रेलवे की जमीन से ठेले-गुमटियों को हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा- नगर पालिका को कोई अधिकार नहीं

बिलासपुर-  तखतपुर नगर पालिका की रेलवे भूमि से गुमटी और ठेलों को हटाए जाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि निगम पालिका के पास रेलवे भूमि से कब्जा हटाने का कोई अधिकार नहीं है.

दरअसल, तखतपुर नगर के मंडी चौक क्षेत्र में स्थित रेलवे भूमि (खसरा नं. 429/1, रकबा 23.41 एकड़) पर पिछले तीन दशकों से गरीब और छोटे व्यवसायी ठेले-गुमटी में दुकान लगाकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं. इस दौरान रेलवे विभाग ने कभी उन्हें हटाने का प्रयास नहीं किया. लेकिन हाल ही में नगर पालिका तखतपुर ने नोटिस जारी कर उन्हें भूमि से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस कार्रवाई से आहत होकर सुरेश देवांगन उर्फ भाउराम, राजेश ठाकुर, प्रमोद महरा, विकास देवांगन, अब्दुल हबीब खान, शिवकुमार, शहजादा, अजमेर शाह समेत कई अन्य व्यवसायियों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की.

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नगर पालिका तखतपुर को रेलवे भूमि से व्यवसायियों का कब्जा हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य शासन के अधिकारी और नगर पालिका को रेलवे की जमीन से किसी का कब्जा हटाने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है.

CPI नेता मनीष कुंजाम के साथ आठ समिति प्रबंधकों के घर ACB-EOW का छापा, तेंदूपत्ता बोनस से जुड़ा मामला…

सुकमा- जिले में आज सुबह फिर ACB-EOW ने दबिश दी है. तेंदूपत्ता बोनस से जुड़े मामले में सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के साथ आठ समिति प्रबंधकों के घरों में 10-13 अधिकारियों की टीम जांच कर रही है.

ACB-EOW की टीम ने सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के अलावा कोंटा प्रबंधक मो. शरीफ़ खान, पालाचलमा प्रबंधक सीएच वेंकट, फूलबगड़ी प्रबंधक राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा प्रबंधक रवि गुप्ता, मिशिगुडा प्रबंधक राजेश आयतु, एर्राबोर प्रबंधक मितेंद्र सिंह राजू, पेदाबोडकेल प्रबंधक सुनील और जग्गावरम प्रबंधक मनोज कवासी के घरों में छापा मारा है.

तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में पहले डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित किया गया था. इसके बाद कुछ दिन पहले रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में भी इसी मामले में कार्रवाई हुई थी. टीम मामले की जांच कर रही है.

जानिए कौन हैं मनीष कुंजाम

बता दें कि मामले में जिन मनीष कुंजाम के घर में छापेमारी की है, वे छत्तीसगढ़ में सीपीआई के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं. उन्होंने 1990 से 1998 तक अविभाजित मध्य प्रदेश के कोंटा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. हालांकि, फरवरी 2024 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में प्रतीक चिन्ह नहीं मिलने के विरोध में CPI के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें राज्य सचिव और राष्ट्रीय परिषद की सदस्यता भी शामिल थी.

मार्च 2025 में सुकमा जिले के पेंटापाड़ गांव में नक्सलियों ने जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए मनीष कुंजाम के ससुर कलमू हिड़मा की हत्या कर दी. इसके बाद अब तेंदूपत्ता बोनस घोटाले की जांच के तहत ACB-EOW ने उनके घर में छापेमारी की है. बस्तर क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से संघर्ष करने वाले और आदिवासी महासभा के अध्यक्ष मनीष कुंजाम के घर छापामार कार्रवाई से उनकी छवि पर असर पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ के इस शहर में पानी के लिए हाहाकार

खैरागढ़-  गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही खैरागढ़ को भीषण जल संकट से गुजरना पड़ रहा है. बढ़ती गर्मी के साथ हालात और बदतर हो गए हैं. कई वार्डों में हफ्तों से एक बूंद पानी नहीं आया है. लोग टैंकरों के पीछे दौड़ रहे हैं, घंटों लाइन में खड़े हैं.

37 करोड़ की योजना, लेकिन नहीं आया पानी 

हैरानी की बात ये है कि इसी शहर में करीब दस साल पहले 37 करोड़ रुपये की जल आवर्धन योजना बनाई गई थी. छिंदारी डेम से पाइपलाइन के ज़रिए हर वार्ड तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम शुरू भी हुआ. लेकिन सालों बाद भी यह योजना अधूरी है, जिससे ना पानी आया, ना भरोसा बचा. दो साल पहले नगर पालिका ने शहर भर की सड़कों और गलियों को खोदकर पाइप डाल दिए. परेशानियों झेलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब साफ पानी मिलेगा. अफसोस, इन पाइपों से आज तक एक बूंद भी नहीं आई. योजना में तय था कि पहले डेम से शहर तक मुख्य पाइपलाइन बिछेगी, फिर अंदर की लाइनें जुड़ेंगी. लेकिन अफसरों ने उल्टा किया—बिना डेम से पानी लाए, शहर में पाइप डाल दिए.

