पेड़ से लटका मिला प्रॉपर्टी डीलर का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र में रविवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब ग्राम पंचायत बड़ी गढ़ी के मजरे लाल गंज गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर नंदकिशोर उम्र करीब 35 वर्ष का शव आम के पेड़ से लटका मिला। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या कर शव लटकाने की साजिश बताया है और पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया।

हत्या की आशंका को लेकर पुलिस से भिड़े परिजन व ग्रामीण

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब शव उतारने की कोशिश की तो ग्रामीणों व परिजनों ने विरोध करते हुए पुलिस से नोकझोंक शुरू कर दी। परिजनों का कहना था कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जाते, तब तक शव नहीं उतारा जाएगा। काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने समझा-बुझाकर शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह पांच भाईयों में प्रेम चंद्र, अमन राज, विशम्भर दयाल और शिवनंदन के बाद यह सबसे छोटा था।

शनिवार देर रात घर न लौटने पर परिजनों ने डायल 112 पर दी थी सूचना

मृतक नंदकिशोर शनिवार शाम को अपने घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटे। परेशान परिजनों ने डायल 112 पर इसकी सूचना दी। रविवार सुबह गांव के पास ही स्थित आम के बाग में उनका शव पेड़ से लटका मिला। मौके से उनकी बाइक भी बरामद हुई है, जिससे मामला और रहस्यमय हो गया है।परिजनों के मुताबिक, नंदकिशोर पेशे से प्रॉपर्टी डीलर थे और हाल ही में उन्होंने दो से तीन करोड़ की जमीन का सौदा कराया था। परिवार को आशंका है कि इसी जमीन सौदे को लेकर रंजिश में उनकी हत्या की गई और फिर मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया गया।

पुलिस ने क्षेत्र किया सील, जांच जारी

सूत्रों की मानें तो शनिवार रात घर में किसी बात को लेकर विवाद भी हुआ था। यह पहलू पुलिस की जांच के दायरे में है कि क्या इस घरेलू विवाद का नंदकिशोर की मौत से कोई संबंध है या नहीं।पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच शुरू कर दी गई है। एसीपी मलिहाबाद व थानाध्यक्ष मौके पर मौजूद रहे। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह सामने आ पाएगी।

गांव में पसरा मातम, परिजन सदमे में

घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। नंदकिशोर की मौत से परिवार सदमे में है। ग्रामीणों का कहना है कि नंदकिशोर मिलनसार और शांत स्वभाव के थे, किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उनकी रहस्यमयी मौत ने गांववालों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस उपायुक्त पश्चिमी ने बताया कि नंदकिशोर के शनिवार के शाम को गायब होने की सूचना मलिहाबाद पुलिस को मिली थी। पुलिस उनकी तलाश में लगी ही थी कि रविवार की सुबह एक बाग में नंद किशाेर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया गया है।

तस्करों की शरणस्थली बनती राजधानी, मड़ियांव में गांजे के साथ पकड़ा गया तस्कर, पुलिस को दिए कई चौंकाने वाले राज

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ नशे के सौदागरों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनती जा रही है। बीते शनिवार को मड़ियांव पुलिस द्वारा 21 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किए गए फैजुल्लागंज निवासी पंकज वर्मा की गिरफ्तारी ने इस सच्चाई को एक बार फिर उजागर कर दिया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसे यह भारी खेप राजधानी में मौजूद एक बड़े सप्लायर को सुपुर्द करनी थी, जिसकी तलाश में पुलिस अब पूरी ताकत के साथ लगी है।

लखनऊ की ज़मीन, तस्करों का मैदान

राजधानी में मादक पदार्थों की तस्करी का यह कोई नया मामला नहीं है। पिछले एक दशक से लखनऊ न केवल तस्करों की गिरफ्त में है, बल्कि यहां मौजूद नेटवर्क और लोकल मददगारों के सहयोग से यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है। मड़ियांव केस को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां पंकज वर्मा जैसे व्यक्ति को केवल एक डिलीवरी बॉय की भूमिका में देखा जा रहा है, जबकि असली कड़ी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

