घरेलू रसोई गैस हुई महंगी, उज्ज्वला योजना वाले सिलेंडर के भी दाम बढ़े, जानें नई कीमत

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घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपए महंगा हो गया है। केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 की बढ़ोतरी का ऐलान किया। आज यानी, सोमवार 7 अप्रैल को पेट्रोल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला और सामान्य श्रेणी के ग्राहकों दोनों के लिए गैस की कीमत में इजाफा किया गया है। नई कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी। दाम बढ़ने के बाद कीमत 853 रुपए हो जाएगी। वहीं उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के गैस सिलेंडर की कीमत 500 से बढ़कर 550 रुपए हो जाएगी।

आपको बता दें कि घेरलू गैस की कीमतों में अगस्त 2024 के बाद यह पहला बदलाव है। इससे पहले 1 अप्रैल को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी की कीमतों को 41 रुपये घटा दिया था। दिल्ली में अभी कर्मशियल एलपीजी की कीमत 1762 रुपये है।

पुरी ने कहा, आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी की बात करें तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी

केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर दिया है। वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। नए बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे। हालांकि, इससे आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा। पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को खुदरा पेट्रोल-डीजल का रेट नहीं बढ़ाने की हिदायत दे दी गई है।

महानगरों में एलपीजी की कीमत

दिल्ली में अभी तक गैस सिलेंडर 803 रुपये का था जो अब बढ़कर 853 रुपये का हो जाएगा। कोलकाता में घरेलू एलपीजी की कीमत 829 रुपये से बढ़कर 879 रुपये हो जाएगी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में घरेलू कुकिंग गैस की कीमत 802.50 रुपये बढ़कर 852.50 रुपये हो जाएगी। वहीं, चेन्नई में जो गैस अभी तक 818.50 रुपये की थी अब वब 868.50 रुपये की हो जाएगी।

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का भारत विरोधी एजेंडा, चीन को दिया बड़ा ऑफर, कोलकाता के बगल में...

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बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए जिसमें भारत का विरोध झलका। सत्ता संभालने के बाद यूनुस के फैसले बांग्लादेश को चीन और पाकिस्तान के करीब लाते हैं, जबकि भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती है। पहले पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान यूनुस ने भारत के खिलाफ चीन को “चारा” देने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया जारी है। बिमस्टेक समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी यूनुस सरकार ने चीन और पाकिस्तान को रणनीतिक जगहों पर अहम प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं। इनमें एक पोर्ट और एक एयरबेस शामिल है। अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन को बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने का न्योता दे डाला।

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक दस्तावेजों में तो इस एयरबेस का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस ने जब पिछले दिनों बीजिंग की यात्रा की थी तो उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ इस एयरबेस को लेकर बात की थी।

कोलकाता से सिर्फ 200 किमी पोर्ट की जिम्मेदारी चीन को

बांग्लादेश में शेख हसीना (सरकार के सत्ता से बाहर होने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव देखने को मिला है। इस बीच नई सरकार ने चीन से घनिष्ठ संबंध बनाने के संकेत दिए हैं। हाल ही में बिजिंग के दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरान बांग्लादेश ने भारत के कोलकाता से सिर्फ 200 किमी दूर मोंगला पोर्ट के विस्तार की जिम्मेदारी चीन को दी है। यूनुस की हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान इस डील पर मुहर लगी थी। चीन ने इस पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपए) देने का वादा किया है।

चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया

वहीं, बांग्लादेशी सरकार लालमोनिरहाट जिले में एक सैन्य एयरबेस बना रही है, जो भारत के 'चिकन नेक' यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 120 किमी दूर है। मोहम्मद यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया। सूत्रों के मुताबिक इसी साल अक्टूबर तक एयरबेस का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। वहीं एक पाकिस्तानी कंपनी एयरबेस निर्माण में सहयोग करेगी। बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहउद्दीन शोएब चौधरी ने एक वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में यह दावा किया।

चिकन नेक को लेकर यूनुस का बयान भी अहम

मोहम्मद यूनुस ने चीन जाकर 'चिकन नेक' को लेकर जो बयान दिया था, जिसे भारत की ओर से भड़काऊ बताया गया था यूनुस ने कहा था, 'भारत के सात, राज्य भारत के पूर्वी हिस्से...जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ये भारत के लैंडलॉक्ड इलाके हैं। समुद्र तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं। इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं। यह चीनी इकनॉमी के लिए मौका हो सकता है।

चिकन नेक क्या है?

