बिहार में शराबबंदी और पुलिस की सख्ती से सांप्रदायिक दंगों के मामले घटे : डीजीपी


डेस्क : राज्य में सांप्रदायिक दंगे की घटनाओं में कमी आयी है। 20 वर्षों के दौरान इसमें तीन गुणा कमी दर्ज की गई है। इस बात की जानकारी बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि 2004 में राज्यभर में 9,199 दंगे हुए थे, जिनकी संख्या 2024 में घट कर 3,186 रह गई। सूबे में पहले शराबबंदी कानून लागू होने और फिर डायल 112 प्रणाली की शुरुआत के बाद से सांप्रदायिक दंगों के मामले लगातार घटे हैं। 

बिहार पुलिस मुख्यालय ने आंकड़े जारी कर बताया कि 2001 में 8,520 दंगे हुए थे। 2004 में इनकी संख्या बढ़कर 9,199 हो गई। 2015 में इन घटनाओं में थोड़ा उछाल आया और यह बढ़ कर 13,311 हो गई। लेकिन 2016 में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद इसमें तेजी से कमी आई और संख्या घटकर 11,617 हो गई। 

मुख्यालय ने बताया कि 2021 में पुलिस महकमा ने आपातकालीन सेवा के लिए डॉयल-112 की शुरुआत की। इस साल सांप्रदायिक मामले घट कर 6,298 हो गए। 2024 में यह संख्या आधी घटकर 3,186 रह गई। 2025 में अब तक महज 205 मामले ही दर्ज किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि किसी आपात स्थिति या घटना में डायल- 112 पर कॉल करने के 15 से 20 मिनट के अंदर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच जाती है। दंगा से जुड़ी घटनाओं या किसी झड़प के दौरान डॉयल-112 पर फोन आते ही पुलिस सक्रियता दिखाते हुए संबंधित स्थल पर पहुंच इसे नियंत्रित कर लेती है। 

डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून और डायल- 112 दंगा की घटनाओं को कम करने में बेहद कारगर साबित हुए हैं। ऐसी किसी घटना की सख्त मॉनिटरिंग की जाती है।

बड़ी खबर : सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 27 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर


डेस्क : आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय के कैबिनेट हॉल में कैबिनेट की अहम बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में तमाम विभागों के मंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 27 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है।

सरकार ने कृषि, नगर विकास एवं आवास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग और उद्योग विभाग के 27 अहम प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दे दी है।

नीतीश कैबिनेट में आज राजस्व और भूमि सुधार विभाग से जुडे़ दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बता दें कि, राज्य में जमीन सर्वे का काम तेजी से जारी है। ऐसे में जमीन सर्वे के काम में आसानी लाने के लिए सरकार के द्वारा कई फैसले लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज सीएम नीतीश ने भी कैबिनेट बैठक में राज्यस्व विभाग से जुड़ी दो अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है। 

पहला निर्णय नवादा जिले के पकरीबरावाँ अंचल के कचना मौजा में 6.27 एकड़ गैर-मजरूआ सरकारी भूमि के हस्तांतरण को लेकर लिया गया। यह भूमि खाता संख्या 606 के तहत आती है और इसका उपयोग 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण के लिए किया जाएगा। इस जमीन को बिहार स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 5 करोड़ 64 लाख 30 हजार रुपये की राशि पर सशुल्क आधार पर हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गई है।

दूसरे बड़े फैसले के तहत, राज्य के अंतर्गत संचालित सभी 827 राजस्व न्यायालयों के आधुनिकीकरण की योजना को मंजूरी मिली है। इसके तहत इन न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा लागू की जाएगी। इस परियोजना के लिए कुल 38 करोड़ 12 लाख 10 हजार 210 रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे जरूरी आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार के इन फैसलों को डिजिटल गवर्नेंस और आधारभूत संरचना के विस्तार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

