बिहार की इन बेटियों ने राष्ट्रीय खेलों में दिखाया दम, महिला दिवस पर सरकार ने कहा- हम आपके साथ हैं

बिहार में खेलों का माहौल भी बदल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों से महिलाओं को कई स्तर पर सुविधाएं मिल रही हैं. महिला खिलाड़ी अपने जज़्बे, मेहनत और प्रतिभा से नए आयाम गढ़ रही हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की बेटियां धाक जमाती दिख रही हैं. खेल विभाग के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवींद्रन शंकरन ने सभी विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के महिला खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन को जाता है.

उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का नतीजा है कि खेल विभाग खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर गंभीर है. विभाग विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और अवसर व्यवस्था कर रहा है. इससे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखर कर समाने आ रही है. बिहार की महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय फलक पर परचम लहरा रही हैं. तभी तो हमारी बेटियां कह रही हैं- उसे गुमां है कि मेरी उड़ान कुछ कम है, मुझे यकीं है कि ये आसमान कुछ कम है.

महिला खिलाड़ियों के दृढ़ संकल्प को सलाम

महिला दिवस के अवसर पर मैं अपने महिला खिलाड़ियों के दृढ़ संकल्प को सलाम करता हूं. वो हर बाधोंओं को तोड़कर खेल की दुनिया में सफलता हासिल कर रही हैं. हम सिंपली पीरियड्स जैसे मददगार पहल के द्वारा एक अनुकुल वातावरण बना रहे हैं, ताकि मासिक धर्म जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी चीजें एक सामाजिक बाधा ना बने. हमारी प्रतिबद्धता खेल के मैदान और खेल के बाहर भी नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा. बिहार स्पोर्ट्स अथॉरिटी आपके शानदार सफर में आपके साथ हैं.

38वें राष्ट्रीय खेलों में बिहार की बेटियों का शानदार प्रदर्शन

हाल में उत्तराखंड में संपन्न हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में बिहार ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. यहां बिहार ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 12 पदक, जिसमें 1 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य शामिल हैं. इसमें लॉन बॉल्स में महिला टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है.

विश्वकप में निशाना लगाएगी अंशिका

तीरंदाजी (Archery) में बिहार की अंशिका कुमारी ने रजत पदक जीता है. अंशिका का ये पदक इसलिए भी खास है, क्योंकि उसने महिला रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा के फाइनल में भारतीय तीरंदाजी की दिग्गज दीपिका कुमारी के साथ कड़े मुकाबले में जीता है. बिहार की अंशिका कुमारी को आगामी तीरंदाजी विश्व कप, 2025 के लिए भारतीय सीनियर तीरंदाजी टीम में शामिल किया गया है.

महिला रग्बी टीम को रजत

महिला रग्बी टीम ने ओडिशा के खिलाफ कड़े मुकाबले में रजत पदक जीता. तो वहीं योगासन में भी बिहार ने रजत पदक पर कब्जा किया. बिहार की बेटियों की जीत का यह शानदार सफर नेशनल गेम तक ही सीमित नहीं है.

भार उठाने में भी माहिर बिहार की बेटियां

ब्रह्मपुर, ओडिशा में आयोजित अश्मिता खेलो इंडिया महिला राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में बिहार की खुशबू कुमारी ने अद्भुत प्रदर्शन किया. जूनियर और सीनियर महिला वर्ग में स्नैच 75 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क 71 किलोग्राम भार वर्ग में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए. शालिनी ने भी अश्मिता खेलो इंडिया चैंपियनशिप में बेहतरीन खेल दिखाते हुए जूनियर वर्ग में रजत पदक पर कब्जा जमाया.

नेशनल स्कूल गेम्स साइकिलिंग में दमदार प्रदर्शन

68वीं नेशनल स्कूल गेम्स साइकिलिंग (रोड) चैम्पियनशिप में बिहार की बेटियां शानदार प्रदर्शन कर रही हैं. यहां सुहानी ने रजत पदक, जबकि अमृता, शालिनी और सुप्रिया ने कांस्य पदक जीते हैं.

पीटी उषा ने कहा- शानदार बिहार

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और दिग्गज एथलीट पी.टी. उषा ने बिहार की महिला खिलाड़ियों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा-बिहार की महिला खिलाड़ी अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.

