अंतरिक्ष में इसरो की एक और छलांग, स्पैडेक्स उपग्रह सफलतापूर्वक अनडॉक, जानें क्या होगा फायदा

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अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक नया आयाम कायम किया है।इसरो ने स्पेडेक्स मिशन में अनडॉकिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है। इसके साथ ही चंद्रयान-4 के लिए रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, अंतरिक्ष को उपग्रहों को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया को डॉकिंग और अलग करने की प्रक्रिया को अनडॉकिंग कहते हैं। मिशन की लॉन्चिंग के बाद 2 अलग-अलग सेटेलाइट्स को स्पेस में आपस मे जोड़कर इसरो ने इतिहास लिखा था। आपस में जुड़े इन दो सेटेलाइट्स को आज फिर से सफलता पूर्वक अलग कर दिया गया।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने इस कामयाबी के लिए इसरों को बधाई दी। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'इसरो टीम को बधाई। यह हर भारतीय के लिए खुशी की बात है। स्पैडेक्स उपग्रहों ने अविश्वसनीय डी-डॉकिंग को पूरा कर लिया गया है। इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान 4 और गगनयान समेत भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों में काफी मदद मिलेगी। इन मिशनों को आगे बढ़ाने का मार्ग भी इससे प्रशस्त होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निरंतर संरक्षण इस उत्साह को बढ़ाता है।'

इसरो ने 30 दिसंबर 2024 की रात 10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी शार से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) लॉन्च किया था।16 जनवरी को भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और लंबी छलांग लगाकर विश्व के चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया था।

इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) के तहत उपग्रहों की ‘डॉकिंग’ सफलतापूर्वक की थी। इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा था, 'भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है। सुप्रभात भारत, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इस क्षण का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है।' इसके साथ ही अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया था।

स्पेडेक्स मिशन पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिशन है। यह टेक्नोलॉजी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं, जैसे चंद्रमा पर भारतीय के जोन, चंद्रमा से नमूना वापसी, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण और संचालन आदि के लिए जरूरी है। जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेटों के लॉन्चिंग की आवश्यकता होती है, तब इन-स्पेस डॉकिंग टेक्नोलॉजी अनिवार्य होती है।

हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, और मजबूत हुआ भाजपा का गढ़, क्यों छूट रहा “हाथ” का साथ

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हरियाणा के निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। 10 नगर निगमों में से कांग्रेस एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी ने 10 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया है. कांग्रेस खाता खोलने में भी नाकामयाब रही।

हरियान में मिली इस बड़ी शिकस्त के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी पहले भी जीत चुकी है। इसमें नया क्या है? हमने कभी नहीं कहा कि हमने ये चुनाव गंभीरता से लड़ा। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी मैंने कभी पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं लिया। इन चुनावों में सिर्फ भाईचारा काम करता है। अगर हमारे पास (स्थानीय निकायों में) एक सीट होती और हम हार जाते तो नतीजा हमारे लिए नुकसानदेह होता। इन चुनावों में ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होते हैं।साथ ही हुड्डा ने कहा कि इन चुनाव नतीजों से कांग्रेस विधायक दल नेता के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भी हार मिली है।

सूबे के विधानसभा चुनाव में करारी मात खाने के साढ़े पांच महीने बाद निकाय चुनाव में भी कांग्रेस जीरो पर सिमट गई है जबकि बीजेपी ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने में सफल रही। सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त देकर नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका में ‘कमल’ खिलाने में कामयाब रही। वहीं, कांग्रेस के हाथ खाली रहे।

हरियाणा निकाय चुनाव में शहरी मतदाताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा उनकी सबसे पसंदीदा पार्टी है। इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले रोहतक और सोनीपत नगर निगम के मेयर पद पर भी हुड्डा गुट जीत हासिल नहीं कर सका। बिना संगठन के चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस का निगम चुनाव में इस बार सूपड़ा ही साफ हो गया। लचर प्रबंधन के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस कहीं भी एकजुट नजर नहीं आई। कांग्रेस का प्रचार भी बेहद कमजोर रहा।

कांग्रेस की हार के ये हैं बड़े कारणः-

• इस हार की सबसे बड़ी वजह राज्य में कांग्रेस का संगठन न होना माना जा रहा है। हाईकमान भी अभी तक संगठन बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है।

• हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पूरी तरह से हावी है। एक ही पार्टी के नेता एक-दूसरे के उम्मीदवारों को हराने में जुटे थे। इस निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।

• पिछले एक साल से हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इसी में उलझा हुआ है।

• हरियाणा निकाय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार तो किया, लेकिन चुनाव प्रचार में वो धार नहीं दिखी, जो कांग्रेस को अपने कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाने में दिखाना चाहिए था।

• हरियाणा निकाय चुनाव में टिकटों के गलत वितरण का भी आरोप लगा है, जिससे कांग्रेसियों में नाराजगी नजर आई और हार का कारण भी बना।

अश्विनी वैष्णव ने स्टारलिंक का किया स्वागत, फिर डिलीट क्यों किया पोस्ट

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भारत के सबसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर और इंटरनेट प्रोवाइडर एयरटेल और जियो ने सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्टारलिंक के साथ समझौतों पर साइन किया है। इस बीच, रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय बाजार में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे स्पेसएक्स के स्टारलिंक का स्वागत किया। अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया साइट पर एलन मस्क की कंपनी स्‍टारलिंक का भारत में स्वागत किया, हालांकि, फिर पोस्ट डिलीट कर दी।

सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर पोस्ट में रेल मंत्री वैष्णव ने लिखा, 'स्‍टारलिंक भारत में आपका स्वागत है! दूर-दराज के रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए उपयोगी होगा।' लगभग एक घंटे बाद पोस्ट हटा दी गई। ऐसा उस वक्त हुआ, जब देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और जियो ने स्‍टारलिंक के साथ करार किए हैं। ये करार स्‍टारलिंक की सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं देने के लिए हैं। हालांकि, अब तक सरकार से इसकी मंजूरी मिली नहीं है।

इससे पहले मंगलवार को एयरटेल ने स्‍पेसएक्‍स के साथ समझौते की घोषणा की। स्‍पेसएक्‍स एलन मस्क की कंपनी है। इससे स्‍टारलिंक की सेवाएं भारत में आएंगी। दूर-दराज के इलाकों में स्कूल, अस्पताल और संस्थान जुड़ सकेंगे। भारती एयरटेल लिमिटेड के एमडी और वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने कहा, 'स्‍पेसएक्‍स के साथ मिलकर एयरटेल ग्राहकों को स्‍टारलिंक देना एक बड़ी उपलब्धि है। यह अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है।' भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा, '4G, 5G और आगे 6G की तरह अब हमारे पास एक और तकनीक होगी, यानी SAT-G।'

बुधवार को जियो प्‍लेटफॉर्म्‍स लिमिटेड ने स्‍टारलिंक के साथ अपने समझौते की घोषणा की। रिलायंस जियो ग्रुप के सीईओ मैथ्यू ओमन ने कहा, 'स्‍पेसएक्‍स के साथ हमारा सहयोग स्‍टारलिंक को भारत लाने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है। यह सभी के लिए निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।' उन्होंने आगे कहा, 'स्‍टारलिंक को जियो के ब्रॉडबैंड सिस्टम में जोड़कर हम अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। इस AI युग में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड की विश्वसनीयता और उपलब्धता बेहतर कर रहे हैं। देश भर के समुदायों और व्यवसायों को सशक्त बना रहे हैं।'

वहीं, स्‍पेसएक्‍स की अध्यक्ष और सीओओ ग्वेने शॉटवेल ने कहा कि कंपनी भारत सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा, 'हम भारत की कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए जियो की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। हम जियो के साथ काम करने और भारत सरकार से अधिक लोगों, संगठनों और व्यवसायों को स्‍टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्राधिकरण प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं।'

कैंसर फैला रहा संघ परिवार...' महात्मा गांधी के पोते के बयान से बवाल

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महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। तुषार गांधी ने देश की आत्मा को कैंसर से पीड़ित करने जौसा गंभीर आरप संघ परिवार पर लगाया है। तुषार गांधी के इस बयान के बाद बवाल मच गया। आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को केरल के नेय्याट्टिनकारा में तुषार गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध उस समय किया गया जब तुषार गांधी टीबी जंक्शन स्थित उनके आवास पर गांधीवादी नेता गोपीनाथन नायर की प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे।

केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले के नेय्याट्टिंकारा में बुधवार शाम को महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी टीबी जंक्शन पर गांधीवादी प्रतिनिधि गोपीनाथ नायर की प्रतिमा का अनावरण करने गए थे। इस दौरान तुषार गांधी ने एक स्पीच दी। उन्होंने कहा, देश की आत्मा कैंसर से पीड़ित है और संघ परिवार इसे फैला रहा है।आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तुषार गांधी से माफ़ी मांगने को कहा। लेकिन तुषार गांधी अपने बयान पर अड़े रहे। उन्होंने 'गांधी की जय' के नारे लगाए और वहां से जाने लगे।

विरोध करने वालों ने नारेबाज़ी की और उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की, लेकिन तुषार गांधी माफी नहीं मांगी। वो 'आरएसएस मुर्दाबाद' और 'गांधी की जय' के नारे लगाते हुए वहां से चले गए। इस घटना के बाद कांग्रेस ने आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं की निंदा की है।

सुनीता विलियम्स की वापसी में फिर रोड़ा, तकनीकी खामी के कारण स्पेस एक्स के मिशन में देरी

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नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर की पृथ्वी पर वापसी फिर टल गया है। दोनों को धरती पर वापस लाने के लिए क्रू-10 का मिशन लॉन्च किया जाना था, जिसके जरिए 4 अंतरिक्षयात्री इन दोनों की जगह स्पेस में भेजे जाते, लेकिन अब क्रू-10 के मिशन को तकनीकी खराबी के चलते रद्द कर दिया गया है।एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अपने क्रू-10 लॉन्च को हाइड्रॉलिक समस्या के कारण स्थगित कर दिया है।जिससे नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को वापस लाने की योजना एक बार फिर अटक गई है।

नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने वाले क्रू-10 मिशन को फाल्कन 9 रॉकेट में ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के साथ हाइड्रोलिक सिस्टम समस्या के कारण लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया है। फाल्कन रॉकेट की नियोजित शाम की उड़ान से चार घंटे से भी कम समय पहले एक महत्वपूर्ण हाइड्रॉलिक सिस्टम को लेकर चिंताएं उठीं। जैसे ही काउंटडाउन क्लॉक टिक रही थी, इंजीनियरों ने हाइड्रॉलिक्स की जांच की। इसका उपयोग रॉकेट को उसके समर्थन संरचना से जोड़ने वाले दो में से एक हाथ को छोड़ने के लिए किया जाता है। यह संरचना लिफ्टऑफ से ठीक पहले पीछे की ओर झुकनी चाहिए थी। पहले से ही अपने कैप्सूल में बंधे हुए चार अंतरिक्ष यात्री अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे, जो काउंटडाउन में एक घंटे से भी कम समय शेष रहते आया।

नासा के बयान के मुताबिक स्पेस एक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल से अंतरिक्ष यात्री एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापानी स्पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री ताकुया ओनिशी और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री किरिल पेसकोव से बाहर आ चुके हैं। अगला लॉन्च 13 मार्च को शाम 7:26 बजे के बाद होगा। नासा के कैनेडी लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से इसकी समीक्षा की जा रही है। लॉन्च कवरेज नासा+ पर दोपहर 3:25 बजे (स्थानीय समय) शुरू होगा। माना जा रहा है कि डॉकिंग 14 मार्च को रात 11:30 बजे (स्थानीय समय) होगी।

नासा ने कहा कि 13 मार्च के क्रू-10 लॉन्च के साथ अंतरिक्ष यात्री निक हेग, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्सांद्र गोरबुनोव क्रू-9 मिशन सोमवार 17 मार्च को सुबह 9:05 बजे से पहले अंतरिक्ष स्टेशन से प्रस्थान करेगा। बशर्ते कि फ्लोरिडा के तट से दूर स्पलैशडाउन स्थानों पर मौसम खराब हो। नासा ने कहा कि क्रू-10 स्पेसएक्स के मानव अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली का 10वां क्रू रोटेशन मिशन है। नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष स्टेशन के लिए डेमो-2 परीक्षण उड़ान सहित चालक दल के साथ इसकी 11वीं उड़ान है।

बता दें कि 5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता और बुच विल्मोर यात्रा पर भेजा था। यह दोनों सिर्फ 8 दिनों के लिए आईएसएस पर गए थे, लेकिन उनका मिशन काफी हद तक आगे बढ़ गया था। बोइंग का स्टारलाइनर कैप्सूल, जो उन्हें अंतरिक्ष तक ले गया था, उस में खराबी आई, इसी के बाद कैप्सूल उनके बिना धरती पर लौट आया था।

नेपाल में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर को लेकर क्यों मचा बवाल, राजशाही की मांग के बीच ये कैसी चर्चा?

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नेपाल में इस वक्त राजशाही के समर्थन में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। राजतंत्र के समर्थन में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। राजतंत्र के समर्थन करने वाले लोग नेपाल में राजशाही और हिन्दू राष्ट्र की बहाली की माँग कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों पड़ोसी देश नेपाल में खूब चर्चा में बने हुए हैं। योगी के एक पोस्टर ने नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल कर दी है।

साल 2006 में नेपाल में राजशाही का अंत हो गया था। हाल ही में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की काठमांडू में मजबूत वापसी हुई है। ज्ञानेंद्र जब काठमांडू एयरपोर्ट पर उतरे तो उनके स्वागत में करीब 10 हजार नेपाली नागरिक सड़कों पर मौजूद थे। नेपाल में राजशाही खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब ज्ञानेंद्र के समर्थन में एक साथ इतने लोगों को देखा गया। रविवार को काठमांडू में ज्ञानेंद्र के स्वागत में आई भीड़ में से एक शख़्स ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लेकर खड़ा था।योगी आदित्यनाथ की तस्वीर दिखने के बाद से नेपाल में बहस शुरू हो गई है कि क्या इस आंदोलन का भारत से भी संबंध है?

राजधानी काठमांडू में हाल ही में हजारों लोगों ने जुटकर लोकतांत्रिक तौर पर चुनी गई सरकार के विरोध में आवाज बुलंद की और देश में एक बार फिर राजशाही को लौटाने की मांग की। इस घटना के बाद नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया, जब ऐसी ही एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर लहराया गया। महज एक पोस्टर को लेकर बवाल इतना बढ़ गया कि मसले पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तक कूद पड़े और वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राजशाही के समर्थन में किए गए प्रदर्शनों पर तो टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने इन रैलियों में योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को लेकर कटाक्ष किया। ओली ने कहा कि किसी देश को ऐसी स्थिति में नहीं होनी चाहिए, जहां विदेशी नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल प्रदर्शनों में हो। ओली के समर्थकों ने भी इस दौरान आरोप लगाया कि ज्ञानेंद्र के समर्थन के पीछे भारत का हाथ है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य विष्णु रिजाल ने ज्ञानेंद्र और योगी की उस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ये 1950 का दौर नहीं है, जब भारतीय दूतावास में शरण लेने दिल्ली पहुँचे त्रिभुवन शाह को भारत ने फिर से राजगद्दी पर बैठा दिया था। बेहतर होगा कि जनआंदोलन के बाद राजशाही से बेदख़ल हुए ज्ञानेंद्र फिर से राजगद्दी के लिए लार ना टपकाएँ।

विष्णु रिजाल ने लिखा है, जिस योगी की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किया गया, उसी योगी ने ज्ञानेंद्र को कुंभ में हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया जबकि इसी कुंभ में 50 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। ऐसा तब है, जब ज्ञानेंद्र ख़ुद को हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं। गणतंत्र का विरोध करते हुए उन्होंने इसे विदेशियों की व्यवस्था कहा है। ऐसा कहकर उन्होंने जनता का अपमान तो किया ही है लेकिन फिर से राजा बनने के लिए विदेशियों की दलाली करने से कथित राष्ट्रवाद का मुखौटा भी अच्छी तरह से उतर गया है। योगी की तस्वीर का हवाला देकर विष्णु रिजाल कह रहे हैं कि ज्ञानेंद्र राजा बनने के लिए 'विदेशियों की दलाली कर रहे हैं'।

हालांकि, नेपाल नरेश ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि रैली में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर राजशाही समर्थक आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश है। उन्होंने इसके पीछे केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ओली सरकार पर रैली में घुसपैठ कराने का आरोप भी लगाया।

यूपी सीएम के नेपाल राजपरिवार से अच्छे रिश्ते जगजाहिर हैं। दरअसल, योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ से हैं, जिसका नेपाल के राजपरिवार के साथ ऐतिहासिक रिश्ता रहा है। इस मठ को स्थापित करने वाले बाबा गोरखनाथ नेपाल पर कई वर्षों तक शासन करने वाले शाह परिवार के इष्टदेव रहे हैं।

इतना ही नहीं ज्ञानेंद्र शाह के भाई बीरेंद्र शाह ने लंबे समय तक योगी आदित्यनाथ के गुरु रहे महंत अवैद्यनाथ की गुरु के तौर पर सेवा की है। राजा बनने के बाद बीरेंद्र 1992 में खुद गाड़ी चलाकर काठमांडू से गोरखपुर मठ तक पहुंचे थे। माना जाता है कि 1990 में जब नेपाल में संविधान संशोधन किया गया तब महंत अवैद्यनाथ की सलाह पर ही राजा बीरेंद्र ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र के तौर पर आगे बढ़ाने का फैसला किया।

नेपाल राजपरिवार और गोरखनाथ मठ के यह करीबी रिश्ते नेपाल के लोकतंत्र बनने के बाद भी जारी रहे हैं। 2015 में जब नेपाल में भीषण भूकंप आए थे, तब गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने सीमाई इलाकों पर खुद निर्माण कार्यों की निगरानी की थी। इतना ही नहीं राहत और बचाव कार्यों में मठ के कई लोग भी जुटे थे।

वहीं, काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सियासत में सक्रिय होने से पहले ज्ञानेंद्र लखनऊ में योगी आदित्यनाथ से मिले थे। दोनों के मुलाकात की एक तस्वीर भी मीडिया में आई थी। दोनों क्यों मिले, इसकी जानकारी न तो ज्ञानेंद्र ने और न ही योगी आदित्यनाथ ने दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 81 फीसदी हिंदू बहुल वाले नेपाल में योगी को एक कट्टर और आदर्श हिंदू नेता के रूप में देखा जाता है।

दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रही सरकार, जानें कैसी आई ऐसी नौबत

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दुनियाभर में ऑनलाइन स्कैम का जाल तेजी से फैल रहे हैं। लोगों को आकर्षक नौकरी, निवेश या अन्य प्रलोभनों का लालच देते हैं और फिर उन्हें जबरन धोखाधड़ी वाले कामों में धकेल देते हैं। म्यांमार, कंबोडिया और कई अन्य देशों में ऐसे स्कैम हब फल-फूल रहे हैं। इसी तरह के गैर-कानूनी काम के चंगुल में फंसे 266 लोगों को भारत सरकार वापस लाई है।इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने कल भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह 283 भारतीयों को वापस लाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय दूतावास ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने और उनके स्वदेश वापसी में सहायता करने के लिए काम किया है।

भारत सरकार ने सी-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भेजकर इन लोगों को भारत वापस लाया, जिनमें 266 पुरुषों और 17 महिलाएं शामिल है। सभी लोगों इससे पहले सात बसों के जरिए थाईलैंड के माई सॉट हवाई अड्डे तक पहुंचाया। इसके अलावा, तीन बसों से उनके सामान को भी लाया गया। अब अगले दिन 257 और भारतीयों को वापस लाने की योजना है।

बीते कुछ हफ्तों में इन ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से कम से कम 24 देशों के लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है । सैन्य शासन वाले म्यान्मार के इस हिस्से में कानून-व्यवस्था ढेर हो चुकी है। रिहा कराए गए लोगों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं। चीन अब तक 2,000 से ज्यादा नागरिकों को वापस ला चुका है और इन सभी को अपराधी मानते हुए हथकड़ी लगाकर लाया गया। चीन इन स्कैम नेटवर्क को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।

म्यांमार के अपराधग्रस्त सीमावर्ती इलाकों में ये ठगी के केंद्र बड़े पैमाने पर एक्टिव हैं। यहां लोगों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर बुलाया जाता है, लेकिन वहां उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे रोमांस और इन्वेस्टमेंट स्कैम में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई लोग शोषण और दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। विदेशी दबाव के बाद म्यान्मार प्रशासन ने अरबों डॉलर के इस अवैध आपराधिक ‘उद्योग’ पर कार्रवाई की है। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एंड क्राइम्स ऑफिस का अनुमान है कि सिर्फ एशिया में ही साल 2023 में ऐसे ‘स्कैमों’ की वजह से लगभग 18 अरब डॉलर से लेकर 37 अरब डॉलर तक का संभावित नुकसान हुआ है।

भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते, जानें किन मुद्दों पर बनी बात?

#agreementsbetweenindiaandmauritius

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्‍त मॉरिशस में हैं। पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों की मौजूदगी में भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते भी किए गए। दोनों देशों ने आज 8 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों नोताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया।

अपने मॉरीशस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-मॉरीशस साझेदार नहीं, एक दूसरे का हमदर्द है। भारत और मॉरीशस साझेदारी को और मजबूत करेंगे। दोनों देशों का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। मॉरीशस के विकास योजनाओं में भारत बड़ी भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के उभरते क्षेत्रों में हमारा दृष्टिकोण साझा है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा हो या शिक्षा, भारत-मॉरीशस साथ खड़े हैं।

पीएम रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 साल में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री जी सहमत हैं कि रक्षा सहयोग और मैरीटाइम सिक्योरिटी हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का अहम हिस्सा है। फ्री, ओपन, सेक्योर एंड सेफ इंडियन ओसियन हमारी साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ हो, हिंद महासागर हो या अफ्रीकन भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझीदार है। 10 साल पहले, विजन SAGAR यानि Security and Growth for All in the Region की आधारशिला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए हम SAGAR विजन लेकर चले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मॉरीशस में गति के लिए मेट्रो एक्सप्रेस, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भवन, सुखद प्रवास के लिए सोशल हाउसिंग, अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईएनटी अस्पताल, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए UPI और RUPAY कार्ड, सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र, ऐसी अनेक जन केंद्रित पहल हैं, जिन्हें हमने समयबद्ध तरीके से पूरा किया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझेदारी को 'बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को एक भेंट होगी।

भारत और मॉरीशस ने इन आठ समझौता पर किए हस्ताक्षर

1. स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

2. पाइप बदलने के कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण की ओर से चल रही परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा पर समझौता

3. राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन

4. भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच श्वेत शिपिंग सूचना साझा करने पर तकनीकी समझौता

5. मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन

6. मॉरीशस के उद्योग, एसएमई और सहकारिता मंत्रालय तथा भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

7. मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय तथा भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन

8. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन

धरती पर जल्द लौटेंगी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जानें पृथ्वी पर वापसी का क्या है नासा का मिशन

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सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर लंबे समय से अंतरिक्ष में रह रहे हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर बीते नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार पृथ्वी पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है वो अगले हफ्ते तक धरती पर वापसी कर सकते हैं। वे स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर वापस यात्रा करेंगे।

नासा के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह जोड़ी 16 मार्च को पृथ्वी पर लौटेगी। विलियम्स और विलमोर को 5 जून, 2024 को एक क्रू फ्लाइट टेस्ट पर लॉन्च किया गया था। हालांकि, उनके कैप्सूल में लगातार गड़बड़ियां आने के बाद, वे आईएसएस पर रह रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर लगभग 10 दिनों के लिए रहना था, लेकिन उनके कैप्सूल में समस्याएं आने के कारण एजेंसी को उनकी वापसी को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।

नासा का क्रू-10 मिशन 12 मार्च को लॉन्च होगा। इस मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल लॉन्च साइट पर पहुंच चुका है। सोमवार को क्रू-10 मिशन के सदस्यों के साथ नासा और स्पेसएक्स ने 12 मार्च के लॉन्च का पूर्वाअभ्यास भी कर लिया। इस मिशन के साथ ही भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर जल्द ही अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

विलियम्स समेत चार अंतरिक्ष यात्री लौटेंगे

नासा का स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पिछले साल सितंबर में बिना क्रू के वापस आया था। बाद में, नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव को स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन पर आईएसएस पर भेजा गया, जिसमें फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दो सीटें आरक्षित थीं। लेकिन वो मिशन भी विफल रहा। वे मूल रूप से फरवरी में लौटने वाले थे। अब सभी चारों अंतरिक्ष यात्री 16 मार्च को एक साथ लौटेंगे।

किस मिशन पर सुनीता?

5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन में भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी। जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा का व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था।

हरियाणा में बीजेपी की आंधीः निकाय चुनाव में बीजेपी को 10 में से 9 पर मिली जीत, कांग्रेस साफ

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हरियाणा निकाय चुनाव के नतीजे बीजेपी को खुश करने वाले हैं। विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है।10 नगर निगमों में से 9 पर बीजेपी को जीत मिली है। पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत नगर निगमों में बीजेपी को जीत मिली। वहीं मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है। कांग्रेस सभी 10 नगर निगमों में हार गई। हरियाणा में 2 मार्च को नगर निकाय का चुनाव हुआ था।

जनता ने ट्रिपल इंजन की सरकार बनाई- नायब सिंह सैनी

हरियाणा नगर निगम चुनाव में बीजेपी की जीत पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज आए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों में हरियाणा की जनता ने ट्रिपल इंजन सरकार पर अपनी मुहर लगाई है। नायब सिंह सैनी ने कहा, मैं हरियाणा की जनता का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। चुनाव आयोग और सभी अधिकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारी स्थानीय निकाय सरकार और यह ट्रिपल इंजन सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के विजन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।

निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस में उत्साह नहीं दिखा

निगम चुनाव में भाजपा ने जहां पूरा जोर लगाया, जबकि कांग्रेस में उत्साह नजर नहीं आया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव प्रचार करने तक नहीं आए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस विधायक बीबी बतरा व शकुंतला खटक ही अपने हलकों में प्रचार करते दिखे। दूसरी तरफ भाजपा पूरी ताकत लगा रखी थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी न केवल मेयर प्रत्याशी का नामांकन कराने आए, बल्कि रोहतक से ही निकाय चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया गया। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, मंत्री अरविंद शर्मा, कृष्णलाल पंवार, कृष्ण बेदी, श्रुति चौधरी, विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्णलाल मिड्ढा व पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने प्रचार में भाग लिया।