झारखंड के बजट में मईया योजना पर विशेष ध्यान, 13,363 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान

सरयू राय ने कहा मईया योजना की राशि ज्यादा और वृद्धा पेंशन कम क्यों

 जाने कब मिलेगा मईया योजना का किस्त, और 450₹ में गैस सिलेंडर

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि लाभुकों तक पहुंचाने के लिए वित्त मंत्री ने इस बजट में 13 हज़ार 363 करोड़ 35 लाख रुपए का उपबंध का प्रस्ताव रखा गया है। अब योजना की राशि खटाखट सभी के खाते में पहुंचेंगे।

 वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए इसे ‘अबुआ बजट’ करार दिया, जो झारखंड की जनता के समग्र विकास के लिए समर्पित है। इस बजट में ‘मइयां सम्मान योजना’ को खास स्थान दिया गया। इस योजना के तहत राज्य के 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को दिया जा रहा है। 

चुनाव के वक्त महागठबंधन ने यह घोषणा की थी कि इसकी राशि 1000 से बढ़ाकर ₹2500 कर दी जाएगी। चुनाव समाप्त होने के बाद महिलाओं के खाते में अभी एक महीना का राशि ट्रांसफर किया गया है लेकिन 3 महीना का राशि बाकी है जिसे लेकर महिलाओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है लेकिन इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि जल्द ही राशि महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी संभावना जाताया की होली से पहले राशि को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

मईया योजना की बढ़ी राशि को लेकर जदयू विधायक सरयू राय ने कहा की 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹2500 दिया जा रहा है लेकिन वृद्ध महिलाओं को मात्र 1000 दिया जा रहा है जो अनुचित है। पैसे की ज्यादा जरूरत तो लोगों को बुढ़ापे में पढ़ती है। बजट में सरकार को चाहिए था कि इसकी भी राशि बढ़ाने का प्रयास करते।

महागठबंधन ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में यह घोषणा की थी कि झारखंड के लोगों को 450रुपए में गैस सिलेंडर मिलेगा। आज बजट के दौरान इस पर भी चर्चा हुई और वित्त मंत्री राधा कृष्ण ने कहा कि हमने जो वादा किया है उसे जरूर पूरा करेंगे लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा। हमने यह नहीं कहा था कि इसी वर्ष गैस सिलेंडर का दाम कम कर देंगे। हो सकता है कि यह अगले वित्तीय वर्ष में लागू हो। इस पर जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि इस बजट में घोषणाओं की पूरी तरह से अपेक्षा की गई है उन्होंने भी सवाल खड़ा किया कि यह पता नहीं कब 450 रुपए में सिलेंडर देंगे हो सकता है कि अगले चुनाव से पहले इसकी घोषणा करें।

हेमंत सोरेन की सरकार का 2030 तक झारखंड की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन पर पहुंचाने का लक्ष्य,

जानिए बजट भाषण में क्या क्या कहा वित्त मंत्री ने

रांची: झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन सरकार ने अपना बजट पेश किया। सदन में झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 1.45 लाख 400 करोड़ का बजट पेश किया। साथ ही हेमंत सोरेन सरकार ने 2030 तक झारखंड की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया। आइए बजट भाषण की मुख्य बातें जानें-:

झारखंड बजट 2025 भाषण की जरूरी बात

राधा कृष्ण किशोर ने हेमंत सोरेन 2.0 सरकार का पहला बजट पेश किया।

हेमंत सोरेन अपने आत्मबल से लबरेज हैं।

18 से 50 साल तक की महिलाओं के लिए मईंया सम्मान योजना, हर महीने 2500 रुपये दिए जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को मिल रहा है योजना का लाभ।

 झारखंड सरकार के बजट में 13,363 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान किया है।

बालिकाओं की उच्च शिक्षा पर सरकार का जोर, क्लास 8 से 12वीं तक की छात्राओं को आर्थिक मदद दी जा रही है।

 इसके लिए 310 करोड़ रुपये अलग से प्रावधान किया गया है।

प्राथमिक स्कूलों के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य के 34 हजार 847 प्राइमरी स्कूलों पर फोकस है।

पर्यटन के क्षेत्र में मौजूदा सरकार काफी काम कर रही है। पर्यटन में काफी संभावनाएं

झारखंड की आर्थिक स्थित 7,5 फीसदी, 

10 साल पहले आर्थिक स्थिति 1.1 फीसदी थी।

हेमंत सोरेन की सरकार राजकोषीय घाटा कम करने में जुटी है।

हेमंत सोरेन सरकार ने 61000 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है

