स्टाम्प वादों की समाधान योजना: स्टाम्प वादों से मुक्ति का सुनहरा अवसर

गोरखपुर। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, जनपद गोरखपुर ने स्टाम्प वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक विशेष "स्टाम्प वाद समाधान योजना" लागू की है। इस योजना के तहत नागरिकों को मात्र 100 के आर्थिक दंड के साथ अपने स्टाम्प वादों का निपटारा करने का सुनहरा अवसर दिया जा रहा है।

क्या है स्टाम्प वाद समाधान योजना?

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा घोषित इस योजना के तहत स्टाम्प की कमी एवं उस पर लगने वाले ब्याज की राशि का भुगतान कर मात्र ₹100 अर्थदंड जमा करके स्टाम्प वाद से मुक्ति पाई जा सकती है। यह योजना 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी, जिसके बाद इस विशेष राहत का लाभ नहीं लिया जा सकेगा।

इस योजना का लाभ उन नागरिकों को मिलेगा जिनके नाम पर स्टाम्प वाद लंबित हैं। विशेष रूप से वे लोग, जिन्होंने स्टाम्प ड्यूटी का पूर्ण भुगतान नहीं किया है या जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है, वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपने मामलों का त्वरित समाधान कर सकते हैं।

गोरखपुर के उपमहानिरीक्षक स्टाम्प की अपील

गोरखपुर के उपमहानिरीक्षक स्टाम्प, मनोज कुमार शुक्ल ने बताया कि यह योजना सरकार द्वारा नागरिकों को राहत देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री करने वाले लोग एवं अन्य संबंधित व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाकर स्टाम्प वादों से शीघ्र मुक्ति पा सकते हैं।

कैसे करें आवेदन?

योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति गोरखपुर स्थित स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेज एवं शुल्क जमा कर वे अपने स्टाम्प वादों का निपटारा कर सकते हैं।

समाप्ति तिथि का रखें ध्यान!

स्टाम्प वाद समाधान योजना 31 मार्च 2025 तक ही मान्य है। अतः नागरिकों से अपील की जाती है कि वे समय रहते इस योजना का लाभ उठाएं और अनावश्यक कानूनी प्रक्रिया से बचें

यह समाधान योजना उन नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो स्टाम्प वादों से जुड़े कानूनी मामलों का त्वरित समाधान चाहते हैं। केवल ₹100 के अर्थदंड और बकाया शुल्क जमा कर इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। अतः जिनके पास लंबित स्टाम्प वाद हैं, वे जल्द से जल्द स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से संपर्क करें और इस सरकारी राहत योजना का पूरा लाभ उठाएं।

धूल प्रदूषण से जानलेवा बने ईंट भट्ठे की एसडीएम से शिकायत

खजनी गोरखपुर। इलाके के नैपुरा गांव के निवासी जयनाथ चौबे ने उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उनके गांव नैपुरा की ओर जाने वाले संपर्क मार्ग पर बने ईंट भट्ठों के कारण वाहनों के आवागमन से अथवा तेज हवा चलने पर धूल के घने गुबार के कारण लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

प्रार्थनापत्र में बताया गया है कि डीएस मार्का, रमेश मार्का और काका मार्का ईंट भट्ठों पर आने जाने वाले वाहनों तथा नीजी वाहनों के आवागमन से उड़ने वाली धूल के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं। कई लोग प्रदूषण के कारण दमा, एलर्जी और त्वचा रोग के शिकार हो चुके हैं और अपना इलाज करा रहे हैं। मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि हमारे घरों के बाहर,दरवाजें और खिड़कियों पर धूल की मोटी परत जम जाती है। रोज सफाई करने पर भी कोई राहत नहीं मिलती, सुबह धूल साफ करें तो शाम तक फिर वही स्थिति हो जाती है।

मामले में एसडीएम के निर्देश पर जांच के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद ने मौके पर पहुंचकर जांच की उन्होंने बताया कि समस्या गंभीर है उनके द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी गई है। इस संदर्भ में एसडीएम कुंवर सचिन सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ईंट भट्ठे के मालिकों को नोटिस भेज कर उन्हें समस्या के समाधान हेतु बुलाया जाएगा।

खजनी, उरूवां और बेलघाट ब्लॉक में 6 नए ग्राम पंचायत अधिकारियों की तैनाती

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक मुख्यालय में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर अमर शक्ति त्रिपाठी, कुंदन यादव और कमलेश की नई तैनाती हुई है। वहीं उरूवां ब्लॉक में प्रेम नारायण यादव की पुरवां, भरथरी, बंजरियां, हाटा ग्राम पंचायत में तथा राघवेन्द्र प्रताप सिंह की हमीदपुर, पहाड़पुर, रसूलपुर, रूकूनपुर, मुबारकपुरा,पिपरी गांव में तैनाती हुई है। इसी प्रकार बेलघाट ब्लॉक में रोशन सिंह को मकरहां, गायघाट, ढबियां, राईपुर, मड़हां और बभनौली गांव मिला है।

खजनी ब्लॉक के एडीओ पंचायत राजीव दूबे उरूवां ब्लॉक के विनोद कुमार और बेलघाट ब्लॉक के रामगोपाल त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी नए सचिवों को ग्राम पंचायतें आबंटित कर दी गई हैं और शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया गया है।

विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर वीडियो के प्राणी विज्ञान विभाग में जागरूकता का हुआ आयोजन

गोरखपुर। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर प्राणी विज्ञान विभाग, रोवर्स-रेंजर्स तथा विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के तत्वाधान में ओरल कैंसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय एवं रोवर्स-रेंजर्स के लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. रजनीश पांडेय ने सरल एवम सहज रूप से ओरल कैंसर के विषय में जानकारी दी।

उन्होंने बताया की ओरल कैंसर से तात्पर्य मुंह या गले में होने वाले कैंसर से है। यह मुंह के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है जिसमें होंठ, जीभ, गाल, मसूड़े, मुंह की छत या तली और गला शामिल हैं। इस प्रकार के कैंसर का पता अक्सर बाद के चरणों में चलता है, जिससे प्रभावी उपचार के लिए शुरुआती पहचान और हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हो जाता है। ओरल कैंसर के जोखिम कारकों में धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, खराब पोषण, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संपर्क में आना और मौखिक घावों या संक्रमण का इतिहास शामिल है।

ओरल कैंसर के लक्षणों में मुंह में लगातार घाव, निगलने में कठिनाई, मुंह या गर्दन में गांठ, बिना किसी कारण के रक्तस्राव और आवाज में बदलाव शामिल होते हैं। उन्होंने आगे बताया की ये लक्षण सूक्ष्म हो सकते हैं और आसानी से अनदेखे किए जा सकते हैं, यही कारण है कि नियमित रूप से दांतों की जांच और स्व-परीक्षण करना महत्वपूर्ण है।

मौखिक कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।

समय पर पता लगने से जान बचती है। नियमित जांच और स्व-परीक्षण से बीमारी का पता इसके शुरुआती, अधिक उपचार योग्य चरणों में लगाया जा सकता है। ओरल कैंसर के कई जोखिम कारक, जैसे धूम्रपान, शराब का सेवन और एचपीवी संक्रमण, जीवनशैली में बदलाव करके कम किए जा सकते हैं। इन जोखिम कारकों के बारे में शिक्षा स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित कर सकती है और बीमारी की घटनाओं को कम कर सकती है।

जागरूक एवम युवा विधार्थी जो हमारे देश का भविष्य हैं उन्हें अपने ज्ञान द्वारा आम जन मानस को जागृत करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं। अन्त में विद्यार्थियों की उत्सुकता उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर डॉ पांडेय ने उन्हें कैंसर जागरूकता के इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के शुरुआत में प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी, ने ओरल कैंसर पर जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को अपने आस पास लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन रोवर्स - रेंजर्स के समन्वयक प्रो विनय कुमार सिंह ने किया। प्राणी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रविकांत उपाध्याय ने सभी कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों का औपचारिक स्वागत किया और प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र प्रो वीना बी कुशवाहा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो अनुभूति दुबे अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो विजय वर्मा, डॉ गौरव सिंह, डॉ तूलिका, प्रो अजय सिंह, प्रो केशव सिंह, डॉ महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ राम प्रताप यादव, डॉ सुशील कुमार, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ सुनैना गौतम, डॉ मनीष प्रताप सिंह, डॉ नुपुर श्रीवास्तव और डॉ पंकज श्रीवास्तव, विभागीय कर्मचारी एवं 200 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

सामंजस्य, समन्वय एवं समानता का मूल्य प्रतिष्ठित करता है खेलकूद : प्रो. पूनम टंडन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के वार्षिक खेल आयोजन का विधिवत एवं भव्य शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन द्वारा किया गया. कुल 22 टीमों ने मार्च पास्ट कर कुलपति को सलामी दी. 26वीं वाहिनी पीएसी के बैंड ने मार्च पास्ट धुन बजाकर समारोह को गरिमा प्रदान की. इसमें कुल लगभग 400 खिलाड़ी प्रतिभागी के रूप में उपस्थित रहे. बता दें कि इसमें खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी टीम के रूप में 45 खिलाड़ियों के साथ गोरखपुर विश्वविद्यालय और सबसे छोटी टीम के रूप में 5 खिलाड़ियों के साथ नवल्स डिग्री कॉलेज की टीम रही।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने अपने संदेश में कहा कि अपने और पराए के भेद को मिटाने वाला खेलकूद सहज एवं स्वस्थ जीवन का मूर्त दर्शन है. खेल का मैदान न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों को भी संदेश देता है कि असहमतियों के बावजूद सुंदर का सृजन किया जा सकता है। खेलकूद सामंजस्य, समन्वय, समानता का मूल्य प्रतिष्ठित करता है। खेल विविधता में एकता के मूल्य को प्रतिष्ठित करता है. खेल जीत के स्थापित महत्व के बावजूद हार को स्वीकार करने के साथ ही उसके गरिमा की रक्षा करना भी सीखाता है।

आशा है इन तीन दिनों के वार्षिक एथलेटिक मीट का खिलाड़ी एवं दर्शक बखूबी आनंद लेंगे.

क्रीडा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि अत्यंत खुशी के अवसर पर मुझे इस बात का संशय भी है कि जिन कर्तव्यनिष्ठ, उत्साही और दूरदर्शी सोच वाले पूर्व अध्यक्षों के प्रयास से क्रीड़ा परिषद, जिस ऊंचाई पर पहुंचा है, उसे उसी रूप में बनाए रखने और उसके गौरव को आगे बढ़ाने में हम कहां तक सफल होंगे! यह वर्ष हम सभी के लिए अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे विश्वविद्यालय की स्थापना का 75 वां वर्ष है।

इस अवसर पर कुलपति महोदया के नेतृत्व में वार्षिक एथलेटिक मीट की स्मारिका का भी विमोचन हुआ, जिसका संपादन डॉ. मनीष कुमार पांडेय द्वारा किया गया. उद्घाटन सत्र का संचालन भी डॉ. मनीष कुमार पांडे ने किया।