महाकुंभ के बाद एक और विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रही UP की योगी सरकार, 2000 विडो खेलेंगी होली? जानें कहां हो रही तैयारी

उत्तर प्रदेश के मथुरा में उल्लास-उमंग और रंगों का पर्व होली इस बार एक अलग रंग में सराबोर दिखेगा. सरकार के प्रयासों से 2000 से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलकर एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं. प्रदेश सरकार ने इसकी जानकारी दी. राज्य की एक योजना में कहा गया है कि सरकार के प्रयासों से 2000 से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलकर एक अनूठा रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं.

मथुरा-वृंदावन की होली प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी प्रसिद्ध है. इस बार यहां की होली केवल आनंद ही नहीं सामाजिक सौहार्द, सांस्कृतिक समरसता एवं सामाजिक परिवर्तन के सम्मान का क्षण बनकर विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रही है. इसमें कहा गया कि वृंदावन के सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग होली पर विधवाओं की होली-2025 के तौर पर एक भव्य आयोजन करने जा रही है. हमारा प्रयास गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की दिशा में रहेगा.

बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड

एक बयान के मुताबिक, इस बार होली का त्योहार न केवल विधवाओं की बेरंग जिंदगी में खुशियों का रंग घोलने का माध्यम बनेगा. बल्कि इतिहास व विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होने के साथ ही इससे समाज में एक संदेश भी जाएगा. ‘विधवाओं की होली एक अनूठा सांस्कृतिक उत्सव है. परंपरागत रूप से भारत में विधवाओं से होली जैसे त्योहारों सहित संसारिक सुखों को त्यागने की अपेक्षा की जाती थी. लेकिन भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम से जुड़े शहर वृंदावन में यह एक बदलाव के तौर पर देखा जाता है.

हर साल वृंदावन के विभिन्न आश्रमों से हजारों विधवाएं होली पर खुद को जीवंत रंगों के साथ ही संगीत और भक्ति में सराबोर कर लेती हैं.

विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन

प्लान के अनुसार, इस समारोह में पारंपरिक लोक गायन, लोक नृत्य, भक्ति गीत जैसी प्रस्तुतियां भी होंगी. आयोजन में ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल होगा तथा इसमें अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों, मीडिया तथा भक्तों की भागीदारी होगी. इस आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए एक विशिष्ट टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कार्यक्रम में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के पदाधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा. जिससे उन्हें विभिन्न पहलुओं की विवेचना समेत प्रमाणन प्रक्रिया को पूरा करने मेंभीआसानीहोगी.

बिहार आने से रोका, तो यहीं घर बना लूंगा’… किस बात पर धीरेंद्र शास्त्री ने कही ये बात?

बिहार के पांच दिनों के दौरे पर पहुंचे बाबा बागेश्वर ने बड़ी बात कह दी है. उन्होंने कहा कि अगर उनको बिहार आने से रोका गया तो वह यहीं पर अपना घर बना लेंगे. गोपालगंज जिले में पहुंचे बाबा बागेश्वर ने राम जानकी कथा से पहले वहां उपस्थित श्रोताओं से बातें की. उसमें बाबा बागेश्वर ने कहा कि उनके बिहार आने को लेकर के तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं किसी भी पार्टी का प्रचारक नहीं हूं.

बाबा बागेश्वर ने कहा कि मैं केवल हिंदुत्व जानता हूं. वह यही तक नहीं रुके. उन्होंने अपने बिहार दौरे को लेकर के उठाए जा रहे सवालों के जवाब भी दिए. उनका यह कहना था कि उनको अगर बिहार आने से रोका गया तो वह यहीं पर अपना घर बना लेंगे. बाबा बागेश्वर ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि बिहार की धरती पर राम कथा करने का मौका मिल रहा है. बिहार की धरती माता जानकी, महात्मा बुद्ध के साथ ही ज्ञान और भक्ति की भूमि है.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कहा से उठेगी हिंदू राष्ट्र की बात

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात अगर कहीं से उठेगी तो सबसे पहले बिहार से उठेगी. यह हमारा भरोसा है. हमारे बिहार आने पर बहुत लोगों के पेट में दर्द होता है, लेकिन मैं निवेदन पूर्वक कह देना चाहता हूं कि हम पार्टी के प्रचारक नहीं हैं. हम हिंदुत्व के विचारक हैं. राम के राष्ट्र में तुम राम की कथा को रोक लोगे? यह भगवान राम, कृष्ण का देश है. जब तक प्राण रहेंगे. तब तक हम हिंदुओं के लिए जिएंगे और मरेंगे.

मारने की कहीं जा रही बात’

बाबा ने कहा कि बिहार आने पर लोगों को आग लगती है. कई बयान आ रहे हैं. हमें धरने और मारने की बात कही जा रही है. तुम्हारे बाप का देश है? यह देश रानी लक्ष्मीबाई का है, यह देश सुभाष चंद्र बोस का है. यह देश बाबर का नहीं, रघुवर का है. बिहार हमारा है. हम जब तक जिएंगे, तब तक बिहार आएंगे. हम घर से बाहर हिंदू के लिए निकले हैं. मेरे बिहार आने पर लोग सवाल करते हैं. मुझे बहुत दुख होता है क्योंकि जो लोग हमसे जुड़े हुए हैं, उनकी आत्मा को ठेस पहुंचती है.

बाबा ने कहा- हम 150 करोड़ हिंदुओं के लिए लड़ रहे

हम अपने लिए नहीं आए हैं. हम इस देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं. हम निजी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं. उनका कहना था कि हम इस दुनिया में रहने वाले 150 करोड़ हिंदुओं के लिए लड़ रहे हैं. मैं बताना चाहता हूं 65 से ज्यादा देश इस्लामिक हैं. 95 से ज्यादा देश ईसाइयों के हैं. एक देश यहूदियों का है, एक देश बौद्धों का है. किसी भी देश से मुसलमान को निकाला जाएगा तो 65 से ज्यादा मुस्लिम देश दोनों बांह फैलाकर उनका स्वागत करेंगे.

कहां जाएगा हिंदू?

किसी भी देश से ईसाइयों को निकाला जाएगा तो 95 से ज्यादा देश ईसाइयों का स्वागत करेंगे. किसी भी देश से बौद्ध को निकाला जाएगा तो तिब्बत स्वागत करेगा. किसी भी देश से यहूदियों को निकाला जाएगा, इजरायल स्वागत करेगा, लेकिन फिजी, सूरीनाम, पाकिस्तान, भारत, नेपाल और मॉरीशस में हिंदू रहते हैं. अगर इन देशों से हिंदुओं को निकाल दिया जाएगा तो हिंदू कहां जाएगा?

‘ज्यादा रोकोगे तो बना लेंगे मकान’

उन्होंने कहा कि सभी की व्यवस्था है. हमारे हिंदू भाइयों की व्यवस्था कहां है? जिनको भी बिहार आने का कष्ट है. आप हमें रोकते हो, गाली देते हो. भारत माता के कई टुकड़े हो चुके हैं. अब हम भारत को बंटने नहीं देंगे. हम हिंदुओं को घटने नहीं देंगे. आज से पांच दिन तक हम कथा करेंगे. आप रोकोगे हम फिर कथा करेंगे. आप हमें और रोकोगे, हम और कथा करेंगे. आप हमें और रोकोगे, हम यही मठ बना लेंगे. आप हमें फिर रोकोगे, हम यहां मकान बना लेंगे. मरेंगे तो फिर बिहार में जन्म लेंगे. इसलिए हम हमेशा बोलते हैं छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं.

काहे के लिए हंगामा कर रहे…CM नीतीश ने विधानसभा में हाथ जोड़कर कही ये बात

आज बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल की शुरूआत होते ही माले विधायकों ने नालंदा जिले के बिहारशरीफ की घटना का मुद्दा उठाया. माले विधायक वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद खड़े हो गए. नीतीश कुमार ने हंगामा कर रहे विधायकों से कहा कि हम आपसे हाथ जोड़ते हैं, अब आपलोग बैठ जाइए.

बिहारशरीफ में महिला की निर्मम तरीके से हुई हत्यी की घटना का मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में खड़े हो गए. प्रदर्शन कर रहे विधायकों से कहा कि जैसे ही खबर आती है, उसी समय आदेश देते हैं. कहीं का भी मामला होता हो हम तुरंत वहां के डीएम को कहते हैं. कोई गड़बड़ किया है तो हम तुरंत एक्शन लेने को कहते हैं. आपलोग काहे के लिए हंगामा कर रहे हैं, बिना मतलब की बात कर रहे हैं. जो गड़बड़ करेगा उस पर ऐक्शन होगा.

हाथ जोड़कर खड़े हुए नीतीश कुमार

नालंदा जिला से नीतीश कुमार खास ताल्लुक रखते हैं. ये इनका गृह जिला है, इस वजह से भी विपक्ष पार्टियों के नेताओं ने सदन में जोरदार हंगामा किया. ये हंगामा इतना जोरदार था कि नीतीश कुमार ने हारकर सबके सामने हाथ भी जोड़ लिया.

विधानपरिषद् में भी भड़के नीतीश कुमार

उनका ये गुस्सा आरजेडी की महिला MLC पर भड़का. नीतीश कुमार ने कहा कि आप उस पार्टी में हैं जिनके हसबैंड टूटने लगे तो महिला को बना दिया. हमने तो महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है.

नालंदा में मिली थी युवती की लाश

बिहार के नालंदा जिले में एक 26 साल की युवती का शव हाइवे के पास जंगल में मिला. महिला के पैर में लोहे की कीलें ठुकी हुई दिखाई दे रही हैं. उसके पैरों में कुल 12 कीलें ठोंकी गई हैं. महिला की बहुत ही बर्बरता के साथ हत्या कर दी गई है. फिलहाल, हत्या के पीछे की वजह सामने नहीं आई है, ऐसे में विपक्षी नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से एक के बाद एक कई सवाल पूछ, जिसपर नीतीश कुमार ने ऐक्शन का आश्वासन दिया है.

CM रेखा गुप्ता को आतिशी की चिट्ठी, महिला सम्मान योजना पर जताई उम्मीद

आप विधायक आतिशी ने CM रेखा गुप्ता को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने ये चिट्ठी महिला सम्मान योजना के लिए लिखी है. आतिशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वादा किया था कि महिला दिवस पर दिल्ली की महिलाओं के खाते में 2500 आयेंगे. महिला दिवस में बस अब एक दिन बाकी हैं. मुझे उम्मीद है कल दिल्ली की महिलाओं के मोबाइल में 2500 रु उनके खाते में आने का मैसेज आ जाएगा.

रैली में प्रधानमंत्री ने किया था वादा

आतिशी ने पत्र में लिखा कि 31 जनवरी 2025 को पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान दिल्ली की माताओं और बहनों से वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में उन्हें 2500 रुपए हर महीने दिए जाएंगे. इस योजना को पास किया जाएगा.

यहां तक कि उन्होंने महिलाओं से ये भी कहा था कि वो अपने-अपने मोबाइल नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ लें ताकि, जब भी उनके अकाउंट में 2500 रुपये ट्रांसफर किए जाएं तो इसकी सूचना उन्हें तुरंत ही मिल सके. महिलों को पैसे ट्रांसफर करने का दिन 8 मार्च यानी महिला दिवस बताया गया है, ऐसे में वो इसका बेसब्री से इंतजार भी कर रही हैं.

महिला दिवस में सिर्फ एक दिन बचा है

उन्होंने कहा कि भाजपा ने वादा किया था. अब सिर्फ एक दिन बचा है. सीएम रेखा जी दिल्ली की महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए जल्द से जल्द उनके खातों में 2500 रुपये की राशि को ट्रांसफर किया जाए. महिलाएं पूरे मन से सरकार की ओर देख रही हैं, ऐसे में उनकी उम्मीद टूटनी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कल तक हमारे दिल्ली की माताओं-बहनों के अकाउंट में 2500 रुपये मिलने के मैसेज जरूर आ जाएंगे.

औरंगजेब को काशी विश्वनाथ मंदिर से सबसे ज्यादा नफरत क्यों थी? जानें

मंदिरों को ध्वस्त करने का औरंगजेब का हुक्म किसी खास मंदिर या इलाके तक सीमित नहीं था. उसने अपनी हुकूमत के सभी 21 सूबों के गवर्नरों को मंदिरों के विध्वंस के साथ ही हिंदुओं द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाएं बंद कराने को लिखा था. इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए सिर्फ मूर्तिपूजा रोके जाना ही उसने काफी नहीं माना. हिंदू पर्वों-त्योहारों और रीति-रिवाजों पर भी रोक लगाई. उनकी हर आस्था पर चोट पहुंचाई. हिंदू शिक्षा संस्थाओं से उसे शिकायत थी कि वहां झूठी किताबें पढ़ाई जाती हैं. वो सिर्फ हुक्म जारी करके खामोश नहीं बैठा. उस पर अमल की भी जानकारी लेता रहा.

