आसमान में उड़ते ही गिर पड़ रहे कौवे, भोजपुर में दहशत में गांव वाले; बर्ड फ्लू की आशंका

बिहार के भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखण्ड के हरहंगी टोला गांव के लोग दहशत के साये में है. उनके घरों, खेत-खलिहान में आसमान से मरे हुए कौवे गिर रहे है. वहीं एक साथ लगभग दो दर्जन कौवों के मरने से गांव में हड़कंप मच गया है. ग्रामीण ने बताया कि आसमान में एक साथ कौवों का झुंड उड़ता हुआ नजर आता है और जोर जोर से आवाज करता है. फिर अचानक आसमान से जमीन पर गिरकर तड़प तड़प कर मर जाते हैं.

कौवों के लगतार मरने पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशुपालन विभाग को दी है. जिसके बाद पशु चिकित्सक की 3 सदस्यीय टीम हरहंगी टोला पहुंच कर मामलें की जांच की. स्थानीय हरेराम राय ने बताया कि पिछले दो दिनों से सागवान के बगीचे में एक-एक कर 15 से 20 कौवों की आसमान से गिरकर मौत हो गई. जिसे लेकर गांव के लोग किसी महामारी को लेकर भयभीत है.

कौवौं की अचानक हो रही मौत

हरहंगी टोला पहुंचे पशु चिकित्सक डा. विशाल शर्मा ने बताया कि मृत कौवों की जांच में बर्ड फ्लू जैसे कोई लक्षण नहीं मिले हैं. वहीं राहत वाली बात ये है कि गांव के पांच किलोमीटर के परिधि में कोई पोल्ट्री फार्म भी नहीं है, जिससे मृत कौवों में बर्ड फ्लू जैसे लक्षण हो. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टयता किसी अज्ञात बीमारी, हीटिंग या डायरिया भी हो सकता है. हालांकि इसकी और गहनता से जांच की जा रही. सतर्कता को लेकर सभी मृत कौवों को दफनाने के लिए गड्ढे खोद, चुना डाल डिस्पोस्ड कर दिया गया है

लोगों में दहशत

आशंका जताई जा रही है कि अभी किसान अपने फसलों में कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं, हो सकता है कि कीटनाशक के उपयोग से कौवों की मौत हो रही हो. मगर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर ऐसा होता तो अन्य पक्षियों की भी मौत होती. मगर सिर्फ कौवे की ही मौत हो रही हैं. कौवा आसमान से सर के बल तेजी से धरती पर गिरते हैं, और नीचे गिरते ही मर जाते हैं. एतिहात के तौर पर उन्हें जमीन में दफनाया जा रहा हैं. स्वास्थ्य विभाग ने मृत कौवों का सेंपल लेकर जांच हेतु कोलकाता भेज दिया है.

कानपुर में एक बार नहीं 2 बार खेली जाती है होली, लॉक रहता है पूरा शहर; अनोखी है इसके पीछे की कहानी

कानपुर देश का एक का इकलौता शहर है, जहां साल में दो बार होली मनाई जाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि दूसरी बार की वाली होली पहले से भी ज्यादा रंगीन होती है. इस दिन पूरा कानपुर बंद रहता है. लोग सुबह से ही जमकर होली खेलना शुरू कर देते है और इस दिन शाम को होली मेले का आयोजन होता है. एक ऐसा मेला जहां दोस्त हो या दुश्मन, कांग्रेस हो या भाजपा सब आपस में गले मिलते है. इस बार भी गंगा मेले वाले दिन पूरा कानपुर बंद रहेगा. आइए बताते है कि ऐसा क्यों होता है.

बात है तकरीबन 1942 की, उस समय अंग्रेजों का शासन था. इस साल कानपुर में अंग्रेजों ने एक आदेश जारी किया और होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया. कुछ व्यापारियों और क्रांतिकारियों ने इसका विरोध किया तो अंग्रेजों ने उनको सरसैया घाट स्थित जेल में डाल दिया. इससे कानपुर के लोग नाराज हो गए और उन्होंने अपना पूरा व्यापार बंद कर दिया. अंग्रेजों के इस जुल्म के विरोध में कानपुर वासियों ने तय किया कि वो तब तक रोज होली खेलेंगे जब तक गिरफ्तार लोगों को छोड़ा नहीं जाता.