पूछताछ में सामने आए कई नाम

सूत्रों के मुताबिक, पंकज वर्मा ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं, जिनके आधार पर पुलिस ने राजधानी के अलग-अलग इलाकों में अपनी नजरें टिका दी हैं। संदेह जताया जा रहा है कि इस नेटवर्क में न सिर्फ गांजा बल्कि स्मैक और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले लोग भी सक्रिय हैं।

पुराने मामलों से मिलती हैं समानताएं

इससे पहले भी लखनऊ में कई तस्कर पकड़े जा चुके हैं। वर्ष 2013 में वजीरगंज पुलिस ने कैसरबाग बस अड्डे के पास से दो तस्करों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 67 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। यह मामला पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज एक ऐसा उदाहरण है जो दर्शाता है कि किस तरह राजधानी मादक पदार्थों की तस्करी का केंद्र बनती जा रही है।

पुलिस का अगला लक्ष्य – नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना

पुलिस अब पंकज वर्मा के मोबाइल कॉल डिटेल्स और संपर्क सूत्रों की जांच कर रही है। साथ ही यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि वह खेप रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी जैसे आस-पास के जनपदों तक भी पहुंचाई जाती थी या नहीं। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इस नेटवर्क में कई पुराने तस्कर दोबारा सक्रिय हो चुके हैं, जो नाम बदलकर या छोटे लोगों को आगे कर यह धंधा चला रहे हैं।

इनकी तस्करी कानून व्यवस्था व युवकों के लिए खतरा

लखनऊ जैसे शहर में तस्करी का यह फैलता हुआ नेटवर्क न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि यहां के युवाओं को भी धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में धकेल रहा है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है, बशर्ते इसे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचाया जाए और हर उस मददगार को बेनकाब किया जाए जो तस्करों को पनाह देता आया है।

इंस्टाग्राम से शुरू हुआ प्यार, मंदिर में बंधा सात जन्मों का साथ, विवाहिता ने प्रेमी संग की शादी

लखनऊ । सोशल मीडिया की दुनिया में रोज़ नई कहानियां जन्म लेती हैं-कभी दोस्ती, कभी धोखा तो कभी सच्चा प्यार। ऐसा ही एक मामला शनिवार को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में देखने को मिला, जहां इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती ने पहले विवाहिता को तलाक दिलाया और फिर प्रेमी संग मंदिर में शादी तक का सफर तय कर दिया।

शादी के बाद पराया हो गया रिश्ता, इंस्टाग्राम बना प्यार की डोर

बिवांर थाना क्षेत्र के टीहर गांव निवासी रामदास कुशवाहा की पुत्री कल्लो उर्फ सीमा देवी की शादी गत वर्ष 22 अप्रैल 2024 को महोबा जनपद के बजरिया मोहल्ला निवासी मनोज कुमार से हुई थी। शादी के कुछ ही महीनों बाद सीमा की जिंदगी में एक नया मोड़ आया, जब वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के माध्यम से थाना राठ के चिल्ली गांव निवासी साहिल कुशवाहा के संपर्क में आई। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातों का सिलसिला प्यार में बदल गया। सीमा ने बताया कि करीब आठ माह से साहिल से लगातार बातचीत हो रही थी, और वह उसे दिल से चाहने लगी थी।

पति को चला पता, 24 मार्च को दिया तलाक

यहां बता दें कि जब सीमा के पति और ससुरालियों को उसके इस रिश्ते की भनक लगी तो घर में कलह बढ़ गई। आखिरकार, 24 मार्च को मनोज कुमार ने उसे तलाक दे दिया। इसके बाद सीमा ने अपने प्रेमी साहिल के साथ जीवन बिताने का फैसला किया। हालांकि, इस रिश्ते से न तो उसके माता-पिता और न ही साहिल के परिवारवाले खुश थे।

