वरिष्ठता के आधार पर हुई 56 सिविल जज की नियुक्ति, हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश, देखिए सूची…

बिलासपुर- प्रदेश के न्यायालयों में रिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के पदों पर वरिष्ठता के आधार पर 56 न्यायधीशों को हाई कोर्ट ने पदोन्नत किया है. यह पदोन्नति छत्तीसगढ़ लोवर ज्यूडिशियल सर्विस (रिक्रूटमेंट एण्ड कंडीशन्स ऑफ सर्विसेस) रूल्स 2006 के आधार पर की गई है.

कम वेतन में अधिक काम करने के बाद भी 4 महीने से वेतन लंबित, मनरेगा कर्मियों ने पूछा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मियों ने कम वेतन में अधिक काम कराए जाने और बीते 4 महीने से वेतन न दिए जाने को लेकर काफी आक्रोश है. मनरेगा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय क्षत्रि ने कहा कि अल्प वेतन में मनरेगा कर्मियों से मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के अलावा शासन के कई अन्य कार्य भी लिए जा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें 4 महीने से वेतन नहीं मिल पाया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ बजट को लेकर भी वे निराश हैं. मेहनत के बाद भी अपने हक का वेतन न मिलने से वे मानसिक रूप से पीड़ित हो रहे हैं.

मनरेगा कर्मियों का सवाल: कैसे होगा सुशासन पर विश्वास?

अजय क्षत्रि ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं बिहार जैसे विभिन्न राज्यों में मनरेगा कर्मियों के सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन भुगतान संबंधी एक अच्छी मानव संसाधन नीति लागू है. साथ ही केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त न होने पर राज्य सरकार द्वारा पूल फण्ड के माध्यम से राज्यों में वेतन भुगतान कर केन्द्र से राशि मिलने के बाद समायोजन कर लिया जाता है. वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी की ‘‘डबल ईंजन की सरकार‘‘ होने के बाद भी मनरेगा कर्मी अपनी सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन संबंधी सुविधाओं से वंचित हैं. अतिरिक्त कार्य का बोझ है, ऐसे में सुशासन पर विश्वास कैसे होगा?

बजट से निराशा

अजय क्षत्रि ने आगे कहा कि 3 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने पेश किया. बजट में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कार्यरत कर्मियों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है, जिसके चलते प्रदेशभर के मनरेगाकर्मी निराशा हैं. मनरेगा कर्मियों से अल्प वेतन में मनरेगा कार्य और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के अलावा शासन के अन्य कार्य भी लिए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी विगत 4 माह से वेतन नहीं मिल पाया है. जिसके कारण कर्मचारी मानसिक रूप से पीड़ित एवं सरकार के प्रति आक्रोशित हैं। साथ ही सरकार इनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई मानव संसाधन नीति भी सरकार लागू नहीं कर पाई है, जिसके लिए ये कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत हैं.

मनरेगा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में ‘‘छ.ग. मनरेगा कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक सामाजिक और सेवा सुरक्षा की दृष्टि से मानव संसाधन नीति लागू किये जाने के लिए ‘‘ राज्य स्तरीय 8 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. 

वादा पूरा होने का इंतजार करते थके मनरेगा कर्मी

उन्होंने आगे कहा कि अत्यंत खेद का विषय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार में जिस प्रकार पिछले 5 वर्षों में केवल कमेटी-कमेटी खेला गया, अब वही काम इस सुशासन की सरकार में भी किया जा रहा है. सितंबर 2024 में 15 दिनों के भीतर कमेटी का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और उसमें मनरेगा कर्मियों के सेवा/भविष्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा तथा अनुकंपा नियुक्ति जैसी महत्वपूर्ण बिंदुओं का समावेश करने के लिए छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा के वादे को पूरे होने का इंतजार करते अब ये मनरेगा कर्मी भी थक गए हैं. कभी-कभी देर से मिला न्याय भी अन्याय सा प्रतीत होता है.

