*Mirzapur: हुजूर! सरकारी धन का भुगतान पत्नी के खाते में कर फंसे प्रभारी प्रधानाध्यापक पर कब होगी कार्रवाई?*
विद्यालय के मरम्मत कार्यों की जांच कराने की मांग
कार्रवाई तो दूर टस से मस नहीं हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक
मिर्जापुर- जिले के नरायनपुर विकास खंड क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय कंदवा के भवन के मरम्मत के लिए वित्तीय वर्ष-2023-24 में सरकारी धन के बंदरबाट मामले में लीपापोती की जा रही है। सरकारी धन का भुगतान विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक के पत्नी के खाते में किए जाने की शिक्षकों और ग्रामीणों ने मांग की है जबकि शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कह चुप्पी साध लिए हैं। चर्चा है कि जिले के ही एक सत्ताधारी दल के एक विधायक का अपने को करीबी बताते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक पूरी तरह से मनमानी करते हुए आएं हैं। मजे की बात है कि एक दशक से दो दो प्रभार लेकर चल रहे प्रभारी प्रधानाध्यापक बीआरसी पर जमें हुए हैं जिनका बाल भी बांका नहीं हो पा रहा है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बार केन्द्रीय राज्यमंत्री मंत्री एवं जिले के सांसद से इनकी कारगुजारियों की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री दरबार तक भी इस मामले को ले जाने की तैयारी हो रही है कि किस प्रकार से तमाम शिकायतों के बाद भी प्रभारी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई तो दूर यह अपने स्थान से टस से मस नहीं हो पाएं हैं।
गौरतलब हो कि इन दिनों जिले के नरायनपुर विकास खंड क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय कंदवा के प्रभारी प्रधानाध्यापक जो बीआरसी पर भी जमें हुए हैं ख़ासे चर्चाओं में हैं। उन पर आरोप लगाया गया है कि विद्यालय के भवन की मरम्मत भी नहीं कराई गई और शासन से दिए गए 50 हजार रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। ग्रामीणों व शिक्षकों ने डीएम से मामले की जांच कराके कार्रवाई की मांग की है। शासन से वित्तीय वर्ष-2023-24 में कम्पोजिट विद्यालय कंदवा के भवन की मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में भेजा था। आरोप है कि मरम्मत कार्य के लिए टेण्डर भी नहीं कराया गया और प्रभारी प्रधानाध्यापक ने अपनी पत्नी शिव लक्ष्मी को कागज पर ठेकेदार बना कर 50 हजार रुपए का चेक उन्हीं के नाम काट दिए। वहीं भवन का मरम्मत कार्य भी नहीं कराया गया। विद्यालय के दीवार की प्लास्टर टूटी हुई है। बरसात के दिनों में छत भी टपकती है। विद्यालय की रंगाई-पोताई भी नहीं कराई गई। इस मामले में ग्रामीण और शिक्षक नीलू सिंह आदि ने डीएम से मामले की जांच कराए जाने की मांग की है।
विद्यालयों के जीर्णोद्धार के नाम पर मची है लूट की छूट
दूसरी ओर नारायणपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बरबरपुर में बाउंड्री का पैसा निकल गया पर बाउंड्री अभी तक नहीं बनी। इसी तरह से पूरे ब्लॉक में जहां भी भवन निर्माण के नाम पर पैसा गया है वहां पर अभी तक कोई भी भवन पूर्ण नहीं है, जबकि ज्यादातर भवन का पैसा पूरा निकाल लिया गया है। जो एक बहुत बड़ा घोटाला प्रतीत होता है। ग्रामीणों की मांग है कि उच्चाधिकारियों को इसको संज्ञान में लेकर इसकी गहनता से जांच करानी चाहिए ताकि सरकारी धन के बंदरबाट को रोक जा सके। ग्रामीणों का कहना है की ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के जीर्णोद्धार मरम्मत के लिए सरकार तो बहुत पैसा भेज रही है पर सरकार का सारा पैसा बंदरबाट कर लिया जा रहा है। इसी तरीके से पुराने सर्विस बुक पर जिसका भी मेडिकल चढ़ा हुआ है वह अभी तक नई सर्विस बुक पर यानि कि ई-सर्विस बुक पर नहीं दर्शाया गया है। इसमें भी आगे चलकर बहुत बड़ा गड़बड़झाला करने की साजिश की गई है। जिसे अधिकारी गंभीरता से संज्ञान में ले तो एक और चौंकाने वाला खुलासा होगा।
नाम न छापे जाने की शर्त पर कुछ शिक्षकों व विभाग से जुड़े हुए लोगों ने बताया कि नरायणपुर बीआरसी दलालों के चंगुल में फंस कराह रहा है। जिसको जल्द से जल्द दलालों से मुक्त कराया जाना चाहिए। शिक्षकों के मुताबिक दलालों द्वारा बार-बार उन्हें धमकाने के साथ उन्हें फोन कर चेताया जा रहा है कि आप लोग बिल्कुल शांति से रहिए हम लोगों के बारे में कहीं भी कोई शिकायत करेंगे तो उसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए। बहरहाल, अब इस मामले को लेकर केन्द्रीय राज्यमंत्री, सांसद सहित सीधे मुख्यमंत्री को इस सम्पूर्ण मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की गुहार लगाए जाने का मन बनाया गया है।
Mar 09 2025, 13:18