आठ सालों में देवरिया का हुआ अभूतपूर्व विकास

देवरिया 25 मार्च M N पांडेय । प्रदेश सरकार के सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के आठ वर्ष तथा केंद्र सरकार के दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज विकास भवन स्थित गांधी सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित हुई। इस कार्यक्रम में शासन द्वारा जनपद के लिए नामित प्रभारी मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद विजय बहादुर पाठक की अध्यक्षता रही। सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल व पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति को अपनाया, जिससे प्रदेश की परसेप्शन बदली है। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश पूरे देश के समक्ष एक मॉडल राज्य के रूप में उभरा है। वर्तमान में प्रदेश में छह एक्सप्रेसवे संचालित हैं और 11 नए एक्सप्रेसवे पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 16 हवाई अड्डे कार्यरत हैं, जिनमें पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं।प्रदेश सरकार ने सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण के मंत्र पर आधारित 33 सेक्टरल पॉलिसीज लागू की हैं। सिंगल विंडो सिस्टम निवेश सारथी पोर्टल की शुरुआत से प्रदेश में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। कानून व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही संसाधनों में भी सुधार किया गया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश इज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर स्टेट बनकर उभरा है। प्रदेश को देश का सबसे अच्छा निवेश गंतव्य माना जा रहा है, जहाँ बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक निवेश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का दौर जारी है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर, काशी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, मथुरा, प्रयागराज, नैमिषारण्य सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों का व्यापक विकास किया गया है। हाल ही में संपन्न महाकुंभ में ऐतिहासिक जनसैलाब उमड़ा, जिससे सामाजिक सशक्तिकरण के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिली। उत्तर प्रदेश के विकास की चर्चा आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो रही है। इस सकारात्मक बदलाव के पीछे संस्कृति, कनेक्टिविटी और वाणिज्य का समन्वय है। बीते आठ वर्षों में डबल इंजन सरकार की नीतियों से छह करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में सफलता मिली है। 1.86 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किया गया है, जबकि 2.86 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरे देश के लिए एक मॉडल बन चुकी है।

डबल इंजन की सरकार में नंबर वन यूपी बना पहचान

एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने बताया कि उत्तर प्रदेश धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र बन गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास निर्माण में, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना और अटल पेंशन योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। ग्रामीण स्वच्छ शौचालय निर्माण, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में सजा दिलाने, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना में उत्तर प्रदेश अग्रणी है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत प्रदेश में 8.51 करोड़ खाते खोले गए हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 4.29 करोड़ नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। गन्ना एवं चीनी, खाद्यान्न, आम, दुग्ध, आलू और एथेनॉल उत्पादन में भी प्रदेश का देश में शीर्ष स्थान है।

डबल इंजन की सरकार में देवरिया का हुआ चातुर्दिक विकास

एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बीते आठ वर्षों में देवरिया का भी चहुंमुखी विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सेवा, सुरक्षा और सुशासन के संकल्प के साथ जनपद के सर्वांगीण विकास के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं। केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों का भी जनपद को व्यापक लाभ मिला है। मोदी-योगी सरकार के प्रयासों से देवरिया स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा, महिला सशक्तिकरण, कानून व्यवस्था, कृषि, उद्योग और डिजिटल प्रगति में नए आयाम छू रहा है।जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। ₹214.06 करोड़ की लागत से महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जिससे जिले को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ मिल रही हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 7,46,949 लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें निःशुल्क इलाज की सुविधा मिली। 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं को और अधिक मजबूत किया गया है, जिससे दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएँ सुचारू हो गई हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए, जिससे स्वास्थ्य आपात स्थितियों में देवरिया आत्मनिर्भर बन सका।

बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में भी देवरिया में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। ₹950 करोड़ की लागत से गोरखपुर-देवरिया फोरलेन परियोजना पूरी हो चुकी है, जिससे आवागमन सुगम हुआ है। सोनौली-नौतनवा-गोरखपुर-देवरिया-बलिया मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण पर ₹233.19 करोड़ खर्च किए गए हैं। ₹192.72 करोड़ की लागत से इसी मार्ग के 125 किमी से 144 किमी तक का कार्य पूरा हुआ है। ₹46.87 करोड़ की लागत से देवरिया-पकड़ी मार्ग का चौड़ीकरण तथा ₹40.47 करोड़ की लागत से रथुआ-भटनी-भिंगारी मार्ग का विस्तार हुआ है। ग्राम खरवनिया (भाटपाररानी) में छोटी गंडक नदी पर ₹12.45 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों का संपर्क बेहतर हुआ है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। ₹12.60 करोड़ की लागत से बरवामीर छापर में राजकीय आईटीआई का निर्माण पूरा हुआ है, जिससे युवाओं को तकनीकी शिक्षा मिलेगी। अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना से गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। 338 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट क्लास से जोड़ा गया है। जनपद में 22,213 छात्रों को टैबलेट तथा 58,547 छात्रों को स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं, जिससे डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिला है।कृषि और किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 4,73,419 किसानों को प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। 750 से अधिक सौर ऊर्जा पंप वितरित किए गए हैं। गन्ना किसानों को ₹950 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

औद्योगिक विकास और रोजगार को भी सरकार ने प्राथमिकता दी है। "एक जनपद, एक उत्पाद" (ODOP) योजना के तहत देवरिया के काष्ठ शिल्प उद्योग को बढ़ावा दिया गया, जिससे 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 1,200 से अधिक युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत जनपद में 12,181 स्ट्रीट वेंडरों को पंजीकृत किया गया है।महिला सशक्तिकरण के तहत मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत 25,000 से अधिक महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 40,000 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से 15,000 से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए गए हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अब तक 4,052 विवाह संपन्न हुए हैं।प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से उत्तर प्रदेश विकास और सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, और देवरिया भी इस परिवर्तन का साक्षी बन रहा है।

देवरिया कारागार के बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी 25 मार्च को

देवरिया 24 मार्च। M N पांडेय ।जेल अधीक्षक प्रेमसागर शुक्ला ने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की "सेवा, सुरक्षा व सुशासन" नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला कारागार देवरिया के बंदियों द्वारा ओ.जे.ओ.पी. के अंतर्गत निर्मित सजावटी वस्तुओं एवं डिस्पोजेबल बैग की प्रदर्शनी 25 मार्च 2025 को राजकीय इंटर कॉलेज, देवरिया में आयोजित की जाएगी। इस प्रदर्शनी में बंदियों द्वारा निर्मित वस्तुओं के साथ-साथ कारागार में किए जा रहे सुधारात्मक प्रयासों को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी में कारागार में चल रहे शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों को प्रमुखता दी जाएगी। निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई, डाटा एंट्री, इलेक्ट्रिशियन, कृषि, ब्यूटीशियन, सजावटी वस्तुएं और डिस्पोजेबल बैग निर्माण जैसी प्रशिक्षण गतिविधियों को दर्शाया जाएगा।

कारागार में बंदियों के स्वास्थ्य के प्रति की जा रही पहल को भी प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा। FSSAI प्रमाण-पत्र प्राप्त भोजन व्यवस्था, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, चिकित्सा सुविधाएं और हेल्थ ए.टी.एम. की कार्यप्रणाली, जो 120 से अधिक स्वास्थ्य मापदंडों की जांच करने में सक्षम है, को विस्तार से दिखाया जाएगा। इसके अलावा, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए कारागार में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रदर्शनी में दर्शाया जाएगा, जिसमें योग, ध्यान, नैतिक प्रवचन और राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम प्रमुख होंगे। पर्यावरण संरक्षण के प्रति कारागार की प्रतिबद्धता को भी इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जाएगा। क्लीन जेल, ग्रीन जेल अभियान के तहत सिंगल-यूज प्लास्टिक प्रतिबंध, कपड़े के डिस्पोजेबल बैग निर्माण, जल संरक्षण उपाय और हरियाली बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को इसमें शामिल किया जाएगा।

विधिक सहायता के तहत बंदियों को लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से दी जाने वाली सहायता और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उनके पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों को भी प्रदर्शनी में दर्शाया जाएगा।

इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में बंदियों की आत्मनिर्भरता को दर्शाने के लिए जेल परिसर में की जा रही सब्जी उत्पादन की प्रक्रिया, मनोरंजन और खेलकूद से जुड़े कार्यक्रम, नशामुक्ति अभियान के तहत किए जा रहे प्रयास और ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (देवरिया) द्वारा आयोजित प्रवचनों की झलक भी प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी। महाकुंभ 2025 के अवसर पर बंदियों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के लिए संगम प्रयागराज से मंगाए गए गंगाजल से कराए गए अमृत स्नान की झलक भी इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत की जाएगी।यह प्रदर्शनी आमजन को न केवल बंदियों के हुनर और सुधारात्मक गतिविधियों से परिचित कराएगी, बल्कि कारागार प्रशासन द्वारा किए जा रहे पुनर्वास प्रयासों की भी व्यापक जानकारी देगी।

शिविर के दूसरे दिन 810 दिव्यांगजन निःशुल्क उपकरण के लिए चिन्हित

देवरिया, M N पांडेय ।देवरिया के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में आयोजित विशेष चिन्हांकन शिविर दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल की निगरानी में आयोजित इस शिविर में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन पहुंचे और सहायक उपकरण चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूरी की।

शिविर के दूसरे दिन 810 दिव्यांगजन विभिन्न सहायक उपकरणों के लिए चिन्हित किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है। ये सभी उपकरण एलिम्को द्वारा निःशुल्क वितरित किए जाएंगे, जिसके लिए बाद में ब्लॉक स्तर पर वितरण कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके अलावा, 885 दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किए गए, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। 102 दिव्यांगजनों का आधार प्रमाणीकरण भी किया गया, जिससे उनकी पेंशन पुनः प्रारंभ हो सकी।

दो दिवसीय शिविर में कुल 1599 दिव्यांगजन विभिन्न सहायक उपकरणों के लिए चिन्हित किए गए, जिन्हें 2.44 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। इस दौरान प्रशासन ने 11,97 दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र जारी किए, जबकि 1180 दिव्यांगजनों की पेंशन आधार प्रमाणीकरण के बाद पुनः शुरू की गई। 42 नए खाते भी खोले गए। चिन्हांकन प्रक्रिया के तहत मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, सामान्य ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, स्मार्ट छड़ी, श्रवण यंत्र सहित कई सहायक उपकरणों के लिए पात्र दिव्यांगों को चिह्नित किया गया।

माननीय विधायक रुद्रपुर श्री जयप्रकाश निषाद ने शिविर का निरीक्षण कर इसकी सराहना की। जिलाधिकारी स्वयं पूरे आयोजन की निगरानी करती रहीं, जिससे शिविर की सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित हुईं। आयोजन स्थल पर आधार प्रमाणीकरण, एनपीसीआई पंजीकरण, दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा और बैंक खाता खोलने की व्यवस्था भी की गई, जिससे दिव्यांगजनों को आवश्यक सरकारी सेवाओं का सीधा लाभ मिल सके।

इस अवसर पर लाभान्वित दिव्यांगजनों ने प्रशासन की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह शिविर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता करेगा। बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों की उपस्थिति ने इस शिविर की सफलता को प्रमाणित किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि कोई भी पात्र दिव्यांगजन इस लाभ से वंचित न रहे। चिन्हांकित लाभार्थियों की सूची एलिम्को, कानपुर को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर जल्द ही उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे और ब्लॉक स्तर पर वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को सम्मानित भी किया गया l

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/सदर एसडीएम श्रुति शर्मा, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी प्रियंका चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

जिला सैनिक बंधु की बैठक 27 मार्च को


देवरिया 21 मार्च। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय, देवरिया में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों की समस्याओं के निराकरण हेतु जिला सैनिक बंधु की बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक 27 मार्च 2025 (गुरुवार) को दोपहर 1:00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार, देवरिया में आयोजित होगी, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगी।

जिला सैनिक एवं पुनर्वास अधिकारी ने बताया कि बैठक में सैनिक बंधु के सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित रहेंगे। पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी समस्याओं के समाधान हेतु 25 मार्च 2025 तक दो प्रतियों में लिखित आवेदन कार्यालय में जमा करें और बैठक में समय से उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करें।

ई-ऑफिस प्रणाली से हो समस्त कार्य:डीएम

देवरिया ।जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के समस्त कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने सभी विभागाध्यक्षों एवं पटल प्रभारियों को निर्देश दिया कि वे आगामी दस दिनों में अनिवार्य रूप से ई–ऑफिस से संबंधित सभी कार्यवाहियां पूरी करें और अपने-अपने विभागों में पत्रावलियों का परिचालन केवल ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से ही करें।

जिलाधिकारी ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है, जिसका उद्देश्य पेपरलेस कार्य के साथ ही शासकीय कार्यों में तेजी लाना है। इस प्रणाली के माध्यम से किसी भी समय निर्धारित दस्तावेजों को खोला और देखा जा सकता है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि शासन स्तर से ई–ऑफिस प्रणाली के संचालन की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों और पटल प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे इस प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन को गंभीरता से लें और समयबद्ध रूप से कार्यवाही सुनिश्चित करें। किसी भी पटल पर कोई प्रकरण लंबित न रहे और सभी मामलों का नियमानुसार, समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए।

बैठक के दौरान उप निदेशक एनआईसी कृष्णानंद यादव ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ई–ऑफिस प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय, एडीएम प्रशासन जैनेंद्र सिंह, डीएसओ संजय पांडेय, डीपीआरओ रतन कुमार, जिला आबकारी अधिकारी अनिल भारती, डीपीओ प्रोबेशन अनिल सोनकर सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।

नवागत एडीएम प्रशासन ने संभाला पदभार

देवरिया 11 मार्च lनवागत एडीएम प्रशासन जैनेंद्र सिंह ने आज पदभार ग्रहण कर लिया। श्री जैनेंद्र सिंह 2015 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। इससे पूर्व वे राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उत्तर प्रदेश में संभागीय उपनिदेशक, वाराणसी के पद पर तैनात थे। श्री सिंह मिर्जापुर, आजमगढ़, कासगंज, फिरोजाबाद, अलीगढ़ व सोनभद्र आदि जनपदों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं। पदभार ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने कहा कि जन शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण एवं शासन की मंशानुरूप लोककल्याणकारी नीतियों का क्रियान्वयन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी l

जिला मजिस्ट्रेट ने होली पर्व पर जनपद की समस्त मदिरा दुकानों एवं बारों को बंद रखने के दिए निर्देश

देवरिया । जिलाधिकारी/लाइसेंस प्राधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने होली पर्व पर लोक शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा-59 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि 14 मार्च 2025 को जनपद देवरिया स्थित समस्त देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर, मॉडल शॉप, ताड़ी, भांग तथा डिनैचर्ड स्प्रिट की फुटकर दुकानों के साथ-साथ समस्त एफ.एल.-7 (रेस्टोरेंट बार), एम.एल.-6 (होटल बार), समस्त थोक विक्रय अनुज्ञापन तथा मदिरा निर्माण इकाइयों को पूर्णतः बंद रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इस बंदी के लिए किसी भी अनुज्ञापन धारक को कोई प्रतिफल देय नहीं होगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए l

356 आबकारी दुकानों के आवंटन हेतु प्रथम चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न

देवरिया। 06 मार्च । शासन द्वारा नामित प्रेक्षक श्री अनिल गर्ग (प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन) की उपस्थिति में आज राजकीय आईटीआई मल्टीपरपज हॉल, देवरिया में 356 आबकारी दुकानों के आवंटन हेतु प्रथम चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई।

 इस दौरान जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल द्वारा पूरी प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण कर निष्पक्ष एवं सुचारु रूप से संपादन सुनिश्चित कराया। जिलाधिकारी ने कहा कि आबकारी दुकानों के आवंटन की यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष एवं पारदर्शी रखी गई है। इसमें आईआईटी कानपुर द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया है। ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से आबकारी दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है। इस ई-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से दुकानों के आवंटन की संपूर्ण जानकारी https://deoria.nic.in/elottery2025/ लिंक पर उपलब्ध कराई गई है, जहां से इच्छुक व्यक्ति विस्तृत विवरण प्राप्त कर सकते हैं।

  जिला आबकारी अधिकारी अनिल भारती ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए कुल 356 दुकानों हेतु 3287 आवेदकों ने 8010 आवेदन किया था। इन दुकानों में 152 कंपोजिट शॉप,189 दुकानें देशी शराब की, 5 मॉडल शॉप व 10 भांग की दुकानें शामिल है।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार राय सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई हेतु शासन को भेजा जाएगा पत्र

देवरिया 04 मार्च। ग्राम पंचायत छितरूआ, विकास खंड देवरिया सदर में उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी संघ, निर्माण प्रखंड, गोरखपुर प्रथम द्वारा ए०एन०एम० सेंटर का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इस निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी किए जाने की शिकायत प्राप्त होने पर जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल द्वारा अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, देवरिया से जांच कराई गई।जांच के दौरान निर्माण स्थल पर गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं। निर्माण में सफेद बालू का प्रयोग किया गया था, जिससे निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। प्लीन्थ तोड़कर सरिया की जांच की गई, जिसमें कम सरिया पाया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि कार्यदायी संस्था एवं उसके ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ता की घोर अनदेखी की गई है।

जिलाधिकारी ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जाए। साथ ही, निर्मित कराए गए कार्य को ध्वस्त कर मानक के अनुरूप पुनः निर्माण सुनिश्चित किया जाए।इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था द्वारा पर्यवेक्षण में लापरवाही बरते जाने को गंभीरता से लेते हुए उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई हेतु शासन को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जिले में कार्य कर रही सभी निर्माण कार्यदायी संस्थाओं को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी पाई गई, तो ठेकेदार के साथ-साथ संबंधित अभियंताओं के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने निर्माण कार्यों की सतर्कता से निगरानी करें, अन्यथा लापरवाही पाए जाने पर उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। जनपद में हो रहे प्रत्येक निर्माण कार्य को उच्च गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूरा किया जाना चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों और संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट स्थित नवनिर्मित सभागार का किया निरीक्षण, शीघ्र निर्माण पूर्ण करने के निर्देश

देवरिया 04 मार्च।जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कलेक्ट्रेट स्थित नवनिर्मित सभागार का निरीक्षण किया और निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण किया जाए, ताकि इसका शीघ्र उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्माण की गुणवत्ता और डिजाइन संबंधी बिंदुओं का भी जायजा लिया।

उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और तय मानकों का पालन किया जाए। साथ ही, समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि निर्माण कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही या देरी स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि कार्य में अनावश्यक विलंब या अनियमितता पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों एवं संबंधित एजेंसी के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।