चौथी बार आकाश से टपका अमृत, कल्पवासियों के अंतिम स्नान के साथ श्रद्धालुओं का अमृत स्नान शुरू


महाकुम्भ नगर। तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे विश्व के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ का चौथा अंतिम अमृत स्नान माघी पूर्णिमा के दिन बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त से संगम के 40स्नान घाटों पर शुरू हो चुका है। वैसे तो श्रद्धालु रात से ही लगातार स्नान कर रहे हैं। इस बार अखाड़े अलग से अमृत (शाही) स्नान नहीं कर रहे हैं, मान्यता के अनुसार हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अखाड़ों ने अंतिम और तीसरा शाही स्नान बसन्त पंचमी को पूर्ण कर सभी अखाड़े के नागा, संन्यासी वाराणसी में पहुंच कर काशी विश्वनाथ की जय-जय कार कर रहे हैं। इस अमृत स्नान में अखाड़ों से जुड़े प्रमुख लोग ही महाकुम्भ में उपस्थित हैं। उनके तीन अमृत स्नान बसन्त पंचमी को ही पूर्ण हो चुके हैं।

महाकुंभ 2025 में पहली बार यह देखा जा रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं। देश के कोने-कोने से यहां पहुंचे अलग-अलग वेशभूषा, बोलचाल, रंग-ढंग के लोगों ने भावनात्मक एकता का शानदार परिचय दिया। माघी पूर्णिमा के दौरान प्रयागराज की सर्दी श्रद्धालुओं की आस्था के आड़े न आ सकी। आधी रात से संगम में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए जुटने लगे थे।

महाकुम्भ में मंगलवार तक 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के अमृत स्नान का रिकार्ड कायम हो चुका है। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध 29 जनवरी के मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद चौथे अमृत स्नान में मेला प्रशासन सर्तकता बरत रहा है। मेला प्रशासन ने चौथे अमृत स्नान के लिए स्पेशल प्लान बनाया है। इसमें सभी श्रद्धालुओं के लिए वनवे रूट रहेगा। पांटून पुलों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी। त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और बैरिकेड तैनात कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी कर दी गई है।

श्रद्धालुओं को संगम या अन्य घाटों तक पहुंचने में दिक्कत ना हो, इसके प्रबंध किए गए हैं। प्रभावी पेट्रोलिंग के लिए मोटर साइकिल दस्ते तैनात किए गए हैं। प्रमुख चौराहों और डायवर्जन प्वाइंट्स के बैरियर पर सीएपीएफ और पीएसी का इंतजाम किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से वन वे रूट तैयार किया गया है। इसके अलावा पांटून पुलों पर मेले में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए, इसका भी विशेष इंतजाम किया गया है। सबसे खास बात ये है कि त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाए जा रहे हैं, जहां वरिष्ठ अधिकारी भी टीम के साथ तैनात रहेंगे। बैरिकेडिंग की संख्या भी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी रहेगी। 56 क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) की तैनाती की गई है।

महाकुम्भ के प्रमुख स्नान माघी पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं एवं प्रयागराजवासियों की सुविधा हेतु यातायात योजना बनाई गयी है ताकि प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं का स्नान सुगम तरीके से संपन्न हो और साथ ही नगर में किसी प्रकार की बाधा ना उत्पन्न हो। मेला क्षेत्र में आज आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के अलावा संपूर्ण मेला क्षेत्र में वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। जो श्रद्धालु बाहर से प्रयागराज आये हैं, उनके वाहनों को संबंधित रूट की पार्किंग में ही पार्क कराया जा रहा हैं। इसमें आवश्यक और आकस्मिक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट हैं।प्रयागराज नगर एवं मेला क्षेत्र में प्रमुख स्नान को देखते हुए 11 फरवरी को शाम 5 बजे के बाद नगर क्षेत्र में नो वाई व्हीकल जोन लागू है।यह यातायात व्यवस्था 12 फरवरी को मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं के चले जाने तक लागू रहेगी, प्रयागराज नगर एवं मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश तथा निकासी पर उपरोक्त प्रतिबंध कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू रहेगा।

मेला प्राधिकरण ने सभी श्रद्धालुओं एवं नगरवासियों से आग्रह है कि महाकुम्भ हेतु बनायी गयी इस व्यवस्था को सफल बनाने हेतु नियमों का पालन करें तथा व्यवस्था को बनाये रखने में सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की है।
महाकुम्भ : हर-हर गंगे, हर-हर महादेव के जयकारे के साथ शुरू हुआ माघी पूर्णिमा का स्नान
महाकुम्भ नगर। माघी पूर्णिमा की पावन बेला की शुभ घड़ी का शुभारम्भ होते ही हर-हर गंगे, हर-हर महादेव के जयकारे के साथ बुधवार की अल सुबह से स्नान शुरू हो गया। कल्पवासी, साधु-संत समेत सभी श्रद्धालु ऐसे पावन अवसर पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे है। पतित पावनी मां गंगे, यमुना एवं अन्त:सलीला अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के सभी घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धाल स्नान कर रहें है। ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस लिए इस पुण्य का लाभ अर्जित करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है। माघ की पूर्णिमा के दिन अन्न, धन, तिल, गुड़ और घी का दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। श्रद्धालुओं से लगातार घाट खाली करने की जा रही अपील प्रयागराज महाकुम्भ में 144 वर्ष के बाद आए ऐसी पावन अवसर पर संगम के सभी घाटों पर कल्पवासी, साधु संत एवं श्रद्धालु स्नान करने के बाद दान अन्न, धन,तिल, गुड़ आदि का दान कर रहें है।सुरक्षा के मद्देनजर संगम के सभी घाटों पर जल पुलिस, एनडीआरएफ, गोताखोर सहित सभी मुस्तैदी से स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं से घाट खाली करने के लिए लगतार अपील कर रहें है। आईसीसीसी सेन्टर से हर पल की जा रही निगरानी महाकुम्भ डीआईजी वैभव कृष्ण, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी, मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द, अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी समेत सभी अधिकारी लगातार सुरक्षा को लेकर मेला क्षेत्र में की निगरानी में लगे हुए है। आईसीसीसी सेन्टर से हर पल की निगरानी की जा रही है।
जेएनयू से आए प्रतिनिधिमंडल ने कुंभ अध्ययन कार्यक्रम को सराहा

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के महाकुंभनगर के सेक्टर 7 में स्थित दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से आए अनुसंधान दल ने कुम्भ अध्ययन प्रमाण पत्र कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की। जेएनयू से प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर्स का एक दल प्रयागराज में कुंभ की आयोजन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर शोध करने के लिए प्रयागराज पहुंचा है। इसी क्रम में मुक्त विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर पहुंचने पर शिविर के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह भदौरिया ने दल के सदस्यों का स्वागत किया तथा उन्हें कुंभ अध्ययन में प्रमाण पत्र कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

डॉ भदौरिया ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय ने जनवरी 2025 सत्र से कुंभ अध्ययन प्रमाण पत्र प्रारंभ किया है जिसका उद्देश्य देश की अधिकाधिक आबादी को कुंभ के महत्व के बारे में बताना है। मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर जनवरी सत्र में प्रवेश लेने वाले शिक्षार्थियों के लिए मात्र ?500 में प्रवेश की सुविधा प्रदान की है। इस कार्यक्रम के आधिकाधिक प्रचार प्रसार के लिए महाकुंभ क्षेत्र के सभी सेक्टरों में विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त किए गए कुंभ गाइड कोर्स से संबंधित पर्चा वितरित कर रहे हैं। जिससे इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने वालों का रुझान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

डॉ भदौरिया ने प्रतिनिधिमंडल को इस कार्यक्रम की विशेषता बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में कुंभ से संबंधित पौराणिक आख्यान, सामाजिक समरसता और कुंभ, कुंभ और ज्ञान परंपरा, उत्तर प्रदेश सरकार का उत्तम प्रबंधन एवं योजनाएं, दिव्य, भव्य तथा डिजिटल कुंभ, आस्था और आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र, साधु संतों एवं अखाड़ों का अमृत स्नान, प्रयाग की महिमा, गंगा की महिमा, माघ मास का महत्व तथा दर्शनीय स्थलों के साथ आकर्षक पंडालों में धार्मिक प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला का वर्णन प्रस्तुत किया गया है। प्रवेश के उपरांत शिक्षार्थियों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई उच्च कोटि की पाठ्य सामग्री की सराहना प्रदेश की राज्यपाल भी कर चुकी हैं।

जेएनयू से आए प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित इस कोर्स की सराहना की। प्रतिनिधि मंडल में प्रोफेसर बिन्दु मंगला, प्रोफेसर अन्नू सिंह, डॉ रिचा सिंह तथा शोध छात्राओं शैलजा जिंदल लतिका अग्रवाल निपासी त्यागी, शैली त्यागी, गरिमा त्यागी आदि ने दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर द्वारा उनके शोध कार्य में सहायता करने पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित करेंगे। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा. प्रभात चंद्र मिश्र ने दी।

सत्य एवं न्याय के ओतप्रोत अच्छे विचार एवं उत्तम संस्कार से मनुष्य किसी भी स्थल को स्वर्ग बना सकता : राजेश

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। सत्य एवं न्याय के ओत प्रोत अच्छे विचार एवं उत्तम संस्कार से मनुष्य किसी भी स्थल को स्वर्ग बना सकता है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने अपने प्रियजनों के बीच कौंधियारा विकास खण्ड प्रयागराज के देवरा ग्राम पंचायत के पटपर में स्थित प्रभू पटलेश्वर महादेव के समीप तमसा नदी(टोंस)के जल प्रपातों के समीप कही।गौरतलब हो जिला मंत्री अपने प्रियजनों के साथ तमसा नदी(टोंस) में प्राकृतिक रुप से बने जल प्रपातों को देखने एवं प्रभू पटलेश्वर महादेव के दर्शन हेतु कौंधियारा विकास खण्ड प्रयागराज के देवरा ग्राम पंचायत के पटपर में पधारे हुए थे।

जल प्रपातों एवं वहाँ के परिदृश्यों को देखने के पश्चात जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह स्थल स्वर्ग के समान है क्योंकि अत्यन्त हरे भरे वादियों से घिरा यह स्थल बहुत ही रमणीक एवं अत्यन्त सुन्दर है।इस स्थल पर तमसा(टोंस) दो धाराओं में बटकर बह रही हैं और मध्य स्थल का भूभाग पहाड़ी चट्टानों से घिरा है।दोनों ही धाराओं की तरफ बड़े-बड़े चट्टानों से टकराकर गिरते जल से बने जल प्रपातों का दृश्य मन को गहराइयों से छू लेता है।साथ ही साथ इसके तट पर स्थित प्रभू पटलेश्वर महादेव का मंदिर बहुत ही सुन्दर एवं धर्म आस्था का केन्द्र है परन्तु बड़े ही खेद का विषय है इतने सुन्दर,रमणीक एवं धर्म आस्था के केन्द्र पर अभी सरकार की नजर नही पड़ी है।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि वे इस क्षेत्र के स्थानीय नेताओं एवं समाजसेवियों से यह गुजारिश करते हैं कि इस स्थल का वीडियो एवं फोटो सरकार तक पहुंचाए और वे स्वतः भी इस स्थान को स्वर्ग बनाने में अपना योगदान देते रहेगें।

जिला मंत्री ने आगे यह भी बताया कि यह स्थल प्रयागराज के तीन विकास खण्डों को भी जोड़ता है।एक तरफ करछना एवं कौंधियारा विकास खण्ड तो दूसरी ओर मेजा विकास खण्ड।इस स्थल का सही से नवीनीकरण कराया जाए तो यह किसी स्वर्ग से कम नही।जिला मंत्री ने आगे कहा कि सत्य एवं न्याय के ओतप्रोत अच्छे विचार एवं उत्तम संस्कार से मनुष्य किसी भी स्थल को स्वर्ग बना सकता है।जिला मंत्री ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि अच्छे संस्कार ही अच्छे विचारों को जन्म देते हैं,अच्छे विचार एवं उत्तम संस्कार ही धरती पर स्वर्ग उत्पन्न कर देते हैं।जिला मंत्री ने आगे अपने प्रियजनों से पटलेश्वर महादेव के जोर जोर हर हर महादेव के नारे लगवाए।इस दौरान जिला मंत्री के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,शिक्षाविद पं० पारस नाथ पाठक,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी एवं शिक्षाविद जोखू लाल पटेल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

माघी पूर्णिमा स्नान पर मेला क्षेत्र एवं शहर को घोषित किया नो व्हीकल जोन
महाकुम्भ नगर। माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र को मंगलवार भोर से नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन एवं सुरक्षित स्नान कराने के लिए मेला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया है।

रूट की पार्किंग में पार्क कराया जायेगा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुचारू रूप से श्रद्धालुओं का स्नान सम्पन्न कराने के लिए 11 फरवरी की सुबह 4 बजे से आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के अतिरिक्त सम्पर्णू मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।प्रयागराज शहर में महाकुम्भ स्नान हेतु बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को 11 फरवरी को प्रातः 4 बजे के पश्चात संबंधित रूट की पार्किंग में पार्क कराया जायेगा। उक्त व्यवस्था में आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी।

आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी

श्रद्धालुओं के प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन एवं स्नान के दृष्टिगत प्रयागराज शहर में दिनाँक 11 फरवरी को सायंकाल 5 बजे के बाद नो व्हीकल जोन लागू कर दिया जाएगा। उक्त व्यवस्था में आवश्यक एवं आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को छूट रहेगी।उपरोक्त यातायात व्यवस्था माघपूर्णिमा स्नान पर्व 12 फरवरी को मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं के सुगमतापूर्वक निकासी तक लागू रहेगी।प्रयागराज शहर एवं मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश तथा निकासी पर उपरोक्त प्रतिबंध कल्पवासियों के वाहनों पर भी लागू रहेगा।

महाकुम्भ में सुबह 08 बजे तक 49.68 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज महाकुम्भ में त्रिवेणी के पावन तट पर पुण्य अर्जित करने के लिए माघपूर्णिमा से पूर्व श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है। पतित पावनी मां गंगे,यमुना एवं अन्त:सलीला सरस्वती के पावन संगम में मंगलवार सुबह 08 बजे तक 49.68 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को जल पुलिस, गोताखोर, एनडीआरएफ एवं पुलिस के जवान लगातार सावधान करने में जुटे हुए हैं।

कल्पवासी और 39.68 लाख तीर्थयात्री अब तक दौरा किया

अपर मेलाधिकारी महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पतित पावनी मां गंगे, यमुना एवं अन्त:सलीला सरस्वती के पावन संगम में श्रद्धालु लगातार आस्था की डुबकी लगा रहें है। मंगलवार सुबह 08 बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासी और 39.68 लाख तीर्थयात्री अब तक दौरा किया । इस तरह महाकुम्भ में मकर संक्राति से 10 फरवरी तक 44.74 करोड़ से ज्यादा से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। ऐसे पावन अवसर पर पुण्य अर्जित करने के लिए श्रद्धालुओं का लगातार रेला उमड़ा हुआ है।

मेला क्षेत्र में बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी के निर्देश पर श्रद्धालुओं को सुगम यातायात और सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र में बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी है। संगम के सभी घाटों पर लगातार पुलिस के जवान श्रद्धालुओं से अपील कर रहें है कि स्नान करके घाट दूसरों को मौका देने के लिए खाली करके अपने गंतव्य के लिए रवाना हो। हालांकि मेला क्षेत्र में आकस्मिक सेवा अग्निशमन के दमकल गाड़ियां, एम्बुलेंस तथा पुलिस के वाहनों के अतिरिक्त कोई वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
प्रयागराज महाकुंभ पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु,त्रिवेणी संगम में लगाएंगी आस्था की डुबकी

महाकुंभनगर (प्रयागराज)। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को प्रयागराज की पावन धरा पर त्रिवेणी संगम में पावन स्नान करेंगी। वो इसकी भव्यता व दिव्यता की साक्षी बनने संगम पहुंच गई हैं। त्रिवेणी संगम पर राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। इसके पूर्व प्रयागराज पहुंचने पर उनका राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रियों ने भव्य स्वागत किया गया। वो आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी और इस दौरान संगम स्नान के साथ ही यहां अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी।

त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी

राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मु सुबह संगम नोज पहुंचकर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी। मां गंगा, यमुना और अन्त:सलीला सरस्वती के संगम में राष्ट्रपति आस्था की डुबकी लगाकर सनातन आस्था को मजबूत आधार देंगी। देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण होगा। गौरतलब है कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसके उपरांत धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है। इसके अलावा वो बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना कर देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति समर्थन देंगी।

वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी

वे डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का अवलोकन करेंगी। यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस अद्भुत आयोजन को और अधिक निकटता से अनुभव करने के लिए स्थापित किया गया है। राष्ट्रपति शाम शाम पौने छह बजे प्रयागराज से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायी क्षण होगा। उनकी उपस्थिति से महाकुम्भ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को एक नई ऊंचाई मिलेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संगम में लगाई डुबकी

महाकुम्भ नगर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सपरिवार सोमवार को पवित्र संगम में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया और प्रभु से समस्त प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।महाकुम्भ के पावन अवसर पर दो दिवसीय दौरे पर धामी रविवार को प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महाकुम्भ को आस्था का महासंगम करार दिया और कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि यह महाकुम्भ हमारे युग में आया है।

महाकुंभ को आस्था का महासंगम करार दिया

उन्होंने महाकुम्भ के भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा की। रविवार को उन्होंने कई कार्यक्रमों में उपस्थित हुए।इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को आस्था का महासंगम करार दिया। उन्होंने भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड पवेलियन का भी निरीक्षण किया। साथ ही वह सेक्टर 8 में आयोजित ज्ञान महाकुंभ’ में भी हिस्सा लेने पहुंचे।

*NGIT को मिला बेस्ट कंप्यूटर इंस्टिट्यूट अवार्ड*

गुफरान खान

 

प्रयागराज- नेशनल जीनियस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NGIT) ने नया कीर्तिमान रच दिया है। शहर के प्रतिष्ठित संस्थान NGIT को RGCSM स्किल समिट में बेस्ट कंप्यूटर इंस्टिट्यूट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह भव्य आयोजन हरिद्वार में हुआ, जहां RGCSM के चेयरमैन डॉ.के.पी सिंह और डॉ.सतीश पुनिआ ने यह सम्मान सौंपा। 

पिछले छह वर्षों से NGIT प्रयागराज में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सैकड़ों छात्र सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। आधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन में यहां छात्रों को कंप्यूटर और स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाती है, जिससे वे रोजगार योग्य बन सकें।संस्थान के निदेशक जावेद सिद्दीकी ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे पूरे NGIT परिवार की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य युवा पीढ़ी को डिजिटल युग की जरूरतों के अनुरूप दक्ष बनाना है।

इस उपलब्धि पर शहर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों, बुद्धिजीवियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तिय श्री नारायण यादव, रवि मिश्र, तंजीम अहमद, अनुराधा, सुरेश सिंह जी ने NGIT परिवार को शुभकामनाएँ दीं। NGIT ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रयागराज में कंप्यूटर शिक्षा का पर्याय अब NGIT बन चुका है।

यमुनानगर में अप्रशिक्षित चला रहे अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर,विभाग मौन, नहीं हो रही कार्यवाही

विश्वनाथ प्रताप सिंह,कोरांव ,मेजा,प्रयागराज समस्त यमुनानगर में अप्रशिक्षित चला रहे अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर, विभाग मौन बना हुआ,नहीं कर रहा कोई कार्यवाही। जटिल व गंभीर बीमारियों के इलाज की दशा व दिशा तय करने में वैज्ञानिक, प्रमाणिक व तकनीकी स्रोत माने जाने वाला अल्ट्रासोनोग्राफी, यहां मरीजों की जान से खेलने का अच्छा साधन साबित हो रहा है। अल्ट्रासाउंड यानि सोनोग्राफी सेंटरों की मनमर्जी बेखौफ व बदस्तूर जारी है। दरअसल विभाग की कृपा से अब तक यमुनानगर के मेजा, करछना, कौंधियारा, कोराव, में यह प्रतिष्ठित व महत्वपूर्ण पेशा, अब आम तौर पर अगाध कमाई व लोगों की जान से खेलने का धंधा साबित हो रहा है।

मेजा में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मानक का पालन नहीं हो रहा। केंद्र बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही चल रहे हैं। अप्रशिक्षित कर्मचारी अल्ट्रासाउंड केंद्र को चला रहे है। चर्चा है कि रिपोर्ट भी सही नही दे रहे है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कभी जांच पड़ताल नही करते है। बिना रेडियोलॉजिस्ट के चल रहे। इन सेंटरों में आशा बहुओं की भी अच्छी सेटिंग रहती है। आशा बहुओ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र न भेजकर कमीशन के चक्कर मे झोलाछाप डॉक्टरों के पास भेज देते है। इन सेंटरों में भ्रूण हत्या का कार्य भी चलता है।आम लोगों की जिंदगी के सवाल से जुड़े मसले पर विभागीय स्तर पर गंभीरता नहीं।

अल्ट्रासोनोग्राफी की मरीज को तभी जरूरत होती है जब सामान्य इलाज से मर्ज ठीक नहीं होता। ऐसे में डाक्टर रोग की गंभीरता व जटिलता का वैज्ञानिक व प्रमाणिक ढंग से पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड कराते हैं। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के आधार पर डाक्टर कई गंभीर प्रकृति के ऑपरेशन भी करते हैं। लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर सेंटरों पर अप्रशिक्षित लोग जब मरीजों का अल्ट्रासाउंड कर अपना हाथ साफ करने लगे तो क्या होगा। लेकिन यहां अधिकांश सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड के नाम पर यही हो रहा है। मोटा कमीशन के चक्कर में कई डाक्टर सच्चाई जानने के बावजूद भोले भाले मरीजों को आर्थिक दोहन के लिए ऐसे सेंटरों में बिना जरूरत भी भेजकर अपनी जेब गरम करते हैं।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का महाकुंभ नगर में भव्य स्वागत

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के तीर्थराज प्रयागराज आगमन पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उनका आत्मीय स्वागत किया।

इस दौरान महाकुंभ की दिव्यता, श्रद्धालुओं की सुविधा और आयोजन की भव्य तैयारियों पर चर्चा हुई।

राज्यपाल महोदय परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां उन्हें पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आध्यात्मिक चिंतन, भारतीय संस्कृति, गंगा संरक्षण और वैश्विक शांति के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। पूज्य स्वामी जी ने महाकुंभ को मानवता के उत्थान का महोत्सव बताते हुए संत परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला।

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने राज्यपाल को महाकुंभ में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक प्रबंधों से अवगत कराया। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं और आध्यात्मिक आयोजनों के सुचारू संचालन पर विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने महाकुंभ की अलौकिक अनुभूति को अविस्मरणीय बताते हुए आयोजन की भव्यता और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की।

राज्यपाल ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरव बताते हुए कहा कि यह आयोजन संपूर्ण विश्व को शांति, एकता और सेवा का संदेश देता है।