इस बार के बजट में 16 500 करोड़ रुपये की ज्यादा राशि

2024-25 में झारखंड का बजट 128900 करोड़ का था।

कोरोना काल के बाद भी विकास दर सुधरकर 7.8 फीसदी हुआ

राजकोषीय घाटा 1.1% रखने का प्रयास किया।

हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले 5 साल में योजना व्यय में लगातार वृद्धि दर्ज की है।

दूसरे राज्यों में योजना और स्थापना मद एक। योजना मद में कम से कम राशि खर्च हो इसका ख्याल रखा गया है।

गरीबों के लिए सरकार ने कई काम किए हैं। हेमंत सोरेन की सरकार गरीबों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। 

राज्य की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हुआ है।

वित्तीय वर्ष से 13 फीसदी ज्यादा है इस बार का बजट।

बेहतर कर्ज प्रबंधन को सरल बनाया गया है। 

इसके तहत 2282 करोड़ रुपये का कर्ज भगुतान के लिए आवंटित किया।

वित्तीय प्रबंधन 10 लाख करोड़ करने की कोशिश।

जल निधि उपयोजना से तालाब गहरीकरण के कार्य कराए गए।

झारखंड सरकार कमजोर मॉनसून आर्थिक मंदी से भी निपटने में सक्षम रहा।

2030 तक झारखंड 10 ट्रिलियन की इकोनॉमी पहुंचाने का लक्ष्य।

14.2 % की दर से आर्थिक विकास बढ़ा है।

देश का 40 फीसदी संसाधन झारखंड में है।

राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने के लिए राज्य के संसाधनों का उपयोग कर इसे हासिल करने पर जोर है।

राज्य के तमाम किसानों को कर्ज मुक्त करने का लक्ष्य है। अब तक 2 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया गया है।

झारखंड में 4 लाख का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जा चुका है।

1200 तालाबों को जीर्णोद्धार किया गया है।

वित्त मंत्री डॉ. राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड विधानसभा में आज 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का किया बजट पेश

झा. डेस्क 

रांची : वित्त मंत्री डॉ. राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड विधानसभा में 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें सामाजिक विकास और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष जोर है। राजस्व व्यय के लिए 1,10,636 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय के लिए 34,763.30 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।

वित्तमंत्री डॉ. राधाकृष्ण किशोर ने आज सोमवार को प्रश्नकाल के बाद विधानसभा पटल पर वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट रखा। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ (1 लाख 45 हजार 4 सौ करोड़) रुपये का सकल बजट अनुमान है, जो गत वर्ष से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व व्यय के लिए 1,10,636 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो गत वर्ष से 20.48 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय अन्तर्गत गत वर्ष के पुनरीक्षित बजट पर 7.81 प्रतिशत वृद्धि के साथ 34,763.30 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।

बजट में प्रावधानित सकल राशि को यदि प्रक्षेत्र के दृष्टिकोण से देखा जाए तो सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 37,884.36 करोड़ रुपये है। जबकि सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 62,840.45 करोड़ रुपये तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 44,675.19 करोड़रुपये उपबंधित किये गये हैं।

वित्तमंत्री ने बताया कि बजट में प्रावधानित राशि में राज्य को अपने कर राजस्व से 35,200 करोड़ रुपये तथा गैर कर राजस्व से 25.856.12 की प्राप्ति होगी।

वाहन चेकिंग के दौरान महिला पर दिखा पुलिस की बर्बरता, सरकार दे इसका जवाब - निर्मल महतो

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : इन दिनों राज्य के कई चौक-चौराहों पर बड़े पैमाने पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। वाहन चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस की बर्बरता भी नजर आती है। ऐसा एक मामला आया है देवघर का ...

लोकतंत की यह तस्वीर देखिए लोकतंत्र में कानून का राज कायम रहे इसलिए पुलिस तंदुरुस्त रहती है। लेकिन पुलिस की चुस्ती से एक महिला की जिंदगी चली गई। आज के पुलिस अधिकारी कुछ बोलने से पहले सोचते ही नहीं क्योंकि की उनको गुमान होता है अपने वर्दी का। इसी गुमान की बलि एक महिला चढ़ गई। फिर क्या था बाबा की नगरी में लोगों ने सब को चुन चुन कर मारा। क्या महिला क्या पुरुष लोगों ने किसी पुलिस कर्मी को नहीं छोड़ा। 