इस वार्षिक एथलेटिक मीट के पर्यवेक्षक पूर्वोत्तर रेलवे के एथलेटिक प्रशिक्षक विनोद कुमार सिंह तथा मुख्य रेफरी मोहम्मद अख्तर हैं. इसके साथ ही उद्घोषणा एवं टेक्निकल टेबल की जिम्मेदारी डॉ.अभिनव सिंह, डॉ. विकास सोनकर, डॉ.अखिल मिश्र एवं पुनीत श्रीवास्तव ने निभाया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रतिकुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, प्रो.राजवंत राव, प्रो. रजनीकांत पाण्डेय, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. जितेंद्र मिश्र, प्रो.सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. विजय कुमार श्रीवास्तव, प्रो. करुणाकर राम त्रिपाठी, प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो. अनुभूति दुबे, प्रो. दिव्या रानी सिंह, प्रो.आलोक गोयल, प्रो. विजय चहल, प्रो.प्रत्यूष दुबे, राजवीर डॉ राजवीर सिंह सहित विश्वविद्यालय के अधिकांश शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में खेल प्रेमी विद्यार्थी इत्यादि उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय पहलवान रामसांवर के निधन पर शोक

खजनी गोरखपुर।इलाके के मऊंधरमंगल गांव के मूल निवासी रहे राष्ट्रीय पहलवान रामसांवर यादव उम्र लगभग 82 वर्ष का सोमवार को सबेरे लगभग 10 बजे उनके पैतृक निवास पर निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे, बताया जाता है कि वर्षों पहले वे लकवे का शिकार हो गए थे जिसके बाद शारीरिक रूप से असमर्थ होने के कारण दवा और इलाज उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। निधन की सूचना मिलते ही गांव तथा आसपास के लोगों ने उनके पैतृक निवास पर पहुंच कर शोक संतप्त परिजनों को धैर्य बंधाया।

रूद्रपुर ग्रामसभा के अंतराष्ट्रीय पहलवान स्वर्गीय ब्रह्मदेव मिश्र एवं स्वर्गीय रामनारायण मिश्र के जमाने से उनके शिष्य और शागिर्द के रूप में कुश्ती कला के क्षेत्र में इलाके में मशहूर पहलवानों में शुमार रामसांवर यादव पहलवान के मल्लकला की चर्चा इलाके के नामी गिरामी पहलवान आज भी किया करते हैं। वे अपने पीछे धर्मपत्नी सहित एक मात्र बेटी मिल्ला और 6 पुत्रों क्रमश: कृष्णपाल, धर्मपाल, महिपाल, धर्मवीर, दिलीप और सत्यवान का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। बताया जाता है कि अपने जमाने में कुश्ती के दांव-पेंच में निपुण रामसांवर पहलवान के अखाड़े में उतरते ही लोग सांसे थाम कर उनके दांव-पेंच और प्रदर्शन को देखते रह जाते थे। निधन के बाद गोला बाजार स्थित सरयू तट पर स्थित मुक्तिपथ पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सबसे छोटे पुत्र सत्यवान ने उन्हें मुखाग्नि दी।

निधन की सूचना पर गांव तथा क्षेत्र के रामसेवक यादव, हरिहर यादव, ओमप्रकाश यादव, लक्ष्मण यादव, सोमनाथ यादव, अशोक यादव, पप्पू कुमार यादव, गुड्डू यादव, पूर्व प्रधान पन्नेलाल यादव, प्रमोद यादव, प्रेम यादव,बेसर यादव, गंगा यादव, हरिकेश यादव, हरी यादव, गिरीवर मिश्र, प्रेमशंकर मिश्र समेत दर्जनों लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए श्रद्धांजलि दी है।

*भ्रष्टाचार के आरोप में उरूवां ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी निलंबित*

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के उरूवां ब्लॉक में कार्यरत रहे ग्राम विकास अधिकारी राजकिशोर सिंह को भ्रष्टाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि राजकिशोर सिंह द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासन की मंशा के विपरीत गांव के विकास कार्यों में धांधली की गई है। जिसके अनुसार उनके द्वारा ग्राम पंचायत इस्माईलपुर विकास खण्ड उरूवां में काली माँ के चबूतरे से सिंहासन के घर तक इंटरलांकिग कार्य से सम्बन्धित पत्रावली त्रुटिपूर्ण रूप से तैयार करना।