ग्रामीणों ने आवेदन देकर कहा-हमें जल जीवन मिशन की आवश्यकता नहीं, इससे केवल खुदाई होगी,जिससे हमें परेशानी होगी, विधायक के सवाल पर डिप्टी सीएम बोले

रायपुर- केंद्र सरकार राज्य सरकार पर जल जीवन मिशन को पूर्ण करने के लिए पूरा दबाव बनाए हुए हैं. राजनीतिक दल इस मिशन में हो रही देरी पर एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इसकी आवश्यकता को ही नकारते हुए कह रहे हैं कि इससे केवल खुदाई होगी, जिसकी वजह से हमें परेशानी होगी. यह जानकारी विभागीय मंत्री अरुण साव ने सदन में विधायक संदीप साहू के मिशन के तहत कार्यों में देरी को लेकर किए गए सवाल के जवाब में दी.

विधायक संदीप साहू ने प्रश्नकाल में विधानसभा कसडोल क्षेत्र के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य का मामला उठाया. उन्होंने कहा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा 2021- 22 से 31/1/2025 तक कौन-कौन से कार्य, कितनी लागत राशि से स्वीकृत हुए? अधूरे कार्य का विवरण दें? 118 गांवों का कार्य अब तक अपूर्ण है. 197 से कितने ग्राम जलस्रोत विहीन हैं.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि 3 विकासखंड़ आते हैं. इस विधानसभा में 300 ग्राम हैं. 20/21 से 753 कार्य स्वीकृत हैं, 632 कार्य पूर्ण हैं. गांव के लोगों ने आवेदन देकर कहा कि हमें जल जीवन मिशन की आवश्यकता नहीं है. हमारे घरों में नल है. इससे केवल खुदाई होगी, जिसकी वजह से हमें परेशानी होगी, जिसकी वजह से यह कार्य आप तक रुका हुआ है.

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सड़क के कार्य आधे से ज्यादा पूर्ण हो चुके हैं. जल जीवन स्कीम प्रगति पर है. विधायक ने इस पर सवाल किया कि कितने का जल स्त्रोत विहीन है? उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सोर्स के लिए लगातार हम कार्य कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि जानकारी के अनुसार, 118 गांव में कार्य अपूर्ण है, इसमें जो अधिकारियों ने इस योजना पर कार्य कर रहे हैं, उन अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समय से अगर कार्य नहीं पूर्ण होता है तो अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे.

पुस्तक घोटाला के बाद पाठ्यपुस्तक निगम ने लिया सबक, अब खरीदने और बेचने वाला होगा दोषी, QR कोड उगलेगा गड़बड़ी का राज

रायपुर- छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला के बाद पाठ्यपुस्तक निगम ने बड़ा कदम उठाया है. गड़बड़ी को रोकने के लिए पाठ्यपुस्त निगम आगामी सत्र से कई बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव के लिए फैसले लिए गए हैं, जिसके अनुसार काम भी जारी है. पहले पुस्तकों को आसानी से बेचा जा सकता था, अब पुस्तकों को बेचते ही सरकारी संपत्ति को बेचने वाला और खरीदने वाला दोनों दोषी होंगे. पुस्तकों में लगे QR कोड से ये भी पता चल जाएगा कि इस पुस्तक को कहां के लिए भेजा गया था.

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के जनरल मैनेजर डीकेश पटेल ने बताया कि पुस्तक घोटाला, खरीदी बिक्री को रोकने के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. कहां के लिए पुस्तक भेजा गया था, नम्बर क्या है, किस स्कूल का मामला है, इसकी जानकारी पुस्तकों में लगे QR कोड को स्कैन करते ही पता चल जाएगा. साथ ही पुस्तक में सरकारी संपत्ति होने का विवरण भी होगा.