दरसल मामला यह था कि एक पुरुष मोटरसाइकिल पर एक महिला के साथ आ रहा था। तभी ट्रैफिक पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि बाइक सवार घबरा गया, तो पुलिस ने उसकी बाइक से चाबी निकाल ली। इसी क्रम में मोटरसाइकिल पर सवार दोनों लोग सड़क पर गिर पड़े। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण महिला को पास के एक निजी अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। अब इस मामले को लेकर मांडू विधायक निर्मल महतो ने विधानसभा में सरकार से जवाब मांगा है। वही भाजपा विधायक पूर्णिमा दास ने भी तंज कसते हुए कहा कि सरकार की पुलिस व्यवस्था कितना चुस्त और दुरुस्त है सब आप के सामने है। आप देख सकते हैं

आज 3 मार्च को झारखंड का अबुआ बजट होगा पेश, पहली बार बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर आज 3 मार्च को बजट का पिटारा लेकर पहुंचे झारखंड विधानसभा। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने पहुंचे सदन। राज्य सरकार अपनी रियायती और जल कल्याणकारी योजनाएं आगामी वित्त वर्ष के बजट में भी जारी रखी है सरकार की प्राथमिकता इन योजनाओं को हर स्तर पर पूरा करने की है चाहे वह हर एक महीने 200 यूनिट तक निशुल्क बिजली मैया सम्मान योजना रियायती दर पर धोती साड़ी लूंगी योजना सर्वजन स्कीम योजना समेत अन्य योजनाएं शामिल है।

वहीं वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा है कि बजट में सबसे ज्यादा तवज्जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक क्षेत्र के उत्थान को दिया जाएगा। वित्त मंत्री यह भी कह चुके हैं कि सरकार राजस्व बढ़ाने पर फोकस करेगी। उनका मानना है कि टैक्स चोरी को रोक कर 7000 से 8000 करोड़ तक का राजस्व बढ़ाया जा सकता है। इसलिए जनता पर वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा।

सदन के अंदर बजट की करवाई शुरू हो गई है। ऐसे में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के लिए आय और व्यय में तालमेल बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी। अब देखने वाली बात होगी कि वित्तीय वर्ष 2025 26 का बजट कैसा रहने वाला। सरकार आम लोगों को खाना, नौकरी, पढ़ाई और किसानों की बेहतरी के लिए क्या कदम उठाई है।

बिना नेता प्रतिपक्ष के कल सदन में पेश हो रहे बजट को लेकर राजनीतिक तकरार शुरू

भाजपा विधायक सामूहिक इस्तीफा दे नहीं तो नेता प्रतिपक्ष दे - JMM

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव को लगभग तीन महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। इसके बाद भी अब तक भाजपा नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। प्रदेश में बजट सत्र की शुरुआत भी हो चुकी है। वहीं कल 3 मार्च को हेमंत सरकार विधानसभा में बजट पेश करेगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि यह विडंबना है कि इस बार बिना नेता प्रतिपक्ष के बजट पेश किया जाएगा। कई बैठकें होने के बावजूद भी भाजपा नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तीखा हमला करते हुए कहा कि जितने भी भाजपा विधायक जीत कर पहुंचे हैं या तो वह सामूहिक इस्तीफा दे नहीं तो नेता प्रतिपक्ष का चुनाव कर ले। वही उन्होंने सुझाव भी दे डाली कि हेमंता बिस्वा सरमा को नेताप्रतिपक्ष चुन ले।

भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि JMM के कहने से हमारी पार्टी चलती है क्या? जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और हमारी पार्टी केंद्रीय पार्टी है, कोई परिवार वाद पार्टी नहीं है।

झारखंड DGP का आदेश भ्रष्ट पुलिस कर्मियों और अफसरों को चिन्हित करे, ऐसे पुलिस कर्मियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, पुलिस महकमा में मचा हड़कंप


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में पुलिस की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अब ऐसे अफसरों और कर्मियों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है, जो दागी प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने इस संबंध में सभी डीआइजी को पत्र लिखा है। डीजीपी ने पत्र में स्पष्ट कहा है कि वैसे पुलिस अफसर जिसका संबंध भू-माफियाओं व अपराधियों से है। जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हों।ऐसे पुलिस अफसरों व कर्मियों को चिह्नित कर एक सप्ताह के अंदर पूरी रिपोर्ट भेजें।