माता-पिता ने रोका तो दी आत्महत्या की धमकी

सीमा जब साहिल के साथ भागकर उसके गांव चिल्ली चली गई, तब उसके माता-पिता ने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन भावनाओं में डूबी सीमा ने आत्महत्या करने की धमकी दी, जिससे परिवार को पीछे हटना पड़ा।शनिवार को प्रेमी युगल मुस्करा कस्बे स्थित कालका धाम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाई और एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर पति-पत्नी बनने का वचन दिया। इसके बाद दोनों मुस्करा थाना पहुंचे और अपने को बालिग बताते हुए साथ रहने की इच्छा जताई।

पुलिस ने निभाई मध्यस्थता की भूमिका

थाने में महिला कांस्टेबल सुमन की उपस्थिति में दोनों के बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर शादी को सामाजिक मान्यता देने का सुझाव दिया। पुलिस के मुताबिक, दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें रोका नहीं जा सकता।यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि सोशल मीडिया ने रिश्तों की परिभाषा बदल दी है। जहां पहले पारिवारिक सहमति से विवाह होते थे, वहीं अब युवाओं की पसंद और सोशल कनेक्शन भी जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

उप्र : महराजगंज को मिली बड़ी सौगात: सीएम योगी ने किया रोहिन बैराज परियोजना का लोकार्पण

-- 147 करोड़ की लागत से बनी परियोजना से 65 गांवों के 16,000 किसान होंगे लाभान्वित

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महराजगंज जनपद के नौतनवा तहसील स्थित रतनपुर गांव में 147.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 'रोहिन बैराज परियोजना' का भव्य लोकार्पण किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी, और स्थानीय विधायक ऋषि त्रिपाठी भी मंच पर मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यह परियोजना किसानों की वर्षों पुरानी मांग थी। अब उन्हें खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए भरपूर पानी मिलेगा। यह न केवल उनकी मेहनत को सफल बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा।”

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। रोहिन बैराज इसका सशक्त उदाहरण है, जो आने वाले समय में हर खेत तक पानी पहुंचाकर ‘हर खेत, हर बूंद’ के संकल्प को साकार करेगा।”

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता:

इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने भी क्षेत्र की जनता को बधाई दी और सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। जल शक्ति मंत्री ने इसे “पूर्वांचल के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट” बताया, वहीं केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि “यह बैराज केवल एक सिंचाई परियोजना नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य की गारंटी है।”

- इतिहास और निर्माण की यात्रा:

इस स्थान पर पहले 1947 में बना वीयर (Weir) मौजूद था, जो 2005 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मिट्टी से बांध बनाकर सिंचाई की जाती रही, जो समय और संसाधनों की भारी खपत के साथ होती थी।

2006 में 6 करोड़ की स्वीकृति मिलने के बावजूद कार्य ठप पड़ा रहा। अंततः 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इस परियोजना को 148 करोड़ की नई मंजूरी मिली। नाबार्ड ने वित्तीय सहायता प्रदान की और 2022 में निर्माण कार्य शुरू हुआ।

- कृषि को मिलेगा नया संबल:

बैराज के चालू होने से नौतनवा और लक्ष्मीपुर क्षेत्र के किसान सुगम, नियमित और प्रभावी सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होंगे। इससे कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी, फसल विविधता और किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।

गृहकर में डिजिटल छूट के नाम पर जनता से धोखा : मुकेश सिंह चौहान

-- कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- नगर निगम के फैसले से जनता की जेब पर सीधा हमला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं इस्माइलगंज प्रथम वार्ड के पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने लखनऊ नगर निगम द्वारा गृहकर में दी जा रही छूट में कटौती को लेकर भाजपा की स्थानीय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस निर्णय को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि यह जनता की जेब पर सीधा हमला है, जिससे भाजपा सरकार अपने राजनीतिक हित साधना चाहती है।

चौहान ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने भाजपा के इशारे पर कार्य करते हुए डिजिटल और नकद भुगतान पर मिलने वाली छूट में कटौती की है, जिससे लखनऊ के नागरिकों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

-- छूट में किस तरह की गई कटौती?