लालपुर डेम की हालत भी खराब

अब कहा जा रहा है कि पानी छिंदारी डेम की बजाय लालपुर डेम से लाया जाएगा, जिसके लिए 2.46 करोड़ रुपये और मंजूर हो चुके हैं. लेकिन लालपुर डेम भी जर्जर हालत में है—गेट टूटे हैं, ऊंचाई नहीं बढ़ाई गई और ऊपर की सड़क तक बर्बाद है. उधर, गंजीपारा का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एक साल से तैयार है, लेकिन उससे भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है.

आज भी पुरानी पाइपलाइन पर निर्भरता

परिणामस्वरूप, शहर आज भी उसी पुरानी, रियासतकालीन टूटी-फूटी पाइपलाइन पर निर्भर है. कई इलाकों में सप्लाई बंद है. दाऊचौरा में एक खराब पानी का टैंकर पिछले पांच दिन से सड़क पर खड़ा है, जिससे जाम और हादसों का खतरा बढ़ गया है.

जनता का आक्रोश, जिम्मेदारी तय करने की मांग

जनता मांग कर रही है कि इस योजना में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई हो. और जब तक योजना पूरी न हो, हर वार्ड में टैंकरों से नियमित पानी आपूर्ति की जाए. नगर पालिका अधिकारी नरेश वर्मा का दावा है कि योजना का काम लगभग पूरा हो चुका है और इस वक्त पाइपलाइन की टेस्टिंग चल रही है. उनका कहना है कि आठ दिनों के भीतर टंकी से पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी और जहां जरूरत है, वहां टैंकर भेजे जा रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. कब तक मिलेगा पानी? कोई नहीं जानता. फिलहाल, खैरागढ़ के लोग हर रोज़ पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

नक्सली लीडर के पत्र पर गृह मंत्री शर्मा का बड़ा बयान, कहा- बंदूक का जवाब बंदूक से होता है, अगर चर्चा चाहते हैं तो मुख्यधारा में आना होगा

रायपुर- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म कर देंगे। शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। इस बीच नक्सलियों ने सप्ताहभर के भीतर दूसरी बार शांतिवार्ता के लिए सरकार के सामने अपनी बात रखी है। बीते बुधवार नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा है कि अगर सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्धविराम अमल में आएगा। अब इस पर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों की बात का जवाब देते हुए शांति वार्ता के लिए सरकार का रुख स्पष्ट किया है।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि नक्सलियों द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि वे स्कूल और अस्पतालों का विरोध नहीं करते। उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर ऐसा है तो उन गांवों में अब तक टीवी क्यों नहीं देखा गया? खेती और सिंचाई की सुविधाएं अब तक क्यों नहीं पहुंची हैं?

उन्होंने आगे कहा, “नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए अपील की है, लेकिन वे सामने आएं। उन्होंने किसी ‘समिति’ का जिक्र किया है तो वह समिति कौन-सी है वह स्पष्ट करें। हमारी सरकार ने शांति वार्ता के लिए किसी प्रकार की कोई समिति गठित नहीं की है। सदन में विपक्ष ने भी यह सवाल उठाया था और सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। जो भी लोग बातचीत करना चाहते हैं, वे मुझसे संपर्क करें। मैं उन्हें सुरक्षा देने को तैयार हूं, लेकिन यह स्पष्ट है कि बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। हम बार-बार नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील कर चुके हैं।”

शर्मा ने कहा, “देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि नक्सली मुख्यधारा में लौटें और गांवों में रहने वाले लोगों को स्वतंत्र जीवन जीने दें। सरकार की नई पॉलिसी के तहत यदि कोई नक्सली सरेंडर करता है और यदि वह 5-6 वर्षों से संगठन से जुड़ा है, तब भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।” उन्होंने आगे बताया, “यदि कोई व्यक्ति सरेंडर करना चाहता है, तो हम तैयार हैं। हम छोटे-बड़े सभी समूहों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आज हम ‘VIR’ अभियान चला रहे हैं और अच्छी सेवा दे पा रहे हैं। हम गांव-गांव जाकर लोगों से बात कर रहे हैं। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है और अमित शाह का आह्वान है।”

“मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि सरकार के पास चार साल है और इन वर्षों में सब कुछ ठीक हो जाएगा। रूपेश सहित जिन्होंने यह पत्र लिखा है, मैं सभी से कहना चाहता हूं कि वे बंदूक छोड़ें। मैं उनसे बात करने के लिए तैयार हूं।” “बंदूक का जवाब बंदूक से होता है। अगर आप चर्चा चाहते हैं तो मुख्यधारा में आना होगा। आप लोग अवैध गतिविधियों में संलग्न हैं और भारत के संविधान को नहीं मान रहे हैं। यहां भारत है, यहां लोकतंत्र है, चीन नहीं। अलग-अलग टीमों द्वारा 28, 2 और 8 तारीख को पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से 2 तारीख का पत्र तेलुगु में है। हम हर सवाल का स्पष्ट रूप से उत्तर देंगे।”


इससे पहले भी रखी थी शांतिवार्ता की बात

गौरतलब है कि इससे पहले सेंट्रल कमेटी ने पर्चा जारी कर स्वीकार किया था कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकती है, तो हम शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वे शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए कोई शर्त न हो।

दुर्ग रेप केस : DGP अरुण देव गौतम ने IG, SP और ASP के साथ की बैठक, जांच में तेजी और आरोपी को जल्द सजा दिलाने के दिए निर्देश

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) अरुण देव गौतम बुधवार को अचानक भिलाई पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर गंभीर मामले की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले में जानकारी ली और साक्ष्य जुटाने, जांच में तेजी के साथ आरोपी को जल्द सजा दिलाने के निर्देश दिए. इसके अलावा नशे पर थाना स्तर पर ही नियंत्रण करने के निर्देश दिए गए हैं.

डीजीपी अरुण देव गौतम ने 6 साल की मासूम के साथ रेप कर हत्या मामले को दुखद बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में पूरी तेजी से काम कर रही है. ताकि पीड़िता के परिजनों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके. न्याय दिलाने के लिए ही हम काम करते हैं उन्होंने कहा इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा, जिससे आरोपी को जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके.

नशे के बढ़ता चलन, छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए गंभीर चुनौती

डीजीपी गौतम ने नशे के बढ़ते चलन को छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए गंभीर चुनौती बताया. विशेष रूप से युवाओं और बच्चों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जो भविष्य के लिए गंभीर संकेत हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग लगातार नशे के कारोबारियों और तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इस लड़ाई में आम जनता की भी भागीदारी जरूरी है. डिमांड को रोकने का काम परिवार स्तर पर समाज करे और सप्लाई को रोकने का काम पुलिस कर रही है.

इस 6 महीने नशे के व्यापारियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. उन्होंने समाज से अपील की कि नशा मुक्ति के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं और बच्चों को इस बुराई से दूर रखने में सहयोग करें.

DGP ने थाना पहुंचकर लिया जायजा

भिलाई पहुंचने के बाद डीजीपी गौतम सबसे पहले भिलाई नगर थाने के चौक निरीक्षण पर पहुंचे. वहां उन्होंने थाने की स्थिति, स्टाफ और व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों से सीधे संवाद किया. निरीक्षण के दौरान उनके साथ पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

छत्तीसगढ़ में लागू हुई नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025, जिलों में समितियों के गठन के निर्देश

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। यह नीति, नक्सल हिंसा में पीड़ित हुए व्यक्तियों एवं परिवारों जैसे कि मृत्यु, गंभीर घायल या स्थायी अपंगता के शिकार लोगों के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।

जिला स्तर पर गठित की जाएगी पुनर्वास समिति

अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा।

नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त

प्रत्येक जिले एवं सब-डिविजनल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर व ई-मेल पता राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। यह अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए।

इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे।

कांग्रेस अधिवेशन में खड़गे के बयान पर गरमाई सियासत, सिंहदेव ने कही पार्टी में परफॉर्मेंस बेस एसेसमेंट की बात

रायपुर- गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन चल रहा है, जहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के काम नहीं करने वालों को हटाने वाले बयान पर पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव बेबाक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो काम नहीं करते, वो खुद से कभी जगह नहीं छोड़ेंगे. इसके साथ ही सिंहदेव ने पार्टी में परफॉर्मेंस बेस्ड एसेसमेंट सिस्टम होने की बात कही.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पार्टी में परफॉर्मेंस बेस एसेसमेंट सिस्टम होना चाहिए. इसी के आधार पर खुलेआम कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं 72 साल का हूं, मुझमें अभी भी ऊर्जा है. नए लोग किसी भी उम्र के हों, परफॉर्मेंस आधार होना चाहिए. कोई युवा है, और परफॉर्म नहीं कर पा रहा तो क्या मतलब.