चिकन नेक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। चिकन नेक, पश्चिम बंगाल में भारत का वह 22 से 25 किलोमीटर चौड़ा गलियारा है जो पूरे पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल और भूटान तथा बांग्लादेश से घिरा हुआ है। यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में नेपाल और उत्तर में भूटान के समीप स्थित है। सिक्किम और भूटान के बीच चुम्बी घाटी तिब्बती क्षेत्र स्थित है। डोलम पठार या डोकलाम ट्राइबाउंड्री क्षेत्र का दक्षिणी छोर गलियारे में ढलान पर है। सबसे संकरी जगह पर, गलियारा आम तौर पर पूर्व में मेची नदी द्वारा निर्मित होता है; नेपाल का भद्रपुर नदी के तट पर स्थित है। आगे उत्तर में मेची ब्रिज मेचीनगर को जोड़ता है। इसकी सबसे पतली चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है।

चिकन नेक पर चीन की नजर?

इस रूट की कोई भी नाकाबंदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से काट सकती है। इसे काटना मतलब 7 राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना है। लिहाजा बांग्लादेश को चीन को एयरबेस बनाने का न्योता देना भारत के खिलाफ न सिर्फ भौगोलिक, बल्कि सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक लड़ाई की शुरूआत है। ऐसे में अगर इस कॉरिडोर से कुछ किलोमीटर दूर चीन को एयरबेस बनाने की छूट मिल जाती है, तो क्या वह इस जगह की सेंसेटिविटी का फायदा नहीं उठाएगा? यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने खुले तौर पर चीन को ‘बांग्लादेश में निवेश’ का न्योता दिया है और यह भी कहा कि वह सैन्य उपयोग की संभावनाओं से इनकार नहीं करते।

सरकार ने दिया महंगाई का झटका, पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाया टैक्स, जानें कितने बढ़े दाम

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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपए बढ़ जाएंगे। नए दाम आज रात 12 बजे से ही लागू होंगे।

अभी सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपए लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए लीटर ड्यूटी लगेगी।

दरअसल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम हुए हैं, जिसको देखते हुए सरकार ने पेट्रोलियम कंपनी जैसे भारत पेट्रोलियम, रिलायंस और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को प्रति लीटर 2 रुपए बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि देश की ऑयल कंपनी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दी है या फिर वर्तमान में जो रेट हैं, उसी कीमत पर लोगों को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करती रहती हैं।

बड़े शहरों में ऐसा होता रहता है', लड़की से छेड़छाड़ पर कर्नाटक के गृह मंत्री का ये कैसा बयान

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क्या बड़े शहरों में महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं आम बात हैं? सवाल अटपटा है, लेकिन जब एक समाज के एक जिम्मेदार शख्स को ऐसा लगता है तो सवाल लाजमी है। बेंगलुरु में 4 अप्रैल को दो लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई। सीसीटीवी कैमरे में दिखा कि एक युवक दो लड़कियों के पास आता है और उनमें से एक को जबरदस्ती दीवार की ओर धक्का देता है, फिर वहां से भाग जाता है। इस घटना पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर बवाल खड़ा हो गया है।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर का कहना है कि इस तरह की घटनाएं बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में होती रहती हैं। हालांकि उन्होंने मामले को लेकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही उन्होंने पुलिस को गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर से मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बारिश हो या सर्दी, हर स्थिति में पुलिस चौबीसों घंटे काम कर रही है। यही वजह है कि बेंगलुरु में शांति है। बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से पुलिस आयुक्त को सतर्कता बरतने, बीट प्रणाली का नियमित रूप से पालन करने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश देते हैं।

परमेश्वर ने कहा कि मैं उनको (पुलिस आयुक्त से) निर्देश देता हूं हर इलाके में अनुशासित और प्रभावी तरीके से गश्त होनी चाहिए। हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करते हैं। बीट प्रणाली को बेहद प्रभावी बनाया जाना चाहिए। इसीलिए मैंने पुलिस आयुक्त को इस बारे में निर्देश दिया।

मामला है बेंगलूरू के सद्दुगुंटेपल्या के पास की। घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। पुलिस के अनुसार, तीन अप्रैल सुबह भारती लेआउट में दो महिलाएं टहल रही थीं, तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और उनमें से एक को दीवार की तरफ धकेला और उससे छेड़छाड़ की। इसके बाद वह वहां से भाग गया। इस घटना के बाद दोनों लड़कियां रोते और चिल्लाते हुए दिख रही हैं। मामले में अब तक पीड़ित की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। बेंगलुरु पुलिस ने खुद एक्शन लेते हुए मामला दर्ज किया है।

मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन...”सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मिलकर बोलीं ममता

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पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला में अपनी नौकरी गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को समर्थन में उतर गईं हैं। इसी क्रम में सोमवार को ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। यह बयान उन्होंने उन शिक्षकों के पक्ष में दिया, जिनकी नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रद्द की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा, शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करे कौन योग्य कौन नहीं-ममता बनर्जी

ममता ने यह सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा, हमें एक लिस्ट दीजिए। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार नहीं है। ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनईईटी परीक्षा में भी कई आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उन्होंने यह भी पूछा, बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बंगाल की प्रतिभा से लोग डरते हैं?

25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति रद्द

बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को तब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला सुनाया। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 25 हज़ार शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को लेकर पिछले दिनों ही आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती मामले में न सिर्फ अपना फैसला सुनाया बल्कि इस भर्ती को टेंटिड और दूषित भी करार दिया।

दारुल उलूम देवबंद ने महिलाओं-बच्चों की एंट्री पर लगाया बैन, जानें क्या है वजह?

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद प्रबंधन ने महिलाओं और बच्चों के दारुल उलूम में प्रवेश पर रोक लगा दी है। दारुल उलूम परिसर के बाहर इसको लेकर एक नोटिस भी चस्पा किया गया है। दारुल उलूम देवबंद में छात्रों के एडमिशन और परीक्षाओं को देखते हुए प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।

भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर फैसला

दारुल उलूम देवबंद के मैनेजमेंट की ओर से जारी नोटिस में लिखा है, दारुल उलूम की जियारत के लिए आने वाले सभी सम्मानित मेहमानों से निवेदन है कि अपने साथ महिलाओं को दारुल उलूम न लाएं, क्योंकि इस समय पूरे देश से बड़ी संख्या में छात्र दारुल उलूम में दाखिले के लिए आए हुए हैं और प्रवेश परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि महिलाओं और छोटे बच्चों को दारुल उलूम में आने से रोका जाए।

बता दें कि दारुल उलूम में बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश लेने और परीक्षा देने के लिए आ रहे हैं। जिस कारण परिसर में भारी भीड़ हो रही है। भीड़ को नियंत्रित करने और छात्रों की सुविधा के लिए दारुल उलूम ने छोटे बच्चों और महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाई है।

छात्रों के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

हाल ही में देवबंद ने छात्रों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई थी। मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फैसले पर बताया था कि स्मार्टफोन पर पाबंदी छात्रों को किताबों से जोड़ना और उन्हें बाहरी ध्यान भटकाने वाली चीजों से रोकना है। उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि बच्चे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें और स्मार्टफोन से मिलने वाली व्याकुलता से बचें।

मुसलमानों के लिए भी खुले आरएसएस के दरवाजे, संघ प्रमुख भागवत ने शाखा में शामिल होने के लिए रखी शर्त

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 4 दिवसीय दौरे वाराणसी पर हैं। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और उन्हें संबोधित किया। इस दौरान संघ प्रमुख का दिया एक बयान काफी चर्चा में है। मोहन भागवत ने मुसलमानों के शाखा में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी मुसलमान शाखा में शामिल हो सकता है बशर्ते वो भारत माता की जय के नारे लगाए और भगवा झंडा की इज्जत करे।

वाराणसी में मोहन भागवत लाजपत नगर कॉलोनी में आरएसएस की एक शाखा पर पहुंचे थे। सत्र के दौरान, एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि क्या वह अपने पड़ोसियों, जो मुस्लिम हैं, उनको शाखा में आमंत्रित कर सकता है और ला सकता है।

सभी पंथ, समुदाय और जाति के लोगों का संघ में स्वागत-भागवत

स्वयंसेवक के सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि भारत माता की जय बोलने वाले और भगवा ध्वज का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए शाखाओं के दरवाजे खुले हैं। संघ की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों को छोड़कर सभी भारतीयों का संघ की शाखाओं में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सभी पंथ, समुदाय और जातियों के लोगों का संघ की शाखाओं में स्वागत है।

हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल-भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने शनिवार को आईआईटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, समाज में मेलजोल और बराबरी होनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर, पानी और दूसरी जरूरी चीजें सभी को बराबर मिलनी चाहिए। हिंदू समाज में भारत में रहने वाला हर व्यक्ति शामिल है, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू, क्योंकि वे सभी भारत का हिस्सा हैं। इसका मतलब है कि हमें सभी को साथ लेकर चलना है।

टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस में मतभेद, आपस में भिड़े मस्क और ट्रंप के सलाहकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की हर तरफ आलोचना हो रही है। अब टैरिफ नीति को लेकर ट्रंप के अपने ही सलाहकार आपस में भिड़ गए हैं। व्हाइट हाउस के दो बड़े आर्थिक सलाहकार-पीटर नवारो और एलन मस्क एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। पीटर नवारो का आरोप है कि एलन मस्क अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे उनकी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। वहीं, एलन मस्क ने नवारो की शिक्षा और उनके आर्थिक सोच पर सवाल उठा दिए हैं।

यह विवाद तब और गहरा गया जब पीटर नवारो ने फॉक्स न्यूज संडे के साथ एक इंटरव्यू में एलन मस्क की टैरिफ विरोधी टिप्पणियों की आलोचना की। नवारो ने स्वीकार किया कि मस्क जो सरकारी दक्षता विभाग में भी भूमिका निभा रहे हैं, उस पद पर अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मस्क का टैरिफ का विरोध उनकी कंपनियों के व्यावसायिक हितों से प्रेरित है।

नवारो ने कहा, जब एलन मस्क ऊर्जा विभाग से जुड़े काम करते हैं, तो वे अच्छा काम करते हैं, लेकिन हमें पता है कि असल में क्या हो रहा है। एलन कार बेचते हैं और वे सिर्फ अपने फायदे की बात कर रहे हैं। नवारो ने बताया कि मस्क की कंपनी टेस्ला को टैरिफ से सीधा नुकसान हो सकता है क्योंकि टेस्ला चीन, मैक्सिको, जापान, ताइवान और कई देशों से बड़ी मात्रा में ऑटोमोबाइल पार्ट्स मंगाती है। नवारो का कहना है कि मस्क टैरिफ का विरोध इसलिए कर रहे हैं ताकि उनकी कंपनी का मुनाफा बना रहे।

एलन मस्क ने दी तीखी प्रतिक्रिया

एलन मस्क ने पीटर नवारो के आरोपों को खारिज किया है। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। मस्क ने न केवल नवारो के बयान को गलत बताया बल्कि उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक अनुभव पर भी सवाल उठा दिए।

मस्क ने एक पोस्ट में लिखा, इकोनॉमिक्स में हार्वर्ड से पीएचडी होना कोई काबिलियत की बात नहीं, बल्कि यह नुकसानदायक भी हो सकता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इतनी ज्यादा पढ़ाई ने नवारो को असली दुनिया की आर्थिक हकीकतों से दूर कर दिया है। एक दूसरे पोस्ट में मस्क ने लिखा, यह सब उनके घमंड और सीमित सोच की समस्या है।

ट्रंप की नीतियों के विरोध की वजह है नुकसान?

बता दें कि एलन मस्क पहले राष्ट्रपति ट्रंप के एक मुखर समर्थक रहे हैं और उन्हें शीर्ष सलाहकार के रूप में भी जाना जाता था। हालांकि ट्रंप की हालिया “लिबरेशन डे” टैरिफ घोषणा के बाद से मस्क काफी शांत रहे हैं। अकेले टेस्ला के सीईओ को बाजार में गिरावट के कारण 30 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मस्क का ट्रंप की नीतियों का विरोध करना उनके इस निजी नुकसान की वजह से हो सकता है।

टैरिफ की मार से दुनियाभर के बाजार में हाहाकार, ट्रंप बोले- यह एक तरह की दवा है, कड़वे घूंट पीने पड़ते हैं

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। इसके बाद से दुनियाङर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। यहां तक की अमेरिकी शेयर बाजार पर भी इसका खासा असर देखा जा रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। ट्रंप के फैसले के का विरोध भी शुरू हो गया है। शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबारी एलन मस्क के खिलाफ अमेरिकी नागरिकों ने पूरे देश में रैलियां निकाली। इस बीच ट्रंप ने अपने टैरिफ लगाने के फैसले को वापस लेने से साफ मना कर दिया है। कहा है कि कभी कभी चीजों को सही करने के लिए दवाई देने की जरूरत पड़ती है।

