मिर्ज़ापुर: खेल मैदान के नाम पर आरक्षित भूमि पर खुल गया कंपोजिट विद्यालय तो गांव के खिलाड़ियों ने डीएम से लगाई गुहार
मिर्ज़ापुर। उत्तर प्रदेश सरकार खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह से प्रोत्साहित कर रही है तो वही गांव में खेल मैदान के लिए भूमि आरक्षित कर खिलाड़ियों को सहूलियत भी दे रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास के साथ आगे बढ़ाने का राह आसान हो सके, लेकिन कहीं-कहीं इन खिलाड़ियों की राह में कुछ रोड़े भी अटका दिए गए हैं। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे मिर्जापुर जनपद के राजगढ़ विकासखंड का सामने आया है, जहां के खिलाड़ियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए खेल मैदान के नाम पर आरक्षित भूमि को मुक्त कराए जाने की गुहार लगाई है।
दरअसल, मिर्जापुर के राजगढ़ विकासखंड अंतर्गत गाटा संख्या 492 खतौनी में खेल के मैदान के नाम से दर्ज है। जिस पर खेल का मैदान बनाना अति आवश्यक रहा है। क्षेत्र के लगभग 60 बच्चे व बच्चियों कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी हैं जिसमें से दो बालिकाएं राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेल कर जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं तो कुछ बच्चे व बच्चियों मंडल स्तर पर कबड्डी में प्रतिभाग कर चुके हैं। ग्राम पंचायत कुड़ी में खेल मैदान ना होने के कारण कई खिलाड़ी प्रतियोगिता के लिए अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। जिन्हें अभ्यास के लिए दूसरे गांव का रुख करना पड़ता है ऐसे में उन्हें कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ता है। खिलाड़ियों ने कहा कि खेल मैदान के लिए आरक्षित जमीन पर कंपोजिट विद्यालय खुल जाने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य उत्कर्ष मौर्य उर्फ राजू के साथ मिर्जापुर मुख्यालय पहुंचे खिलाड़ियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए खेल मैदान को मुक्त कराने की गुहार लगाई है। इस दौरान शिवा मौर्या, रोहित कुमार, शुभम, रोशन राव, विकास, संध्या, अनीता, शालिनी यादव, वंदना, पायल, अनामिका, रितिका इत्यादि खिलाड़ी मौजूद रहे।
Feb 22 2025, 16:10