कैबिनेट की बैठक में मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी अंचल के चहुआ मौजा, थाना संख्या 265, खाता संख्या 1347, खेतरा संख्या 3358 की कुल 5.07 एकड़ भूमि को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल के निर्माण हेतु सशुल्क हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह भूमि वर्तमान में "अनाबाद सर्वसाधारण किरम - शिव स्थान" के रूप में चिन्हित है, जिसे अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को 2,09,25,918 रुपये (दो करोड़ नौ लाख पच्चीस हजार नौ सौ अठारह रुपये) के भुगतान पर ट्रांसफर किया जाएगा। इस भूमि पर 100 बेड का आधुनिक ESIC अस्पताल स्थापित किया जाएगा। जिससे क्षेत्र के श्रमिकों और आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

सीएचओ परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में ईओयू ने मास्टरमाइंड समेत दो को दबोचा, 34 पहले किये जा चुके है गिरफ्तार


डेस्क : स्वास्थ्य विभाग के कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सोमवार की देर शाम मास्टरमाइंड रविभूषण सहित दो को गिरफ्तार कर लिया। वहीं इससे जुड़े आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस छापेमारी के दौरान देर रात दो लोगों को उठाया गया। हालांकि ईओयू ने सोमवार की देर रात तक गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों के मुताबिक, इकाई आरोपियों की तलाश में पटना के आस-पास सहित कई इलाकों में छापेमारी में देर रात तक जुटी रही। अलग-अलग टीमों को जांच में लगाया गया है।

मालूम हो कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने 4500 पदों पर कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की बहाली को लेकर एक-दो दिसंबर 2024 को परीक्षा आयोजित की थी। यह परीक्षा पटना के 12 ऑनलाइन केंद्रों पर ली गयी। सॉल्वर गैंग ने सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के केंद्राधीक्षक, परीक्षा ले रही निजी एजेंसी और तकनीकी लोगों के साथ साठ-गांठ कर उसे मैनेज कर रखा था। 

जांच के दौरान इस मामले में नालंदा के रविभूषण गिरोह की भूमिका सामने आयी। परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद स्वास्थ्य समिति ने परीक्षा रद्द कर दी थी। मामले में ऑनलाइन सेंटर संचालक, केंद्राधीक्षक, आईटी मैनेजर, सपोर्ट स्टाफ व नौ अभ्यर्थी सहित 36 लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। मास्टरमाइंड रविभूषण को गिरफ्तार कर लिया गया है पर कई केंद्र संचालक फरार हैं।

भोजपुर के इस कुख्यात दो लाख के इनामी के घर से बरामद हुआ एके-47 और हैंड ग्रेनेड, मौके से कुख्यात का बड़ा भाई गिरफ्तार


डेस्क : भोजपुर जिले के उदवंतनगर क्षेत्र के बेलाउर में दो लाख के इनामी बूटन चौधरी के घर से पुलिस ने एके 47 और हैंड ग्रेनेड बरामद किया है। मौके से बूटन के बड़े भाई उपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया है। हालांकि, बूटन पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका।

उपेंद्र चौधरी की पत्नी उर्मिला देवी बेलाउर पंचायत की मुखिया हैं। रविवार की देर रात एसटीएफ और उदवंतनगर थाने की पुलिस की संयुक्त छापेमारी में पुलिस को यह बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में बूटन और उपेंद्र के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। बरामद हैंड ग्रेनेड को बम निरोधक दस्ता की ओर से निष्क्रिय कर दिया गया।

एसपी राज ने बताया कि बूटन और उपेंद्र चौधरी का आपराधिक इतिहास रहा है। उपेंद्र पर भी हत्या और आर्म्स एक्ट सहित आधा दर्जन गंभीर कांड दर्ज हैं। राइफल नंबर के आधार पर जांच की जा रही है। बता दें कि बेलाउर पंचायत समिति सदस्य की हत्या में बूटन जेल से बाहर आया था। पूर्व के आर्म्स एक्ट के मामले में भी जेल जा चुका है।

राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में बढ़ा गर्मी का प्रकोप, आज से अगले तीन दिनों तक प्रदेश के इन जिलों में आंधी के साथ व्रजपात का अलर्ट


डेस्क : बिहार में प्रचंड गर्मी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरु कर दिया है। राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल करना शुरु कर दिया है। इसी बीच मौसम विभाग ने 11 अप्रैल तक राज्यभर में बारिश की संभावना जताई है। विभाग की मानें तो 8 अप्रैल यानी आज से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। जिसका असर बिहार में भी देखने को मिलेगा। इसके चलते प्रदेश में बारिश, वज्रपात और तेज़ हवाओं की संभावना जताई गई है। कई जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

मौसम विभाग के अनुसार 8 से 11 अप्रैल के बीच बिहार में नमी में वृद्धि और पूर्वी हवाओं के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान राज्य के एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। खासकर उत्तर-मध्य और उत्तर-पूर्वी जिलों में 10 से 30 मिमी तक बारिश के साथ वज्रपात और तेज़ हवाएं (40-50 किमी/घंटा) चलने की आशंका है। विशेष रूप से किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, दरभंगा और मधुबनी जिलों के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है।

8 अप्रैल को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी और दरभंगा जिलों में ओलावृष्टि के साथ मेघगर्जन, वज्रपात और तेज़ हवाएं (40-50 किमी/घंटा) चल सकती हैं। वहीं, राज्य के अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं वज्रपात और तेज हवाओं की स्थिति बन सकती है। 9 अप्रैल को उत्तर बिहार के एक-दो क्षेत्रों में मेघगर्जन, वज्रपात और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।

वहीं उत्तर-पूर्वी जिलों किशनगंज, अररिया और सुपौल में वज्रपात, हल्की बारिश और तेज़ हवाओं को लेकर चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने इसके लिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। 10 अप्रैल तक उत्तर बिहार के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश, वज्रपात और तेज़ हवाओं की स्थिति बनी रह सकती है। इस बदलाव का असर दक्षिण बिहार में भी असर देखा जा सकता है।

क्लास रुम छोड़कर दुकान पर बैठना गुरुजी को पड़ा महंगा, हो गए सस्पेंड

डेस्क : बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एक्शन मोड में हैं। एस सिद्धार्थ एक के बाद एक फरमान जारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को स्कूल खुलते हीं एस। सिद्धार्थ एक्शन में आ गए। एस सिद्धार्थ एक बार फिर वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों का जायजा ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने पहले सीतामढ़ी जिले के पोखरा मिडिल स्कूल, बनाल में कॉल कर जायजा लिया। जिसके बाद उन्होंने पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि जीएमएस मुरारपुर में वीडियो कॉल किया।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस। सिद्धार्थ ने आज से फोन-वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों में जांच शुरू की। उन्होंने आज पूर्वी चंपारण के हरसिद्धी प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धवही खालसा टोला के एचएम रितेश कुमार वर्मा को फोन लगा दिया। एचएम स्कूल छोड़कर बाहर एक दुकान पर बैठे मिले। एस सिद्धार्थ ने एचएम की पोल खोली तो उन्हें जवाब देते नहीं बन रहा था। इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने पूर्वी चंपारण के डीईओ को स्वयं स्कूल में जाकर जांच करने के आदेश दिए थे।

अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद हड़कंप मच गया। पूर्वी चंपारण डीईओ के आदेश पर डीपीओ(स्थापना) उक्त विद्यालय में पहुंचे तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई। उक्त विद्यालय के बच्चों को एमडीएम से भी वंचित रखा गया था।बिना छुट्टी के एचएम रितेश कुमार वर्मा गयाब थे। इसके बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने आरोपी शिक्षक रितेश कुमार वर्मा से कार्यस्थल पर ही स्पष्टीकरण की मांग की। आरोपी शिक्षक के जवाब से असंतुष्ट होकर जिला शिक्षा कार्यालय पूर्वी चंपारण ने आरोपी शिक्षक रितेश कुमार वर्मा को सस्पेंड कर दिय़ा है।

