वरिष्ठ नागरिक संरक्षण संस्थान का होली मिलन व काव्य गोष्ठी सम्पन्न
मीरजापुर। वरिष्ठ नागरिक संरक्षण संस्थान की ओर से शिवाला महन्थ के अमृत सभागार में होली मिलन और काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ किया गया। सरस्वती वंदना इला जायसवाल ने मधुर स्वर में किया। संस्था के वर्तमान पदाधिकरियों ने भूतपूर्व अध्यक्ष स्व इन्द्रजीत सिंह डंग,राजकुमार सिंह व पूर्व कोषाध्यक्ष स्व विभूति प्रसाद यादव के चित्र पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात सभी उपस्थित पदाधिकारियों व सदस्यों ने एक दूसरे को अबीर लगाकर और पुष्प वर्षा करके होली की बधाई दी।मीरजापुर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे ।उन्हें पुष्पहार पहना कर व शाल ओढ़ाकर सम्मान पत्र दिया गया।
फिर हिंदी के प्राध्यापक अरविंद अवस्थी के संचालन में कवि गोष्ठी का आरम्भ हुआ।नन्दिनी वर्मा ने अपनी मधुर वाणी में होली गीत गाकर मंच को फागमय कर दिया।
वरिष्ठ कवयित्री डाक्टर अनुराधा ओस ने सुनाया-सभी के अंदर बची रहे ,वो गंध,पलाश की ललाई और झरनों का पानी।अनेक पत्रिकाओं में छपने वाले पूर्व बैंक मैनेजर केदारनाथ सविता ने सम-सामयिक कविता सुनाया-नये सम्वत्सर का खत्म इंतजार है।दहकता हुआ पलाश सुलगाता ह्रदय में प्यार है।दूर-दूर तक जानी जाने वाली कवयित्री सारिका चौरसिया ने सुनाया-अपने-अपने खोल में अकेले हैं सभी,छद्म है आवरण मुस्कुरा रहे हैं सभी ।नई कविता, समीक्षा, कहानी लिखने वाले अरविंद अवस्थी ने अपने गीत से वातावरण में मधुरता घोल दिया-तुम नफरत-नफरत बाट रहे,मैं प्यार-प्यार ही बाटूंगा।
त्रिवेणी संस्था के वर्तमान अध्यक्ष रवींद्र कुमार पांडेय ने चैता सुनाया-पिया बिनु सूनी अटरिया हो रामा। भोलानाथ कुशवाहा ने सुनाया-कुछ-कुछ सुबह सी लगती है ये रात,ये मेरा भरम है कि यही सच्चाई है।इला जायसवाल ने होली के महत्व पर गीत सुनाकर गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान की-रंगों से भरी महफिल सजाने आ गई होली,दिल से नफरत मिटाकर फिर मिलाने आ गई होली। दूर-दूर तक मीरजापुर का नाम पहुँचा रहे युवा कवि श्याम अचल ने सुनाया-कार की खिड़की से देखा जो उछलते सिक्के,खुशी से झूम उठे भीख मांगते बच्चे। प्रमोद चंद गुप्त ने सुनाया-हर कथा,हर कहानी,जब पुरानी लगे,अधखिली रातरानी अधूरी लगे। गफ्फार नियाजी ने अपनी ओज पूर्ण वाणी में देशभक्ति गीत सुना कर ललकारा। डाक्टर सुधा सिंह ने भी वन्देमातरम और जयहिन्द का नारा लगाते हुए सुनाया- भारत माँ की शान तिरंगा, इसे सदा लहरायेंगे, नहीं झुका है,नहीं झुकेगा,बेशक शीश कटायेंगे। लाल व्रत सिंह 'सुगम' ने नकल करने वाले छात्रों पर व्यंग्यात्मक दमदार दोहा पढ़ा- विद्यार्थी पहनो सदा नए जींस का पैंट। इधर-उधर घूमा करो, कक्षा में अब्सेंट, नकल क्यों नहीं करोगे ?
नन्दलाल सिंह 'चंचल' ने सुनाया- बहते प्रेम में स्नेह तो बहने दो, क्यों करते हो देश में दंगा, रहनेदो। इम्तियाज अहमद गुमनाम ने सुनाया-जो बेतहाशा कट रहे हैं पेड़ साथियों! आबोहवा का जोर तब ही घटता जा रहा। अमर नाथ सिंह, हौसिला प्रसाद मिश्र ने भी अपनी कविताओं से माहौल को गरिमा प्रदान किया। काव्य पाठ करने वाले सभी सहभागियों को संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र वितरित किया गया।
संस्था के सचिव महेश चंद यादव की ओर से सभी उपस्थित जनों एवं अतिथियों को यथार्थ गीता पुस्तक की एक-एक प्रति भेंट की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने की। लालब्रत सिंह सुगम कार्यक्रम के संयोजक ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। भूपेंद्र सिंह डंग ने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया और सफल कार्यक्रम के लिये धन्यवाद दिया।
इस दौरान अजय मेहरोत्रा, राजू मेहरोत्रा, आनन्द केसरी,कमल प्रसाद अग्रवाल उमेश चंद्र मालवीय, अनुज प्रतापसिंह, रमेशचंद्र दुबे, बच्चन राम कुशवाहा,विनोद कुमार जायसवाल आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।


Mar 26 2025, 18:58