कब खेली जाती दूसरी बार होली?

इस तरह होली वाले दिन के बाद से लगातार लोगों ने होली खेलनी शुरू कर दी. आखिर में अंग्रेज परेशान हो गए और उन्होंने सभी व्यापारियों और क्रांतिकारियों को रिहा कर दिया. जिस दिन सबको रिहा किया गया उस दिन अनुराधा नक्षत्र थी और होली को बीते सात दिन हो गए थे. सबके रिहा होने की खुशी में लोगों ने सरसैया घाट पर मेला लगाया और जमकर पूरे शहर ने होली खेली. उसी के बाद से ही हर साल यह परंपरा चली आ रही है.

20 मार्च को खेली जाएगी होली

इस साल 20 मार्च को अनुराधा नक्षत्र है. इसी दिन पूरा शहर बंद रहेगा, स्कूल कॉलेज भी बंद रहेंगे. डीएम के आदेश पर इस दिन लोकल हॉलिडे रहेगा. सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे. सुबह से ही लोग जमकर होली खेलेंगे. उसके बाद शाम को सरसैया घाट पर गंगा मेला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारी संख्या में लोग शिरकत करते है और आपसी भेदभाव भूलकर एक दूसरे के गले मिलते है.

ममता बनर्जी की मांग: सुनीता विलियम्स को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को भारत रत्न देने की मांग की. बुधवार को विधानसभा में सुनीता विलियम्स को दिए बधाई संदेश में ममता बनर्जी ने कहा कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का इतने दिनों के बाद अंततः सुरक्षित रूप से धरती पर स्वागत है

उन्होंने कहा कि हमारी भारत की बेटी हमारे पास वापस आ गई है और हम बहुत खुश और उत्साहित हैं. हम बुच विल्मोर के लिए भी बहुत खुश हैं. उनके साहस की जय हो, उनकी वापसी की जय हो, मानव गौरव की जय हो.

बता दें कि सुनीता ने पिछले वर्ष 5 जून को अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी. उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आठ दिन बिताने थे और पृथ्वी पर लौटना था. सुनीता केवल आठ दिनों के लिए अंतरिक्ष में गयी थीं, लेकिन तब भी किसी ने नहीं सोचा था कि आठ दिन की यात्रा नौ महीने में खत्म हो पाएगी.

अंतरिक्ष यान में खराबी के कारण सुनीता की पृथ्वी पर वापसी की तिथि बार-बार स्थगित होती रही. 286 दिन बिताने के बाद आखिरकार सुनीता बुधवार को सुबह 3:27 बजे (भारतीय समयानुसार) पृथ्वी पर लौट आईं.

मुख्यमंत्री ने सुनीता विलियम्स की दी बधाई

मुख्यमंत्री ने सुनीता की वापसी के तुरंत बाद अपने एक्स हैंडल पर बधाई संदेश भेजा. बाद में विधानसभा में ममता ने कहा कि मैं विधानसभा की ओर से सुनीता विलियम्स के प्रति आभार व्यक्त करती हूं. उन्होंने बहुत कष्ट सहा है. बचाव दल को भी धन्यवाद एवं आभार. कल्पना चावला भी गईं थीं, लेकिन वापस नहीं आ सकी.

उन्होंने कहा कि हमने देखा कि जब विमान खराब हो जाता है तो वह वापस लौट आता है. मैंने सुना है कि इस अंतरिक्ष यान में भी कुछ समस्याएं थीं. कल्पना चावला के साथ भी यही हुआ. इसीलिए सुनीता विलियम्स को इतने महीनों तक वहां फंसा रहना पड़ा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुनीता भारत की बेटी हैं. मैं केंद्र सरकार से उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की अपील करती हूं. मैं इस महान सम्मान की मांग इसलिए करताी हूं ताकि वे अपना काम अच्छी तरह से कर सकें.

सुनीता विलियम्स का लिया गलत नाम… शुभेंदु का सीएम पर आरोप

इस बीच, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने विधानसभा भवन में सुनीता विलियम्स को सुनीता चावला कहा. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता को सुनीता विलियम्स का गलत नाम सुनीता चावला रखने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह बंगालियों के लिए शर्म की बात है कि राज्य प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्ति का गलत नाम कहा.