पार्षद चौहान ने बताया कि इस वर्ष: अप्रैल में डिजिटल भुगतान पर छूट 10 प्रतिशत और नकद पर 8 प्रतिशत थी, मई में इसे घटाकर क्रमशः 8 प्रतिशत और 6 प्रतिशत,

जबकि जून में सिर्फ 5 प्रतिशत और 4 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में अप्रैल से जुलाई तक 10 प्रतिशत और अगस्त से दिसंबर तक 5 प्रतिशत की छूट दी जाती थी, जिसे अब बिना ठोस कारण के कम कर दिया गया है।

-- नगर निगम पर पारदर्शिता की अनदेखी का आरोप

मुकेश सिंह चौहान ने यह भी आरोप लगाया कि बजट 2025-26 की कार्यकारिणी बैठक में इस निर्णय को भाजपा सरकार के दबाव में लिया गया और नगर निगम ने जानबूझकर प्रेस नोट में इस कटौती की जानकारी नहीं दी। उन्होंने इसे पारदर्शिता की घोर अवहेलना बताया।

-- सदन में होगा विरोध, महापौर से लगाई रोक की मांग

चौहान ने स्पष्ट किया कि कार्यकारिणी का निर्णय अंतिम नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगामी बजट सदन में इस जनविरोधी निर्णय का कड़ा विरोध करेगी और मांग करेगी कि पिछले वर्षों की तरह छूट को बहाल किया जाए।

मुकेश सिंह चौहान ने महापौर से मांग की है कि वह कार्यकारिणी के इस निर्णय पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी करें और जब तक बजट सदन में अंतिम निर्णय न हो, तब तक पूर्ववत छूट को लागू रखा जाए।

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भाजपा रविवार को पूरे प्रदेश में मनाएगी अपना 45वां स्थापना दिवस

-- भव्य कार्यक्रमों की श्रृंखला के लिए राज्यस्तरीय समिति गठित, कार्यकर्ताओं को मिली अहम जिम्मेदारियां

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी कल रविवार को पूरे उत्तर प्रदेश में अपने 45वें स्थापना दिवस को भव्यता के साथ मनाएगी। इस अवसर पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी राज्य मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले आयोजनों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस के सफल आयोजन के लिए एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति के संयोजक प्रदेश महामंत्री संजय राय बनाए गए हैं। जबकि सह-संयोजकों में प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, मानवेन्द्र सिंह, त्रयम्बक त्रिपाठी, प्रदेश मंत्री शंकर गिरि, श्रीमती अर्चना मिश्रा, तथा शिव भूषण सिंह को शामिल किया गया है।

- 6 अप्रैल: प्रदेशभर में झंडारोहण और प्रदर्शनी

प्रदेश के सभी पार्टी कार्यालयों को सजाया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता अपने घरों पर पार्टी ध्वज फहराएंगे। जिला स्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जिसमें भाजपा की उपलब्धियों और यात्रा को दर्शाया जाएगा।

-- 7 से 9 अप्रैल तक जारी रहेंगे आयोजन

7 अप्रैल को प्रत्येक बूथ पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत माता के चित्र स्थापित कर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। 8 और 9 अप्रैल को विधानसभा स्तर पर सक्रिय सदस्यों का सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें संगठनात्मक विस्तार, चुनावी रणनीतियाँ, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 वर्षों के नेतृत्व में देश की विकास यात्रा पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

इस अवसर पर पार्टी पदाधिकारी, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, निगम/आयोग/बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, तथा अन्य प्रमुख नेता प्रदेशभर में इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

रामनवमी को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट

-- अयोध्या, वाराणसी और मथुरा पर विशेष फोकस, 42 जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा

लखनऊ। रामनवमी के पावन पर्व को लेकर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे संवेदनशील शहरों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