ग्रामसभा व ग्राम पंचायत इस्माईलपुर की समितियों की बैठक की कार्यवाही करना।

ग्राम पंचायत इस्माईलपुर में सामुदायिक शौचालय अक्रियाशील होने के उपरान्त रख-रखाव के लिए समूह के साथ अनुबन्ध करना तथा अनुचित तरीके से 72 हजार रूपए का भुगतान करना।

अपने पदीय दायित्वो व कृत्यों का समुचित निर्वहन न करना। उच्चाधिकारियों के आदेशो/निर्देशों की अवहेलना किया जाना। जैसे आरोप लगे हैं। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा भेजे गए निलंबन आदेश पत्रांक संख्या 3547 दिनांक 30 जनवरी 2025 के अनुसार राजकिशोर सिंह ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड उरूवां, गोरखपुर को वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन के बराबर देय होगा तथा इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की धनराशि पर महंगाई भत्ता तथा महंगाई भत्ता का उपान्तक जो अवकाश वेतन पर देय होता है, भी अनुमन्य होगा। निलम्बन की अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान तभी किया जाएगा, जबकि इनके द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाएगा कि वे किसी अन्य व्यवसाय एवं सेवायोजन में नहीं लगे हैं। निलंबन अवधि के दौरान 6 सप्ताह तक उन्हें जांच अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी बेलघाट गोरखपुर कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

संलग्न पत्र ग्राम विकास अधिकारी राजकिशोर सिंह, बिल लिपीक जिला विकास कार्यालय गोरखपुर, बीडीओ उरूवां, जांच अधिकारी बेलघाट, जिला पंचायत राज अधिकारी गोरखपुर, मुख्य कोषाधिकारी गोरखपुर को सूचनार्थ तथा मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर, जिलाधिकारी गोरखपुर को अवलोकन हेतु प्रेषित किया गया है।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय हीरक जयंती अंतर्जनपदीय प्रतियोगिता हेतु बैठक सम्पन्न

गोरखपुर । संवाद भवन, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में कुलाधिपति महामहिम आनंदीबेन पटेल के पटेल की प्रेरणा से हीरक जयंती अन्तर्जनपदीय प्रतियोगिता का आयोजन प्रस्तावित है। हीरक जयंती अंतर्जनपदीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीनों जनपदों में ब्लॉक स्तर तथा जनपद स्तर पर नोडल महाविद्यालय तय किए गए हैं।

संपूर्ण कार्यक्रम की रूप-रेखा पर विमर्श हेतु एक बैठक आहूत थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से अंतर्जनपदीय विविध कार्यक्रम में बनाए गए ब्लाक एवं जनपद नोडल महाविद्यालयों को कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करके जरूरी दिशा निर्देश प्रदान किया गया ’ इस आयोजित बैठक की संरक्षता प्रोफेसर पूनम टंडन , कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर रही ’ कार्यक्रम की शुरूआत सम्मानित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया । सभी अतिथियो एवं संयोजकों स्वागत प्रो. दिव्या रानी सिंह तथा मीटिंग की प्रस्ताविकी डॉ सत्यपाल सिंह, समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर ने रखा ’ साथ ही साथ प्रो. दिव्या रानी सिंह द्वारा कार्यक्रम में होने वाले मुख्य तीन प्रतियोगिताओं जैसे साहित्यिक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवं खेल प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई’ कार्यक्रम के सह समन्वयक सत्यपाल जी द्वारा आयोजित मुख्य प्रतियोगिताओं के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के चरणों के बारे में बताया गया।

यह प्रतियोगिता प्रथम स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर की जाएगी उसके उपरांत जिला स्तर पर एवं अंतत: विश्वविद्यालय स्तर पर इसका अंतिम चरण आयोजित होगा’ जिसमें महामहिम कुलाधिपति, आनंदीबेन पटेल उपस्थिति रहेगी’

