दिल्ली में मंदिरों पर होगा “बुलडोजर एक्शन”!, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

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दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में बुधवार रात उस समय भारी हंगामा हो गया। जब बुधवार रात तीन बजे तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। डीडीए के साथ भारी सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंचा। स्‍थानीय लोगों को इस मामले की जानकारी होते ही आक्रोश फैल गया। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने डीडीए टीम का जमकर विरोध किया। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पर पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद विधायक रविंद्र सिंह नेगी सीएम रेखा गुप्ता को मामले की जानकारी दी। इसपर सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई को तत्‍काल रोकने का आदेश देकर डीडीए टीम को बैरंग लौटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस बीच डीडीए के नोटिस को लेकर लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जहांगीर पुरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाई कोर्ट जाइए। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।

देर रात दाखिल हुई याचिका को विशेष अनुरोध पर सुबह 3 जजों की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ ने शुरू में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन से दोपहर 2 बजे सुनवाई की बात कही। उन्होनें यह भी कहा कि वह अपनी याचिका की कॉपी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील को दें ताकि वह इस पर पक्ष रख सकें, लेकिन इसके तुरंत बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने अपने साथी जजों जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता से बात की और उनका रुख बदल गया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें हाई कोर्ट जाना चाहिए।

35 साल पुराने हैं मंदिर

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि बुधवार रात 9 बजे अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नोटिस चिपकाया गया था। उन्हें सूचित किया गया था कि 20 मार्च 2025 को सुबह चार बजे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि डीडीए के किसी भी अधिकारी या किसी भी धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मंदिर 35 साल पुराने हैं।

ग्रीन बेल्ट में बने हैं तीनों मंदिर

दरअसल, दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 क्षेत्र स्थित संजय झील पार्क में 3 मंदिर स्‍थापित हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि ये मंदिर 40 साल पुराने हैं। जबकि डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग इन मंदिरों को अवैध बता रहा है। डीडीए टीम का कहना था कि मंदिरों को ग्रीन बेल्ट में बनाया गया है।

युजवेंद्र चहल और धनश्री का हुआ तलाक, शादी के चार साल बाद जुदा हुईं राहें

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टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को बांद्रा फैमिली कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया और शादी को बिना किसी कूलिंग पीरियड के खत्म करने की मंजूरी दे दी। चहल और यूट्यूबर/डांसर धनश्री ने दिसंबर 2020 में शादी की थी। अब शादी के करीब 4 साल दोनों आधिकारिक तौर पर अलग हो गए हैं।

चहल और धनश्री के तलाक पर चहल का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट नितिन कुमार गुप्ता ने कहा, कोर्ट ने तलाक की डिक्री मंजूर कर ली है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की संयुक्त याचिका स्वीकार कर ली है। अब दोनों पक्ष पति-पत्नी नहीं रहे। वकील ने बताया कि दोनों का मैचुअल डिवोर्स हुआ है।

चहल और धनश्री की शादी 24 दिसंबर 2020 को हुई थी। इन दोनों की पहली बातचीत सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। चहल और धनश्री सोशल मीडिया के जरिए दोस्त बने और फिर शादी कर ली। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा चल नहीं सका। तीन-चार महीने पहले ही दोनों के रिश्तों में दरार की खबरें आनी शुरू हुई थीं, जब उन्होंने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया था। इसके बाद से ही लगातार अफवाहें उड़ती रहीं।

पिछले कुछ महीनों से दोनों अलग रह रहे थे। दोनों ने इस साल आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने छह महीने की अनिवार्य कूलिंग पीडियड माफ करने की मांग भी की थी। हालांकि, पारिवारिक अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था, जिससे तलाक की प्रक्रिया जल्द पूरी होने का रास्ता साफ हो गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को चहल और धनश्री को तलाक के समय छह महीने की कूलिंग पीरियड से छूट देने की याचिका को मंजूरी दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत को चहल और धनश्री की तलाक याचिका पर 20 मार्च तक फैसला करने का निर्देश दिया था।

हाल ही में हुए चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में चहल आरजे महवश के साथ दुबई में मैच देखते दिखे थे। दोनों साथ बैठे नजर आए थे। धनश्री से तलाक की अटकलों के बीच दोनों के साथ दिखने से चर्चा का माहौल गर्म हो गया था। ये दोनों पहले भी एक बार डिनर पर साथ दिख चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा में नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, मुठभेड़ में 20 से ज्यादा नक्सली ढेर

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। अलग-अलग मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। वहीं, एक जवान बलिदान हो गया है। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं। बीजापुर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है।

बीजापुर पुलिस ने बताया कि बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर गंगालूर पुलिस थाने के अंतर्गत वन क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान 18 नक्सली मारे गए हैं। वहीं चार नक्सलियों को कांकेर में मार गिराया गया।हालांकि इसमें एक जवान भी शहीद हो गए। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की है।

जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी में थाना गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर संयुक्त टीम निकली थी।अभियान के दौरान आज सुबह 7 बजे माओवादियों ने हमला कर दिया. फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर के गंगालूर इलाके के एंड्री के जंगलों में ये मुठभेड़ हुई है।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान पर था।

एडीजी नक्सल विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 22 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया। बताया जा रहा है कि शहीद जवान का नाम राजू ओयामी है। फिलहाल, क्षेत्र में मुठभेड़ और सर्चिंग जारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षाबलों के दो अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

हमने उन्हें बेनकाब कर दिया”...,टैरिफ पर ट्रंप ने भारत को लेकर दिया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर धमकी भरे अंदाज में बात की है। ट्रंप ने दो अप्रैल से भारत पर भी टैरिफ वाला “चाबुक” चलाने की बात दोहराई है। ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत, अमेरिकी सामान पर लगने वाले टैरिफ को कम करेगा। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो 2 अप्रैल से उनकी सरकार भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएगी, जितना भारत द्वारा लगाया जाता है।

अमेरिकी समाचार वेबसाइट ‘ब्रेइटबार्ट न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में ट्रंप ने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों पर चर्चा की। वेबसाइट ने ट्रंप के हवाले से कहा, भारत के साथ उनके बेहद अच्छे संबंध हैं। लेकिन, मेरी एकमात्र समस्या यह है कि वह दुनिया में सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक हैं।

ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत, अमेरिकी सामान पर लगने वाले टैरिफ को कम करेगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो 2 अप्रैल से उनकी सरकार भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएगी, जितना भारत द्वारा लगाया जाता है।

बता दें कि ट्रंप पहले ही एलान कर चुके हैं कि 2 अप्रैल से वे भी व्यापार सहयोगी देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएंगे। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर को लेकर ट्रंप ने कहा कि यह शानदार देशों का समूह है, जो उन देशों का मुकाबला करेगा, जो हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर पर बीते महीने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर भी अहम बातचीत हुई थी।

इससे पहले ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत अपने शुल्क में काफी कटौती करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने अपना यह दावा भी दोहराया था कि अमेरिका पर भारत भारी शुल्क लगाता है, जिससे वहां उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के बेटे हसन नवाज दिवालिया घोषित, लंदन में निलाम होगी संपत्ति

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ब्रिटेन की सरकार ने नवाज शरीफ के बेटे हसन नवाज को दिवालिया घोषित कर दिया है। लंदन प्रशासन ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बेटे हसन नवाज को वर्ष 2025 का टैक्स डिफॉल्टर घोषित किया है। उनके खिलाफ दिवालिया की कार्रवाई अगले महीने से शुरू होने की संभावना है।

लंदन प्रशासन के गैजेट के मुताबिक, हसन नवाज पर लगभग 10 मिलियन पाउंड (1,12,13,64,000.00 भारतीय रुपए) का आयकर टैक्स बकाया है। आरोप है कि नवाज शरीफ के बेटे हसन शरीफ उसे जानबूझकर नहीं चुका रहे हैं। आधिकारिक सूचना के अनुसार, यह टैक्स वर्ष 2015-16 से बकाया है।

हसन नवाज का नाम पनामा पेपर लीक मामले में भी सामने आया था। उसमें उन पर और उनके परिवार पर काले धन से अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था। इसके बाद हसन नवाज शरीफ ने लंदन की अपनी एक संपत्ति को 38 मिलियन पाउंड में अली रियाज मलिक नाम के एक पाकिस्तान को बेच दिया था। वह अपने आप में संदिग्ध बताया जाता है। यह भी कहा जाता है कि यह शख्स शरीफ परिवार के काले धन को सफेद करने का काम करता था।

वहीं, हसन नवाज के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने सभी करों का भुगतान कर दिया था, लेकिन जब उनसे अतिरिक्त आयकर की मांग की गई, तो उन्होंने इसे चुकाने से इनकार कर दिया। यह मामला यूनाइटेड किंगडम के आयकर विभाग द्वारा हाईकोर्ट तक ले जाया गया, जहां सुनवाई के बाद अदालत ने हसन नवाज को दिवालिया घोषित कर दिया।

अमेरिका में भारतीय छात्र को हिरासत में, हमास के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप

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अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया गया है। बदर सूरी नाम के इस छात्र पर फिलिस्तीनी गुट हमास से संबंध का आरोप लगाया गया है। बदर सूरी पर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने ये आरोप लगाया है।अमेरिका के इमिग्रेशन अधिकारियों ने सोमवार रात बदर खान सूरी को वर्जीनिया से गिरफ्तार किया है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है।

बदर सूरी पर सोशल मीडिया पर हमास का प्रचार और यहूदी विरोधी बातें फैलाने का भी इल्जाम है। अमेरिका गाजा को नियंत्रित करने वाले हमास को आतंकी गुट मानता है। बदर के वकील ने बुधवार को बताया कि ट्रंप प्रशासन उसे अमेरिकी विदेश नीति के लिए खतरा बताकर भारत डिपोर्ट करने की योजना बना रहा है। फिलहाल उसका केस लुइसियाना के अलेक्जेंड्रिया की इमिग्रेशन कोर्ट में है।

व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने बताया है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि सूरी के काम उसके निर्वासन के लिए काफी हैं। बयान में कहा गया है कि सूरी एक छात्र वीजा पर अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसने एक अमेरिकी लड़की से शादी की हुई है। बदर को सोमवार रात वर्जीनिया के रॉसलिन में उसके घर के बाहर से पुलिस ने गिरफ्तार किया।

कौन है सूरी?

बदर खान सूरी अमेरिका में छात्रा वीजा पर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी नागरिक मफेज़ सालेह से शादी की है। वो जॉर्जटाउन के अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं, जो यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस का हिस्सा है।

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के अनुसार, सूरी की पत्नी मफेज सालेह गाजा से हैं और उन्होंने अल जजीरा और फिलिस्तीनी मीडिया आउटलेट्स के लिए लिखा है। साथ ही उन्होंने युद्धग्रस्त गाजा में विदेश मंत्रालय के साथ भी काम किया है। वहीं, सूरी ने एक भारतीय यूनिवर्सिटी से शांति और संघर्ष अध्ययन में पीएचडी की है और इस सेमेस्टर में “दक्षिण एशिया में बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यक अधिकार” विषय पर एक क्लास को पढ़ा रहे हैं।

रंजनी श्रीनिवासन को भी छोड़ना पड़ा यूएस

सूरी से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी की भारतीय पीएचडी छात्रा रंजनी श्रीनिवासन को भी हाल ही में अमेरिका छोड़ना पड़ा है। उन्होंने भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया था। इसके चलते उनका वीजा 5 मार्च को रद्द कर दिया गया था। उन पर भी आतंकवाद का समर्थन करने और हमास से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया। इससे रंजनी श्रीनिवासन को सेल्फ डिपोर्टेशन के लिए मजबूर होना पड़ा।

बीसीसीआई ने टीम इंडिया पर की पैसों की बारसात, चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम के हर खिलाड़ी को मिलेंगे कितने?

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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम पर पैसों की बारिश की है। चैंपियंस ट्रॉफी जीती टीम इंडिया को 58 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने यह इनाम देने का ऐलान किया है। यह राशि टीम के सभी खिलाड़ियों, कोचिंग और सहयोगी स्टाफ में बांटी जाएगी।भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया था। यह भारत का लगातार दूसरा आईसीसी टूर्नामेंट खिताब था। इससे पहले 2024 में टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप जीता था।

रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। यह वित्तीय इनाम खिलाड़ियों, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ और अजित आगरकर की अध्यक्षता वाली पुरुष चयन समिति के सदस्यों को कवर करेगा। 

बीसीसीआई ने इनाम के ऐलान के लिए एक बयान जारी किया. इसमें उसने कहा कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारत ने टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाए रखा। भारतीय टीम चार दमदार जीत के साथ फाइनल तक पहुंची। टीम ने अपने बांग्लादेश के खिलाफ 6 विकेट की जीत के साथ अभियान की शुरुआत। फिर पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। उन्होंने न्यूजीलैंड को 44 रनों से हराकर अपना लय बरकरार रखा और अंत में सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया। 

बोर्ड ने अपने बयान में आगे कहा, बीसीसीआई आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में जीत के बाद टीम इंडिया के लिए 58 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए प्रसन्न है। खिलाड़ियों, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ और सेलेक्शन कमेटी के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए इस इनाम का ऐलान किया जा रहा है।

बोर्ड ने अपने बयान में इनाम का विस्तृत विवरण नहीं दिया। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने एक विज्ञप्ति में कहा, लगातार दो आईसीसी खिताब जीतना विशेष है और यह इनाम टीम इंडिया की वैश्विक मंच पर समर्पण और उत्कृष्टता को मान्यता देता है।

दिशा सालियान के पिता की बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, आदित्य ठाकरे पर एफआईआर और सीबीआई जांच की मांग

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दिशा सालियान की मौत को पांच साल गुजर चुके हैं। इतना वक्त गुजर जाने के बाद एक बार फिर मामले ने तूल पड़का है। दरअसल, दिशा सालियान के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के पिता ने बेटी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया है। साथ ही मौत की नई सिरे से जांच की भी मांग की है। याचिका में दिशा सालियान के पिता ने शिवसेना के आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।

दिशा के पिता सतीश सालियान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में शिवसेना यूबीटी के विधायक आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिशा के पिता का कहना है कि इस केस में आदित्य ठाकरे की संलिप्तता है। सतीश सालियान ने आदित्य ठाकरे के अलावा पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर और अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। सतीश सालियन ने कोर्ट से मांग की है कि आदित्य ठाकरे और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(डी), 302, 201, 218, 409, 166, 107, 109, 120(बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की भी मांग की है।

वहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी विधायक नितेश राणे ने आदित्य ठाकरे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, मैं पहले दिन से कह रहा था कि यह हत्या है और इसकी जांच होनी चाहिए। इसमें आदित्य ठाकरे की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। पहले दिन से ही मैंने उन लोगों के नामों की जांच की मांग की थी, जिनका नाम अब सतीश सालियान ने कोर्ट में अपनी याचिका में लिया है। अब यह साफ हो गया है कि उस वक्त के मुख्यमंत्री के बेटे यानी आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए पुलिस ने क्या-क्या कदम उठाए थे।

दरअसल, करीब तीन साल पहले बीजेपी नेता नितेश राणे ने आरोप लगाया था कि दिशा सालियान की गैंगरेप के बाद हत्या की गई। हालांकि, तब दिशा की मां और पिता ने नितेश के खिलाफ यह कहते हुए केस दर्ज करवा दिया था कि यह उनकी बेटी को बदनाम करने की साजिश है। पर अब पिता का कुछ और ही कहना है। उन्होंने बेटी की मौत की नए सिरे से जांच का आग्रह किया है।

नागपुर हिंसा: सोशल मीडिया पर 140 आपत्तिजनक पोस्ट की पहचान, अब तक 69 गिरफ्तार

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महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के बाद साइबर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 140 से अधिक पोस्ट और वीडियो की पहचान कर ली है। ये सभी पोस्ट फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब पर शेयर किए गए थे। महाराष्ट्र साइबर विभाग नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर ऐसे अकाउंट्स की पहचान कर रहा है जिनसे भड़काऊ पोस्ट हुई। अब तक 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

महाराष्ट्र साइबर ने नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर, सोमवार को हुए नागपुर दंगों से संबंधित आपत्तिजनक पोस्ट को प्रसारित करने में लगे कई सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की।हिंसा को बढ़ाने में शामिल इन सोशल मीडिया अकाउंट को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं ताकि इस तरह की सामग्री को तुरंत हटाया जा सके। 

इसके अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 94 के तहत भी नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के वास्तविक संचालकों की पहचान की जा सके। महाराष्ट्र साइबर विभाग नागपुर सिटी साइबर पुलिस स्टेशन के साथ मिलकर उन अकाउंट्स की पहचान कर रहा है जो नागपुर दंगों से जुड़ी भड़काऊ सामग्री को फैलाने में शामिल थे।

महाराष्ट्र साइबर विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इन पोस्ट और वीडियो का उद्देश्य एक विशेष धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना, सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाना और राज्य में कानून व्यवस्था को और अधिक खराब करना था।इस तरह की सामग्री लोगों की आस्था का गलत फायदा उठाकर सार्वजनिक आक्रोश भड़काने, समुदायों के बीच फूट डालने और समाज में वैमनस्यता बढ़ाने के लिए बनाई गई थी।

साइबर विभाग ने कहा कि नागपुर में हुए दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है और भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र साइबर विभाग उन सभी व्यक्तियों की पहचान करेगा और उन पर मुकदमा चलाएगा जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल करके सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

पंजाब में किसानों पर एक्शन, पुलिस शंभू बॉर्डर से खदेड़ा, जानें क्या है पूरा मामला?

#punjabpoliceactions_farmers

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 माह से चल रहे किसानों के धरने को पंजाब सरकार ने बुधवार रात पुलिस की मदद से हटा दिया। पंजाब पुलिस ने देर रात एक्शन में किसानों को धरना स्थल से उठा दिया। पुलिस ने बुलडोजर चलाकर खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बने मंच ढहा दिए और टेंट भी उखाड़ दिए। इस तरह से 13 महीने बाद शंभू बॉर्डर खुल गया है। पंजाब के बाद हरियाणा ने भी अपनी-अपनी ओर से रास्तों को खोलना शुरू कर दिया है। अब जब शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटा दिया गया है, ऐसे में सवाल है कि आखिर इस कार्रवाई के पीछे क्या-क्या वजहें हैं?

किसान नेता बुधवार को केंद्र के साथ सातवें दौर की बैठक के लिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। केंद्र सरकार और किसान संगठनों की बुधवार काे चंडीगढ़ में हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक खत्म होने के बाद खनौरी व शंभू बॉर्डर लौट रहे किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत 300 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई के दौरान किसानों व पुलिस के बीच जमकर हाथापाई भी हुई, जिमसें कुछ किसान नेताओं की पगड़ियां उतर गईं। सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर करीब 5000 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं। वहीं, बॉर्डर एरिया में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर किसान सड़कों पर उतर आए। विपक्ष समेत सभी किसान नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है।

कांग्रेस का आप पर हमला

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने किसान नेताओं की हिरासत की निंदा की और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कांग्रेस ने आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का “कायरतापूर्ण कृत्य” बताया। किसान यूनियन नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस के एक्शन को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेर लिया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि सरकार ने बैठक के बहाने नेताओं को बुलाकर गिरफ्तार किया हो। बाजवा ने कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के पूरे कृषि समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है। पंजाबी इसे कभी नहीं भूलेंगे और इस शर्मनाक कृत्य के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।

बीजेपी ने भी आप को घेरा

जहां एक तरफ कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को घेरने का काम किया है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने भी आप पर हमला किया है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि पंजाब की आप सरकार केंद्र और किसानों के बीच बातचीत को ”बर्बाद” करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा, किसान नेताओं पर पंजाब पुलिस के लिए गए एक्शन को जान कर वो हैरान हैं। केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है और पंजाब सरकार की अचानक कार्रवाई का मकसद बातचीत को विफल करना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को धोखा दिया है। पिछले तीन दिनों से पंजाब में डेरा डाले हुए अरविंद केजरीवाल ने किसानों के खिलाफ साजिश रची है।