भिक्षाटन के रूप में स्वच्छता का संकल्प व वचन ले रहे हैं :सरदार पतविंदर सिंह

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। गंगा-यमुना एवं उसके घाट तट को स्वच्छ रखने का संकल्प के रूप में वचन ले रहे हैं आए हुए महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं से बताते चलें पिछले 35 वर्षों से माघ मेला,अर्ध कुंभ,कुंभ,अब महाकुंभ म भी सरदार पतविंदर सिंह भिक्षा के रूप संकल्प-वचन घाट में बैठकर मांग रहे हैं गंगा और यमुना में हो रहे प्रदूषण को लेकर सरदार पतविंदर सिंह महाकुंभ मेले में घूम घूमकर प्ले कार्ड में स्लोगन लिखकर सामाजिक कार्य अपने सहयोगियों के साथ कर रहे हैं।

सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि पैसे नहीं बल्कि गंगा-यमुना और उनके तट को स्वच्छ रखने की मांग करते हैं उन्होंने कहा कि ना पैसा- ना कोई मूल्यवान वस्तु मुझे चाहिए आपसे वचन व संकल्प केअभिलाषी हैं। सरदार पतविंदर सिंह ने लोगों से कहा कि धर्म की नगरी में पान,गुटखा,तंबाकू का नशा ना करें ।भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने पिछले 35 वर्षों से मतदाता जागरूकता अभियान चलाते हुए।

क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने मतदाताओं को जागरूक करने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी पिछले 35वर्षों से देश के विभिन्न कोने में भ्रमण कर मतदाताओं को जगाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर से मतदान अवश्य करें,लोकतंत्र मजबूत करें का संदेश विभिन्न माध्यमों से दिया जैसे भिखारियों के साथ, विभिन्न धार्मिक स्थलों के प्रांगण में बैठकर मतदाताओं को प्रेरित,मतदाताओं की चरण पादुका साफ कर,मतदाताओं के चरण धोकर,अपने अर्धनग्न शरीर पर सूक्ति वाक्य लिखकर,दीवार लेखन,चौपाल लगाकर,नंगे पांव पद यात्रा,सब से आश्चर्यजनक बात मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अपने मुंह पर कालिख पोतने में भी रच मात्र संकोच नहीं किया मतदाताओं के बीच में भ्रमण करते रहे,जूते-चप्पलों की माला पहन कर,गधे पर सवार होकर भ्रमण,मतदाताओं (युवाओं) के चरण पादुका हाथों में सजो कर( एक कदम-मतदान की ओर)बस एक ही उद्देश्य रहा कि मतदाता-मतदान प्रतिशत बढ़ जाए,जागरूकता के लिए कभी किसी से आर्थिक सहयोग नहीं लिया,पिछले 35वर्षों से मतदाता जागरूकता जैसे आदि सामाजिक कार्य देशभर में किए।

अविस्मरणीय है सरदार पतविंदर सिंह का देश प्रेम प्रयागराज सहित देश में अपनी प्रतिभा के कारण सामाजिक क्षेत्र के बीच लोकप्रिय सरदार पतविंदर सिंह पुत्र श्री स्वर्गीय भूपेंद्र सिंह ने अपने जीवन के बाल्यवस्था,युवावस्था की बसंत पूर्ण कर लिए,प्रयागराज अरैल तहसील के गुरु नानक नगर में जन्मे,दिखावे और पक्षपात से दूर सरल स्वभाव के धनी,सादा जीवन उच्च विचार के हिमायती सरदार पतविंदर सिंह सशक्त समाज सेवी हैंl सरदार पतविंदर सिंह से जब भी कोई मिलता है तो ना जाने क्यों देशभक्ति की धारा अंकुरित हो जाती है सुदूर आयोजनों में भी अपनी उपस्थिति ना केवल दर्ज कराते हैं बल्कि वहां अपनी अमिट छाप छोड़ कर भी आते हैं यह कभी ना थकने वाले,कभी न झुकने वाले,अपनी मंजिल तक पहुंचकर ही रुकने वाले सरदार पतविंदर सिंह कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं और वह सदैव सरल स्वभाव और सदैव सुलभ रहते हैं जिसका प्रभाव आज भी यहां के आबोहवा में देखने को मिल रहा है या परिलक्षित हो रहा है।

सरदार पतविंदर सिंह की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि वे स्वयं महत्वकांक्षा से रहित रहकर दूसरों को महत्व प्रदान करते हैं निजी पहचान बनाने की लालसा से दूर रहकर अपने आसपास जुड़े लोगों को महत्त्व प्रदान करने में रुचि रखते हैं जो इनको आम से खास बनाती है बाल्यवस्था से ही नियमित सामाजिक जागरूकता के कार्यों के कार्य सदैव राष्ट्रप्रेम और जन जागृति की अलख जगाते रहते हैं सामाजिक सेवा में सदैव राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर निर्लिप्त भाव से जो सेवा कर रहे हैं वह अविस्मरणीय हैंl मानव समाज को समृद्धिशाली बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैंl प्रयागराज का ऐसा सिख जो(भिक्षा) मांग कर लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान कर रहा हैl विश्व में एक ऐसा सिख(सरदार पतविंदर सिंह 9335357034)जो पिछले 35 वर्षों से मांग रहा है भिक्षा।

भारत देश के उत्तर प्रदेश प्रांत जिला प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में रहने वाले एक सिख जो पिछले 35वर्षों से देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों,प्रमुख चौराहों पर भिक्षा मांगते देखा जा सकता है उनका भिक्षा मांगने का तरीका एकदम अलग और अनोखा हैl सिख(सरदार पतविंदर सिंह 9335357034)देशभक्ति से लबालब बचपन से ही समाज में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करने का कार्य करने वाले संपन्न घराने से ताल्लुक रखने वाले को ऐसा जुनून चढ़ा देशभक्ति का,की भिक्षा मांगने के मार्ग पर चल दियाl भिक्षा भी ऐसी कि अपना पेट या अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की भिक्षाlमतदान के गर्भ से ही सरकार का जन्म होता है हमें वचन देना चाहिए कि मतदान के प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी जरूर करेंगे।

देश के लोकतंत्र के गर्भ(मतदान) मे सबको भागीदारी लेनी जरूरी हैl भिक्षा मांगते मांगते इस सिख को पता ही नहीं चला अब तक लोकतंत्र के कितने ही (उत्सव महापर्व) बीत गए समय के चक्र के साथ ही इस सिख युवक का बचपन,जवानी बीत गई और वृद्धावस्था की ओर अग्रसर हो गए किंतु आज भी भिक्षा मांगना नहीं छोड़ाl भिक्षा मांगने के कारण ही इन्होंने विवाह नहीं किया उन्होंने बताया कि पता नहीं अर्धांगिनी कैसी आए जिसे भिक्षा मांगना अच्छा ना लगे और देश भक्ति की मुहिम लोकतंत्र को मजबूत करने की जन जागरूकता अधूरी ना रह जाए इसलिए विवाह व सांसारिक बंधन से मुक्त रहना ही उचित समझाl

इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है :जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने अपने प्रिय मित्र समाजसेवी राजेन्द्र प्रताप सिंह(छोटकऊ) टिकरी माण्डा मेजा प्रयागराज से विकास खण्ड मेजा प्रांगण के परिसर में कही।स्पष्ट कराते चले कि जिला मंत्री एवं समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) के बीच बहुत ही पुराने मैत्रिक एवं घनिष्ठतम पारिवारिक सम्बन्ध हैं।दोनों ही सम्भ्रान्त जनों के बीच बहुत ही गहरा लगाव है यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि दोनों ही सम्भ्रान्त जन दो जिस्म एक जान हैं।

आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि इंसानियत ही इन्सान का सबसे बड़ा धर्म है क्योंकि कोई इन्सान तभी सच्चा इन्सान कहलाने का हकदार है जब उसके रक्तधमनियों में इंसानियत के पुष्प प्रवाहित हो रहे हो।एक इन्सान का परम कर्तव्य है कि वह दूसरे इन्सान की जरुरत के समय यथासम्भव मदद करें जितना वह आसानी से कर सकता है।डूबते को बचाना,भूले भटके को राह दिखाना,गरीब असहाय व्यक्तियों की मदद करना एवं अन्याय के विरुद्ध सदैव तटस्थ रहकर लोगों की मदद करना ही असली इंसानियत है।जिला मंत्री ने आगे कहा कि समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) निहायत ही ईमानदार व्यक्तित्व के धनी हैं एवं गरीब दुखियारों की सदैव मदद के लिए तत्पर रहते हैं और साथ ही साथ भूले भटकों को राह दिखाना एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ना ही अपना मूल धर्म समझते हैं ।

जो इंसानियत की मूल निशानी है एवं समाजसेवी श्री सिंह(छोटकऊ) में इंसानियत कूट-कूट कर भरी है।जिला मंत्री ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि इन्सान होकर भी इंसानियत न जाना वह मनुष्य पशु के समान है,इंसानियत ही इन्सान की असली आन बान एवं शान है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी मिथिलेश पाण्डेय ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा इंसानियत की विवेचना बहुत ही सुन्दर एवं सत्यमय वाणी में वर्णित किया गया है।वास्तव में बिना इंसानियत के इंसान के जीवन का कोई अर्थ नही है।इस साहित्यिक परिचर्चा के दौरान जिला मंत्री के साथ वरिष्ठ समाजसेवी मिथिलेश पाण्डेय,समाजसेवी राजेंद्र प्रताप सिंह(छोटकऊ),समाजसेवी एवं नलकूप मिस्त्री जन्मंजय प्रजापति,बी०एस०एन०एल० टॉवर ऑपरेटर रामवृक्ष बिंद,बृजेश तिवारी,दिनेश पाल एवं बालेन्द्र पाल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री मणिपुर ने त्रिवेणी संगम में किया आस्था का स्नान, राष्ट्र की समृद्धि के लिए की प्रार्थना

विश्वनाथ प्रताप सिंह

महाकुंभ नगर। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आज त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया और इस अलौकिक क्षण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देने वाला अनुभव बताया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाते हुए उन्होंने देश की शांति, एकता और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

स्नान के पश्चात मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कहा कि इस पावन संगम में खड़े होकर दिव्यता का आलिंगन होता है। इसका शीतल जल केवल शरीर को नहीं, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है और जीवन के समस्त बोझ हर लेता है।

इस शुभ अवसर पर उनके साथ मणिपुर सरकार के मंत्रीमंडल सहयोगी व विधायक भी उपस्थित रहे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सपरिवार संगम स्नान किया

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।सनातन संस्कृति के महापर्व महाकुंभ 2025 में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज सपरिवार आस्था, भक्ति और अध्यात्म के संगम में पुण्य स्नान किया। त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की।

महाकुंभ नगर आगमन पर उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मुख्यमंत्री सैनी का कुंभ कलश भेंट कर भव्य स्वागत किया और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उनका अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ केवल आस्था का संगम नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की जीवंत धरोहर है। यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रतीक है, जिसे आज पूरा विश्व देख रहा है और गौरव की अनुभूति कर रहा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस विराट आयोजन की भव्यता की सराहना करते हुए कहा कि महाकुंभ 2025 सनातन धर्म की दिव्यता और गौरवशाली परंपराओं का प्रतीक बनेगा ।

श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अमर कथा व शुक देव जी के जन्म वृतांत की कथा सुनाई

विश्वनाथ प्रताप सिंह

कोरांव क्षेत्र के अयोध्या ग्राम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अमर कथा व शुक देव जी के जन्म वृतांत श्री मद भागवत कथा में प्रसंग, महात्म गोकर्ण प्रसंग भक्ति, ज्ञान, वैराग्य प्रसंग की कथा सुनाई| अयोध्या ग्राम में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के दूसरे दिन बुधवार को कथा में अमर कथा व शुकदेव जी के जन्म वृतांत का वर्णन किया गया। कथा व्यास राधा प्रेस्ठ दास महाराज ने बताया कि हमें अपने जीवन में हमेशा सत्य पर अडिग रहना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक है।

अंत में मुख्य यजमान मनीराम शुक्ल श्रीमती कलावती देवी शुक्ल घनश्याम प्रसाद शुक्ल ने आरती उतार कर प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर भागवत में उपस्थित मुख्य अतिथि रोहणी प्रसाद शुक्ला(पूर्व प्रधानाचार्य), हरि प्रसाद दुबे, विजय लाल शुक्ला, बृजेश कुमार मिश्रा(मुन्ना) अधिवक्ता, सुनील दुबे, गोविन्द दास तिवारी, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला, ज्ञान कुमार शुक्ला, विजय पांडेय, विनय तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

भारतीय सनातन संस्कृति के तत्वों पर आधारित है विज्ञान:कमलेश मिश्रा

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। 22 वर्षों के अथक परिश्रम का परिणाम 2007 में नशा एवं संयुक्त राष्ट्र को प्रस्तुत किया शोध पत्र जनता का एक सदस्य जिसने ग्लोबल वार्मिंग के समाधानों के बारे में एक छोटा सा निष्कर्ष निकला है की प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की मदद से दक्षिणी ध्रुव को पिघलने से बचाया जा सकता है पृथ्वी की धुरी दक्षिणी ध्रुव के आवरण में अत्यधिक CO2 गैस बनने के कारण अत्यधिक गर्मी एवं सर्दी होती है बाहरी अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण का बल कम हो जाता है वह बल बनाकर हाइड्रोलिक दबाव लागू करके पृथ्वी का तापमान एवं सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को बाहरी अंतरिक्ष में छोड़ा जा सकता है बल का कोण 33 डिग्री होता है जिसमें छतरी की तरह काले पहिए घड़ी की विपरीत दिशा दाएं से बाऐ की ओर घूमती है ।

पृथ्वी के विपरीत अंतरिक्ष में विद्युत चुंबकीय बल को बनाकर बाहरी अंतरिक्ष में जो पृथ्वी के विपरीत है को छोड़ा जा सकता है केंद्रीय सीधी रेखा पॉइंट 33 परसेंट पृथ्वी दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के साथ यदि गोले का घूर्णन उत्तर से दक्षिण की ओर हो तो इसकी गति की ओर होनी चाहिए सूर्य की ऊर्जा का सदुपयोग करके पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग से बचाया जा सकता है मिश्रा जी के कथनानुसार कुंभ क्षेत्र में आए हुए श्रद्धालु जो 144 वर्षों के बाद लगा है प्रयागराज संगम तीर्थ स्थान पर वह दिव्य और भव्यता के साथ सनातन संस्कृति की धरोहर है क्योंकि जब सूर्य और बृहस्पति एवं चंद्र एक सीधी लाइन में आते हैं तो ऐसा योग बनता है जिसकी पुष्टि वैज्ञानिक आधार पर आंकी गई है जो थर्मल एनर्जी सूर्य को जल चढ़ाते हुए शरीर को प्राप्त होता है वह शरीर के दुर विकारों को नष्ट करता है सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में संचार करता है धीरे-धीरे पश्चिमी सभ्यता हमारी भारतीय संस्कृति के वैज्ञानिक पहलुओं को समझते हुए सनातन संस्कृति की ओर आकर्षित हो रही है पुराणों में अंकित स्वास्तिक एवं श्री यंत्र चिन्ह के भी वैज्ञानिक मायने हैं ऐसा कमलेश मिश्रा नेपाल के वक्तव्य द्वारा बताया गया।

दीवानी न्यायालय के स्थापना में हो रहें विलम्ब को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश


 विश्वनाथ प्रताप सिंह

कोरांव/तहसील कोरांव जनपद प्रयागराज से 80 किमी की दूरी पर स्थित है, जहां से मध्यप्रदेश की सीमा संलग्न है। तहसील कोरांव का आखिरी गांव हंडिया मानपुर है, जहां से मध्यप्रदेश की सीमा प्रारम्भ होती है। वहीं दूसरी ओर राजपूर जो मिर्जापुर से सटा हुआ है। इस प्रकार देखा जाय तो प्रयागराज में मुकदमा देखने के लिए 120 से 140 किलोमीटर का सफर वाद कारियों को पूरा करना पड़ता है।जिसको देखते हुए माननीय हाईकोर्ट ने वादकारियों को सुगम व सरल न्याय प्रदान करने के लिए जनपद प्रयागराज में हंडिया व कोरांव में दिवानी न्यायालय स्थापित करने का निर्णय लिया।

जिसका परिणाम रहा कि हंडिया में न्यायालय सुचारु रूप से न्यायिक कार्य प्रारम्भ हो गया।वहीं पांच वर्ष बीत जाने के वावजूद भी कोरांव में दिवानी न्यायालय की स्थापना नहीं हो सकीं जबकि कोरांव में दिवानी न्यायालय हेतु जमीन भी अधिग्रहण किया जा चुका है, फिर भी निर्माण कार्य अधर में ही लटक कर दम तोड़ रहा है।जिसका खामियाजा वादकारियों को भुगतना पड़ रहा है आएं दिन न्याय की आश लेकर जाते जरूर है। पर उन्हें तारिख से ही सन्तोष का सामना करना पड़ रहा है।जिसको लेकर वादकारियों ने और वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामा कांत तिवारी उर्फ बागी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तहसील कोरांव में दिवानी न्यायालय की स्थापना कराएं जानें की मांग की है।

महाकुम्भ की भव्यता देख योगी के कायल हुए गोवा के सीएम, विशेष ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। तीर्थराज प्रयागराज में महाकुम्भ-2025 का आयोजन हर दिन के साथ दिव्यता व भव्यता के नए सोपानों की ओर अग्रसर है। इस दिव्यता और भव्यता का साक्षी बनने पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं। इसी क्रम में गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गुरुवार को राज्य सरकार की 'मुख्यमंत्री देव दर्शन यात्रा योजना' के तहत पहली तीर्थयात्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर प्रयागराज के लिए रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने महाकुम्भ में हुई व्यवस्थाओं को लेकर जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 2025 विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित आध्यात्मिक आयोजन है। 40 करोड़ से अधिक लोग इसमें भाग ले रहे हैं, और इतने बड़े आयोजन की व्यवस्थाएं करना निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। योगी आदित्यनाथ जी ने इसे सफल बनाने के लिए शानदार व्यवस्थाएं की हैं। हम गोवा के तीर्थयात्रियों को इस पवित्र आयोजन में शामिल होने का अवसर प्रदान कर गर्व महसूस कर रहे हैं।

पीएम मोदी के विजन को सराहा, विरासत के साथ विकास को बताया जरूरी

मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विरासत भी, विकास भी" विजन की सराहना करते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए देश के विकास के लिए भी कार्य करना है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। हमें आने वाली पीढ़ियों को हमारी विरासत से परिचित कराते हुए विकसित के लक्ष्य की ओर बढ़ना होगा।"

तीर्थयात्रियों के लिए दो अतिरिक्त ट्रेनें 13 व 21 फरवरी को

उल्लेखनीय है कि कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से संचालित यह विशेष ट्रेन महाकुम्भ 2025 के लिए तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए निर्धारित तीन ट्रेनों में से पहली है। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के साथ समाज कल्याण मंत्री सुभाष फलदेसाई, गोवा भाजपा अध्यक्ष दामू नाइक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। महाकुम्भ 2025 के लिए तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए दो अतिरिक्त विशेष ट्रेनें 13 फरवरी और 21 फरवरी 2025 को मडगांव रेलवे स्टेशन से सुबह 8 बजे रवाना होंगी। प्रत्येक ट्रेन में 1,000 तीर्थयात्रियों के बैठने की सुविधा होगी। इतना ही नहीं, इसमें 18 से 60 वर्ष की आयु के बिना किसी चिकित्सीय समस्या वाले योग्य यात्री पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सीटें बुक करा सकते हैं। तीर्थयात्रियों ने इस आध्यात्मिक यात्रा को संभव बनाने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया।

.....कोट्स.......

"उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इतने बड़े महाकुम्भ के आयोजन के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का अभिनंदन करता हूं। 40 करोड़ से अधिक लोगों के लिए व्यवस्थाएं करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। गोवा सरकार की ओर से, हम उत्तर प्रदेश सरकार को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हैं।"

-डॉ. प्रमोद सावंत,

गोवा के मुख्यमंत्री

माँ आदिशक्ति अपने रौद्ररुप से भक्तों की रक्षा एवं दुष्टों का संहार करती हैं :जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। माँ आदिशक्ति अपने रौद्र रूप से भक्तों की रक्षा एवं दुष्टों का संहार करती हैं यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने अपने प्रियजनों के बीच माँ आदिशक्ति सवालख्खी देवी के प्रांगण सोरांव मेजा रोड प्रयागराज में कही। गौरतलब हो जिला मंत्री वसन्त पंचमी के दिन गंगा स्नानोंपरान्त माँ आदिशक्ति सवालख्खी देवी के दर्शन हेतु अपने प्रियजनों के साथ सोरांव मेजा रोड प्रयागराज पधारे हुए थे।जिला मंत्री माँ आदिशक्ति के महान भक्तों में से एक हैं।यहाँ तक कि जिला मंत्री द्वारा माँ आदिशक्ति के विभिन्न स्वरुपों पर स्वरचित संस्कृत में अनेकानेक श्लोक लिखे गए हैं जिन्हें जिला मंत्री के फेसबुक आई०डी० राजेश तिवारी मेजा पर देखा व पढ़ा जा सकता है।

माँ आदिशक्ति सवालख्खी के दर्शनोंपरान्त माता रानी के प्रांगण में जिला मंत्री ने अपने सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान अपने उद्बोधन में अपने प्रियजनों से कहा कि माँ आदिशक्ति अपने रौद्ररुप से भक्तों की रक्षा एवं दुष्टों का संहार करती है क्योंकि माँ आदिशक्ति का अवतरण ही भक्तों की रक्षा एवं दुष्टों के संहार हेतु ही हुआ है।इस पूरे संसार में ऐसी कोई शक्ति नही जो माँ आदिशक्ति पर विजय प्राप्त कर सके।यहाँ तक कि जब देवों एवं देवताओं पर कोई विपत्ति आती है तो वे भी माँ आदिशक्ति की स्तुति कर अपनी रक्षा हेतु प्रार्थना करते हैं और इनकी स्तुति से प्रसन्न हो माँ आदिशक्ति देवों एवं देवताओं पर दुष्ट राक्षसों द्वारा उत्पन्न की गई विपदाओं का नाश करते हुए दुष्टों का संहार करती हैं।इसलिए माँ को महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है।

जिला मंत्री ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि जिस व्यक्ति पर माँ आदिशक्ति की कृपा है उसे हरा पाना सम्भव नही,माँ आदिशक्ति का भक्त जला सकता है सत्यज्योति सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में यह कोई असम्भव नही।इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक परिचर्चा में माँ आदिशक्ति के महिमा के वर्णन के दौरान जिला मंत्री के साथ माँ सवालख्खी देवी के प्रमुख पुजारी योगेश दुबे,समाजसेवी हरिश्चन्द्र तिवारी,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,आचार्य प्रकाशानन्द महराज,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल एवं मातृभक्त रोहन सैनी सहित आस पास बहुत से भक्तगण मौजूद रहे।

आस्था की डुबकी लगाकर पीएम मोदी ने दिया एकता का संदेश

महाकुम्भ नगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता का संदेश दिया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया।

प्रयागराज आगमन पर मुख्यमंत्री योगी ने उनका स्वागत किया

पावन डुबकी लगाने से पहले प्रधानमंत्री ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान वह रुद्राक्ष की माला का जप करते भी नजर आए। मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए उन्होंने पावन डुबकी लगाई। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने गंगा पूजन और आरती भी की। इससे पूर्व प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने विधिवत किया पूजन अर्चन

त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत पू्जा अर्चना की। संगम में उतरने से पहले पीएम ने सबसे पहले आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर सूर्य को अर्घ्य दिया और तर्पण भी किया। संगम स्नान के बाद उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजन अर्चन भी किया।

बोट पर बैठकर वापस हैलीपैड की ओर रवाना हो गए

काले कुर्ते और भगवा पटके व हिमांचली टोपी पहने पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी में अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। इसके बाद उन्होंने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी। वहा मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उनका टीका लगाकर अभिनंदन किया। पूजन अर्चन के बाद पीएम मोदी, मुख्यमंत्री के साथ उसी बोट पर बैठकर वापस हैलीपैड की ओर रवाना हो गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष योग में किया स्नान

महाकुम्भ में जहां दुनिया भर के श्रद्धालुओं का समागम हो रहा है, वहां प्रधानमंत्री ने पावन डुबकी के माध्यम से पूरी दुनिया को एक भारत श्रेष्ठ भारत और वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। बुधवार को पीएम मोदी का संगम स्नान बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण रहा। इस दौरान विशिष्ट योग का भी संयोग रहा। दरअसल, बुधवार का दिन विशेष था, क्योंकि हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है और बुधवार को भीष्माष्टमी भी थी। गुप्त नवरात्रि पर जहां देवी पूजन किया जाता है तो वहीं, भीष्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने पुरखों का तर्पण और श्राद्ध भी करते हैं।

प्रयागराज पहुंचने पर सीएम योगी ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वह एमआई 17 हेलिकॉप्टर में बैठकर डीपीएस हेलिपैड पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत और अभिनंदन किया। यहां से प्रधानमंत्री अरैल घाट पहुंचे, जहां से विशेष बोट पर सवार होकर उन्होंने त्रिवेणी संगम का रुख किया। बोट पर उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री महाकुम्भ में की गई व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं के विषय में सीएम योगी से जानकारी लेते हुए भी दिखाई दिए। बोट से भ्रमण के दौरान पीएम ने त्रिवेणी संगम में मौजूद श्रद्धालुओं का भी अभिवादन स्वीकार किया।

पीएम की मौजूदगी में भी चलता रहा श्रद्धालुओं का स्नान

प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी जब त्रिवेणी संगम पहुंचे तब आम श्रद्धालु भी संगम स्नान कर रहे थे। पीएम मोदी के आगमन के बावजूद लोगों को स्नान करने से रोका नहीं गया था। वीवीआईपी मूवमेंट के बाद भी कहीं कोई गतिरोध उत्पन्न नहीं हुआ और एक तरह से पीएम मोदी और अन्य श्रद्धालुओं ने एक साथ ही त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई।

मोदी-मोदी के जयकारे गुंजायमान होते रहे

इससे श्रद्धालु भी प्रसन्न नजर आए और संगम तट पर लाखों लोगों की मौजूदगी में हर हर गंगे और मोदी-मोदी के जयकारे गुंजायमान होते रहे। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुम्भ में अब तक वीवीआईपी मूवमेंट के बावजूद श्रद्धालुओं को संगम स्नान में कहीं कोई दिक्कत नहीं आ रही है। इसी का नतीजा है कि मात्र 24 दिनों में अब तक 39 करोड़ श्रद्धालु संगम में पावन डुबकी लगा चुके हैं।

13 दिसंबर को पीएम मोदी ने की थी कई परियोजनाओं की शुरुआत

इससे पूर्व पीएम मोदी ने महाकुम्भ की शुरुआत से एक माह पूर्व 13 दिसंबर को प्रयागराज का दौरा किया था और 5500 करोड़ रुपए की 167 परियोजनाओं की सौगात दी थी। इसमें यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन और डेवलपमेंट के साथ-साथ आरओबी फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण की प्रमुख परियोजनाएं सम्मिलित थीं। इसके अतिरिक्त, स्थायी घाटों, रिवर फ्रंट, सीवरेज, पेयजल सुविधाओं के साथ विद्युत आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया था।

यही नहीं, पीएम मोदी ने अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर, भारद्वाज ऋषि आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर का भी शुभारंभ किया था। इन परियोजनाओं और कॉरिडोर के शुभारंभ का उद्देश्य न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ के अनुभव को यादगार बनाना था, बल्कि तीर्थराज प्रयागराज को प्रगति की नई दिशा दिखाना भी था।