हम व्यापार घाटा नहीं सहेंगे-ट्रंप

अपने आधिकारिक विमान एयरफोर्स वन में मीडिया के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा कि वह नहीं चाहते कि दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आए, लेकिन मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं। कई बार आपको चीजों को सही करने के लिए दवाई लेनी पड़ती है। ट्रंप ने कहा कि मैंने यूरोपीय, एशियाई, पूरी दुनिया के कई नेताओं से बात की है, वे हमारे साथ समझौता करना चाहते हैं, लेकिन अब हम व्यापार घाटा नहीं सहेंगे और हमने ये बात उन्हें साफ बता दी है।

टैरिफ को 'खूबसूरत चीज़' बताया

वहीं दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रूथ' पर एक पोस्ट में टैरिफ को 'खूबसूरत चीज़' बताया। उन्होंने कहा, चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ हमारा बड़ा व्यापार घाटा है। इसका हल सिर्फ टैरिफ है। इससे अमेरिका को अब अरबों डॉलर मिल रहे हैं। ये पहले से ही असर दिखा रहे हैं और देखने में भी सुंदर लगते हैं। ट्रंप ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में इन देशों के साथ व्यापार घाटा और बढ़ा है, लेकिन अब वह इसे सुधारेंगे। उन्होंने कहा कि किसी दिन लोगों को एहसास होगा कि टैरिफ संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बहुत ही सुंदर चीज है।

दुनियाभर के शेयर मार्केट धड़ाम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई टैरिफ पॉलिसी लागू किए जाने के बाद से दुनियाभर के शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है। ऑस्ट्रेलिया स्टॉक मार्केट में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है, वहीं साउथ कोरिया के बाजार में 5 प्रतिशत, जापान में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। चीन का मार्केट 10 प्रतिशत डाउन है तो वहीं हांगकांग का मार्केट 10 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया है।

अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट की माने तो बाजार में अभी 15-20% प्रतिशत की और गिरावट देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट की इस भविष्यवाणी के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है।

मंदी का खतरा मंडराया

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 26% टैरिफ लगाया और अन्य देशों पर 10% आयात शुल्क लगाया। चीन ने पलटवार करते हुए 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया तो वही कनाडा ने अमेरिकी वाहनों पर 25% टैरिफ लगा दिया है। इसके कारण लोगों में टेंशन का माहौल है। आयात किए गए सामानों पर लगाए गए 10% के नए टैरिफ और दर्जनों देशों पर लगाए गए जवाबी टैरिफ से व्यापारी घबरा गए हैं। यही कारण है बड़ी मात्रा में बाजार से पैसा बाहर निकाला जा रहा है, जिससे भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

ट्रंप के टैरिफ फैसले से वैश्विक बाजारों में महंगाई की आशंका बढ़ी है, जिससे मंदी का खतरा गहराता दिख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ के कारण आयातित सामानों की कीमतें बढ़ेंगी।

कुछ दिन पहले ही लगाया है टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही भारत समेत दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने भारत पर भी 26 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। भारत के अलावा और जिन देशों पर टैरिफ लगाया गया उनमें चीन, मलेशिया, कनाडा, पाकिस्तान, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।

राहुल-प्रियंका से क्यों नाराज हैं इंडियन मुस्लिम लीग, किसे कहा "ब्लैक मार्क"?

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संसद में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कई विपक्षी दलों को नाराज कर दिया। पार्टी ने इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रियंका गांधी की आलोचना की। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं।

समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम ने लोकसभा में बुधवार को विधेयक पर बहस के दौरान सत्र में भाग नहीं लेने के लिए प्रियंका गांधी की आलोचना की। 4 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय ने उनकी अनुपस्थिति को "ब्लैक मार्क" कहा और यह भी सवाल उठाया कि जब भाजपा विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तो प्रियंका गांधी कहां थीं, जो मानते हैं कि यह मुसलमानों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करता है।

राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल

यही नहीं, विपक्षी नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल गांधी ने विधेयक पर बात क्यों नहीं की, जो उनके अनुसार राष्ट्र की एकता को प्रभावित करता है। इसके साथ ही, लेख में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, टीएमसी और वामपंथी दलों की भारत गठबंधन के तहत एकजुटता की सराहना की गई। इन दलों ने संसद में इस बिल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।

विपक्षी दलों का विरोध

इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक और गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लक्षित कानून बताया है, जो केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। वक्फ विधेयक 2024 ने भारतीय राजनीति में हलचल मचाई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी आलोचना की है। हालांकि, सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही और इसको एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पास

इससे पहले वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था। लंबी बहस और चर्चा के बाद लोकसभा से पास किया गया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे।