झारखंड विधानसभा में कृषि बजट पर चली चर्चा आज, कृषि मंत्री ने तीन महत्वपूर्ण बातें कही

रिपोर्टर जयंत कुमार

रांची : झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 3 मार्च को राज्य का बजट सदन में पेश किया था। इसके बाद आज सदन के अंदर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग को लेकर बजट सत्र के दौरान विशेष चर्चा की गई। इस चर्चा से पहले ही भाजपा विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया था।

बता दे कि बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि बजट का फोकस ग्रामीण एवं कृषि विकास पर है। ग्रामीण विकास के लिए 9,841 करोड़ और कृषि क्षेत्र के लिए कुल 4,587 करोड़ 66 लाख 24 हजार रुपए की राशि निर्धारित की गई है। किसानों को कृषि यंत्रों के लिए 140 करोड़, तालाब निर्माण और डीप बोरिंग के लिए 203 करोड़, उद्यान विकास योजना के लिए 304 करोड़, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के लिए 255 करोड़, फसल बीमा के लिए 350 करोड़, कृषि उपज भंडारण के लिए 259 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि झारखंड में मत्स्य और पशुपालन विभाग में वार्षिक बढ़ोतरी सबसे ज्यादा हुआ है। राज्य के लिए यह दो क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है और इसे आगे भी हम वृहद स्तर पर विस्तार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करते हुए बिरसा पक्का चेक टीम का निर्माण करने का प्रावधान किया गया है। बरसाती नदियों को मोड़कर खेतों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

किसानों के ऋण माफी को लेकर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि हम लोगों ने 50000 ऋण माफी से शुरुआत की थी आज किसानों को 2 लाख तक के ऋण माफ किया जा रहे हैं। सरकार ने अबतक राज्य के 4 लाख 72 हजार किसानों का ऋण माफ कर दिया है। इस पर सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किया। पशुपालन विभाग ने राज्य के सभी जिलों के लिए मोबाइल वेट क्लिनिक का संचालन शुरू किया है।

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने ग्रामीण कृषि हाट निर्माण की योजना चालू वित्तीय वर्ष में रखी थी। इसके लिए सात करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था। गन्ना विकास की योजना भी कागजों पर ही रह गयी। इसके लिए पांच करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान था। वहीं अगर नियुक्तियां की बात करें तो विभाग में कई ऐसे पद है जो रिक्त पड़े हुए हैं।

रसोइया संयोजिका का 5 सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा के समक्ष धरना, विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन बनना बंद करने का दिया अल्टीमेटम

रिपोर्टर जयंत कुमार

रांची : सरकारी विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाली रसोइया संयोजिका सरकार की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं। पिछले 20 सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर जगह-जगह धरना प्रदर्शन और आंदोलन करते नजर आए है। एक बार फिर राज्य सरकार के साथ हुए समझौते को लागू कराने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे है। अपनी मांगों को लेकर बीते 28 फरवरी से पांच दिवसीय आंदोलन के क्रम मे विधानसभा के समक्ष धरना प्रदर्शन कर सरकार से अविलंब समझौते को लागू करने की मांग आज भी जारी है।

आंदोलनरत रसोईया संयोजिका का कहना है कि सरकार के समझौता के तहत रसोईया को 1 हजार रुपए प्रतिमाह वृद्धि करने, 10 महीने के बजाय 12 महीने का मानदेय देने, साल में दो साड़ी सेट देने और रसोइया का स्थायी नियमावली जब तक नहीं बनता है, तब तक 60 साल की उम्र का बाध्यता समाप्त करने की बात कही गई थी, जिसे अभिलंब लागू की जाए। सरकार के वादा खिलाफी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अल्टीमेटम भी दे डाली। कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो विद्यालय में मध्यान्ह भोजन बनना बंद हो जाएगा।

झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा: 8 नए पर्यटन स्थलों को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना


धनबाद : राज्य सरकार ने राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर ग्लास ब्रिज जैसे अत्याधुनिक संरचना के विकास, रोपवे आदि के माध्यम से देसी एवं विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की सोच दिखाई है।इसी उद्देश्य से राज्य बजट में पर्यटन के विकास पर अधिक जोर दिया गया है।

झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता का लाभ उठाकर राज्य के राजस्व में वृद्धि की जाए, इस उद्देश्य से राज्य के विभिन्न जलप्रपातों के सौंदर्यीकरण का भी प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में किया गया है। 336.64 करोड़ रुपये राज्य में पर्यटन के विकास पर खर्च होंगे।

राज्य सरकार ने अपने बजट में पर्यटन के विकास के लिए दशम, हुंडरू, नेतरहाट तथा पतरातू में बिहार के राजगीर की तर्ज पर ग्लास ब्रिज का निर्माण करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही जोन्हा, हुंडरू, कौलेश्वरी एवं त्रिकूट में नए रोपवे का निर्माण होगा।

बजट में खूंटी के पेरवाघाघ जलप्रपात तथा पांडुपुडिंग पर्यटन स्थल को इको टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भी अपने बजट में किया है।

तिलैया, चांडिल, मंडल, तेनुघाट डैम के पर्यटकीय विकास का भी प्रस्ताव है। साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में सिदो कान्हू मुर्मू जन्मस्थली का उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण होगा। गिरिडीह स्थित खंडोली पर्यटन स्थल का जीर्णोद्धार होगा।

गोड्डा के सुंदर डैम तथा गुमला जिला के नागफेनी-अंबाघाट के पर्यटकीय विकास का भी प्रस्ताव बजट में है। नेतरहाट, गिरिडीह के उसरी जलप्रपात, लातेहार के बूढ़ाघाघ तथा हुंडरू जलप्रपात का भी विकास होगा।

धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी सरकार

राज्य सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बजट में ली हैं। इसके तहत रांची के तपोवन मंदिर का विकास किया जाएगा। वहीं, रजरप्पा मंदिर कांप्लेक्स का पर्यटकीय विकास का भी प्रस्ताव बजट में है।

16वीं शताब्दी में निर्मित पलामू किला का संरक्षण करते हुए विभिन्न सुविधाओं का विकास कर पलामू की गौरवशाली अतीत को नई पीढ़ियों के समक्ष लाने की भी घोषणा बजट में की है।

कई अकादमी की होगी स्थापना

झारखंड संगीत कला अकादमी, झारखंड ललित कला अकादमी, क्षेत्रीय भाषाओं के लिए साहित्य कला अकादमी की स्थापना होगी। बजट में इसका प्रविधान किया गया है।

सत्ता पक्ष ने PHED विभाग में हुए पैसे के गमन में सरकार पर अधिकारी को बचाने का लगाया आरोप, सदन में चली तीखी नोक झोक


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा सत्र के सातवें दिन सदन की कार्रवाई शुरू होते ही पेयजल विभाग में राशि के गबन का मामला गरमाता दिखा। सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया। प्रदीप यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि रांची और लोहरदगा में एलएनटी कंपनी को होने वाले बिल का भुगतान कंपनी को ना देकर रकम फर्जी खाते के माध्यम से मुख्य अभियंता कार्यपालक अभियंता और अन्य कर्मियों ने मिलकर आपस में बंदर बांट कर लिया। इस पर सवाल उठते हुए कहा सभी दोषियों के खिलाफ करवाई न करते हुए सिर्फ कैशियर के खिलाफ करवाई क्यों? पहले आप को सदन के अंदर प्रदीप यादव के द्वारा उठाए गए उसे सवाल को सुनते हैं।

इस पर सत्ता पक्ष के विधायक स्टीफन मरांडी, रामेश्वर उरांव, मथुरा महतो और हेमलाल मुर्मू ने प्रदीप यादव का पक्ष लेते हुए कहा कि विभागीय जांच का मतलब लीपापोती करना है। जब दोषी करार दिया गया तो करवाई सिर्फ कैशियर संतोष कुमार पर क्यों?

इसके जवाब देते हुए पेयजल मंत्री ने बताया कि कैशियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वह जेल में है। चीफ इंजीनियर और आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है। इसमें और जो भी दोषी होंगे उनपर कठोर करवाई की जाएगी।

अब आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला दरअसल पेयजल विभाग में साल 2012 में एलएनटी कंपनी को रांची में पाइपलाइन बिछाने का काम दिया था।लेकिन कंपनी ने बीच में ही काम बंद कर दिया। इसके बाद विभाग के कुछ लोगों ने साजिश रची और किए हुए काम के बदले दोबारा फर्जी तरीके से बिल बनाकर और ट्रेजरी में नया कोड खुलवा कर एलएनटी को जो भुगतान हुआ था उसका दोबारा भुगतान करवा लिया।पहली बार मे 1.32 करोड़, दूसरी बार मे 6 करोड़ और तीसरी बार मे लगभग 13 करोड़ रुपए ट्रेजरी से निकाल लिए गए। पैसे के निकासी के लिए अलग अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए थे।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए झारखंड सरकार के पीएचईडी विभाग के कैशियर संतोष कुमार को 20 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जबकि विभाग की जवाब दे ही कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार के ऊपर होती है इसी सवाल को प्रदीप यादव ने सदन में उठाया की कार्यपालक अभियंता को क्यों बचाया जा रहा है। वही सत्ता पक्ष के विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ FIR होना चाहिए और उन्हें भी जेल भेजना चाहिए।

तब प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि तथ्यों की पूरी जानकारी लेकर दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं सात दिनों के अंदर कार्रवाई कर सदन को अवगत करा दिया जाएगा।

25 एकड़ में फैलेगा जमशेदपुर का नया मेडिकल कॉलेज, मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं


राज्य सरकार ने बजट में कुल छह नए मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर खोलने की घोषणा की है। इसमें एक जमशेदपुर में भी शुरू करने की बात है। इसके लिए परसुडीह स्थित सदर अस्पताल के पीछे 25 एकड़ जमीन चिह्नित किया गया है।

दरअसल, सदर अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद पूर्व से ही चल रही है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी निरीक्षण कर चुकी है। वहीं, अक्टूबर-2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी जमशेदपुर में एक नया मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कह चुके हैं।

अब सवाल उठता है कि पीपीपी मोड पर संचालित कैसे होगा?

चूंकि, कहा जा रहा है कि पहले रांची के सदर अस्पताल को भी पीपीपी मोड पर संचालित करने की योजना थी। इसे लेकर विभाग की तरफ से तीन बार टेंडर भी निकाला गया, लेकिन किसी भी कंपनी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके कारण अंत में सरकार ने खुद ही इस अस्पताल को संचालित करने का निर्णय लिया।

'मरीजों को काफी लाभ मिलेगा'

डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज परिसर में बने नए अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. जुझार माझी कहते हैं कि पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय काफी सराहनीय है। इससे अस्पताल व्यवस्थित ढंग से संचालित होने के साथ-साथ मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि अगर, सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाकर कोई बड़ी कंपनी को संचालित करने के लिए दें तो उसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा और एमबीबीएस छात्रों को भी।

चूंकि, संबंधित कंपनी पूरे संसाधन के साथ बेहतर ढंग से मेडिकल कॉलेज को संचालित कर सकेगी। अस्पताल को संचालित करने की सारा जिम्मेवारी संबंधित कंपनी का होगा।

टीएमएच में स्पाइन क्लिनिक-स्ट्रोक यूनिट शुरू

टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में मंगलवार को स्पाइन क्लिनिक व स्ट्रोक यूनिट का उद्घाटन हुआ। दो नई सुविधा के शुरू होने से कर्मचारियों के अलावा शहरवासियों को इसका लाभ मिलेगा। टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कारपोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी व टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने संयुक्त रूप से इन सुविधाओं का उद्घाटन किया।

टीएमएच में उद्घाटन के मौके पर डाक्टरों की टीम ने टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को दोनों यूनिट किस तरह से काम करेंगे, इसकी पूरी जानकारी दी। बताया कि स्पाइन क्लिनिक में नस सहित मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए पहले अलग-अलग वार्ड में जाना पड़ता था, लेकिन नए क्लिनिक के खुलने के बाद अब न्यूरो, सर्जन व आर्थों के डाक्टर व टीम एक ही जगह पर बैठेंगे और यहीं उनकी इलाज होगा।

इसके लिए टीएमएच के ओपीडी में अलग से एक यूनिट बनाया गया है। यहां प्रति शुक्रवार को दो घंटे डाक्टरों की टीम मरीजों को देखेगी और उन्हें अलग-अलग विभाग में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उद्घाटन के मौके पर चाणक्य चौधरी ने कहा कि टीएमएच में नई सुविधा बढ़ रही है इसका लाभ कर्मचारियों के साथ-साथ शहरवासियों को भी मिलेगा।

वहीं, संजीव चौधरी ने कहा कि पहले स्ट्रोक के कारण कई शहरवासियों की जान चली जाती थी, लेकिन अब सभी को इसका लाभ मिलेगा। इस मौके पर अस्पताल के मेडिकल इंडोर सर्विसेज चीफ अशोक सुंदर सहित यूनियन के पदाधिकारी व अस्पताल के सभी डाक्टर व कर्मचारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा चुने गए 49 प्रशिक्षण अधिकारियों को सौंपा नियुक्ति पत्र

उन्होंने कहा- नियुक्तियों का कारवां बढ़ता रहेगा

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के हाथों 49 नव चयनित प्रशिक्षण पदाधिकारियों को जब नियुक्ति पत्र मिला तो उनके चेहरे की मुस्कान देखते ही बन रही थी। खुशियों से भरा यह अवसर था- झारखंड मंत्रालय में श्रम, प्रशिक्षण, नियोजन एवं कौशल विकास विभाग द्वारा आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का। 

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि नियुक्तियों का यह कारवां बढ़ता रहेगा। युवाओं को रोजगार से जोड़कर राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

 जिम्मेदारियां से भरे एक नए सफर की हो रही शुरुआत

मुख्यमंत्री ने नव चयनित प्रशिक्षण अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से सरकार की एक अभिन्न अंग के रूप में जिम्मेदारियों से भरे नए सफर की आप शुरुआत कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप प्रशिक्षण देकर युवाओं के हुनर को इस तरह से निखारेंगे कि उन्हें रोजगार के लिए मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्हें रोजगार के भरपूर अवसर प्राप्त होंगे। वे अपने हुनर तथा क्षमता की बदौलत देश -विदेश में मान सम्मान और गर्व के साथ कार्य कर अपने परिवार और राज्य का नाम आगे बढ़ाएंगे।

 एक-एक कड़ी को जोड़ने का हो रहा प्रयास 

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार पॉलीटेक्निक संस्थानों के विद्यार्थियों ने मुलाकात कर पठन- पाठन एवं प्रशिक्षण को लेकर हो रही समस्याओं से अवगत कराया था। इसी बात को संज्ञान में लेकर आईटीआई संस्थानों को मजबूत और संसाधनयुक्त बनाने का कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में आईटीआई संस्थानों में पढ़ाई और प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशिक्षण पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है । यह हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है और आने वाले दिनों में इसमें कई और कड़ियां जुड़ेंगी। हमारी कोशिश है कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में रोजगार को लेकर नौजवानों की चिंताएं दूर हों।

 हुनर अनमोल होता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हुनर का कोई मोल नहीं होता है। हुनर तो अनमोल है। अगर आपके पास हुनर हो तो आपको रोजगार के लिए दौड़ने की जरूरत नहीं है। रोजगार खुद आपके दरवाजे पर आएगा, क्योंकि हुनरमंद को हर कोई अपने साथ जोड़कर रखना चाहता है। यही वजह है कि हमारी सरकार राज्य के नौजवानों के कौशल विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। अब नौजवानों के प्रशिक्षण के लिए टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर दिया जा रहा है, क्योंकि तकनीक के जरिए ही आज के युवा आगे बढ़ सकेंगे।

 प्रशिक्षण में नई- नई तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेजी से तकनीकें बदल रही हैं। औद्योगिक जगत में अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। मजदूरों के कार्य भी मशीनों के जरिए हो रहे हैं। ऐसे में अगर समय के अनुरूप आप अपने हुनर को नहीं निखारेंगे तो जमाने से काफी पीछे रह जाएंगे। रोजगार प्राप्त करना आपके लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी। हमारा प्रयास है कि नई -नई तकनीको के माध्यम से आपको प्रशिक्षण मिले ताकि रोजगार के रास्ते आपके लिए हमेशा खुले रहें।

 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को आईटीआई पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए तकनीक काफी आगे बढ़ चुका है। आज कृषि हो या उद्योग अथवा कोई और क्षेत्र- हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल तेज होता जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अब आप अपने को अलग नहीं रख सकते हैं। ऐसे में हमारे नौजवान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में आगे बढ़ें, इसके लिए आईटीआई संस्थानों के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों की मरम्मत का प्रशिक्षण देने के लिए भी कोर्स संचालित करने पर जोर दिया।

 प्रखंड स्तर पर कौशल विकास के प्रशिक्षण की है व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के कौशल विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अब प्रखंड स्तर पर ही कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। मेरा नौजवानों से आग्रह है कि वे कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में आएं और अपने को दक्ष बनाएं। आपकी दक्षता आपके करियर को नई दिशा देगी।

 युवाओं को एंटरप्रेन्योर एवं स्टार्टअप शुरू करने के लिए तैयार करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हम एक ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जहां युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर ना सिर्फ उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं बल्कि उनके हुनर को इस तरह से निखारने का प्रयास हो रहा है कि वे एक एंटरप्रेन्योर के रूप में आगे आकर अपना स्टार्टअप स्थापित कर सकें। इससे ना सिर्फ वे रोजगार प्राप्त करेंगे बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ने में सफल होंगे।

 कौशल विकास के साथ रोजगार उपलब्ध करा रही है सरकार

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं का कौशल विकास के साथ उनके रोजगार के लिए भी कार्य कर रही है। कैंपस प्लेसमेंट और रोजगार मेला तथा कई अन्य माध्यमों से पिछले वर्ष 50 हज़ार से अधिक युवाओं को देश-विदेश के संस्थानों में सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि किसी एक व्यक्ति के बलबूते राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है । सभी की भागीदारी से झारखंड जैसे राज्य का सर्वांगीण विकास संभव है। 

 

इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री संजय प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार , श्रम विभाग के सचिव श्री जितेंद्र कुमार सिंह, श्रमायुक्त श्री संजीव कुमार बेसरा एवं कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।

चाईबासा में नक्सलियों का IED ब्लास्ट, CRPF के 3 घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाता रहा है। इसी अभियान के तहत पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में भाकपा माओवादी नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट की चपेट सुरक्षा बल के जवान आ गए। सारंडा जंगल में पेट्रोलिंग के दौरान हुए आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के 3 जवान घायल हो गए। घायल जवानों को रेस्क्यू कर एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया। ब्लास्ट के बाद चाईबासा की पुलिस अतिरिक्त सुरक्षा बल के साथ वहां पहुंची।

 बता दे कि जहां घटना घटी है वह क्षेत्र नक्सल प्रभावित माना जाता है। आईईडी ब्लास्ट सारंडा जंगल के गांव कुलापुबुरू में हुआ था। घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए रांची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत ठीक बताई जा रही है।

झारखंड सरकार के द्वारा लगातार की जा रही करवाई से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का झारखंड में यह अब सिमटता हुआ दिख रहा है। कुछ क्षेत्र में बचे हुए नक्सलियों को सुरक्षा बल नेस्तनाबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।केंद्र सरकार के द्वारा भी सभी तरह के सहयोग दिए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने इस घटना की पूरी जानकारी जिले के पुलिस अधीक्षक से ली है।

हेमंत सोरेन ने केंद्र को फिर दी चेतावनी, बकाया नहीं मिला तो खदानों को कर देंगे बंद, सदन में छिड़ा संग्राम

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली। कहा है कि राज्य का बकाया 1लाखा 36 हजार करोड़ रुपए नहीं मिला, तो खदानों कोयला और खनिज एक छटाक भी ले जाने नहीं दिया जायेगा। ये बाते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल गिरिडीह जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 52वें स्थापना दिवस के संबोधन में कही।

मुख्यमंत्री के इस कथन के बाद आज विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे ने कहा कि अब हमारे पास क्या उपाय बचा जब कोर्ट की बातों को केंद्र सरकार नहीं मान रही तो क्या कर सकते है। उन्होंने कहा कि अब तो भ्रम भी फैलने का काम किया जा रहा है कि राज्य का कोई बकाया ही नहीं है।

भाजपा विधायक ने कहा कि यह मामला केंद्र का है ही नहीं अगर आपका बकाया है तो आप सीसीएल से बात करे। राज्य सरकार बड़ी बड़ी घोषणाएं कर दी। इसमें उनको यही दिखाना है कि घोषणाएं पूरा नहीं हो रही तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है।

प्राइवेट प्ले स्कूल की तर्ज पर बने मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का DC ने किया उद्घाटन

जिले के कई और आंगनबाड़ी केंद्रों का भी होगा जल्द कायाकल्प



धनबाद : धनबाद के भिस्ती पाड़ा में प्राइवेट प्ले स्कूल के तर्ज पर बनाये गए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का आज धनबाद उपायुक्त माधवी मिश्रा ने फीता काटकर उद्घाटन किया.

इस दौरान उपायुक्त ने बच्चों को उपलब्ध कराए संसाधनों की जानकारी ली. बच्चों की उपस्थिति को भी चेक किया. उपायुक्त ने बताया कि टेरी यानी 

द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिचयूट ने जिस प्रकार से निप्पान लाइफ इण्डिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के तौर पर डेवलप किया है यह काफ़ी सरहानीय है. 

इसके बाद से यह देखा गया है कि केंद्र में बच्चों कि उपस्थिति बढ़ रही है.अभिभावक भी लगातार बच्चों को केंद्र में पढ़ने के लिए भेजनें में रूचि दिखा रहे है और अब जिला प्रशासन का यही प्रयास है कि जिले के और भी जो आंगनबाड़ी केंद्र हैं उन्हें भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास होगा और इसके लिए समाज कल्याण विभाग को लिस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि इस मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने की सारी व्यवस्थाएं होने के साथ - साथ उनके खेल के लिए भी कई संसाधन जुटाये गए हैं.आंगनबाड़ी केंद्र में प्राइवेट प्ले स्कूल की भांति वॉल पेंटिंग की गई है जिसमे बच्चे खेल खेल में ही बुनियादी शिक्षा को ग्रहण कर पाएंगे.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन हेतु पोर्टल का शुभारंभ

जिला:दण्डाधिकारी-सह- उपायुक्त, रांची मंजूनाथ भजंत्री ने किया पोर्टल का शुभारंभ

रांची : शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत अब रांची जिला में ऑनलाइन आावेदन किया जा सकेगा। 

जिलादण्डाधिकारी सह उपायुक्त, (रांची) मंजूनाथ भजंत्री ने आज दिनांक RTE पोर्टल का शुभारंभ किया। समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में पोर्टल के ऑनलाइन शुभारंभ के दौरान उप विकास आयुक्त दिनेश कुमार यादव, जिला शिक्षा पदाधिकारी, रांची विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रांची उर्वशी पांडेय एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

04-31 मार्च 2025 तक ऑनलाइन आवेदन

पोर्टल के लॉन्चिंग के दौरान जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त, रांची मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि आरटीई के तहत 04 मार्च से 31 मार्च 2025 तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इस दौरान पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर डॉक्यूमेंट अपलोड किया जा सकेगा। 

10.04.2025 को डॉक्यूूमेंट का वेरिफिकेशन होगा एवं 15.04.2025 को ऑनलाइन लॉटरी की जायेगी। रांची जिला में आरटीई के तहत नामांकन के लिए 121 स्कूलों को पंजीकृत किया गया है।

मान्यता रद्द करने की होगी अनुशंसा

रांची जिला में आरटीई के तहत नामांकन के लिए नियमों का अनुपालन नहीं करनेवाले स्कूलों पर कार्रवाई की जायेगी। जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त, रांची मंजूनाथ भजंत्री ने कहा शिकायत मिलने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए बोर्ड से अनुशंसा की जायेगी। 

जानिये! ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

नामांकन की पूरी प्रक्रिया जिले के वेबसाईट www.rteranchi.in पर ऑनलाईन पूरी की जायेगी।

संबंधित माता-पिता/अभिभावकों को वेबसाईट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा।

रजिस्ट्रेशन उपरात संबंधित वेबसाईट पर पूरा फॉर्म ऑनलाइन भरा जाना है।

फॉर्म भरने के क्रम में माता-पिता/अभिभावक वेबसाईट पर अंकित विद्यालयों की सूची में से अपने आवास के आस-पास निर्धारित दूरी में अवस्थित तीन विद्यालयों का नाम अंकित कर सकेंगे। ऑनलाइन रैंडमाइज करने के क्रम में फॉर्म में अंकित किसी भी एक विद्यालय में चयन हो सकता है अथवा निर्धारित सीट से अधिक संख्या में आवेदन होने पर किसी भी विद्यालय में चयन नहीं भी हो सकता है।

 फॉर्म भरने के क्रम में जहाँ से फॉर्म भरा जायेगा उसका ऑनलाइन लोकेशन वेबसाईट पर स्वतः अंकित हो जायेगा। यदि माता-पिता/अभिभावक प्रज्ञा केन्द्र अथया साईबर कैफे के सहयोग से आवेदन करेंगे तो उन्हें अपने घर का वास्तविक लोकेशन गूगल मैप पर सेलेक्ट करना होगा। संबंधित प्रखण्ड का गूगल मैप फॉर्म मरने के क्रम में अपने आप खुल जायेगा। सावधानीपूर्वक अपने घर का लोकेशन चिन्हित करने की जवाबदेही माता-पिता/अभिभावक की होगी।

फॉर्म भरने के बाद संबंधित दस्तावेज एवं बच्चे का फोटोग्राफ वेबसाईट पर अपलोड करना है। जन्म प्रमाण पत्र एवं अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाण-पत्र (सभी स्रोतों से वार्षिक आय 72000.00 से कम हो) को भी अपलोड किया जाना है।

उपरोक्त प्रमाण पत्रों की ऑनलाइन जाँच संबंधित सक्षम प्राधिकार के द्वारा इसी वेबसाईट पर किया जायेगा।

गलत जानकारी अथवा तत्थों को छुपाना अथवा गलत दस्तावेज अपलोड करने की स्थिति में जांच के क्रम में नामांकन की प्रक्रिया के किसी भी समय आवेदन को निरस्त कर दिया जायेगा, जिसकी समस्त जवाबदेही माता-पिता/अभिभावक की होगी।

निर्धारित आरक्षित सीट से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में संबंधित गेबासाईट के माध्यम से रैंडमाइज करते हुए लॉटरी के माध्यम से अंतिम चयन पूर्ण किया जायेगा जो सभी को मान्य होगा।

अंतिम रूप से वयनित सूची विद्यालय संबंधित वेबसाईट पर विद्यालय के लॉग-इन में उपलब्ध होगी जिसे विद्यालय के प्राचार्य द्वारा नामांकन उपरांत ऑनलाइन अद्यतन किया जायेगा।