डीजीपी मुख्यालय से जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रयागराज, मेरठ, कानपुर और चित्रकूट सहित कुल 42 जिलों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएं। इन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती और सक्रिय निगरानी तंत्र को लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं।

-- ड्रोन और CCTV से निगरानी, नए रास्तों पर रोक

रामनवमी के मौके पर निकलने वाली शोभा यात्राओं और धार्मिक जुलूसों के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी। सभी प्रमुख जुलूस मार्गों पर ड्रोन कैमरों और CCTV के जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी। किसी भी नए या अप्रशिक्षित मार्ग से जुलूस निकालने पर रोक लगाई गई है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए।

राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय धार्मिक संगठनों और आयोजकों से समन्वय कर सभी गतिविधियों को शांति और सौहार्दपूर्ण ढंग से संचालित करें।

-- कहीं कोई ढील नहीं, हर जिले में सतर्कता

प्रत्येक जिले में प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कानून-व्यवस्था को लेकर कोई ढील ना बरती जाए। संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च, रात्रि गश्त और कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग जैसी गतिविधियां जारी रहेंगी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनलालगंज में लगी आग, कई वाहन जलकर खाक

लखनऊ। राजधानी के मोहनलालगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में शुक्रवार को अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस हादसे में अस्पताल परिसर में खड़ी कई कंडम गाड़ियां, स्टोर रूम में रखे पुराने सामान और आसपास की घास-फूस जलकर राख हो गई। हालांकि राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

आग कई कंडम वाहनों और स्टोर में में भयानक रूप से फैल चुकी थी

फायर स्टेशन पीजीआई को शुक्रवार को दोपहर 3:10 बजे सूचना मिली कि सीएचसी मोहनलालगंज परिसर में आग लग गई है। सूचना मिलते ही FSO माम चंद बडगूजर, जो उस वक्त इकाना में ड्यूटी पर थे, पीजीआई यूनिट से फायर टेंडर संख्या 7839 के साथ मौके के लिए रवाना हुए। घटनास्थल पर पहुंचने पर पाया गया कि आग कई कंडम वाहनों और स्टोर में रखे पुराने सामान में भयानक रूप से फैल चुकी थी।

आग में ये वाहन जलकर हो गए राख

FSO के निर्देश पर पीजीआई यूनिट ने तुरंत फायर टेंडर से आग बुझाने का काम शुरू किया। आग की विकरालता को देखते हुए अतिरिक्त सहायता के लिए गोसाईगंज फायर स्टेशन से फायर टेंडर संख्या 5522 को बुलाया गया। दोनों यूनिटों की संयुक्त कार्रवाई से आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।घटनास्थल पर मौजूद डॉक्टर अशोक कुमार (अधीक्षक, CHC मोहनलालगंज) ने बताया कि आग में निम्नलिखित वाहन जलकर खाक हो गए।

मारुति वैन: UP32AN0074

मिनी बसें: UP32JD1087 और UP32JD1560

एम्बुलेंस 108: UP41G3777

पुलिस और अस्पताल प्रशासन मामले की जांच में जुटे

इसके अलावा स्टोर में रखा कंडम सामान भी जल गया। आग लगने के कारणों का अभी स्पष्ट रूप से पता नहीं चल सका है, लेकिन प्राथमिक जांच के अनुसार शॉर्ट सर्किट या कूड़े में लगी आग फैलने की आशंका जताई जा रही है।घटनास्थल पर दमकल टीम की तत्परता और त्वरित कार्रवाई के चलते बड़ी दुर्घटना टल गई। पुलिस और अस्पताल प्रशासन मामले की जांच में जुटे हैं।

Crime News:रिटायर्ड दरोगा के बेटे ने खाया जहरीला पदार्थ, उपचार के दौरान मौत, सुसाइड नोट में पत्नी को ठहराया जिम्मेदार

लखनऊ। राजधानी के दुबग्गा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब रिटायर्ड दरोगा वीरेंद्र नाथ सिंह के बेटे मंगल सिंह (32) की ज़हर खाने से मौत हो गई। गुरुवार शाम ज़हरीला पदार्थ खाने के बाद परिजनों ने मंगल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।