पटना पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर बिल्डर अपहरण कांड का किया खुलासा, मामले में शामिल तीन को किया गिरफ्तार

डेस्क : पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने राजधानी में वीवीआईपी जोन से अपहरण की वारदात का महज 24 घंटे में खुलासा कर लिया है। दरअसल बीते शनिवार को पटना एयरपोर्ट परिसर से दिल्ली प्लेन से आए एक बिल्डर श्रीकांत का अपहरण हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने अपहृत को चितकोहरा इलाके से बरामद कर लिया। साथ ही तीन अपरणकर्ताओं बबलू गिरी, मनीष कुमार और विकास आनंद को गर्दनीबग थाना क्षेत्र के चितकोहरा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरी कार्रवाई को लेकर पटना सेंट्रल एसपी स्वीटी सहरावत ने जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि घटना शनविार की रात की है। जब पीड़ित श्रीकांत दिल्ली से पटना विमान से आए थे। एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद ही उन्हें जबरन गाड़ी पर बैठा लिया और अगवा कर लेने की बात कही जा रही है। वहीं इस घटना के पीछे 50 लाख रुपए के लेनदेन का विवाद बताया जाता है। एयरपोर्ट थाना की पुलिस को इसकी सूचना रविवार की सुबह 8 बजे दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन की और सीसीटीवी कैमरे खंगालना शुरू कर दिया। रविवार को पुलिस ने दोपहर करीब 2 बजे श्रीकांत को कंकड़बाग इलाके से सकुशल बरामद कर लिया है।

सेंट्रल एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि श्रीकांत को अपहरणकर्ता पहले विकास के घर कंकड़बाग के आंसू कॉलोनी में पूरी रात कैद कर के रखा। वहीं पुलिस के डर से मनीष बब्लू गिरी और विकाश ने कार में जबरन बिठाकर चितकोहरा पुल के पास पहुंचे जहां से पुलिस ने अपहर्ता श्रीकांत और 3 अपहरण मे शामिल अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पटना सेंट्रल एसपी ने बताया कि आवेदन में परिजनों द्वारा 25 करोड़ की फिरौती की बात कही गई है। 50 लाख लेनदेन का भी पता लगाया जा रहा है।

दरअसल मनीष कुमार और बिल्डर श्रीकांत के भाई अरुण कुमार छोटे पर्दे पर चलने वाले फिल्म के प्रोडक्शन कंपनी का काम करते हैं। इसी शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए मनीष से अरुण ने 50 लाख कर्ज लिया था फिलहाल पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया है वही घटना में प्रयुक्त कार को भी जब्त किया गया है।

दाखिल खारिज के लिए घूस ले रहा था अंचल कार्यालय का डाटा इंट्री ऑपरेटर, निगरानी ने रंगे हाथ दबोचा

डेस्क : बिहार में निगरानी विभाग की टीम भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों और कर्मियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक कई अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार भी किए हैं, लेकिन बिहार में घुसखोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला वैशाली जिले के बिदुपुर अंचल कार्यालय से सामने आया है। जहां डाटा एंट्री ऑपरेटर को निगरानी विभाग की टीम ने 12000 रूपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। निगरानी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया है।

मिली जाकारी के मुताबिक डाटा इंट्री ऑपरेटर ने दाखिल खारिज के लिए ₹20000 की डिमांड किया था। गिरफ्तार डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार बताया गया है। जो बिदुपुर अंचल कार्यालय में तैनात है।

स्थानीय शैलेंद्र सिंह ने निगरानी विभाग में शिकायत की थी कि दाखिल खारिज के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार द्वारा ₹20000 की मांग की गई है। आवेदन मिलने के बाद निगरानी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार को ₹12000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार डाटा एंट्री ऑपरेटर को निगरानी विभाग की टीम अपने साथ ले गई है। निगरानी विभाग के अधिकारी ने बताया कि शैलेंद्र सिंह द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी कि डाटा एंट्री ऑपरेटर आदित्य कुमार द्वारा दाखिल खारिज के लिए ₹20000 की मांग की गई है। ₹12000 रिश्वत लेते इन्हें गिरफ्तार किया गया है।

किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने जंगल में छुपा रखा था हथियारों का जखीरा, पुलिस और एसएसबी ने संयुक्त अभियान चला किया बरामद

डेस्क ; बिहार के लखीसराय जिले से बड़ी खबर सामने आई है। जहां पुलिस और एसएसबी ने संयुक्त कार्रवाई में जिले के मनियारा जंगल में हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। बताया गया कि यह हथियार नक्सलियों के थे। जिसमें जंगल में जमीन में छुपाकर रखा गया था। पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इन हथियारों को जमा कर ऱखा था।

एसपी अजय कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि नक्सली बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। इस इनपुट के आधार पर पीरीबाजार थाना क्षेत्र के कठोतिया, मनियारा और हदहदिया के जंगलों में विशेष सर्च अभियान चलाया गया।

अभियान के दौरान पुलिस ने एक मास्केट, 8 जिंदा कारतूस, 13 नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 9 लेवी बुक, इंसास और एलएमजी का मैगजीन बरामद किया है। सभी सामान जमीन के भीतर छुपा कर रखा गया था, जिसे टीम ने सतर्कता के साथ बाहर निकाला। हालांकि, ऑपरेशन के दौरान कोई नक्सली गिरफ्तार नहीं हो सका।

एसपी अजय कुमार ने कहा कि नक्सली इन इलाकों में दोबारा संगठन को मजबूत करने की कोशिश में हैं, लेकिन पुलिस की सक्रियता और सतर्कता के चलते वे लगातार बैकफुट पर हैं। जिले में नक्सलियों के खिलाफ कड़ी निगरानी और ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा।

पलायन रोको नौकरी दो पदयात्रा में महज आधे घंटे शामिल हुए राहुल गांधी, जदयू ने कसा यह तंज

डेस्क : कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एकदिवसीय बिहार दौरे पर हैं। बिहार दौरे के दौरान राहुल गांधी बेगूसराय पहुंचे। जहां वे कन्हैया कुमार के पदयात्रा में शामिल होने के बाद वो युवाओं को संबोधित भी करने वाले थे। लेकिन राहुल गांधी एक घंटे में ही वापस आ गए। वो केवल आधे घंटे के लिए पदयात्रा में हिस्सा लिए औऱ युवाओं को बिना संबोधित किए ही वापस आ गए। वहीं इस दौरान राहुल गांधी का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में राहुल गांधी एक युवा को धक्का देते नजर आ रहे हैं।

इधर इस पूरे मामले को लेकर अब जदयू हमलावर है। जदयू ने कहा कि रोजगार और पलायन के नाम पर कांग्रेस की पदयात्रा मात्र 30 मिनट में समाप्त हो गई। कांग्रेस कब तक लोगों को ऐसे गुमराह करेगी। जदयू ने कहा कि यह हास्यास्पद था। ऐसे गंभीर मसलों पर कांग्रेस नेतृत्व क्या संदेश देना चाहता है। जदयू ने कहा कि कांग्रेस को पलायन या नौकरी जैसे मुद्दों पर बयान देने का कोई हक नहीं है।

जदयू ने कहा कि कांग्रेस ने 60 दशक में इन दो मसलों का हल नहीं ढूंढ पाई और सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार में युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है। बिहरा में 12 लाख नौकरी और 30 लाख लोगों को रोजगार दिया। सीएम नीतीश ने 92 हजार परिवारों को खुद का रोजगार शुरु करने के लिए 2-2 लाख रुपए दिए। जदयू ने कहा कि, कांग्रेस बिहार में अपनी खोई हुई शाख बचाने में नाकामयाब हो गई है।