निर्दयता के अंधकार में सेवा की एक नई रोशनी – प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट का एक प्रेरणादायक प्रयास
विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज। आज एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जब बड़े केछुहा गांव में मात्र पाँच दिन की एक मासूम बछिया को असहाय स्थिति में छोड़ दिया गया। दुर्भाग्यवश, किसी कारणवश उसका जबड़ा टूट चुका था। जब उसके पालक ने यह देखा, तो उसकी पीड़ा को समझने के बजाय उसे त्याग दिया।
लेकिन जहां निर्दयता ने उसे अकेला छोड़ दिया, वहीं प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट के गौ सेवकों की करुणा ने उसे अपनाया। जब गौ सेवक रतन द्विवेदी जी की नज़र इस बछिया पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत प्रयाग गौ सेवा संगठन ट्रस्ट के मुख्य गौ सेवक आशीष पांडेय जी को सूचना दी। जो समाज सेवा में हमेशा अग्रणी रहते हैं। उनकी तत्परता से संगठन तक यह बात पहुंची, और गौ सेवकों की टीम ने इस नन्हीं जान के इलाज का बीड़ा उठाया।
डॉ. उमेश मौर्य जी ने बछिया की चिकित्सा का दायित्व संभाला
और बताया कि पूर्ण रूप से ठीक होने में लगभग एक महीना लगेगा। इस सेवा कार्य में ब्लॉक उपाध्यक्ष डॉ. आदर्श द्विवेदी, डॉ. उमेश मौर्य, उनके सहयोगी शैलेश जी, दाऊ जी और गौ सेवक रतन द्विवेदी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांववासियों ने भी सह्रदयता दिखाते हुए हर संभव सहायता दी, जिसमें
दो छोटे बच्चों का योगदान विशेष रूप से प्रेरणादायक रहा
यह घटना हमें यह सिखाती है कि जब तक समाज में *दयालुता और सेवा की भावना जीवित है, तब तक निर्दयता पर इंसानियत की विजय होती रहेगी। गौ सेवा ही सच्ची मानव सेवा है, और यह प्रयास इसी का एक उज्ज्वल उदाहरण है।
Feb 20 2025, 19:10