रांची रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने के लिए उमड़ रही भीड़, ट्रेनों में अफरा-तफरी, ट्रेन छूटने का लोगों में दुख, रेलवे प्रशासन भी अलर्ट

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : माघी पूर्णिमा के बाद भी प्रयागराज स्थित संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। आज सोमवार हटिया से खुलने वाली स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में कुछ इस तरह का ही नजारा देखने को मिला। यह ट्रेन रांची स्टेशन आते ही श्रद्धालुओं का भीड़ उमड़ पड़ी। ट्रेन के आते ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

हालांकि प्रशासन भी इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद थी। स्टेशन के बाहर उन्हीं यात्रियों को अंदर जाने की इजाजत दी जा रही थी जिनके पास टिकट था। और ट्रेन की बात करें तो रिजर्वेशन और AC बोगी के बाहर RPF के जवान खड़े थे। ट्रेन के अंदर उन्हीं यात्रियों को जाने की इजाजत दी जा रही थी जिनका रिजर्वेशन उस गाड़ी में था। वही जनरल डब्बे की बात करें तो उसमें श्रद्धालुओं और आम यात्रियों का भीड़ काफी था लोग ट्रेन के अंदर घुसने के लिए ऑफर तफरी मचा रखे थे। 

रेलवे प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में लगा हुआ है, लेकिन यात्रियों की परेशानी कम होती नहीं दिख रही। संगम में अमृत स्नान की आस्था के चलते श्रद्धालु हर हाल में प्रयागराज पहुंचना चाहते हैं। आज इसी क्रम में कुछ यात्री ट्रेन में चढ़ गए और कुछ की ट्रेन छूट गई। 

 जिस तरह से प्रचार प्रसार किया गया यह महाकुंभ 144 वर्ष के बाद आया है ऐसे में हर माध्यम से भक्तजन प्रयागराज जाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, अत्यधिक भीड़ और ट्रेनों में सीटों की कमी की वजह से उनकी परेशानी बढ़ गयी है। रेलवे प्रशासन अतिरिक्त ट्रेनें चलाने के बावजूद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। 

दिल्ली में भगदड़ की घटना होने के बाद रेलवे प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। रेलवे के उच्चाधिकारियों हेमराज मीना ने कहा कि आरपीएफ और रेलवे अधिकारी लगातार मुआयना कर रहे है। जिन यात्रियों को जी बोगी में रिजर्वेशन है उसी में जाने की इजाजत दी जा रही है।

झारखंड के इन लोगों को नहीं मिलेगा PM आवास योजना का लाभ, जानें केंद्र सरकार के क्या हैं नियम

रांची :प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अगले पांच साल तक चलेगी. वित्तीय वर्ष 2029-30 में यह समाप्त होगी. भारत सरकार ने पूरे देश में करीब दो करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है. भारत सरकार ने सभी राज्यों को प्रधानमंत्री आवास के लाभुकों की 2018 में बनी सूची को अपडेट करने का निर्देश दिया है.

वहीं, जिनके पास 50 हजार रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड होगा, उनको पीएम आवास नहीं मिलेगा. झारखंड में ऐसे कार्ड धारकों की संख्या 50 हजार से अधिक है.

झारखंड सरकार ने उपायुक्तों को दिया ये निर्देश

झारखंड सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पीएम आवास योजना के लाभुकों का सर्वे करने को कहा है. ज्ञात हो कि झारखंड को पठारी राज्यों की सूची से बाहर कर दिया गया है. पठारी राज्यों की सूची में अब केवल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर के साथ लद्दाख है. यहां के लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 1.30 लाख रुपये दिये जायेंगे.

पठारी राज्यों की सूची से बाहर होने के बाद दिये जाएंगे 1.20 लाख रुपये

पठारों राज्यों की सूची से बाहर होने के बाद अब यहां के लाभुकों को 1.20 लाख रुपये दिये जायेंगे. अगले पांच साल का लाभुक तय करने के लिए भारत सरकार ने दिशा-निर्देश दिया है.

10 प्रकार के लाभुकों को नहीं मिलेगी पीएम आवास योजना का लाभ

बता दें कि नये नियमों के तहत 10 प्रकार के लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ नहीं देने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा जिनके पास तीनपहिया या चारपहिया वाहन है या जिनके घर का कोई भी सदस्य सरकारी योजना का लाभुक है, जिनका गैर कृषि कार्य का उद्यम निबंधित हो, घर का कोई सदस्य 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक कमाता हो, इनकम टैक्स व प्रोफेशनल टैक्स देने वालों, 2.5 एकड़ से अधिक सिंचित जमीनवाले व जिनके पास पांच एकड़ से अधिक असिंचित जमीन है, वैसे लोगों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्घटना को कांग्रेस ने बताया नरसंहार

रिपोर्टर जयंत कुमार

रांची : दिल्ली रेलवे स्टेशन में शनिवार रात आम दिनों की तरह ही यात्री अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए आए थे। किसी को अपने घर जाना था, तो कोई महाकुंभ जाने के लिए ट्रेन पकड़ने आया था। यात्रियों के चेहरों पर एक अलग ही खुशी थी और हर कोई प्लेटफॉर्म पर बस अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहा था। उसी रात 9:30 बजे अचानक से यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी और देखते ही देखते कुछ ही देर में भगदड़ मच गई जिसमें 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में हुए घायलो को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के RML अस्पताल ले जाया गया है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए इस दर्दनाक घटना को लेकर आज झारखंड की राजधानी रांची में कांग्रेस के नेताओ के द्वारा श्रद्धांजलि देते हुए, कैंडल मार्च निकाला गया। मृतको की आत्मा की शांति की कामना की। कांग्रेस नेता आलोक दुबे ने देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इसकी जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा का मांग किया। साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपया मुआवजा देने की भी मांग की।

वही राजेश गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि महाकुंभ में बेहतर व्यवस्था के नाम पर श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया और वहां की लचर व्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जाने चली गई। इससे पहले भी महाकुंभ में दो बार हादसे हो चुके हैं।

दूसरी ओर भगदड़ में यात्रियों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए, झारखंड के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि, मृतक परिवार के साथ पूरी संवेदना है और सरकार हर संभव उनकी मदद करें।

बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो CCTV फुटेज और अन्य सबूत जुटा रही है। वही गवाहों के बयान भी लिए जाएंगे। सभी साक्ष्यों की जांच के बाद रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को सौंपी जाएगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस के सीनियर ऑफिसर्स के साथ बैठक हुई। दिल्ली पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। जांच को डीसीपी रैंक के अफसर मोनिटर कर रहे।

जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति पर गरमाई झारखंड की राजनीतिक सियासत

रिपोर्टर जयंत कुमार

रांची : जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक तरफ जहां छात्र सड़क पर हैं। लगातार आंदोलन कर रहे हैं,वहीं दूसरी तरफ इसको लेकर झारखंड की सियासत भी गरमा गई है।

पिछले 7 महीने से जेपीएससी का अध्यक्ष पद विहीन चल रहा है। जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति न होने पर छात्र लगातार आंदोलन के नए नए रुख अपना रहे है। यहां तक कि जेपीएससी का पिंड दान और ब्रह्म भोज भी कर दिया है। छात्र नेता सत्यनारायण शुक्ला ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि अध्यक्ष की नियुक्ति अति शीघ्र नहीं की जाती है तो छात्र चुप नहीं रहेंगे और इस बार जबरदस्त आंदोलन होगा। छात्रों के इस आक्रामक रुख को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जेपीएससी को नया अध्यक्ष जल्द ही मिलेगा।

जल्दबाजी में लिया गया फैसला गड़बड़ी होने की आशंका रहती है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप बाबूलाल मरांडी के समय में हुए पहले और दूसरे जेपीएससी परीक्षा का हर्ष आप जानते है। इस पर भाजपा के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि झारखंड में क्या विद्वानों के कमी हो गई है या सेटिंग नहीं बैठ पा रहा है जो शर्त उनके समक्ष रखे गए होंगे वह शर्त मानने को तैयार नहीं होंगे।मतलब आप समझ रहे होंगे कि आर्थिक रूप से जो शर्त रखे जाते हैं वह उन्हें मंजूर नहीं होगा।

जेपीएससी अध्यक्ष के नहीं रहने से सिविल सेवा परीक्षा सहित आधा दर्जन से अधिक नियुक्ति परीक्षा लटकी हुई है। खास बात यह है कि सरकार के द्वारा ना तो नए अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है और ना ही किसी सदस्य को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया है।

अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का समापन, 29 टीमों ने लिया भाग झारखंड को मिला 5 मेडल

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में पहली बार आयोजित अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का आज समापन हो गया। इसके लिए देशभर से 29 टीमों ने भाग लिया। 10 से 15 फरवरी तक चली इस प्रतियोगिता में 18 राज्यों, 2 केंद्रशासित प्रदेशों और 8 अर्द्धसैनिक बलों की टीमें शामिल हुई। प्रतिभागी 5 इवेंट्स के 13 विषयों में अपनी प्रतिभा का दम दिखाया।

पुलिस ड्यूटी मीट के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी की 29 टुकड़ियों के द्वारा परेड मार्च किया गया। इस दौरान सबसे आगे आंध्र प्रदेश की पुलिस और सबसे पीछे मेजबान कर रहे झारखंड के पुलिस जवानों के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति की गई। इस परेड में स्वान दस्ता भी शामिल था। यह पहला मौका है जब झारखंड पुलिस को अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट की मेजबानी मिली है।