पुणे में टेम्पो ट्रैवलर में आग लगने से चार इंजीनियरों की मौत: दर्दनाक हादसे में कई घायल, जांच जारी

महाराष्ट्र के पुणे में बड़ा हादसा हो गया. यहां पिंपरी-चिंचवाड़ हिंजेवाड़ी इलाके में एक टेम्पो ट्रैवलर में आग लग गई, जिसमें चार इंजीनियरों की जलकर मौत हो गई. हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना से हड़कंप मच गया. इस टेम्पो में व्योमा ग्राफिक्स कंपनी के 12 कर्मचारी सवार थे. हालांकि, बताया गया है कि कर्मचारी टेम्पो के अंदर फंस गए थे, जिससे वह हादसे का शिकार हो गए.

मिली जानकारी के अनुसार, टेम्पो ट्रैवलर में व्योमा ग्राफिक्स कंपनी के 12 कर्मचारी सवार थे. तभी हिंजेवाड़ी फेज वन में गाड़ी में ड्राइवर के पास अचानक आग लग गई. इस पर ड्राइवर और आगे का स्टाफ तुरंत नीचे उतर गया. लेकिन टेम्पो के पीछे का दरवाजा न खुलने के कारण पीछे बैठे लोग आग की चपेट में आ गए. इनमें चार लोगों की जलकर मौत हो गई.

आग लगने से चार की मौत

हिंजवडी पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर फेज 1 रोड पर व्योमा ग्राफिक्स कंपनी की टेम्पो ट्रैवल एमएच 14 सीडब्ल्यू 3548 बस में अचानक आग लग गई. टेम्पो में 12 लोग सवार थे, इनमें से 4 की मौत हो गई. व्योमा प्रिंटिंग प्रेस की बस तमन्ना सर्किल से रेजवान की ओर जा रही थी. अचानक बस में आगे लगने से हड़कंप मच गया. आग की लपटों को देख बस चालक बाहर कूद गया.

पीछे बैठे लोग हुए हादसे का शिकार

यह घटना सुबह करीब आठ बजे घटी. बस में कुल 15 लोग सवार थे. आगे बैठे लोग तुरंत नीचे कूद गए और बच गए. पीछे बैठे लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वह बंद था और वह बाहर न निकल सके. इनमें में चार कर्मचारी आग से जलने से मौत हो गई. जानकारी सामने आ रही है कि ये चारों मृतक इंजीनियर थे. वहीं, हादसे में घायलों को इलाज के लिए रूबी हॉल क्लिनिक अस्पताल भेजा गया है.मृतकों की पहचान सुभाष भोसले (42), शंकर शिंदे (60), गुरुदास लोकरे (40) और राजू चव्हाण (40) के रूप में हुई है, जो सभी पुणे के निवासी हैं.

क्या औरंगजेब की कब्र हटानी चाहिए? विवाद के बीच आया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बयान

महाराष्ट्र के नागपुर में इस समय मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक के चलते अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस पीसी के दौरान सुनील आंबेकर से औरंगजेब को लेकर सवाल पूछा गया. उन से पूछा गया कि क्या अभी भी औरंगजेब प्रासंगिक है?

जहां इस वक्त औरंगजेब की कब्र को हटाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सुनील आंबेकर से जब नागपुर में हुई हिंसा और औरंगजेब की कब्र को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए अच्छी नहीं है. पुलिस ने इस पर एक्शन लिया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. साथ ही मुगल बादशाह को लेकर उन्होंने कहा, औरंगजेब प्रासंगिक नहीं है.

संघ की तीन दिवसीय बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय बैठक 21 से 23 मार्च तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में शुरू होने जा रही है, 19 मार्च को इस बैठक को लेकर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रचार प्रमुख ने 3 दिवसीय होने वाली बैठक को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा, बैठक में देश भर से प्रतिनिधि शामिल होंगे. संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी हिस्सा बनेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि बैठक की शुरुआत 21 मार्च को सुबह 9 बजे होगी और 23 तारीख की शाम तक बैठक होगी. यह संघ की रचना में सबसे महत्वपूर्ण बैठक है.

औरंगजेब ने क्यों बदला था बनारस का नाम? जानें इतिहास की यह दिलचस्प कहानी

औरंगजेब का नाम हिंदुस्तान के सबसे क्रूर शासकों में आता है. उसकी सबसे ज़्यादा आलोचना मंदिरों को तोड़ने को लेकर हुई. औरंगजेब की क्रूरता से काशी भी अछूता नहीं रहा. औरंगजेब ने ना सिर्फ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा, बल्कि यहां चल रहे संस्कृत पाठशालाओं को भी बंद करा दिया. वाराणसी -काशी और बनारस ये तीनों नाम हटाकर इनकी जगह औरंगाबाद नाम रख दिया.

आखिर, औरंगजेब काशी से इतनी नफ़रत क्यों करता था? यही समझने के लिए हमने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के मध्यकालीन भारत (मिडिवल हिस्ट्री) के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव से इस मुद्दे पर बात चीत की. प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने कहा किकाशी के प्रति औरंगजेब के नफ़रत करने के पीछे मूलतः तीन कारण माने जाते हैं.

दाराशिकोह का संस्कृत पढ़ना , शिवाजी और काशी…

दाराशिकोह के काशी में रहकर संस्कृत के अध्ययन करने, गीता-रामायण और स्मृतियों के फ़ारसी अनुवाद करने पर औरंगजेब को आपत्ति थी!

2. शिवाजी जब औरंगजेब के बंधन से मिठाई के टोकरे के जरिए बाहर आएं, तब उन्हें काशी के ब्राह्मणों ने शरण दी थी. उनका सम्मान किया था. यहां तक की उनका अभिषेक भी काशी के ही गागा भट्ट ने किया था!

3. तीसरा और सबसे बड़ा कारण साकी मुस्ताद खान के मासिर-ए-आलमगीरी में मिलता है. औरंगजेब को ये बताया गया था की काशी के संस्कृत पाठशालाओं में इस्लाम के ख़िलाफ ग़लत बातें सिखाई जा रही हैं और मंदिर के पुरोहित दीन के ख़िलाफ माहौल बनाने में लगे हुए हैं. उनके इस कुकृत्य से दीन खतरे में है.

इन कारणों से औरंगजेब ने 8 अप्रैल 1669 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया और वो शहर जिसके तीन नाम थे बनारस, वाराणसी और काशी उसका नाम बदलकर उसने औरंगाबाद रख दिया था. लेकिन काशी के लोगों ने उसके इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया और औरंगाबाद नाम सिमट कर एक मोहल्ले तक सीमित रह गया. आज भी औरंगाबाद में रहने वालों को लेकर बनारस में कहावत मशहूर है की काशी बस कर क्या हुआ, घर औरंगाबाद!

इतिहासकार ने बताया औरंगजेब को भ्रष्ट और क्रूर

मध्यकालीन भारत के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव औरंगजेब को भ्रष्ट, क्रूर और हिन्दुओं से नफ़रत करने वाला बताया है. उन्होंने ये मानने से इंकार कर दिया कि वो सादगी पसंद बादशाह था और राजपूत राजाओं को सम्मान देता था. प्रोफेसर श्रीवास्तव ने बताया कि औरंगज़ेब के समय में जाट,राजपूत, सिख, मराठा और सतनामी ये पांच क्षेत्रीय ताकत उभर रहे थे. औरंगजेब एक दूसरे के ख़िलाफ लड़ाने में इनका उपयोग करता था. औरंगज़ेब ने राजपूतों का उपयोग मराठों को दबाने में किया.

प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा कि औरंगजेब के चरित्र को गढ़ने के क्रम में ही उसको सादगी पसंद और सख्त प्रशासक के रूप में दिखाया गया, जबकि इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं. औरंगजेब के समय में भारत की जीडीपी सर्वाधिक रही, ये भी गढ़ने वाली बात ही है. औरंगजेब के समय में जजिया जैसा कर और उसको वसूलने का तरीका ये बताता है कि औरंगजेब एक क्रूर और हिन्दुओं से नफ़रत करने वाला शख्स था. प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा कि औरंगज़ेब की कब्र रहनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उसके कब्र को देख कर ये जान सकें की औरंगजेब ने इस मुल्क में नफ़रत फैलाने के लिए कौन कौन से निर्णय लिए!