समिति के सदस्यों एवं उनकी टीम द्वारा कार्यक्रम का दिशा निर्देशित बताया गया’ जिसमें डॉ वेंकटेश द्वारा साहित्यिक कार्यक्रमों, डॉ नूपुर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं डॉ आरती यादव द्वारा खेलकूद प्रतियोगिताओं का दिशा निर्देश विस्तृत रूप से बताया गया’ आभार ज्ञापन डा. सत्यपाल सिंह द्वारा किया गया।

उरूवां ब्लॉक के तीन ग्राम विकास अधिकारियों का वेतन रोकने की चेतावनी

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के उरूवां ब्लॉक में कार्यरत तीन ग्राम विकास अधिकारियों राजकिशोर सिंह ग्राम पंचायत इस्माईलपुर, पिड़िया रमाशंकर यादव ग्राम पंचायत टेंगरी और चैतन्य त्रिपाठी ग्राम पंचायत अरांव जगदीश के द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पोर्टल पर ग्राम विकास से संबंधित कार्य योजनाओं को निर्धारित समयावधि में पोर्टल पर अपलोड न करने पर एडीओ पंचायत उरूवां के द्वारा चेतावनी पत्र भेज कर उनके फरवरी माह का वेतन रोकने की चेतावनी देते हुए रोष जताया गया है।

चेतावनी पत्र में ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्ययोजना को जीपीडीपी पोर्टल पर अपलोड किए जाने हेतु साप्ताहिक बैठकों में एवं दूरभाष माध्यमों से कई बार निर्देशित किए जाने के बावजूद 31 जनवरी 2025 तक अपलोड न करने पर रोष जताया गया है। साथ ही वार्षिक कार्ययोजना को तत्काल अपलोड करने और जिला पंचायत राज अधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा वीसी मीटिंग के दौरान रोष प्रकट करने की जानकारी भी दी गई है। चेतावनी से संबंधित संलग्न पत्र बीडीओ उरूवां, जिला पंचायत राज अधिकारी,उप निदेशक पंचायती राज अधिकारी और मुख्य विकास गोरखपुर को भी भेजा गया है।

ज्ञान एवं कला से मनुष्य को पूर्णता प्राप्त होती है: प्रोफेसर पूनम टंडन

गोरखपुर । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बसंत पंचमी के अवसर पर विभिन्न विभागों में मां सरस्वती की समिधापूर्वक आराधना की गई. है. प्राचीन इतिहास विभाग में आयोजित पूजा- अर्चना में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन मुख्य यजमान के तौर पर शामिल हुईं. उन्होंने एक तरफ कर्मचारियों को वस्त्र भेंट किया तो दूसरी तरफ विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया. कुलपति महोदया ने कहा कि ज्ञान एवं कला से मनुष्य को पूर्णता प्राप्त होती है. मां सरस्वती ज्ञान एवं कला की अधिष्ठात्री देवी हैं. बसंत पंचमी के अवसर पर उनकी पूजा हमारी परंपरा रही है. प्राचीन इतिहास विभाग विगत 45 वर्षों से अनवरत वाग्देवी सरस्वती की आनुष्ठानिक पूजा समारोहपूर्वक करता आ रहा है.

विज्ञान संकाय के प्राणी विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विभाग, अभियांत्रिकी संकाय समेत विभिन्न विभागों में भी बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की विधिवत आराधना की गई.

बसंत पंचमी पर्व की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर राजवंत राव ने बताया कि यह प्राचीन भारत में दीक्षा पर्व के रुप में मनाया जाता था। श्रावण के पूर्णिमा को विद्या आरम्भ होता था और माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी को विद्या समाप्ति अर्थात दीक्षांत समारोह सम्पन्न किया जाता था। इस रुप में बसंत पंचमी का पर्व आज भी महत्वपूर्ण है।