यूएई के आसमान की रक्षा करेगा भारत का 'आकाश'? राजनाथ सिंह ने दुबई के क्राउन प्रिंस को दिया ऑफर
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भारत ने संयुक्त अरब अमीरात को आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली देने की पेशकश की। भारत ने ये पेशकश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दुबई के क्राउन प्रिंस और यूएई के उप प्रधानमंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के बीच बैठक के दौरान की। इसके अलावा खाड़ी देश यूएई के साथ भारत रक्षा सहयोग के अलावा हथियारों के साझा-निर्माण के लिए भी तैयार हो गया है।
दिल्ली दौरे पर पहुंचे दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन ने मंगवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीटिंग को बहुत अच्छा बताया।दोनों नेताओं ने दुनिया में चल रही राजनीतिक घटनाओं पर भी बात की। उन्होंने रक्षा सहयोग के लिए बनाए गए सिस्टम, सैन्य अभ्यास और ट्रेनिंग प्रोग्रामों पर खुशी जताई। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्रामों के आदान-प्रदान को रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। इससे दोनों देशों की रक्षा प्रणालियों को समझने और रक्षा संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी
आकाश मिसाइल में यूएई की दिलचस्पी
इस दौरान मेक-इन-इंडिया और मेक-इन-एमिरेट्स पहल को लेकर ध्यान केंद्रित करने पर दोनों देशों के नेता सहमत हुए हैं। दरअसल, भारत की स्वदेशी आकाश मिसाइल में यूएई ने दिलचस्पी दिखाई है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आकाश मिसाइल को भारत निर्यात भी करता है। आकाश मिसाइल को आर्मेनिया को एक्सपोर्ट किया जा चुका है।
रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
दोनों नेताओं ने तटरक्षक बल के बीच सक्रिय सहयोग पर भी संतोष व्यक्त किया और एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से इसे औपचारिक रूप देकर और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेता इस बात से आश्वस्त थे कि रक्षा उद्योगों के बीच घनिष्ठ सहयोग द्विपक्षीय संबंधों के लिए अभिन्न अंग होना चाहिए। उन्होंने रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए और रक्षा विनिर्माण में साझेदारी बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही सरकार
बता दें कि भारत सरकार आकाश मिसाइल सिस्टम, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे हथियारों को मित्र देशों को बेचना चाहता है। खासकर खाड़ी और आसियान देशों को। भारत पहले ही फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलें बेच चुका है। आर्मेनिया, आकाश, पिनाका और 155mm तोपों का पहला विदेशी ग्राहक बन गया है।
आकाश मिसाइल की खासियत
स्वदेशी निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने बनाया है। यह एक मध्यम दूरी की सतह से हवा (SAM) सिस्टम है, जो 25 किलोमीटर की दूरी पर हवाई खतरों को खत्म कर कर सकती है। इसे फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइल और ड्रोन जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। मैक 2.5 की रफ्तार से यह 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है।
Apr 09 2025, 19:03