बाइट,,, सुदिव्य सोनू उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री झारखंड

इस प्रतियोगिता में जीते हुए टीमों को मुख्य अतिथि वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने ट्रॉफी प्रदान की। 

-पुलिस फोटोग्राफी में पहला स्थान तमिलनाडु पुलिस को मिला जबकि दूसरा स्थान आंध्र प्रदेश की पुलिस को।

-कंप्यूटर अवेयरनेस के कंपटीशन में बीएसएफ दूसरे नंबर पर जबकि आईटीबीपी की टीम विनर रही।

-एंटी सबोर्डिनेट चेक में तेलंगाना की टीम विनर बनी जबकि दूसरे नंबर पर एसपीजी की टीम रही।

-बेस्ट डॉग कंपटीशन में मध्य प्रदेश स्वान दस्ते को "स्वान काया" ने गोल्ड मेडल जीता।

-साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन में विनर तेलंगाना की टीम बनी दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश और तीसरे स्थान पर झारखंड पुलिस की टीम रही।

-एनसीआरबी ट्रॉफी फॉर एम्पोवेरिंग पुलिस विथ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में तमिलनाडु की टीम विजेता बनी।

-डॉग स्क्वायड कंपटीशन में विनर बीएसएफ की टीम रही , जबकि तेलंगाना की टीम दूसरे नंबर पर रही

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बीआईटी मेसरा के प्लेटिनम जुबली समारोह में किया शिरकत

रिसर्च एग्जीबिशन कम डिसप्ले का किया उद्घाटन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज 15 फरवरी को बीआईटी मेसरा के प्लेटिनम जुबली समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। बीआईटी मेसरा के 70वें स्थापना दिवस में शामिल हुई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह संस्थान अपने बेहतरीन कामों के लिए जाना जाता है।इनके नाम कई उपलब्धियां हैं। इस संस्था ने देश के विकास में कई योगदान दिए हैं। उन्होंने झारखंड से जुड़े अपने लगाव को लेकर कहा कि जब भी मेरा झारखंड आना होता है तो लगता है कि अपने घर आई हूं। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बीआईटी मेसरा में संस्थान के चेयरमैन सीके बिरला, वीसी इंद्रनील मन्ना, झारखंड सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री सुदिव्य सोनू ने उनका स्वागत किया। इसके बाद कैंपस में विभिन्न डिपार्टमेंट्स के स्टूडेंट्स की ओर से लगाए गए प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। मुर्मू ने संकाय और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें बीआईटी मेसरा की समृद्ध विरासत पर गर्व है जिसने अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के 70 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने कैंपस में पौधरोपण भी किया।

जीपी बिरला सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष गंगवार ने कहा कि बीआईटी मेसरा इस देश में कई इंजीनियरिंग विषयों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की समृद्ध विरासत के साथ एक प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए आयामों के उदय के साथ, यह अपने कुशल युवा इंजीनियरों और प्रबंधकों के लिए नई संभावनाएं प्रस्तुत कर रहा है।

बीआईटी का काफी लंबा सफर रहा है जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता से संस्थान और देश का नाम रोशन किया है। यह संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के 70 वर्ष पूरे किए है। इस पर आधारित शॉर्ट वीडियो में 70 साल की पूरी यात्रा को प्रदर्शित किया गया।

पीवीयूएन द्वारा प्रायोजित एसी एवं वाटर पंप मरम्मत व रखरखाव प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न


रांची के सरकारी टूल रूम में पीवीयूएन द्वारा प्रायोजित एसी एवं वाटर पंप मरम्मत व रखरखाव प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस दो महीने के प्रशिक्षण में स्थानीय गांवों के 30 युवाओं ने भाग लिया और अपने कौशल का विकास किया।  

समारोह में सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जिससे उन्हें स्वरोजगार के साथ-साथ बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना और उनके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।  

पीवीयूएन के एचओएचआर, जियाउर रहमान ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें अपने सीखे हुए कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर झारखंड की राजधानी रांची पहुंची,

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया स्वागत


रिपोर्ट: जयंत कुमार 

रांची : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय दौरे पर झारखंड की राजधानी रांची पहुंची। जहां एयरपोर्ट पर उनका स्वागत राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। उनके दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

 तीन लेयर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए है। तस्वीरों में आप साथ दे सकते हैं कि जो टारगेट की तमाम गाड़ियां है वह गुजर रही है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से एसडीएम, रांची डीसी और एसएसपी की गाड़ियां सबसे पहले गुजरी। और इसके बाद राष्ट्रपति का कार्केट गुजर रहा है। सामने तस्वीरों में देखिए कि इसी गाड़ी में राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू बैठी नजर आ रही है।