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा छापे गए सभी पुस्तकों में अब लिखा होगा कि यह सरकारी संपत्ति है, इस पुस्तक को न ख़रीदा जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है. पहले पुस्तकों को कबाड़ वाले आसानी से खरीद लेते थे, अब यह लिखे जाने के बाद बेचने वाला भी दोषी होगा और खरीदने वाला भी दोषी होगा।


स्कैन करने से निकलेगा डिटेल

पहले पाठ्यपुस्तक में जो QR कोड था उसे स्कैन करने पर पाठ्यपुस्तक की जानकारी डिजिटल तौर पर मिलता था, लेकिन अब स्कैन करने पर पुस्तक का डिटेल निकलेगा कि पुस्तक किस संभाग के लिए भेजा गया है, किस संकुल के लिए है, इसका नंबर क्या है, इससे आसानी से पुस्तकों को ट्रैक किया जा सकता है.

आगामी सत्र के पुस्तकों में होगा डिटेल

पुस्तकें सरकारी संपत्ति है और QR कोड के स्कैन की व्यवस्था आगामी सत्र के वितरित होने वाले पुस्तकों में अंकित होगा. इसके लिए पाठ्यपुस्तक निगम ने रणनीति बनाकर काम शुरू कर दिया है. पुस्तकों में प्रिंटिंग जारी है.

कक्षा पहली से 10 वीं तक निशुल्क पुस्तक

लोकतंत्र में शिक्षा सभी का अधिकार है. कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो, गरीब बच्चों को पुस्तक ख़रीदने में कठिनाई होती है. अधिकतर पुस्तक ख़रीदने की स्थिति में नहीं होते, इसलिए सभी सरकार ने कक्षा पहली से दसवीं तक के विद्यार्थियों तक निशुल्क पुस्तकें पहुंचाने की व्यवस्था की है. प्रदेश में लगभग प्राइवेट और सरकारी स्कूल को मिलाकर लगभग 55,000 से ज़्यादा स्कूल हैं. इन स्कूलों में लगभग 56 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिसमें से कक्षा एक से दसवीं तक के विद्यार्थियों को नि शुल्क पुस्तक दी जाती है.

तत्कालीन सत्र में बेचे गए थे लाखों पुस्तक

गरीब बच्चों के भविष्य को गढ़ने वाले पुस्तकों को महज कागज का टुकड़ा समझकर कबाड़ियों को लाखों पुस्तकों को बेच दिया गया था. इस मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर कई अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया था. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी. फ़िलहाल कमेटी की जांच रिपोर्ट पर दोषी लोगों को नोटिस जारी किया गया है.ा.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जासूसी के आरोप पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का पलटवार, कहा-

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस नेताओं के फोन सर्विलॉन्स होने वाले आरोप पर सवाल किया कि क्यों करेंगे? क्या मसला है, कोई बात ही नहीं है, जबरदस्ती की बातें हैं. एकदम निराधार और बेकार की बातें हैं, ना कोई संभावना. 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेसी बजट से डर गए हैं. बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. निरर्थक बातें कर रहे हैं. इस पर जब बीजेपी विपक्ष में थी तब उनके फोन टेप होने वाले बयान पर कहा कि कभी हुआ था, कभी कहा भी था. लगा तब कहा था, लेकिन ऐसी सुबह उठकर नहीं कहा था. कांग्रेस का यह बोलना औचित्यपूर्ण विषय है.

दरअसल, एक दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जासूसी के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि मेरा फोन भी सर्विलांस में है, मेरे बगल में खुफिया तंत्र के कर्मचारी खड़े रहते हैं, LIB के कर्मचारी पत्रकारवार्ता में मेरी बात को सुनते हैं. 

वहीं विपक्ष के बहिर्गमन को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र है. बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान करने वाले पार्टी है. जनादेश जो आ गया, सो आ गया. विष्णु देव की सरकार से नहीं सक पा रहे तो ईवीएम के बाद दूसरा शिगुफा छोड़ रहे हैं. बीजेपी की सरकार ना रुकेगी, ना रफ्तार रुकेगा.

शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि, अप्रैल से मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन, वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने राज्य के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते को 53 प्रतिशत किए जाने की अपनी घोषणा को पूरा करके राज्य के लाखों शासकीय सेवकों को होली पर्व से पूर्व सौगात दी है। यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी ने 3 मार्च को विधानसभा में वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट में शासकीय सेवकों को 53 प्रतिशत डीए किए जाने की घोषणा की थी। उक्त घोषणा के परिपालन में शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में वृद्धि किए जाने का आदेश वित्त विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

जारी आदेश के अनुसार राज्य के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके 53 प्रतिशत किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। सातवें वेतनमान में कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, अब उन्हें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा, जबकि छठवें वेतनमान के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, अब उन्हें 246 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त होगा। यह वृद्धि 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी और इसका भुगतान मार्च 2025 के वेतन के साथ अप्रैल माह में किया जाएगा।

किसानों को नहीं मिला 2023-24 का गन्ना का पेमेंट, बंद होने के कगार पर शक्कर कारखाना, भाजपा विधायक के सवाल पर स्पीकर ने दिए यह निर्देश

रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन पंडरिया विधानसभा स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाने की माली हालत पर विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में सवाल उठाया. विधायक ने बताया कि किसानों को 2023-24 का गन्ने का पेमेंट नहीं मिला है. न समर्थन मूल्य का भुगतान हो रही, और न ही बोनस का. इस पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने समयबद्ध पेमेंट के साथ सारे बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए. 

भाजपा विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में शक्कर कारखाने की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़े हैं. 8 हजार किसान गन्ना बेचते हैं. हर किसान के परिवार मे 5-6 लोग हैं. किसानों को अब तक 2023-24 का गन्ना का पेमेंट नहीं मिला है. न समर्थन मूल्य का भुगतान हो रहा और न ही बोनस का.

विधायक ने बताया कि शुगर फैक्टरी पर 81 करोड़ का लोन था, जिसके एवज में ब्याज समेत 121 करोड़ पटाया जा चुका है. उन्होंने मांग की कि ब्याज की दर को घटाया जाए, साथ ही गन्ना पेराई की दर 350 रुपए दी जा रही है, जबकि प्राइवेट कंपनी में 450 रुपए दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि शक्कर कारखाना को सहकारिता विभाग से कम दर पर अतिरिक्त ऋण दिया जाए, ताकि उसका आर्थिक संकट दूर हो सके.

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार इस पर गंभीर है. आर्थिक संकट दूर करने विशेषज्ञों का सलाह लेकर कार्रवाई की जाएगी. विधायक ने कहा कि कुप्रबंधन का भार किसानों पर पड़ रहा है. बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, नेता वहां जाकर अपने लोगों को काम देने का दबाव डालते हैं. एक हाईपावर कमेटी भेजकर उसकी समीक्षा कर शक्कर कारखाने के बेहतरी के लिए काम करें.

मंत्री ने कहा कि जल्द ही किसानों की भुगतान की व्यवस्था करेंगे, साथ ही कमेटी बनाकर व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे. विधायक अजय चंद्राकर ने समय अवधि निर्धारण करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, हाई पावर कमेटी भेजकर तत्काल व्यवस्था कीजिए. मंत्री ने कहा, जल्द से जल्द कार्यवाही करेंगे.

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि अध्यक्ष महोदय या आपके क्षेत्र में आपके सपनों को साकार करने बना है. एशिया के सबसे बेस्ट कारखाने में से एक है. सहकारिता एक बेहतर दुनिया की निर्माण कर सकती है. इस कारखाने को कुप्रबंधन से बचाते हुए इसे नहीं बेचने का आश्वासन दीजिए. मंत्री ने कहा कि 2006 में यह कारखाना बना था. कुछ कुप्रबंधन की वजह से यह स्थिति बनी है. इसे बेहतर करने का काम करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समयबद्ध पेमेंट कराने का निर्देश देते हुए कहा कि साथ ही सारे बिंदु पर जांच हो जाए.