उन्होंने इस संबंध में सभी डीआइजी को पत्र लिख कर स्पष्ट कहा है कि वैसे पुलिस अफसर जिसका संबंध भू-माफियाओं व अपराधियों से है। जो अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हों। ऐसे पुलिस अफसरों व कर्मियों को चिह्नित कर एक सप्ताह के अंदर पूरी रिपोर्ट भेजें। दरसल डीजीपी का मानना है कि ऐसे पुलिसकर्मियों से पुलिस की छवि और कार्यशैली प्रभावित होती है। इन पर कार्रवाई होने से भविष्य में पुलिसकर्मी आम लोगों से बेहतर व्यवहार करेंगे। अनुशासित होकर अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

इन बिंदुओं पर डीजीपी ने जिलों से मांगी है सूची

• जिनके विरुद्ध आम नागरिकों, महिलाओं से दुर्व्यवहार करने के आरोप में कार्रवाई की गई है।

• जिनकी भू-माफिया, आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों के साथ संलिप्तता पायी गई है।

• जिनके विरुद्ध अपने वरीय पदाधिकारियों के साथ उद्दंडतापूर्ण व्यवहार करने के आरोप में कार्रवाई की गई है या उद्दंडतापूर्ण व्यवहार करते हैं।

• जो कर्तव्य से फरार रहते हैं।

• जो कर्तव्य के दौरान आदतन शराब का सेवन करते हैं।

• जो अक्सर बिना कारण अवकाश से पिछड़ते हैं।

• जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप है।

 बतादे कि आए दिन डीजीपी कार्यालय में पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की शिकायत मिलती रही है। कोई पीड़ित को लाभ के एवज में रिश्वत मांगता है तो किसी पर आम जनता व महिलाओं से दुर्व्यवहार का आरोप है। वही बीते दिन

डीजीपी के निर्देश पर चतरा के हंटरगंज थाना प्रभारी दारोगा मनीष कुमार को निलंबित करते हुए चाईबासा में पदस्थापित किया गया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप था।

अभी एक दिन पहले ही एसीबी ने कोतवाली थाने में पदस्थापित दारोगा ऋषिकांत को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। दारोगा ऋषिकांत जब्त मोबाइल को मुक्त करने के लिए एनओसी देने के एवज में रिश्वत ले रहा था, तभी एसीबी ने गिरफ्तार किया था। इन सब आरोपों को देखते हुए डीजीपी ने ऐसा आदेश निकला है।

रमजान में शाम 4 बजे से मुस्लिम कर्मियों को छुट्टी देने पर भड़के निशिकांत दुबे


झारखंड सरकार के नोटिफिकेशन को लेकर बीजेपी सांसद ने खड़ा किया बड़ा सवाल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : रमजान के पवित्र महीने की आज से शुरुआत हो चुकी है और मुसलमानों ने आज से रोजे की शुरुआत कर दी है। रमजान के महीने के लिए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के द्वारा जारी नोटिफिकेशन को लेकर सियासी गलियारे में बवाल मच सकता है।

 सोरेन सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सवाल उठाया हैं। सांसद ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, "झारखंड राज्य को इस्लामिक राज्य घोषित करने का समय आ गया है। कांग्रेस का हाथ केवल मुसलमानों के साथ।"

दरसल झारखंड सरकार का एक नोटिफिकेशन आया था। जिसके अनुसार राज्य सरकार मुस्लिम अधिकारी-कर्मचारियों को रमजान के महीने में बड़ी राहत दी है। जिसमें कहा गया कि मुस्लिम कर्मचारीयो को प्रतिदिन शाम चार बजे छुट्टी की अनुमति दी गई है। शुक्रवार यानि जुम्मे के दिन नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक की विशेष छुट्टी का जिक्र है।

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने लगाया जनता दरबार,लोगों ने अपनी समस्याएं बतायी,एडीएम ने दिया त्वरित कारवाई का निर्देश


धनबाद : एडीएम लॉ एंड ऑर्डर पीयूष सिन्हा ने शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में जिले के बलियापुर, गोविंदपुर, तोपचांची, झरिया सहित अन्य क्षेत्रों से आए लोगों की शिकायतें सुनी।

इसमें गोविंदपुर महुबनी के सुंदर पहाड़ी से आयी एक वृद्ध महिला ने एडीएम को बताया कि उनके पिता भारत कोकिंग कॉल लिमिटेड (बीसीसीएल) में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु वर्ष 1982 में हो गई थी। कई दशक बीत जाने के बाद भी बीसीसीएल ने उनके स्वर्गवासी पिता का पीएफ, ग्रेच्युटी एवं सेवानिवृत्ति के अन्य लाभ का भुगतान नहीं किया है।