सचिन की बेटी को लेकर ससुराल पहुंची सीमा हैदर, ऐसे हुआ नोएडा में स्वागत

सीमा हैदर और सचिन मीणा की लव स्टोरी जितनी विवादास्पद है, उतनी ही फेमस भी. सीमा हैदर पाकिस्तान की रहने वाली है. दो साल पहले चार बच्चों को लेकर प्रेमी सचिन मीणा की खातिर अवैध तरीके से भारत आई. उसके खिलाफ अभी केस चल ही रहा है कि इस बीच खबर आई कि वो सचिन के बच्चे की मां भी बन गई है. सीमा हैदर ने 18 मार्च को सचिन की बेटी को जन्म दिया. इसके बाद 19 मार्च को वो ससुराल पहुंची. यहां उसका और बेटी का धूमधाम से स्वागत किया गया.

सीमा ने इसके लिए सभी को धन्यवाद दिया. सीमा हैदर ने कहा- मैं बहुत खुश हूं कि लोग हमारी इस खुशी में शामिल हुए. हम जल्द ही बेटी का नाम रखेंगे. लोग इसके लिए हमें इंस्टाग्राम पर सजेशन दे सकते हैं. जो भी नाम सजेशन में सबसे ज्यादा आया, हम बेटी का वही नाम रखेंगे.

पहले पति गुलाम हैदर का रिएक्शन

उधर, सीमा की इस गुड न्यूज पर पहले पति का पाकिस्तान से रिएक्शन आया है. सीमा के पहले पति गुलाम हैदर ने कहा- मैं पिछले दो सालों से न्याय मांग रहा हूं. लेकिन मेरी कोई भी नहीं सुन रहा. वहां सीमा हैदर दूसरे देश में बैठकर मनमर्जी किए जा रही है. उससे भी गलत है एपी सिंह, जो उसका साथ दे रहा है. एपी सिंह तुझपर थू है. अल्लाह करे तेरी बेटी भी सीमा की तरह निकले. घर से भाग जाए और तू फिर मेरी तरह तड़पे. अब कहां है कानून.

किसी को ये नजर क्यों नहीं आ रहा कि सीमा बिना तलाक दिए किसी गैर मर्द के बच्चे की मां बन गई है. मैं अब भी भारत और पाकिस्तान सरकार से गुजारिश करता हूं कि अब तो कोई एक्शन ले लो.

सीमा हैदर-सचिन मीणा की लव स्टोरी

सीमा हैदर और सचिन मीणा की प्रेम कहानी PUBG गेम के जरिए शुरू हुई थी. दोनों की पहली मुलाकात नेपाल में हुई, जहां उन्होंने मंदिर में शादी कर ली. हालांकि, उस समय वे अपने-अपने देश लौट गए. बाद में, सीमा ने सचिन के साथ रहने का फैसला किया और अपने चारों बच्चों के साथ भारत आ गई. 10 मई 2023 को सीमा अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान के कराची से शारजाह पहुंची. वहां से फ्लाइट के जरिए काठमांडू गई और फिर सड़क मार्ग से भारत में दाखिल हुई.

नोएडा में सचिन उसका इंतजार कर रहा था. अगले महीने पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. सीमा के खिलाफ अवैध तरीके से भारत आने को लेकर केस चल रहा है. वहीं, सचिन के खिलाफ भी एक पाकिस्तानी को भारत में शह देने के चलते केस चल रहा है.

IPL 2025 से पहले मुकेश अंबानी ने दिया तोहफा, 90 दिनों के लिए फ्री मिलेंगे ये फायदे

Indian Premier League उर्फ IPL 2025 Matches का आगाज़ 22 मार्च से होने वाला है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुकेश अंबानी की कंपनी क्रिकेट लवर्स के लिए Jio Unlimited Offer लेकर आई है. रिलायंस जियो का ये नया ऑफर, कंपनी के मौजूदा और नए दोनों ही यूजर्स के लिए है, क्या है ऑफर और कैसे मिलेगा आपको फायदा? चलिए जानते हैं.

Jio Cricket Offer 2025

रिलायंस जियो के लेटेस्ट ऑफर के तहत करोड़ों जियो यूजर्स को कंपनी की तरफ से फ्री में Jio Hotstar का एक्सेस दिया जा रहा है. खास बात यह है कि कंपनी केवल आपको एक नहीं बल्कि तीन फायदे दे रही है, पहला फायदा 4K क्वालिटी, दूसरा फायदा मोबाइल और तीसरा फायदा टीवी पर भी जियो हॉटस्टार को एक्सेस मिलेगा.

