गाँधी मैदान में होली मिलन और क्रिकेट का अनोखा संगम, युवा टीम की शानदार जीत
होली के पावन अवसर पर जहानाबाद के गाँधी मैदान में जदयू नेता निरंजन केशव प्रिंस के नेतृत्व में होली मिलन सह एकदिवसीय क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। इस आयोजन में स्थानीय लोगों की भारी भागीदारी रही, जिससे आपसी भाईचारे और खेल भावना को बढ़ावा मिला।
गाँधी मैदान युवा बनाम गाँधी मैदान लीजेंड के बीच रोमांचक मुकाबला
मैच में गाँधी मैदान युवा और गाँधी मैदान लीजेंड नामक दो टीमें आमने-सामने थीं। युवा टीम की कमान निरंजन केशव प्रिंस ने संभाली, जबकि लीजेंड टीम की अगुवाई राकेश कुमार चुन्नू ने की।
युवा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 182 रन का मजबूत लक्ष्य खड़ा किया। जवाब में लीजेंड टीम इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई और गाँधी मैदान युवा ने 60 रनों से जीत दर्ज की। इस मैच में युवा टीम के विक्की कुमार ने अर्धशतक लगाकर बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
समाज में खेल भावना को बढ़ावा देने का प्रयास
इस आयोजन को देखने के लिए जहानाबाद के जदयू जिलाध्यक्ष दिलीप कुशवाहा, पूर्व जिलाध्यक्ष जय प्रकाश चंद्रवंशी, पप्पू मुखिया, वरिष्ठ पत्रकार संतोष श्रीवास्तव, अश्विनी कुमार, मृत्युंजय कुमार, जदयू नेता निरंजन अंबेडकर, राजू पटेल, रामप्रवेश कुशवाहा, कांग्रेस नेता संजीव कुमार बबलू, राकेश कुमार, समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित रहे।
जदयू नेता निरंजन केशव प्रिंस ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से आपसी समरसता और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने और उन्हें मोबाइल की लत से दूर रखने के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी हैं। इसके अलावा, यह आयोजन खेल को करियर के रूप में अपनाने के लिए भी प्रेरित करता है।
स्थानीय खेल प्रेमियों का जबरदस्त उत्साह
इस कार्यक्रम में नीरज विद्यार्थी, अंबुज कुमार, राहुल कुमार, सीकू, राजीव रंजन, मीनू कुमार, पंकज कुमार, राकेश, मुकेश कुमार, भोला, राहुल समेत सैकड़ों स्थानीय लोग उपस्थित रहे। गाँधी मैदान में आयोजित इस होली मिलन क्रिकेट मैच ने खेल प्रेमियों को एकजुट कर खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का एक नया संदेश दिया।





जहानाबाद में जन औषधि केंद्र की स्थापना के 7 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जन औषधि केंद्र के संचालक
चंदन कुमार ने केक काटकर स्थापना दिवस मनाया। समारोह में उपस्थित अतिथियों, ग्राहकों और आमजन को
मेडल एवं गमछा देकर सम्मानित किया गया।

जहानाबाद केस-मुकदमा मुक्त परिवेश ही है समृद्धि का रास्ता। भारत गाँवों का देश है। खुशहाल और समृद्ध गांव देश को शक्तिशाली राष्ट्र बना सकता है। इसके लिए जरुरी है कि वाद-विवाद और केस-मुक़दमा में लगने वाला वक्त और पैसा अपने परिवार और अपने कैरियर पर खर्च हो। ग्राम कचहरी की धारणा इसी पर आधारित है। उक्त बातें 1987 बैच के वरिष्ठ आईपीएस और महापरिवर्तन आंदोलन के प्रणेता वी के सिंह जिला अतिथि गृह में जिले के सभी पंच और सरपंच के बीच बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि ग्राम कचहरी पूरी शक्ति और ईमानदारी से अपने दायित्वों को पूरा करने में लग जाए तो बिहार और देश एक वर्ष में विकसित हो जाए! मौजूद कई पंच-सरपंच ने बताया कि उन्हें इस बात का डर रहता है कि उन्ही के साथ मारपीट न हो जाए अथवा उन्हीं पर केस-मुकदमा न हो जाए। वी के सिंह ने सभी पंच-सरपंच को बताया कि इस सम्बन्ध में जिले के पुलिस अधीक्षक एवं राज्य के पुलिस महानिदेशक से इस बात का आग्रह करेंगे कि सभी पंचो की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। गौरतलब है कि दो-दो बार राष्ट्रपति पदक से पुरस्कृत श्री सिंह बिहार के बारह जिलों में महापरिवर्तन आंदोलन चला रहे हैं। महापरिवर्तन आंदोलन एक गैर-राजनीतिक और सामाजिक चेतना को जगाने का एक प्रयास है। जिसके माध्यम से ये प्रयास किया जा रहा है कि लोग गंदगी, लड़ाई-झगड़ा और भ्रष्टाचार को अपने वातावरण से पूरी तरह निकाल फेंके। सम्राट अशोक और चन्द्रगुप्त के समय 'बिहार' देश-दुनिया का सिरमौर होता था। आज ये स्थिति है कि बिहार की गिनती देश के सबसे पिछड़ा, सबसे अशिक्षित और सबसे भ्रष्ट राज्य में की जाती है। इस स्थिति से उबरने के लिए सभी बिहारियों को एकजुटता से अपनी सहभागिता निभानी पड़ेगी। तभी बिहार एक बार पुनः देश का गौरवशाली राज्य बन सकता है।
जहानाबाद। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रविवार सुबह टेम्पल सिटी, मीरा बिगहा पहुंचेंगे, जहां वे प्रो. डॉ. चंद्रिका प्रसाद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनके आगमन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और स्थानीय कांग्रेस एवं राजद कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे। लालू यादव के साथ कई अन्य दिग्गज नेता भी श्रद्धांजलि सभा में शामिल हो सकते हैं। प्रो. डॉ. चंद्रिका प्रसाद यादव और लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंधों की गाथा दशकों पुरानी रही है। दोनों नेताओं का जुड़ाव न केवल राजनीतिक था, बल्कि आपसी विश्वास और आदर पर भी आधारित था। जब लालू यादव 1990 में बिहार की राजनीति के शीर्ष पर पहुंचे, तब प्रो. चंद्रिका प्रसाद यादव उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने उनकी नेतृत्व क्षमता को पहचानते हुए उन्हें सहयोग दिया। चंद्रिका यादव की प्रशासनिक पकड़ और शिक्षाविद् के रूप में उनकी प्रतिष्ठा ने लालू यादव को राजनीतिक दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 90 के दशक में जब लालू यादव बिहार की राजनीति में वर्चस्व कायम कर रहे थे, उस दौर में प्रो. यादव को उनके 'नवरत्नों' में गिना जाता था। वे लालू यादव के उन भरोसेमंद सहयोगियों में से एक थे, जो न केवल राजनीतिक रणनीति बनाने में अहम थे, बल्कि शिक्षा और सामाजिक नीति में भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाते थे। ऐसा कहा जाता है कि जब लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक मतभेद बढ़े थे, तब प्रो. चंद्रिका यादव ने कई बार मध्यस्थता कर मतभेदों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। वे राजनीति के उन नेताओं में से थे, जो प्रशासनिक और सामाजिक हलकों में समान रूप से सम्मानित थे। प्रो. यादव की दी हुई प्रसिद्ध "बांसुरी और कलम" की लोकोक्ति भी लालू यादव की राजनीति से गहराई से जुड़ी हुई थी। उनका मानना था कि बिहार की राजनीति और समाज में यदि बदलाव लाना है, तो शिक्षा (कलम) और जनसंपर्क (बांसुरी) का मेल जरूरी है। लालू यादव ने इस विचार को अपनाया और अपने कई भाषणों में इसका जिक्र भी किया था।
जहानाबाद शहर से सटे कनौदी के पास
गया-पटना एनएच-22 पर एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला। गुरुवार की रात
पटना से जहानाबाद लौट रहा एक परिवार सड़क हादसे का शिकार हो गया।
Mar 17 2025, 19:48
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