रांची के प्रतिष्ठित होटल अशोका का हाल बेहाल, कर्मचारियों ने बयान किया अपना दर्द
2018 से बदहाली का दंश झेल रहा होटल अशोका, कर्मचारी भीख मांगने को मजबूर
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रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : अविभाजित बिहार के समय से रांची के पॉश इलाके में बने थ्री स्टार होटल अशोक के कर्मचारियों ने होटल की बदहाल स्थिति के बाद अपने वेतन और समायोजन की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत रहे हैं।
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एक समय था जब एकीकृत बिहार के समय रांची का होटल अशोक प्रतिष्ठित होटल के रुप में जाना जाता था। इसकी खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां आने वाले कई बड़े नेता, विदेशी पर्यटक व सेलिब्रिटी इसी होटल में आकर ठहरते थे। मगर वक्त के साथ कुछ ऐसा हुआ जो आज यह भूत बंगला बन चुका है। इसमें कार्यरत कर्मी बकाया पैसा लेने के लिए दर-बदर भटक रहे हैं और यहां भीख मांगने को मजबूर है।
संयुक्त बिहार में बना यह आलीशान होटल शुरू में बिहार और भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC) के अधिकार में था। आईटीडीसी का शेयर 51% और बिहार का 49% शेयर था। झारखंड बनने के बाद बिहार के 49% शेयर में से 12.25 प्रतिशत शेयर झारखंड को दे दिया गया। सरकार के इस शेर के बीच यहां काम करने वाले कर्मचारियों का हाल बदहाल होता जा रहा है। कर्मचारियों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यहां काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को मजबूरन VRS दिलाया गया।
आंदोलन पर उतरे होटल अशोक के हाउसकीपिंग स्टाफ पंकज कुमार ने बताया कि बकाये पैसे का भुगतान होने तक चरणबद्ध रूप से आंदोलन जारी रहेगा। अभी तक सरकार सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देने के सिवा हम जैसे कर्मियों पर कोई रहम नहीं दिखाया। इस पूरे मामले में कर्मचारियों ने आईटीडीसी को ही जिम्मेवार ठहराया।
उम्मीद जताई जा रही थी कि बिहार से भी झारखंड सरकार उसके हिस्से का शेयर लेकर इस होटल का पूर्ण रूप से मालिकाना हक प्राप्त कर लेगा। और होटल फिर से पुराने रंग में शुरू हो जाएगा लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। अब देखने वाली बात यह होगी कि आईटीडीसी और झारखंड सरकार के बीच खींचतान में इन कर्मचारियों का हालात कब सुधरता है।
Feb 14 2025, 10:17