ऐसे मिलेगा आपको फायदा

फ्री में जियो हॉटस्टार का फायदा चाहिए तो आपको Jio 299 Plan या फिर इससे ऊपर का कोई भी प्लान खरीदना होगा. प्लान खरीदने के बाद आपको 90 दिनों के लिए फ्री में जियो हॉटस्टार दिया जाएगा

न केवल जियो हॉटस्टार बल्कि 50 दिनों के लिए जियो होम की भी सर्विस दी जा रही है जिसके तहत 800 से ज्यादा लाइव टीवी चैनल, 11 से ज्यादा ओटीटी ऐप्स और अनलिमिटेड वाई-फाई का फायदा मिलेगा. गौर करने वाली बात यह है कि कंपनी 2 जीबी डेली डेटा और इससे ऊपर के प्लान्स के साथ अनलिमिटेड 5जी डेटा ऑफर करती है.

ध्यान दें

जियो ऑफर का फायदा उठाने के लिए आप आज यानी 17 मार्च से रिचार्ज कर सकते हैं, लेकिन जिन लोगों ने 17 मार्च से पहले रिचार्ज किया है वह 100 रुपए का एड-ऑन पैक लेकर इस ऑफर का फायदा उठा पाएंगे. इस ऑफर का फायदा आपको तभी मिलेगा जब आप 17 मार्च से 31 मार्च तक रिचार्ज करेंगे.

बेशक आप आज रिचार्ज करेंगे लेकिन जियो हॉटस्टार पैक 22 मार्च से लाइव होगा और 90 दिनों तक वैलिड रहेगा. अगर आप इस ऑफर के बारे में ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो कंपनी ने 6000860008 नंबर भी जारी किया है जिसपर कॉल कर आपको अधिक जानकारी मिल सकती है.

इस गांव से 14 बच्चे UP पुलिस में भर्ती,3 बेटियों ने भी बढ़ाया मान

मेरठ जिले के सरूरपुर खुर्द गांव ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में इतिहास रच दिया है. गांव के 14 युवक-युवतियों ने पुलिस भर्ती की कठिन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर अपना स्थान सुनिश्चित किया है. उत्तर प्रदेश में किसी एक गांव से इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का चयन होना एक अनूठी उपलब्धि मानी जा रही है. इस सफलता से न केवल अभ्यर्थियों और उनके परिजनों में खुशी की लहर है, बल्कि पूरे गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है.

13 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित हुआ, जिसमें सरूरपुर खुर्द गांव के 11 युवक और तीन युवतियां सिपाही के पद पर चयनित हुए. इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर रविवार को गांव में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें थाना प्रभारी अजय शुक्ला ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों को पुलिस परिवार में स्वागत किया और उन्हें कर्तव्यपरायणता और अनुशासन का पाठ पढ़ाया.

गांव के वरिष्ठ नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी इन युवा अभ्यर्थियों की मेहनत और लगन की सराहना की. इस दौरान चयनित युवाओं के परिवारजनों ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता की भूरी-भूरी प्रशंसा की.

दिव्यांग पिता के 2 बच्चों ने किया नाम रोशन

इस सफलता की सबसे प्रेरणादायक कहानी अजय कुमार और सनी की है, जिनके पिता बब्लू दिव्यांग हैं. आर्थिक चुनौतियों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद दोनों भाइयों ने कठिन परिश्रम कर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की और अपने परिवार का नाम रोशन किया. उनकी इस उपलब्धि से न केवल उनके पिता बल्कि पूरे गांव में गर्व का माहौल है. यह कहानी संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल बन गई है, जो आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेगी.

ये हैं चयनित अभ्यर्थी

प्रीति सूर्यवंशी (पुत्री वीरेन्द्र सूर्यवंशी)

टीना (पुत्री सुरेशपाल)

आंचल (पुत्री चन्द्रपाल)

अनुज कुमार (पुत्र धर्मेन्द्र सिंह)

सनी (पुत्र बबलू)

अजय कुमार (पुत्र बबलू)

रोबिन (पुत्र बिजेन्द्र सिंह)

विशांत (पुत्र देवेन्द्र कुमार)

सागर (पुत्र ऋषिपाल)

अरविंद (पुत्र रतनपाल सिंह)

निशांत पूनिया (पुत्र ओमेन्द्र सिंह)

रितिक पूनिया (पुत्र अजय कुमार)

नईम (पुत्र याकूब)

प्रदीप (पुत्र राजवीर)

गांव का नाम रोशन, युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

थाना प्रभारी सरूरपुर अजय शुक्ला ने कहा कि ये गर्व की बात है. एक साथ 14 बच्चे इस गांव के यूपी पुलिस में सलेक्ट हुए हैं. मैं सभी बच्चों को शुभकामनाएं देने के लिए यहां आया था. साथ ही सबको सलाह दी कि ट्रेनिंग होने तक सब ख्याल रखें. इधर-उधर घूमने कम जाएं और वाहन चलाते हुए अपना खास ध्यान रखें. थाना प्रभारी ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली से भी सभी को अवगत कराया.

बिहार, बंगाल और असम जाने वाले यात्रियों को झटका, 40 दिनों तक कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर लगा ब्रेक!

कानपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर आगामी 20 मार्च से 30 अप्रैल तक रेल सेवा बाधित रहेगी. गंगा पुल पर ट्रैक के काम को पूरा करने के लिए ये फैसला लिया गया है. गंगा नदी पर स्थित रेलवे पुल का अप लाइन टर्फ बदलने का काम शुरू होने जा रहा है, जिसको लेकर आज लखनऊ मंडल के डीआरएम एस.एम शर्मा ने बताया कि रेलवे विभाग 20 मार्च से 30 अप्रैल तक रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मेगा ट्रैफिक और पावर ब्लॉक लेगा.

कानपुर पुल बांया किनारा और कानपुर स्टेशन के बीच स्थित ब्रिज संख्या 110 पर यह कार्य होगा. पुराने स्टील टर्फ की जगह एच-बीम स्लीपर लगाए जाएंगे. इससे ट्रेनों का संचालन अधिक सुरक्षित होगा. वर्तमान में जर्जर टर्फ के कारण अप लाइन की सभी ट्रेनों को पूरी तरह रोक कर गुजारा जा रहा है. इससे ट्रेनों की गति और यात्रियों की सुविधा प्रभावित हो रही है. नई सामग्री रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई है.

रेलवे विभाग ने कार्य के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ब्लॉक से पहले सभी जरूरी उपकरण और सामग्री साइट पर पहुंचाई गई हैं. इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी नियमित निगरानी रख रहे हैं. यात्रियों को ट्रेनों के रद्द होने या मार्ग बदलने की जानकारी दी गई है. रेलवे सुरक्षा बल और तकनीकी टीम कार्य के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

मुख्य ट्रैक की मरम्मत के साथ मेंटेनेंस

अन्य रेलवे मंडलों को भी पहले से सूचित कर दिया गया है. इससे मुख्य ट्रैक की मरम्मत के साथ मेंटेनेंस और शैडो ब्लॉक्स की योजना भी बनाई गई है. वहीं ट्रेनों की जानकारी देते हुए डीआरएम ने बताया कि यूपी में अलग-अलग वजहों से विभिन्न ट्रेन रूट प्रभावित होंगे. इसमें मार्च और अप्रैल में कई गाड़िया रद्द होंगी या मार्गों में फिर बदलाव किया जाएगा.

ये ट्रेनें रहेंगी प्रभावित

यात्रियों के लिए जो ट्रेन चलाई जा रही है, उसमें ढाई से 3 घंटे लेट होने की संभावना है. प्रतिदिन 9 घंटे का ब्लॉक दिया जाएगा. लगभग 74 ट्रेनें प्रभावित रहेंगी, जिससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है. कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर बाधित रहने वाली ट्रेनों में 11110 लखनऊ-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी इंटरसिटी 20 मार्च से 1 मई तक बाधित रहेगी, 51813 झांसी लखनऊ, 51814 लखनऊ झांसी पैसेंजर, 55345 लखनऊ कासगंज, 55346 कासगंज लखनऊ पैसेंजर, 64203 लखनऊ कानपुर सेंट्रल मेमू, 64204 कानपुर सेंट्रल लखनऊ मेमू भी 20 मार्च से 1 मई तक नहीं चलेगी.