पाकिस्तान को हथियार, टेक्नोलॉजी ना दें” नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से बोले राजनाथ
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भारत ने पाकिस्तान के झूठ के खिलाफ अब आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। अब तक कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की ओर से लगाए जा रहे झूठे आरोपों को भारत खारिज ही किया जाता रहा है, लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने अब वैश्विक मंच पर उसे बेनकाब करने के लिए कूटनीतिक मोर्चे पर नया कदम बढ़ाया है। दरअसल, राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री से बात करते हुए पाकिस्तान को आतंक का प्रायोजक करार दिया। साथ ही पाकिस्तान को कोई भी सैन्य सहायता या तकनीक ना देने की अपील की है। राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स से कहा कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण और तकनीक ना दें क्योंकि ये रीजनल सिक्योरिटी के लिए खतरा है।
नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रुबेन बर्कलमैन्स भारत दौरे पर आए हैं। मंगलवार उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।इस दौरान दोनों नेताओं ने आने वाले दिनों में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को सपोर्ट कर रहा है और आतंकवाद का प्रायोजक है। इसलिए हम अपने सभी मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण ना दें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हथियार देने से क्षेत्र (रीजन)में अस्थिरता बढ़ती है।
राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से कहा कि पिछले कुछ वक्त में हमारी नजर में इस तरह के कुछ केस आए भी हैं। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने उन्हें कुछ केस की डिटेल भी दी। राजनाथ सिंह ने इसका भी जिक्र किया कि भारत दशकों से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे रीजन की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हु़ए पाकिस्तान को तकनीकी में मदद से परहेज करें।
वहीं, दोनों नेताओं ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों समेत कई विषयों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट किया। राजनाथ सिंह ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “नई दिल्ली में नीदरलैंड के युवा और गतिशील रक्षा मंत्री रूबेन बर्केलमैन्स से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-नीदरलैंड रक्षा सहयोग की पूरी श्रृंखला का रिव्यू किया। हम अपनी रक्षा साझेदारी को और गहरा और उन्नत करने के लिए तत्पर हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी चर्चा के क्षेत्रों में रक्षा, साइबर सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक और एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी शामिल थीं।”
इससे पहले राजनाथ सिंह ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने खालिस्तानी अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की अमेरिकी धरती पर गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और उनसे इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने का अनुरोध किया। सूत्रों ने यह भी बताया कि रायसीना हिल्स स्थित अपने ऑफिस में 30 मिनट से अधिक समय तक की बैठक में राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड को एसएफजे के पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ कथित संबंधों और तालमेल के बारे में भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात भी कही।
10 hours ago