हालांकि मंदिरों को गिराए जाने के बाद भी उनके खंडहरों के बीच हिन्दू पूजा-अर्चना करते रहे. सत्रहवीं सदी के आखिरी दिनों में उसने गुजरात के गवर्नर को लिखा कि अगर काफिरों ने सोमनाथ में पूजा जारी रखी हो तो उसे ऐसा जमींदोज कर दो कि उसका नामों-निशां न बचे.

शुरुआत में नए मंदिरों पर रोक का आडंबर

इस्लाम को राजधर्म घोषित करने और शरीयत के मुताबिक शासन करने के औरंगजेब फैसले के बाद काफिर (हिंदू), उनके पूजा स्थल ,शिक्षण संस्थाएं और तीज-त्योहार सभी निशाने पर थे. मशहूर इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने औरंगजेब के भरोसेमंद मुस्तइद ख़ां की किताब “मासिर-ए-आलमगीरी” के हवाले से लिखा है कि शुरुआत में उसने काफिरों के नए मंदिरों के निर्माण पर रोक का आडंबर किया था.

शरीयत की इस हिदायत को उसने दोहराया था कि जो मंदिर लंबे अरसे से मौजूद हैं उन्हें नहीं तोड़ा जाना चाहिए लेकिन नए मंदिर नहीं बनने दिए जाएं. दूसरी ओर 28 फरवरी 1659 के उसके फरमान में पुराने मंदिरों की मरम्मत पर रोक और कटक से मेदनीपुर के बीच गांव-कस्बों में पिछले दस-बारह सालों में बने सभी मंदिरों को गिराने का आदेश था.

मंदिर गिराओ, हिंदुओं को दबाओ

8 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने इस सिलसिले का दूसरा कड़ा हुक्मनामा जारी किया. थानों के फौजदारों, मुसद्दियों , करोड़ी और गुमाश्तों को संबोधित करते हुए इसमें लिखा गया कि काफिरों के सभी शिवालय और मंदिर गिरा दिए जाएं और उनकी धार्मिक प्रथाओं को दबाया जाए. मराठों, जाट और सिखों के विरोध के बीच उसके तेवर और कड़े हुए. वो मानने लगा कि मंदिर और हिंदू शिक्षण संस्थाएं काफिरों के जुड़ाव और प्रचार के केंद्र हैं जो उसके शासन के लिए खतरा और इस्लाम के विस्तार की राह का रोड़ा हैं. औरंगजेब के रुख ने मातहत अफसरों और कारिन्दों को मनमानी और ज्यादती की खुली छूट दी. मंदिरों के विध्वंस का कार्य इतना बड़ा था कि उसके लिए एक अलग मोहकमा खोलना पड़ा.

सोमनाथ, विश्वनाथ, केशवराय सब निशाने पर

काठियावाड़ का प्रसिद्ध और प्राचीन सोमनाथ मंदिर, बनारस का विश्वनाथ मंदिर, मथुरा का केशवराय मंदिर औरंगजेब के आदेश पर ध्वस्त किए गए. बनारस के विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने के लिए औरंगजेब का पहला आदेश 8 अप्रैल 1669 को जारी हुआ. इसी सिलसिले के 2 सितंबर 1669 के उसके दूसरे आदेश के बीच के पांच महीनों में विश्वनाथ मंदिर को लगातार नष्ट किया गया.

बनारस पर खासतौर पर उसकी कोप दृष्टि थी. इसकी एक वजह प्रतिद्वंदी भाई दारा शिकोह का इस स्थान से जुड़ाव और वहां संस्कृत और हिंदू धर्म-दर्शन का अध्ययन किया जाना भी था. हालांकि इस समय तक दारा को वह मार चुका था लेकिन औरंगजेब को इस बात से शिकायत और नाराजगी थी कि उसके बाद भी वहां की शिक्षण संस्थाओं में दूर-दूर से हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पहुंचते हैं और वहां गलत तालीम दी जाती है.

सिर्फ मंदिर नहीं गिराए, पूजा भी रुकवाई

औरंगजेब के प्रति उदार दृष्टि रखने वाले बनारस को लेकर उसकी नाराजगी की एक वजह दारा का वहां से जुड़ाव और वहां से मिले हिंदू समर्थन को भी मानते हैं. लेकिन देश भर के मंदिरों के प्रति उसकी कोप दृष्टि के मद्देनजर यह वजह बेदम नजर आती है. औरंगजेब बनारस तक नहीं थमा. मथुरा के केशवराय मंदिर को ही उसने नहीं तुड़वाया बल्कि मथुरा का नाम भी इस्लामाबाद किया. सोमनाथ मंदिर को पहली बार 1665 में गिराने का आदेश दिया और फिर आगे इस बात का वह पता लगाता रहा कि वहां हिंदुओं की पूजा जारी तो नहीं है?

जयपुर के नजदीक मलरीना मंदिर, अहमदाबाद का चिंतामण मंदिर,बड़नगर का हृदयेश्वर मंदिर, उदयपुर में झील के किनारे के तीन मंदिर, सवाई माधोपुर का मलासा मंदिर,उज्जैन और आस – पास के अनेक मंदिर, कूच बिहार, उदयपुर, जोधपुर, गोलकुंडा, बीजापुर और महाराष्ट्र के अनेक मंदिर उस बड़ी सूची का एक छोटा सा हिस्सा हैं, जहां के मंदिर औरंगजेब के आदेश पर खंडहरों में बदल दिए गए.

टूटी मूर्तियां मस्जिद के फर्श और सीढ़ियों पर

औरंगजेब ने अपने वफादार राजपूत मित्रों के इलाकों में भी कोई रियायत नहीं की. आमेर राज्य उसके पूर्वजों के वक्त से मुगलों के प्रति वफादार था. लेकिन जून 1680 में उसने आमेर के सभी मंदिर तुड़वा दिए. 1674 में गुजरात के हिंदुओं को धर्मार्थ वजहों से दी गईं जमीनें जब्त कर ली गईं. मुस्तइद ख़ां ने अपनी किताब ” मासिर-ए-आलमगीरी” में लिखा है कि खान-ए-जहां जोधपुर में मंदिरों के विध्वंस के बाद वापसी में कई गाड़ियों में भरकर टूटी मूर्तियां लाया.

खुश औरंगजेब ने कहा कि इसमें जो सोने, चांदी, पीतल और पत्थर की हैं, उन्हें जामा मस्जिद के चौक और सीढ़ियों पर लगा दिया जाए ताकि पैरों से रौंदी जा सकें. मुस्तइद ख़ां के मुताबिक शहंशाह के धर्म की ताकत और अल्लाह के उस पर करम को देखकर हिंदू राजाओं को काठ मार गया और वे दीवार की तरफ मुंह करके बुतों के मानिंद भौंचक्के रह गए.

अयोध्या में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप, आरोपियों ने बनाया वीडियो और किया वायरल

उत्तर प्रदेश के अयोध्या से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक नाबालिग लड़की के साथ चार युवकों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया है. इतना ही नहीं कुकर्मियों ने गैंगरेप का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया है. घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि, अभी तक पुलिस ने इस मामले को कोई सफलता नहीं है. पुलिस का कहना है कि वह जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे.

अयोध्या के पूरा कलंदर थाने क्षेत्र के सनेथू गांव की एक 16 साल की लड़की को गांव के ही चार युवकों ने अपनी हवस का शिकार बनाया है. बीते दिनों आरोपी चार लड़के नाबालिक लड़की को खींचकर गांव के बाहर सरसों के खेत में ले गए, जहां उन्होंने एक-एक कर लड़की के साथ रेप किया और इसी दौरान उसका वीडियो बना लिया. इसके बाद उन्होंने लड़की के साथ वीडियो वायरल करने की धमकी देकर कई बार दुष्कर्म किया.

वायरल हुआ वीडियो

ऐसा कहा जा रहा है कि एक दिन देर शाम सभी दरिंदे एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे. इसी बीच वह आपस में दुष्कर्म की घटना को लेकर बात कर रहे थे और उन्होंने इस दौरान एक-दूसरे को रेप का वीडियो शेयर कर दिया. तभी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. इस मामले का पता परिवार को उस समय चला जब परिवार के सदस्य के मोबाइल पर ही किसी ने दुष्कर्म का वायरल वीडियो भेज दिया.

बेटी ने परिवार को बताई दुख भरी कहानी

इस वीडियो के सामने आने के बाद परिवार के लोगों ने नाबालिक लड़की से घटना के बारे में पूछा तो वह रोने लगी और इसके बाद उसने पूरी घटना का खुलासा किया. पीड़िता पिता ने पूरा कलंदर थाने में आरोपियों के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कुछ लोगों को डिटेन किया है. उन लोगों से पुलिस आरोपियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

4 युवकों के खिलाफ पॉस्को एक्ट में दर्ज हुई FIR

इस पूरे मामले में अयोध्या पुलिस को मिली तहरीर में दो नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ पॉस्को एक्ट में FIR दर्ज किया गया है. अयोध्या धाम के DSP आशुतोष तिवारी ने बताया कि हम इस घटना को बहुत ही गंभीरता से देख रहे हैं. कुछ लोगों से पूछताछ चल रही हैं. फिलहाल अभी चारों आरोपी फरार है. पुलिस का कहना है कि वह जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी. DSP तिवारी का कहना है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की अपील कर हम दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का कार्य करेंगे.

वृंदावन में रंगों का उत्सव… बांके बिहारी इस दिन खेलेंगे लड्डू और जलेबी मार होली, पहुचंने लगे श्रद्धालु

मथुरा के वृंदावन में खेली जाने वाली लड्डू और जलेबी की होली 11 और 12 मार्च को खेली जाएगी. ब्रज में राधा कृष्ण के प्रेम की होली खेली जाती है. यहां पर खुद राधा कृष्ण ने होली खेली है. इसलिए यह क्षेत्र अपने आप में बेहद खास है. यहां पर होली एक दिन की नहीं बल्कि पूरे 40 दिन की खोली जाती है, लेकिन इस बार ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की होली कुछ ज्यादा ही खास होने वाली है क्योंकि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में इस बार लड्डू और जलेबी की होली खेली जाएगी, इसमें शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में 10 मार्च से होली का पांच दिवसीय महोत्सव प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें 10 मार्च से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रंग भरनी एकादशी के दिन से रंग उड़ना प्रारंभ होगा और होली के रंग उड़ाए जाएंगे. वहीं 11 मार्च को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में लड्डू की होली खेली जाएगी, जिसमें श्रद्धालुओं के ऊपर लड्डू लुटाए जाएंगे. इसके बाद 12 मार्च को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में जलेबी की होली होगी, जिसमें मंदिर आने वाले भक्तों को जलेबी बांटी जाएगी.

11 मार्च को होगी लड्डू मार होली

बांके बिहारी मंदिर में खेली जाने वाली होली को लेकर मंदिर में तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. इस बारे में जानकारी देते हुए ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी ने बताया कि इस बार की होली बेहद खास होने वाली है क्योंकि ठाकुर बांके बिहारी महाराज के मंदिर में पांच दिवसीय होली का महोत्सव बनाया जाता है, जिसमें पहले दिन 10 मार्च को रंगभरी एकादशी है. इस दिन रंगों की होली खेली जाएगी. 11 मार्च को लड्डू लुटाए जाएंगे. मंदिर में लड्डू बनाने का काम शुरू हो गया है. वहीं, 12 मार्च को जलेबी की होली होगी.

होली कार्यक्रम को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा

आने वाले होली कार्यक्रम को देखते ही पुलिस और मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का फैसला लिया है. साथ ही पार्किंग को लेकर भी पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं

मध्य प्रदेश: बैतूल की कोयला खदान में हादसा, 3 मजदूरों की मौत

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया. कोयला खदान का स्लैब गिरने ने उसमें मजदूर दब गए. हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया.अब तक मलबे से तीन मजदूरों को निकाला गया है, जिन्हें डॉक्टरों की टीम ने मृत घोषित कर दिया. डब्ल्यूसीएल, एसडीआरएफऔर पुलिस बलकी टीम ने इनका रेस्क्यू किया. बैतूल एसपी निश्चल झारिया ने घटना की पुष्टि की और एसपी खुद भी छतरपुर-1 खदान पहुंच गए हैं.

हादसाबैतूल जिले की सारणी स्थित बागडोना-छतरपुर खदान में गुरुवार शाम को हुआ, जिसमें खदान की छत धंसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें खदान में कार्यरत अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. हालांकि, तीन मजदूरों की मौत की पुष्टि एसपी निश्चल झारिया ने की.

मृतकों के परिजनों को मिलेगी सहायता राशि

इस हादसे मेंगोविंद कोसरिया (37) शिफ्ट इंचार्ज,हरि चौहान (46) ओवरमैन,रामदेव पंडोले (49) माइनिंग सरदार की मौत हो गई.विधायक डॉ. पंडाग्रे और कलेक्टर सूर्यवंशी ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के जीएम को निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को तत्काल लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए.

जिला प्रशासन हादसे की जांच में जुटा

इसके अलावा एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और लाइफ एनकैशमेंट की राशि भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. घटना के बाद प्रशासन ने माइनिंग सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके. फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और अधिकारियों द्वारा हादसे के कारणों की विस्तृत जांच जारी है.

9 मार्च रात 12 बजे से नहीं चलेंगी हिमाचल की बसें! आखिर क्या है इसकी वजह?

हिमाचल में HRTC ड्राइवर कंडक्टर यूनियन ने अब आर पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. यूनियन ने प्रबंधन व सरकार को गुरुवार को प्रबंधन व सरकार को 9 रात्रि तक का अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने गुरुवार को नोटिस देकर एलान कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नही मानी गई तो 9 मार्च की मध्य रात्रि से चालक परिचालक हड़ताल के लिए चले जाएंगे. ऐसे में इसके लिए सरकार उत्तरदायी होगी. यूनियन ने मुख्यमंत्री पर झूठ बोलने के आरोप लगाए।

एचआरटीसी चालक संघ के अध्यक्ष मानसिंह ने बताया कि वह यूनियन ने सरकार व प्रबंधन को 15 दिन का नोटिस दिया था. नोटिस की मियाद आज पूरी हो गई है. सरकार व प्रबंधन के समक्ष उन्होंने अपनी मांगे रख दी है. एचआरटीसी के चालकों और परिचालकों को 65 माह का ओवरटाइम, डीए का एरियर, 4-9-14 का एरियर और वर्ष 2016 पे कमीशन के एरियर की किस्त लंबित हैं. इसके बावजूद प्रदेश सरकार लंबे समय उनकी लंबित देनदारियों को अदा नहीं कर रही है.

मान सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 12 अक्टूबर 2024 को ऐलान किया था कि उनको 59 करोड़ रुपया दे दिया जाएगा. हालांकि उनकी यह घोषणा झूठी साबित हुई है. मुख्यमंत्री ने बार बार झूठे वादे किए और कोई देनदारियां उन्हें नहीं दी गई. उन्होंने प्रबंधन को 15 दिन का नोटिस भी दिया जो आज पूरा हो गया है. ऐसे में अब प्रबंधन बोल रहा है कि 5 करोड़ रुपया आ गया है, लेकिन अब इस 5 करोड़ से बात नही बनेगी.

उन्होंने कहा कि उनका ध्येय यह नही है कि वह हड़ताल पर जाएं. अब प्रबंधन व सरकार को 9 मार्च तक का समय दिया है. इस बीच सरकार वार्ता के लिए बुलाती है तो ठीक है, अन्यथा 72 घण्टों के लिए वह हड़ताल पर जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज प्रबंधन को नोटिस में साफ तौर पर बता दिया गया है कि एडवांस बुकिंग अब न ली जाए. ऐसे में अगर लोगों को कोई दिक्कत होगी तो उसके लिए प्रबंधन व सरकार जिम्मेदार होगी. मान सिंह ठाकुर ने कहा कि आज सरकार व प्रबंधन को यह खुले मंच से चेतावनी दे दी गई है अगर 9 मार्च तक उनकी मांगें नही मानी गयी तो 9 मार्च मध्य रात्रि 12 बजे से वह 72 घण्टों की हड़ताल पर चले जाएंगे.