नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सुरक्षा में कटौती, लगा इतने लाख का जुर्माना, राजशाही को लेकर बवाल पर सख्ती
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नेपाल में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और राजशाही समर्थकों के बीच झड़प के बाद पीएम केपी ओली की सरकार पूर्व राजा ज्ञेनेंद्र शाह पर सख्त हो गई है। नेपाल में राजशाही को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ओली सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर कड़ा एक्शन ले लिया है। नेपाल की सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती करने का फैसला किया है। साथ ही ज्ञानेंद्र शाह पर जुर्माना भी लगाया गया है। ये कार्रवाई ऐसे समय हुई है, जब नेपाल में पूर्व राजा के समर्थक बार-बार सड़कों पर उतर रहे हैं।
राजशाही को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए पूर्व नरेश पर 7.93 लाख नेपाली रुपये का भारी जुर्माना ठोका गया है। यह कार्रवाई काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) ने की है। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्रवाई शुक्रवार को टिंकुने और आसपास के इलाकों में हुए एक कार्यक्रम के दौरान समर्थकों की तरफ से किए गए तोड़फोड़ और गंदगी फैलाने के मामले में की गई। केएमसी ने शनिवार को इस मामले में कचरा प्रबंधन अधिनियम, 2020 और काठमांडू महानगरपालिका वित्त अधिनियम, 2021 के तहत जुर्माना लगाया।
ये विरोध प्रदर्शन ज्ञानेंद्र शाह के बुलाने पर आयोजित किया गया था, इसलिए काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) के मेयर बालेंद्र शाह ने काठमांडू के बाहरी इलाके महाराजगंज में निर्मला निवास में उनके आवास पर एक लेटर भेजा। लेटर में उनसे नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में 7,93,000 नेपाली रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया। पूर्व किंग को भेजे गए लेटर की कॉपी मीडिया में भी जारी की गई थीं। केएमसी ने कहा कि पूर्व किंग के बुलाने पर ही प्रदर्शनकारी वहां इकट्ठा हुए। प्रदर्शन की वजह से महानगर की बहुत सी जरूरी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है
सुरक्षा में कटौती करने का फैसला
वहीं, नेपाल की सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती करने का फैसला किया है। ज्ञानेंद्र शाह के निजी निवास निर्मल निवास में पहले जहां 25 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे, लेकिन अब सरकार ने इनकी संख्या घटाकर 16 करने का फैसला किया है। नेपाली गृह मंत्रालय ने पूर्व राजा की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को बदलने का भी फैसला किया है। साथ ही सरकार ने पूर्व राजा पर निगरानी भी बढ़ा दी है
शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोगों की गई जान
बता दें कि शुक्रवार को नेपाल में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार शामिल है। हिंसा इस कदर नियंत्रण से बाहर हो गई थी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना की तैनाती करनी पड़ी। यह हिंसा नेपाल में फिर से राजशाही की मांग को लेकर हुई। आंदोलनकारियों का दावा है कि संवैधानिक राजशाही हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है।
नेपाल में साल 2006 से पहले राजशाही शासन था। विरोध के बाद राजा ज्ञानेंद्र को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद सभी अधिकार संसद को सौंप दिए गए और नेपाल में साल 2008 में 240 साल पुराना राजशाही शासन खत्म हो गया। अब राजशाही को वापस लाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है।
Mar 30 2025, 19:18