बस्तर के विकास के लिए बनेगा रोडमैप: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 15 और 16 अप्रैल को अधिकारियों से करेंगे चर्चा

रायपुर- मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने के लक्ष्य के साथ ही राज्य सरकार सम्पूर्ण बस्तर के समन्वित विकास के लिए रोडमैप बना रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खुद इस संबंध में 15 और 16 अप्रैल को जगदलपुर में संबंधित विभाग के सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर और उस क्षेत्र में कार्य करने वाले स्टेकहोल्डर से चर्चा करेंगे।

मुख्यमंत्री साय 15 अप्रैल को जगदलपुर में चार विषयों– कृषि, पशुपालन, मछली पालन और संबद्ध विषय, औद्योगिकीकरण एवं रोजगार, पर्यटन को बढ़ावा देना, कौशल विकास सहित युवाओं को बस्तर एवं अन्य क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने से संबंधित विषयों पर बस्तर में पदस्थ अधिकारियों एवं उस क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा करेंगे। वहीं, 16 अप्रैल को बस्तर संभाग के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वनमंडल अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।

CM के प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों को जारी किया पत्र

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने इस संबंध में कृषि, वाणिज्य एवं उद्योग, पर्यटन, कौशल विकास विभाग के सचिव और बस्तर संभाग के कमिश्नर एवं कलेक्टरों को पत्र जारी कर आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में, विशेषकर बस्तर संभाग में विकास की गति भी तेजी से बढ़े, इसके लिए बस्तर के सभी जिलों के विकास का एक रोडमैप बनाया जाना है। इस हेतु पूर्व में बनाया गया दस्तावेज विजन “नवा अंजोर” का भी अवलोकन कर उसमें उल्लेखित बिंदुओं को समाहित किया जाए।

सुबोध कुमार सिंह ने कहा है कि संबंधित विभागीय सचिव इन बैठकों एवं प्रस्तुतीकरण के संयोजक होंगे। वे संभागीय आयुक्त, बस्तर के साथ समन्वय कर सभी स्टेकहोल्डर को चर्चा में आमंत्रित करेंगे। प्रत्येक विषय पर लगभग एक घंटा चर्चा का समय रखा गया है।

अग्निवीर भर्ती : 25 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन, जानिए पूरी डिटेल…

रायपुर- भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती की जारी अधिसूचना की तिथि में वृद्धि की गई है। इच्छुक युवा 12 मार्च से 25 अप्रैल 2025 तक आवेदन कर सकेंगे।

सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के मुताबिक अग्निवीरों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है, जो कि इंडियन आर्मी की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध है। भर्ती के लिए 17/2 से 21 वर्ष के अभ्यर्थी अग्निवीर पद के लिए अपनी योग्यता अनुसार आवेदन कर सकते हैं।

अग्निवीर की भर्ती जनरल, तकनीकी, क्लर्क ट्रेडसमैन दसवी पास और ट्रेडसमैन आठवी पास, महिला सैन्य पुलिस और रेगुलर कैडर भर्ती, नर्सिंग सहयोगी और सिपाही फार्मा के पदो के लिए जारी की गई है. सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया 12 मार्च से 25 अप्रैल 2025 तक खुली रहेगी.

इंडियन आर्मी की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते है। अग्निवीर ऑनलाईन परीक्षा (CEE) के साथ टाइपिंग टेस्ट भी देना होगा, जो कि जून 2025 में होना सभावित है। आवेदन के लिए आवेदकों को एसबीआई के माध्यम से रूपये 250/- का शुल्क भी जमा करना पडेगा। किसी भी अन्य जानकारी और समस्या के लिए सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के टेलीफोन नं. 0771-2965212/0771-2965214 पर संपर्क कर सकते हैं।

DGGI की बड़ी कार्रवाई, 92 करोड़ की जीएसटी चोरी मामले में दो कारोबारी गिरफ्तार

रायपुर- जीएसटी विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI), रायपुर जोनल यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 92 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के मामले में दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों ने फर्जी बिलिंग के जरिए करीब 24 करोड़ रुपये का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया था.

जांच के दौरान सामने आया कि रायपुर की दो फर्में अजय ट्रेडर्स और शुभम सेल्स ने दिल्ली की कई फर्जी कंपनियों से फर्जी बिलों के जरिए क्रमशः 94 करोड़ और 41 करोड़ रुपये की खरीद दर्शाई थी. इसी के आधार पर फर्म संचालकों ने 24 करोड़ रुपये से अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने का प्रयास किया.

DGGI की जांच में यह पाया गया कि फर्मों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में में भारी गड़बड़ी पाई. खरीदी गई सामग्री एमएस टीएमटी, एमएस एंगल और एमएस चैनल आदि के कोई वास्तविक परिवहन या वितरण के साक्ष्य नहीं मिले.

इस पर कार्रवाई करते हुए डीजीजीआई ने अजय ट्रेडर्स के संचालक अजय सिंह और शुभम सेल्स के संचालक शुभम कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों के खिलाफ जीएसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.