गौरतलब है कि महिला काफी उम्रदराज थी और स्पष्ट हिन्दी बोलने में असमर्थ थी। इसलिए वह संथाली भाषा में एडीएम के साथ वार्तालाप कर रही थी। उनकी बातों को अच्छे से समझने के लिए एडीएम ने संथाली भाषा बोलने वाले एक कर्मी को बुलाया। उसने महिला की सारी बातें संथाली भाषा में सुनी और महिला की पीड़ा एडीएम को बताई। 

एडीएम ने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए बीसीसीएल के सीएमडी को पत्र लिखने और महिला की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।

एक अन्य महिला ने बताया कि उसने आमाघाटा लेमन चिल्ली होटल के पास जमीन दलाल से 2 डेसिमल जमीन खरीदी। जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई है। जब वह जमीन पर घर बनाने गई तब पता चला कि जमीन सीएनटी एक्ट की है। महिला ने बताया कि उन्होंने ऋण लेकर जमीन दलाल को भुगतान किया है। उन्होंने जमीन के लिए दिए गए पैसे वापस दिलाने की गुहार लगाई।

जनता दरबार में राशन कार्ड में नाम जुड़वाने, पीएम आवास की स्वीकृति प्रदान करने, ऑनलाइन पंजी 2 में नाम दर्ज कराने, भू-माफियाओं द्वारा रैयती जमीन पर जबरन कब्जा करने सहित अन्य आवेदन प्राप्त हुए।

जनता दरबार में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा श्री नियाज अहमद, जनशिकायत कोषांग के प्रधान लिपिक श्री नंदकिशोर कुशवाहा भी मौजूद थे।

CAG की रिपोर्ट : झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में अनियमितता, स्वास्थ्य सेवा और सुविधा का खस्ताहाल

भवन निर्माण में लगे मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : देश की राजधानी दिल्ली में CAG की रिपोर्ट पर उठे विवादों के बीच झारखंड में भी बड़ा खुलासा हुआ है। झारखंड विधानसभा में पेश की गई CAG रिपोर्ट में राज्य के स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया गया है।

राज्य में कोरोना काल के दौरान झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर CAG की रिपोर्ट पर सरकार के ज्यादातर मंत्रियों और विधायक ने रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही कुछ कहने की बात कही, वहीं विधायक सरयू राय ने रिपोर्ट के आलोक में तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री पर करवाई की मांग की। मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि कोरोना काल में जितनी जरूरत थी उतना खर्च किया गया, किसी को दिक्कत नहीं होने दिया गया था।

चलिए अब जानते है CAG की रिपोर्ट क्या कहती है। मार्च 2020 से 2022 तक covid-19प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने 485.54 करोड़ दिए थे, जिसके विरुद्ध झारखंड सरकार को 272.8 करोड़ अपने मद से देना था। लेकिन कुल 756.42 करोड़ से कोरोना से निपटने के लिए शुरू प्रावधान में झारखंड सरकार ने सिर्फ 145.10 करोड़ ही दिए। 

प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच किए गए ऑडिट में काफी दयनीय स्थिति सामने आई। झारखंड में 10000 की जनसंख्या पर चार डॉक्टर ही नियुक्त है जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 37 डॉक्टर होने चाहिए। 

Cag की रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि कैसे मुख्यालय और अलग-अलग जिलों के वेयर हाउस में रखी गई "रेमडेसिविर इंजेक्शन" बड़ी मात्रा में एक्सपायर हो गई। इतना ही नहीं इंदु अग्रवाल ने बताया कि एनएचएम के अधिकारी के एक फोन पर दो निजी एजेंसियों को वेयर हाउस से बिना कोई कागजात के हजारों वायल "रेमडेसिविर इंजेक्शन" दे दिए, जिसकी जानकारी ड्रग्स कंट्रोलर हो भी नहीं दी गई थी।

इस रिपोर्ट के अनुसार महालेखाकार ने बताया कि राज्य में डॉक्टर नर्स और पैरामेडिकल कर्मियों की भारी कमी है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की भी कमी बताई।आयुष महाविद्यालय में तो शिक्षकों की 60% से 66% तक कमी थी। राजकीय होमियोपैथी कॉलेज में यह कमी 71% से 87% थी।

इसके अलावा CAG की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट में नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निर्माण में देरी, संसाधनों के कमी की वजह से यूजी और पीजी की सीटों में कमी, बिना जांच किए और कम गुणवत्ता वाली दवाओं को भी बीमार मरीजों में वितरित करने सहित कई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड में भवन निर्माण के लिए जो मजदूर निबंदित है उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है श्रम विभाग और बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के बीच समन्वय नहीं है। यहां काम कर रहे मजदूर को 60 साल की आयु के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही।