रायपुर में गोली चलने से इलाके में हड़कंप, घटना की जांच में जुटे SSP समेत पुलिस के वरिष्ठ अफसर

रायपुर- राजधानी रायपुर के तेलीबांधा इलाके में गोली चलने से इलाके में हड़कंप मच गया है. उद्योग भवन के पास स्थित कार सॉल्यूशन नामक वाहन खरीदी बिक्री केंद्र में फायरिंग हुई है. आरोपी जशपाल रंधावा ने हवाई फायरिंग की है. घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी समेत पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं.

पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है. अवैध पिस्टल से हवाई फायरिंग करने की आशंका जताई जा रही है. घटना स्थल पर एसएसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह, एडिशनल एसपी लखन पटले, एडिशनल एसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी संजय सिंह, क्राइम ब्रांच प्रभारी परेश पांडे समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच में जुटे हैं.

पुरानी रंजिश पर वारदात को दिया गया अंजाम : एडिशनल एसपी

रायपुर एडिशनल एसपी सीटी लखन पाटले ने बताया कि आरोपी जशपाल सिंह रंधावा अपने पिता हरप्रीत उर्फ लाली रंधावा समेत चार साथियों के साथ कार सॉल्यूशन वाहन खरीदी बिक्री केंद्र में फायरिंग की है. करीब 8 बजे के आसपास की पूरी वारदात है. आरोपी पुराने विवाद में अपने पास रखे 12 बोर पिस्टल से फायरिंग की है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचकर घटना की बारीकी से जानकारी ली है. प्रार्थी मदनजीत सिंह की शिकायत पर अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है. आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

IAS महादेव कावरे ने कुशाभाऊ ठाकरे के कुलपति का संभाला पदभार, विश्वविद्यालय प्रशासन को ईमानदारी से कार्य करने के दिए निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ के IAS महादेव कावरे ने मीडिया गुरुकुल कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय में कुलपति पद का पदभार संभाल लिया है. उन्होंने कुलपति पदभार ग्रहण करते ही विश्वविद्यालय प्रशासन को अकादमिक और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करने के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं की समग्र उन्नति एवं उनकी प्रतिभा को निखारने, अध्ययन विभाग में नियमित अध्यापन के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पत्रकारिता, मीडिया शिक्षा और मीडिया इंडस्ट्रीज के साथ लिंकेज कार्यक्रम करने और अकादमिक करिकुलम को प्राथमिकता के साथ बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने के भी निर्देश दिए हैं.

रायपुर नगर निगम सभापति का चुनाव कल, जानिए किसे मिल सकती है जिम्मेदारी…

रायपुर- नगर निगम सभापति का चुनाव शुक्रवार को होगा. भाजपा के सीनियर पार्षद सूर्यकांत राठौर को रायपुर नगर निगम के सभापति बनाए जा सकते हैं. चुनाव से पहले भाजपा पार्षद दल की बैठक में सूर्यकांत राठौर को सभापति प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है.

नगर निगम में भाजपा के 60, कांग्रेस के 7 और 3 निर्दलीय पार्षद जीते हैं, लेकिन 1 निर्दलीय पार्षद ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है. ऐसे में अब भाजपा के 61 पार्षद निगम में है. सभापति के निर्विरोध निर्वाचन के आसार हैं. वजह यह है कि कांग्रेस के मात्र 7 पार्षद ही चुनकर आए हैं. चार निर्दलीय पार्षदों का झुकाव भाजपा की तरफ है.

तीन नामों का बनाया गया है पैनल

सभापति के चयन के लिए भाजपा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक को पर्यवेक्षक बनाया है. सूत्रों के मुताबिक, तीन नामों का पैनल बनाया गया है. इसमें सूर्यकांत राठौर, मनोज वर्मा और सरिता आकाश दुबे का नाम है. इसमें से राठौर के नाम पर मुहर लग सकती है. भाजपा पार्षद दल की सुबह 11 बजे बैठक में पर्यवेक्षक धरमलाल कौशिक प्रत्याशी के नाम का अधिकृत तौर पर ऐलान करेंगे, फिर इसके बाद नगर निगम सभागार में बैठक होगी, जिसमें फिर सरकारी तौर पर चुनाव की प्रक्रिया होगी.

ई - रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु परिवहन सचिव ने ली वर्चुअल बैठक

रायपुर-  ई - रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान से जुड़े विषयों पर परिवहन सचिव सह आयुक्त एस.प्रकाश की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में संभाग मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर भी उपस्थित थे।

ई - रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए सुगम और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपायों पर बैठक में विचार - विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि जिलेवार परिवहन कार्यालय में पंजीकृत ई-रिक्शा (गुड्स एवं पैसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 13374, बिलासपुर 4493, दुर्ग 4038, अंबिकापुर 1311, जगदलपुर 41, इसी प्रकार पंजीकृत ऑटो (गुड्स एवं पेसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 20306, बिलासपुर 14867, दुर्ग 9602, अम्बिकापुर 4429, जगदलपुर 3431 है, इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बिना मॉनिटरिंग एवं रेगुलेशन के इन पर नियंत्रण की समस्या पर चर्चा की गई।

जिला प्रशासन रायपुर ने जोनवार योजना बनाई

बैठक में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा एवं ऑटो के सुगम व्यवस्थित परिचालन हेतु निर्मित जोनवार योजना के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। रायपुर जिला प्रशासन के द्वारा रायपुर शहर को मुख्य रूप से 05 जोनों में विभक्त कर योजना बनाई गई है।

ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर चर्चा

बैठक में ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त शक्तियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपस्थित जिलों के अधिकारियों से क्रमशः उनके जिलों में ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली गई।

समस्या के समाधान के लिए मांगे गए सुझाव

बैठक में ई-रिक्शा एवं ऑटो पंजीयन में निरन्तर वृद्धि एवं समस्या के समाधान हेतु किसी भी प्रकार के प्रस्ताव, सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सड़क सुरक्षा समिति अथवा परिवहन विभाग के पास प्रेषित् करने हेतु कहा गया।

राज्य स्तरीय महिला मड़ई को लोगों का मिल रहा अच्छा प्रतिसाद, अब तक 5 लाख रुपए से अधिक के सामग्रियों का हुआ विक्रय

रायपुर-  रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सशक्त महिला समृद्ध महिला थीम पर आयोजित महिला मड़ई को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। 4 मार्च से चल रहे महिला मड़ई में राज्य के सभी 33 जिलों से 87 महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विक्रय के लिए स्टाल लगाया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से रायगढ़ से एकताल बेलमेटल, सूरजपुर से समूह द्वारा निर्मित गुड़ की सामग्री, बस्तर से बेल मेटल, जांजगीर चांपा और सक्ति से कोसा, हैंडलूम सिल्क साड़ी, गरियाबंद से पैरा आर्ट, जशपुर से टोकनी,महुआ से उत्पादित सामग्री, बिलासपुर से श्रृंगार वस्त्र की सामग्री, बलरामपुर और सूरजपुर से उत्पादित सुगंधित चावल के स्टॉल में लोगों की ख़ासकर महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है।

महिला मड़ई की नोडल अधिकारी ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों ने 50 हजार रुपए से अधिक के सामग्रियों का विक्रय कर लिया है। मड़ई में 8 मार्च महिला दिवस के दिन तक और भी अधिक सामग्रियों के विक्रय होने की संभावना है । महिला मड़ई में लगाए गए 87 स्टॉलों का अवलोकन दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा सकता है।

मड़ई में सेल्फी जोन बनाया गया है जो आकर्षण का केंद्र है। इसके साथ ही बच्चों के लिए प्ले जोन भी बनाया गया है, जिसमें आकर्षक झूले एवं खेल-खिलौने की व्यवस्था की गई है।

महिला मड़ई में नवा बिहान, महतारी वंदन सखी सेंटर, वुमन हेल्पलाइन, दिशा दर्शन, कन्या विवाह, स्पॉन्सरशिप, फास्टर केयर, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड,चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह, दत्तक ग्रहण और आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का स्टॉल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। इस मड़ई मेले में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।

मड़ई मेले में महिला एवं बाल विकास विभाग के समूहों के साथ अन्य विभागों के समूह जैसे-एनआरएलएम, वन विभाग, पंचायत विभाग इत्यादि की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्थानीय महिला उद्यमियों एवं महिलाओं को आगे बढ़ने हेतु अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंजीकृत महिला उद्यमियों, उत्पादक, स्टार्ट-अप को भी स्टॉल उपलब्ध कराया गया है।

जवान की हत्या मामले में NIA की बड़ी कार्रवाई, जनपद सदस्य समेत 4 नक्सल सहयोगी गिरफ्तार

कांकेर-  2023 में छत्तीसगढ़ सेना के जवान की हत्या मामले में NIA ने कांकेर जिले में दबिश देकर 4 नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में अंतागढ़ क्षेत्र के जनपद सदस्य भुवन जैन के साथ सुरेश सलाम, शैलेन्द्र बघेल, अंदूराम सलाम शामिल हैं. चारों आरोपी हत्या की आपराधिक साजिश रचने में सीधे तौर पर शामिल थे. बता दें कि इस मामले में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

गौरतलब है कि NIA की टीम बस्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय है. बीते 28 फरवरी को छत्तीसगढ़ नक्सल फंडिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए मूलवासियों बचाओ मंच के प्रमुख रघु मिडियामी को NIA ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले नवंबर 2023 में इसी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 6 लाख रुपये नगद बरामद हुए थे. जांच में सामने आया कि ये दोनों MBM के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) थे, जो माओवादियों के लिए फंड जुटाने और वितरित करने का काम कर रहे थे.

स्वास्थ्य मंत्री के रिश्तेदार होने का दावा करने वाले सिविल सर्जन के खिलाफ जांच शुरू, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने दर्ज कराए बयान

जांजगीर-चांपा- जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के खिलाफ डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उनके तानाशाही रवैये और दुर्व्यवहार के आरोपों के चलते जिला प्रशासन ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गुरुवार को जिला अस्पताल के सभा कक्ष में प्रशासन की तीन सदस्यीय जांच टीम के सामने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने अपने बयान दर्ज कराए। वहीं, सिविल सर्जन पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार सुबह तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

सिविल सर्जन ने विरोध करने वालों को दी धमकी

डॉक्टरों का आरोप है कि सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल खुद को स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा और कलेक्टर का दोस्त बताते हैं और कर्मचारियों को धमकी देते हैं कि कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने विरोध करने वाले कर्मचारियों को सबक सिखाने की धमकी दी है। इस रवैये से अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और नर्सों में भारी आक्रोश है।

तीन महीने से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई, डेथ रेट बढ़ने का दावा

डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि जब से डॉ. दीपक जायसवाल ने सिविल सर्जन का पदभार संभाला है, तब से अस्पताल की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। तीन महीनों में अस्पताल में मौतों की संख्या बढ़ने का भी दावा किया गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि सिविल सर्जन की लापरवाही और तानाशाही के कारण मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे अस्पताल में अव्यवस्था का माहौल बन गया है।

डॉक्टर एसोसिएशन का समर्थन, प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

छत्तीसगढ़ डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इकबाल हुसैन ने कहा कि जांजगीर जिला अस्पताल में जूनियर अधिकारी को बड़े पद की जिम्मेदारी दे दी गई, जो काबिलियत से नहीं, बल्कि ऊंची पहुंच के कारण सिविल सर्जन बने हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. दीपक जायसवाल बीते तीन महीनों से अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के साथ बदसलूकी कर रहे हैं।

डॉ. इकबाल हुसैन ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजकर डॉ. दीपक जायसवाल को तत्काल सिविल सर्जन पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो प्रदेशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था ठप हो सकती है।

क्या है पूरा मामला?

जिला अस्पताल जांजगीर-चांपा और बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों एवं स्टाफ ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर तानाशाही रवैया अपनाने, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बुधवार 5 मार्च को अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी की और फिर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। इस दौरान करीब 3 घंटे तक इलाज व्यवस्था प्रभावित रही।

सीनियर स्टाफ नर्स सालोमी बोस ने बताया था कि सिविल सर्जन ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “तुम्हारी नेतागिरी नहीं चलेगी, मैं तुम्हें निपटा दूंगा। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, मेरा स्वास्थ्य मंत्री रिश्तेदार है और कलेक्टर मेरा दोस्त है। मैं तुम्हारा ट्रांसफर करवा दूंगा और सीआर खराब कर दूंगा।”

वहीं, डॉक्टर इकबाल हुसैन ने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन ने अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के बजाय सीनियर डॉक्टरों को दबाव में लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, “वह स्टाफ नर्सों से बदसलूकी करते हैं और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वह खुद को स्वास्थ्य मंत्री का रिश्तेदार और कलेक्टर का करीबी बताकर स्टाफ पर दबाव बनाते हैं। अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के बजाय सिर्फ बाहरी सजावट कर दिखावा किया जा रहा है।”

सिविल सर्जन ने दी सफाई

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने कहा कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए उन्होंने कई सख्त कदम उठाए, जिससे डॉक्टरों और स्टाफ को अधिक जिम्मेदारी से काम करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश की है, जिससे अब डॉक्टर और स्टाफ पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया है, बल्कि प्रशासनिक कसावट के लिए निर्देश दिए जाते हैं।”

कलेक्टर ने गठित की 3 सदस्यीय जांच समिति

गौरतलब है कि कलेक्टर आकाश छिकारा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए और तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें अपर कलेक्टर ज्ञानेन्द्र सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्वाति वंदना सिसोदिया और डिप्टी कलेक्टर भावना साहू को सदस्य नियुक्त किया गया है।

अब सबकी नजर जांच रिपोर्ट पर

अब सबकी नजर जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी है, जो अस्पताल के माहौल और प्रबंधन से जुड़े कई अहम खुलासे कर सकती है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो सिविल सर्जन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव है। वहीं, अगर आरोप निराधार पाए जाते हैं, तो प्रदर्शनकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

CGMSC घोटाला: 660 करोड़ की गड़बड़ी मामले में ACB-EOW ने IAS भीम सिंह को किया तलब, दो घंटे से जारी है पूछताछ

रायपुर- छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में 660 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अब तेज हो गई है। इस मामले में अब तीन आईएएस अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एसीबी/ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने IAS भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई से पूछताछ के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी, जिसके बाद अब इन तीनों अधिकारियों को समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। आज दोपहर से एसीबी/ईओडब्ल्यू की टीम IAS भीम सिंह से पूछताछ कर रही है, जो पिछले दो घंटे से जारी है।

बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को IAS चंद्रकांत वर्मा से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई थी। अधिकारियों से घोटाले से जुड़े दस्तावेजों और टेंडर प्रक्रिया को लेकर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।

सीएम साय की मां ने सरकारी अस्पताल में कराया स्वास्थ्य परीक्षण, आमजन की तरह सामान्य प्रक्रिया से कराई जांच

रायपुर- जब बेटा सीएम हो तो मां के लिए हर व्यवस्था आसान हो जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की माता जसमनी देवी ने अपने स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सरकारी अस्पताल का रुख किया. वे स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मेकाहारा पहुंची, जहां उन्होंने बिना किसी प्रोटोकॉल के सामान्य जन की तरह स्वास्थ्य परीक्षण कराया.

आमजन की तरह सीएम की मां ने सामान्य प्रक्रिया के तहत जांच कराई, जिससे मुख्यमंत्री की सहजता और सरलता की छवि को और बल मिला. उनके इस कदम से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में जनता के विश्वास को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री स्वयं भी आमजन से जुड़ने और सरकारी सुविधाओं को सुलभ बनाने पर जोर देते रहे हैं. उनकी माता का यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश देता है.

डीएमएफ घोटाला : कोर्ट में पेश हुए रानू, सौम्या और सूर्यकांत, 10 मार्च तक EOW की रिमांड पर रहेंगे तीनों

रायपुर- डीएमएफ घोटाला मामले में विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंप दिया है. आरोपियों को 10 मार्च तक ईओडब्ल्यू रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. डीएमएएफ घोटाले में अब पांच आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, माया वॉरियर, मनोज द्विवेदी ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे.

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईओडब्ल्यू रिमांड खत्म होने के बाद आज तीनों को कोर्ट में पेश किया गया. आज फिर ईओडब्ल्यू ने 10 मार्च तक रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए तीनों आरोपियों को रिमांड पर सौंपा है.

आरोप पत्र में अब तक हुई जांच के हवाले से ईडी ने आकलन दिया है कि डीएमएफ घोटाला 90 करोड़ 48 लाख रुपये का है. आरोप पत्र में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, महिला बाल विभाग की अफसर रहीं माया वारियर, ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 आरोपितों के नाम हैं. ईडी की जांच में पता चला कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत की. अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर कई डीएमएफ ठेके हासिल किए थे. अधिकारियों को टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया था.

टेंडर भरने वालों को पहुंचाया अवैध लाभ

ईडी की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में यह तथ्य सामने आया कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया. जांच में पाया गया कि टेंडर राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है.