी, जानिए डिटेल्स

रायपुर- नौकरी की तलाश कर रहे शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका है। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र रायपुर द्वारा मंगलवार 15 अप्रैल को जॉब फेयर का आयोजन किया जाएगा। इस जॉब फेयर में निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी। जॉब फेयर में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी ध्यानपूर्वक पढ़ें।

बता दें कि इस जॉब फेयर का आयोजन राजभवन के पीछे, पुराना पुलिस मुख्यालय स्थित जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र, रायपुर के कार्यालय में मंगलवार, 15 अप्रैल को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा। इस जॉब फेयर में निजी क्षेत्र के नियोजक मोनेट टॉल्क बिजनेस एवं पीवीआर आइनॉक्स लिमिटेड रायपुर द्वारा सेल्स जॉब, बेक ऑफिसर, टेली कॉलर, सर्विस एसोसिएट, टेक्निशियन एवं एक्सिक्यूटिव एकाउंट आदि के 34 पदों पर पर भर्ती के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।

शैक्षणिक योग्यता

उक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को न्यूनतम 12वी पास से स्नातक (बी.कॉम), आई.टी.आई. (इलेक्ट्रॉनिक) उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

कितनी मिलेगी सैलरी?

बता दें कि चयन के पश्चात आवेदकों को उनके पद के अनुसार 15 हजार से 26 हजार रुपये तक मासिक वेतन दिया जाएगा।

नोट: इन पदों पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के नौकरी के इच्छुक एवं योग्य आवेदक, निर्धारित तिथि एवं स्थल पर अपने बायोडाटा, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता व अनुभव प्रमाण-पत्रों की छायाप्रति के साथ उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आवेदक जिला रोजगार कार्यालय, रायपुर में भी संपर्क कर सकते हैं।

SP भावना गुप्ता ने राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया प्रदेश का मान, ऑल इंडिया पुलिस टूर्नामेंट में जीता गोल्ड मेडल

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-  जिले की पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. केरल के कोचीन में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस बैडमिंटन और टेबल टेनिस प्रतियोगिता में उन्होंने महिला सिंगल टेबल टेनिस कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर गौरव हासिल किया. 

यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 11 से 14 अप्रैल 2025 तक कोचीन में आयोजित की गई, जिसमें देशभर की पुलिस इकाइयों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. भावना गुप्ता ने फाइनल मुकाबले में मिजोरम पुलिस की खिलाड़ी को हराकर यह स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ गठन के बाद यह पुलिस खेलों में राज्य का पहला स्वर्ण पदक है, जो पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है. इस उपलब्धि ने पुलिस विभाग में छत्तीसगढ़ की बढ़ती भागीदारी और प्रतिभा को उजागर किया है.

छत्तीसगढ़ सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को देगी शिक्षा, रोजगार और वित्तीय सहायता

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले सक्रिय ईनामी नक्सलियों और उनके परिवारजनों को शिक्षा, रोजगार एवं वित्तीय सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

सरकारी सेवा में नियुक्ति का प्रावधान

यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया है और इसके कारण उसकी जान व संपत्ति को खतरा उत्पन्न हुआ है, तो ऐसे प्रकरणों में उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या समकक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। अन्य विभागों में नियुक्ति हेतु जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा आवश्यक होगी। साथ ही, 5 लाख रूपए या उससे अधिक के ईनामी नक्सली के आत्मसमर्पण की स्थिति में, पात्रता रखने पर नक्सली अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश सेवा नहीं दी जा सकती, तो ऐसे आत्मसमर्पित को एकमुश्त 10 लाख की राशि सावधि जमा के रूप में दी जाएगी। यह राशि 3 वर्षों के अच्छे आचरण के पश्चात एकमुश्त हस्तांतरित की जाएगी।

शिक्षा एवं छात्रवृत्ति की विशेष व्यवस्था

छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी व्यापक प्रावधान किए हैं। बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क एवं प्राथमिकता आधारित शिक्षा शासकीय एवं आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी। छात्रावास की सुविधा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। यदि आत्मसमर्पित नक्सली या उनके बच्चे निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ना चाहें, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित सीट में प्रवेश एवं अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।

इच्छुक आत्मसमर्पित स्वयं भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, जिसके लिए संबंधित विभागों की योजनाओं के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। यह नई नीति राज्य में शांति एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवारजनों के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।

नवा रायपुर में फोटोग्राफर्स की मास्टरक्लास, युवाओं ने सीखा फोटोग्राफी का अनोखा नजरिया

रायपुर- फोटोग्राफी को एक तस्वीर में हजार शब्द कहने की कला माना जाता है, और इस कला को निखारने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने स्ट्रीट फोटोग्राफर विनीत वोहरा के साथ मिलकर 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय मास्टरक्लास का आयोजन किया. इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए युवा फोटोग्राफरों ने न केवल फोटोग्राफी की बारीकियां सीखीं, बल्कि दुनिया को नए नजरिए से देखने का हुनर भी हासिल किया.

लगभग तीन दशकों के अनुभव के साथ विनीत विश्व के शीर्ष 20 स्ट्रीट फोटोग्राफरों में शुमार हैं. उनकी तस्वीरें आम लोगों और रोजमर्रा की जिंदगी को असाधारण ढंग से पेश करती हैं. वोहरा के अनुसार, “स्ट्रीट फोटोग्राफी एक दर्शन है,” और उनका यही अनोखा नजरिया उन्हें वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाता है.

क्यों चुना गया नवा रायपुर?

नवा रायपुर, विश्व की पहली एकीकृत योजनाबद्ध शहर (Integrated City) है, जिसका इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्किटेक्चर, हरियाली और लैंडस्केप इसे अन्य शहरों से अलग बनाता है. इस मास्टरक्लास का उद्देश्य शहर की इन खूबियों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना था.

मास्टरक्लास की खासियत

11 और 12 अप्रैल को आयोजित वर्कशॉप और फोटोवॉक में युवा फोटोग्राफरों को तकनीकी कौशल के साथ-साथ रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करना सिखाया गया. 13 अप्रैल को संवाद ऑडिटोरियम में उन्होंने 50 से अधिक लोगों के साथ ओपन टॉक में अपने अनुभव साझा किए और फोटोग्राफी की गहराइयों को समझाया.

ओपन एयर प्रदर्शनी ने बटोरी सराहना

इस मास्टरक्लास ने छत्तीसगढ़ के युवा फोटोग्राफरों को एक मंच प्रदान किया और एक ऐसी कम्युनिटी का निर्माण किया, जो भविष्य में अपने अनोखे नजरिए से शहर और राज्य की कहानियों को दुनिया तक पहुंचाएगी.

छत्तीसगढ़: नगर निगम की लापरवाही से बड़ा हादसा, सीवरेज गड्ढे में गिरे 3 मासूम, एक बच्चे की मौत

रायपुर- राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर चौकी इलाके में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ. गुलमोहर पार्क कॉलोनी में नगर निगम द्वारा सीवरेज टैंक निर्माण के लिए खोदे गए गहरे गड्ढे में तीन मासूम बच्चे खेलते-खेलते गिर गए. हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दो बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

जानकारी के मुताबिक, यह गड्ढा निगम की ओर से खोदा गया था, जिसे खुला ही छोड़ दिया गया था. बारिश या पाइपलाइन लीकेज के चलते इसमें पानी भर गया था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्चों के खेलने के दौरान अचानक उनका संतुलन बिगड़ा और वे गहरे गड्ढे में जा गिरे.

घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने बिना देरी किए बचाव कार्य शुरू किया और दो बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तीसरे मासूम की डूबने से मौके पर ही मौत हो गई. मृतक की उम्र लगभग 6 वर्ष बताई जा रही है.

घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने बिना देरी किए बचाव कार्य शुरू किया और दो बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तीसरे मासूम की डूबने से मौके पर ही मौत हो गई.

घटना के बाद पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला. वहीं नगर निगम की लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. कॉलोनीवासियों ने नारेबाजी कर निगम प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है.

रायपुर प्रेस क्लब में गोविंद लाल वोरा लाइब्रेरी का किया गया शुभारंभ

रायपुर-  स्व. मधुकर खेर स्मृति रायपुर प्रेस क्लब परिसर में रविवार को गोविंद लाल वोरा लाइब्रेरी का शुभारंभ हुआ। गोविंद लाल वोरा फाउंडेशन और रायपुर प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। डॉ. सिंह और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल ने लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इस मौके पर दुर्ग के पूर्व विधायक और वोरा परिवार के सदस्य अरुण वोरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश से उमेश त्रिवेदी, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, अमृत संदेश अखबार के प्रधान संपादक गिरीश वोरा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाइब्रेरी में किताबों के लिए स्वनिधि से 1 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 30 दिन के भीतर किताबों के लिए राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी। स्व गोविंद लाल वोरा को याद करते हुए डॉ. रमन सिंह ने उनकी शालीनता और जीवन पर्यंत पत्रकारिता करते रहने की बातें साझा की। उन्होंने कहा, मेरे मुख्यमंत्री रहते और उससे पहले भी कभी भी वोरा जी ने मुझसे किसी काम के लिए नहीं कहा। उन्होंने याद करते बताया कि मजाक में वे वोरा जी को संपादकों का देवानंद कहते थे। उन्होंने रायपुर प्रेस क्लब के प्रयास की तारीफ की और कहा कि लाइब्रेरी के माध्यम से पत्रकारों को पढ़ने की अच्छी सुविधा मिलेगी।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार उमेश त्रिवेदी ने कहा, भले ही वे मध्यप्रदेश से हैं, लेकिन दोनों प्रदेशों में पत्रकारिता का डीएनए एक ही रहा है। उन्होंने रायपुर प्रेस क्लब के प्रयासों की तारीफ की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक अरुण वोरा ने भी लाइब्रेरी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और प्रेस क्लब के प्रयासों की सराहना की।

इस मौके पर ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल ने किताबों और पढ़ने-लिखने के महत्व के अनुभव साझा किए, राजनांदगांव की लाइब्रेरी में किताब पढ़ने की शुरुआत के प्रसंग साझा करते हुए, उन्होंने पत्रकारों को पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित किया।

रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने आगामी दिनों में प्रेस क्लब में वीडियो प्रोडक्शन स्टूडियो, फोटो गैलरी बनाने के योजना साझा की। साथ ही पत्रकारों से, विशेषकर नए पत्रकारों से आग्रह किया कि वे रायपुर प्रेस क्लब की लाइब्रेरी का सदुपयोग करें। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों द्वारा किताब लिखने पर प्रति वर्ष दो किताबों के प्रकाशन की जिम्मेदारी प्रेस क्लब द्वारा उठाने की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों के लिए फेलोशिप और पत्रकारिता पुरस्कार दिए जाने सम्बन्धी योजनाओं की भी जानकारी दी।

रायपुर प्रेस क्लब के महासचिव वैभव शिव पांडे ने भी पत्रकारों को पुस्तकालय में किताब पठन के लिए प्रेरित किया, साथ ही बहुत ही जल्द लाइब्रेरी में हर प्रकार की किताबों के संकलन होने की बात कही। इस मौके पर रायपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी एवं अरविंद सोनवानी समेत बड़ी संख्या में वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब सदस्य उपस्थित रहे।

हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, संविदा कर्मियों को मातृत्व अवकाश का देना होगा वेतन

बिलासपुर-  संविदा कर्मियों के लिए हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि केवल संविदा कर्मचारी होने के आधार पर मातृत्व अवकाश (Maternity leave) का वेतन देने से इनकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने स्टाफ नर्स को अवकाश अवधि का वेतन देने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति अमितेन्द्र किशोर प्रसाद की एकल पीठ ने राज्य प्राधिकरणों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता द्वारा दायर मातृत्व अवकाश के वेतन संबंधी दावा पर तीन माह के भीतर नियमानुसार निर्णय लें.

न्यायालय ने कहा कि मातृत्व और शिशु की गरिमा के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है. इसे प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा पर निर्भर नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा मातृत्व अवकाश वेतन की मांग पर नियमानुसार तीन माह के माह के भीतर निर्णय लिया जाए.

याचिकाकर्ता राखी वर्मा, जिला अस्पताल कबीरधाम में स्टाफ नर्स के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं. उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था. इसे स्वीकृत कर लिया गया. उन्होंने 21 जनवरी 2024 को एक कन्या को जन्म दिया और 14 जुलाई 2024 को पुनः ड्यूटी ज्वाइन की. इसके बावजूद, उन्हें मातृत्व अवधि का वेतन नहीं दिया गया. इससे उन्हें और उनके नवजात को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा. उन्होंने 25 फरवरी 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वेतन की मांग का आवेदन प्रस्तुत किया. कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रीकांत कौशिक ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2010 के नियम 38 के अंतर्गत मातृत्व अवकाश एक विधिक अधिकार है, जो संविदा कर्मचारियों पर भी समान रूप से लागू होता है.

याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व में दिए गए कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें संविदा कर्मचारियों को मातृत्व लाभ दिये जाने की पुष्टि की गई थी. उन्होंने यह भी तर्क रखा कि वेतन न देना अनुच्छेद 14 और 16 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि यह स्थायी व अस्थायी कर्मचारियों के मध्य अनुचित भेदभाव को जन्म देता है. राज्य की ओर से महाधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता संविदा पर नियुक्त थीं और उन्हें स्थायी कर्मचारियों की भांति लाभ प्राप्त करने का अधिकार नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि मातृत्व अवकाश का उद्देश्य मातृत्व की गरिमा की रक्षा करना है, ताकि महिला व उसके बच्चे का पूर्ण व स्वस्थ विकास हो सके. संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार में मातृत्व का अधिकार और प्रत्येक बच्चे के पूर्ण विकास का अधिकार भी सम्मिलित है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लेख करते हुए जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच ने कहा कि मातृत्व लाभ अधिनियम एक कल्याणकारी कानून है. और इसे केवल नियमित कर्मचारियों तक सीमित नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अवकाश नियम, 2010 के नियम 38 एवं अन्य लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार शासन को विचार करने और आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से तीन माह के भीतर इस संबन्ध में उपयुक्त निर्णय पारित करने के निर्देश दिए.

राजधानी की सुरक्षा पर चिंता: सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, पुलिस बल बढ़ाने की मांग

रायपुर-  राजधानी रायपुर में लगातार बढ़ते अपराध, यातायात की गंभीर समस्याओं और पुलिस बल की भारी कमी को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर राजधानी और जिले की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु तत्काल रिक्त पदों की भर्ती एवं अतिरिक्त पुलिस बल स्वीकृत करने की मांग की है।

सांसद श्री अग्रवाल ने पत्र में उल्लेख किया है कि राजधानी रायपुर की जनसंख्या आज 16 लाख से अधिक हो चुकी है, वहीं रायपुर, बिरगांव, माना, मंदिरहसौद जैसे नगरीय क्षेत्रों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा 30 लाख से ऊपर पहुंचता है। साथ ही लगातार हो रहे वीवीआईपी मूवमेंट, साइबर अपराधों में वृद्धि और बढ़ते ट्रैफिक दबाव के कारण पुलिस बल पर अत्यधिक भार पड़ा है।

वर्तमान में रायपुर जिले में 3805 पुलिस पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 796 पद रिक्त हैं। आरक्षकों के 2738 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 2007 पद ही भरे हुए हैं, जिससे आमजन को असुविधा और पुलिस बल को कार्य संचालन में कठिनाई हो रही है।

यातायात व्यवस्था को लेकर श्री अग्रवाल ने पत्र में उल्लेख किया कि रायपुर में पंजीकृत वाहनों की संख्या 17 लाख से अधिक हो चुकी है, जबकि बीपीआर एंड डी के मानकों के अनुसार 2388 बल की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में मात्र 416 यातायात कर्मी उपलब्ध हैं।

सांसद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि रायपुर जिले में रिक्त पुलिस पदों की शीघ्र भर्ती कराई जाए तथा राजधानी के बढ़ते स्वरूप के अनुसार अतिरिक्त पुलिस बल की स्वीकृति दी जाए, ताकि अपराध नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और आम नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावी बनाया जा सके।