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, बिरसा चौक अरगोड़ा चौक और हरमू के रास्ते होते हुए राजभवन पहुंची। इस बीच रास्ते को बैरिकेड कर रोक दिया गया था। रात्रि विश्राम राजभवन में ही करेगी। कल 15 फरवरी को बीआईटी मेसरा के प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेशन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी।

राष्ट्रपति के राँची आगमन के दौरान 2500 से ज्यादा जवान संभालें हुए है सुरक्षा की कमान, ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए किया गया बैरिकेडिंग, कई रूट को किया गया है डाइवर्ट।

मुफ्त की योजनाओं के एलान से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा लोगो की बिगड़ रही आदत, जाने राजनीतिक पार्टियों ने क्या कहा


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त देने की सुविधाओं की घोषणा पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा, 'लोग काम करना नहीं चाहते, क्योंकि आप उन्हें मुफ्त राशन दे रहे हैं। बिना कुछ किए उन्हें पैसे दे रहे हैं।' इस तरह की मुफ्त की योजनाओं से लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बजाय, परजीवियों की जमात नहीं खड़ी कर रहे हैं?

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ड मसीह की बेंच शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आसरा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान पीठ ने कहा कि 'मुफ्त वाली योजनाओं के चलते लोग काम नहीं करना चाहते। जस्टिस गवई ने कहा कि 'कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन क्या बेघर लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, ताकि वे भी देश के विकास में योगदान दे सकें।यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट ने फ्रीबीज को लेकर सख्त टिप्पणी की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2024 को केंद्र सरकार के मुफ्त राशन बांटने पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था- कब तक ऐसे मुफ्त राशन बांटा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद झारखंड के राजनीतिक पार्टियां सुप्रीम कोर्ट पर तो कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन एक दूसरे पर दोषारोपण जरूर करते नजर आए। एक और जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि यह फ्रीबीज बांटने की व्यापक कार्य केंद्र की भारतीय जनता पार्टी ने किया है। क्योंकि इनके पास एजेंट की कमी है और यह पैसे के बल पर वोट खरीदे है।

मनोज पांडे ने एक सवाल और खड़ा किया कि क्या उद्योगपतियों को हजारों करोड़ों रुपया माफ कर देना क्या यह फ्रीबिज में नहीं आता? उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संसद से इस पर कानून बने या कोर्ट इस पर संज्ञान ले। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग राज्य की महिलाओं को ढाई हजार रुपया देने की बात कर रहे हैं क्या वह सम्मान है या रेवड़ी पहले अपना स्टैंड क्लियर कर ले।

झारखंड के नाराज अभ्यर्थियों ने किया JPSC का किया पिंड दान व ब्रह्म भोज, जाने क्या है वजह


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की चर्चा एक बार फिर से सुर्खियों में छाया हुआ है। कारण है अध्यक्ष पद की नियुक्ति। पिछले 7 महीने से जेपीएससी अध्यक्ष पद खाली है, जिस वजह से 11वीं से लेकर13वीं जेपीएससी परीक्षा के नतीजे नहीं आ पाए हैं। इस बात से नाराज जेपीसी के अभ्यर्थियों ने एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने शोक कार्ड छपवाए और JPSC की मौत पर ब्रह्मभोज और पिंडदान का आयोजन कार्यालय के बाहर किया। 

इससे पहले भी जेपीएससी कार्यालय के बाहर झारखंड के अलग-अलग जिलों के अभ्यर्थी जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने की वजह से धरना प्रदर्शन किया था। आज एक नया तरीका इख्तियार कर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार पिंडदान करवाया। 23 साल की युवावस्था में स्वर्गवास हुए JPSC की आत्मा की शांति के लिए छात्रों ने पिंडदान के साथ-सा द यहां ब्रह्म भोज का भी आयोजन किया। सभी अभ्यर्थी इस ब्रह्म भोज में सम्मिलित हुए

 7 महीने से झारखंड लोकसेवा आयोग का पद खाली है। इस वजह से आयोग की ओर से ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा अटकी पड़ी है। ये सब करने के पीछे छात्रों का बस एक ही मकसद है कि सरकार जेपीएससी अध्यक्ष पद की नियुक्ति जल्द करें और छात्रों की परीक्षा अटकी हुई है उसे जल्द पूरा करें।

वही इन अभ्यर्थियों का साथ देने पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज ने कहा की इन छात्रों ने पिंडदान भी कर दिया है और ब्रह्म भोज भी कर दिया है ऐसे में मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति कर देनी चाहिए। क्योंकि इस राज्य का और छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।