25 दिन पहले पत्नी चली गई थी मायके

मंगल अलीगंज में ऑटो पार्ट्स की दुकान चलाता था। तीन साल पहले उसकी शादी रस्तोगी नगर निवासी चंचल उर्फ राधा से हुई थी। शादी के बाद से ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। परिजनों के अनुसार, पत्नी चंचल बीते 25 दिन से अपने मायके में थी और जुड़वा बेटों गोविंद और गोपाल को भी अपने साथ ले गई थी।

सुसाइड नोट में पत्नी और ससुराल पक्ष को ठहराया जिम्मेदार

गुरुवार को माता-पिता के रिश्तेदारी में होने के दौरान मंगल ने ज़हरीला पदार्थ खा लिया। बेड पर मिला सुसाइड नोट गवाही दे रहा है कि यह आत्महत्या थी। सुसाइड नोट में मंगल ने लिखा, "माता-पिता मुझे माफ करना। मैं आप लोगों को छोड़कर जा रहा हूं। मेरी मौत के लिए मेरी पत्नी चंचल, सास सुधा सिंह, ससुर हरिकेश सिंह और साले आलोक व अविनाश जिम्मेदार हैं। मेरी अंतिम इच्छा है कि मेरे दोनों बेटे गोविंद और गोपाल मेरे माता-पिता को दे दिए जाएं।"

पिता की तहरीर पर केस दर्ज

मंगल की मौत के बाद पिता वीरेंद्र नाथ सिंह की तहरीर पर दुबग्गा थाने में चंचल समेत पांच लोगों के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।परिजनों ने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मंगल ने गुरुवार सुबह थाने जाकर शिकायत की थी, जिसके बाद पत्नी को बुलाकर समझौता कराया गया। परिजनों के अनुसार, दस दिन पहले भी शिकायत दी गई थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया।अब पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है और पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट और परिजनों की तहरीर के आधार पर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

विधानसभा के सामने महिला सिपाही का चेहरा चाइनीज मांझे से कटा, अस्पताल लेकर भागीं पुलिस

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में चाइनीज मांझे का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला विधानसभा के सामने का है, जहां ड्यूटी से लौट रही एक महिला सिपाही का चेहरा चाइनीज मांझे से बुरी तरह कट गया। घायल महिला सिपाही को तत्काल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उपचार मिलने के बाद महिला कांस्टेबल सकुशल अपने घर चली गई।

महिला आरक्षी के ड्यूटी से लौटते वक्त हुआ हादसा

हादसा तब हुआ जब महिला आरक्षी ड्यूटी से लौट रही थी। विधानसभा के सामने अचानक चाइनीज मांझा चेहरे पर आकर लगा, जिससे उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया। महिला सिपाही की सहयोगी ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। हजरतगंज प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह ने तुरंत सहायता के लिए पुलिस बल भेजा और घायल सिपाही को सिविल अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद महिला सिपाही को सकुशल रवाना कर दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज मिलने से गंभीर चोटों से बचाव हो सका। पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से की जा रही बिक्री

लखनऊ में चाइनीज मांझा प्रतिबंधित है, बावजूद इसके यह खुलेआम बिक रहा है। पुलिस की सख्ती के बावजूद कई दुकानदार चोरी-छिपे इसका व्यापार कर रहे हैं। इस घटना से राजधानी में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जबकि बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई लोग चाइनीज मांझे का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद भी इस तरफ तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते चाइनीज मांझे से हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे है।

पुलिस की अपील, चाइनीज मांझा बेचने वालों के बारे में दें जानकारी

विशेषज्ञों का कहना है कि चाइनीज मांझा न सिर्फ लोगों की जान के लिए खतरा है, बल्कि इसे उड़ाने वाले भी खुद जोखिम में रहते हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और इसे बेचने या खरीदने वालों की जानकारी पुलिस को दें। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी।