पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 57वीं पुण्यतिथि पर राजनीति विज्ञान विभाग में विशेष व्याख्यान का आयोजन
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गोरखपुर, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 57वीं पुण्यतिथि के अवसर पर "उनके जीवन एवं विचार" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता एवं विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के प्रमुख निर्माता थे। उनका उद्देश्य स्वतंत्रता के उपरांत भारत के पुनर्निर्माण के लिए एक विशुद्ध भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करना था। उन्होंने एकात्म मानववाद की विचारधारा दी, जो भारतीय सनातन परंपरा और आधुनिक आवश्यकताओं का समन्वय करती है।
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का चिंतन भारतीय समाज की मौलिक आवश्यकताओं और सनातन संस्कृति की जड़ों से जुड़ा हुआ था। उन्होंने "वसुधैव कुटुम्बकम्" के सिद्धांत को व्याख्यायित करते बताया कि भारतीय सभ्यता में सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त हैं और भारत की संस्कृति संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणास्रोत रही है। उन्होंने संस्कृति को व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के मूल विचारों, आचार-व्यवहार, कला-कौशल और सभ्यता की अभिव्यक्ति बताया। प्रो राजेश कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार की नीतियां दीनदयाल जी के अंतोदय की विचार से प्रेरित है। दीनदयाल जी का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का कल्याण था, न कि केवल व्यक्तिवाद या पूंजीवाद का पोषण।
इस कार्यक्रम में प्रो. रजनीकांत पांडे, प्रो. गोपाल प्रसाद, प्रो. रूसीराम महानंदा, डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम में सहभागिता की।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. महेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Feb 11 2025, 19:16