दिवंगत सदस्यों के निधन की सूचना में देरी पर सदन में उठा सवाल, स्पीकर ने दोषी अफसरों पर कार्रवाई के दिए निर्देश…

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के आठवें दिन की शुरू होते ही दिवंगत सदस्यों की निधन सूचना में देरी पर विधायकों ने सवाल उठाया. स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने देर से निधन सूचना मिलने पर नाराजगी जताते हुए दोषी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. 

विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रशासन को स्पष्ट निर्देश होने के बाद विधानसभा को दिवंगतों की निधन सूचना देरी से मिल रही है. इस पर आसंदी की ओर से व्यवस्था आनी चाहिए. स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैने पूर्व में भी शासन को स्पष्ट निर्देश दिया गया था. किसी भी पूर्व सदस्य की निधन की सूचना देर से मिलना बहुत आपत्तिजनक है.

दरअसल, डॉ. देवचरण मधुखर के निधन की सूचना मिलने में देरी हुई. अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक डॉ. मधुकर का निधन 12 फरवरी को हुआ था. इस बात की जानकारी सदन को 4 मार्च को प्राप्त हुई. स्पीकर ने कहा कि मैं सरकार को निर्देशित करता हूं कि बिलासपुर जिले के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए. कार्यवाही की जानकारी सदन को इसी सत्र में दी जाए.

बस्तर में फिर NIA की दबिश, अंतागढ़ जनपद के निवर्तमान उपाध्यक्ष समेत 4 को हिरासत में लिया, पूछताछ जारी

कांकेर- जिले के नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा क्षेत्र में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की दबिश जारी है। ताजा कार्रवाई में NIA की टीम ने 4 लोगों को हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों में अंतागढ़ जनपद के निवर्तमान उपाध्यक्ष भी शामिल हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई नक्सल नेटवर्क और उससे जुड़े संदिग्धों के खिलाफ की जा रही है।

गौरतलब है कि NIA की टीम बस्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय है। बीते 28 फरवरी को छत्तीसगढ़ नक्सल फंडिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए मूलवासियों बचाओ मंच के प्रमुख रघु मिडियामी को NIA ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले, नवंबर 2023 में भी पुलिस ने इसी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 6 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे। जांच में सामने आया कि ये दोनों MBM के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) थे, जो माओवादियों के लिए फंड जुटाने और वितरित करने का काम कर रहे थे।

रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे घोटाले पर सियासत: डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस पर किया पलटवार, कहा- किसकी नाक के नीचे हुआ यह सब

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में इन दिनों रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस वे घोटाले को लेकर राजनीती गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष इस घोटाले को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है. इस बीच घोटाले को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस को पहले यह विचार करना चाहिए कि यह मामला कब का है और किसकी नाक के नीचे यह सब हुआ. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पहले खुद सोच-समझ लें कि उन्हें कहना क्या है. इसके साथ ही अरुण साव ने पीएम मोदी के दौरे समेत अन्य मुद्दों पर भी बयान दिया.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे में भूमि पूजन, लोकार्पण और विभिन्न योजनाओं की घोषणा की संभावना है. इसे लेकर प्रारंभिक चर्चा और बातचीत हो चुकी है, लेकिन जैसे ही कार्यक्रम निर्धारित होगा, इसकी आधिकारिक सूचना दी जाएगी.

नगर निगम द्वारा अवैध कब्जों पर हो रही कार्रवाई को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहर जैसे-जैसे विकसित हो रहा है, अवैध कब्जों को हटाने की आवश्यकता भी बढ़ रही है. जो लोग विस्थापित हो रहे हैं, उनके लिए निर्धारित स्थान रहेगा. सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा नहीं हो इसके लिए नगर निगम अपनी कार्रवाई करता है.