विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर वीडियो के प्राणी विज्ञान विभाग में जागरूकता का हुआ आयोजन

गोरखपुर। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर प्राणी विज्ञान विभाग, रोवर्स-रेंजर्स तथा विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के तत्वाधान में ओरल कैंसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय एवं रोवर्स-रेंजर्स के लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. रजनीश पांडेय ने सरल एवम सहज रूप से ओरल कैंसर के विषय में जानकारी दी।

उन्होंने बताया की ओरल कैंसर से तात्पर्य मुंह या गले में होने वाले कैंसर से है। यह मुंह के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है जिसमें होंठ, जीभ, गाल, मसूड़े, मुंह की छत या तली और गला शामिल हैं। इस प्रकार के कैंसर का पता अक्सर बाद के चरणों में चलता है, जिससे प्रभावी उपचार के लिए शुरुआती पहचान और हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हो जाता है। ओरल कैंसर के जोखिम कारकों में धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, खराब पोषण, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संपर्क में आना और मौखिक घावों या संक्रमण का इतिहास शामिल है।

ओरल कैंसर के लक्षणों में मुंह में लगातार घाव, निगलने में कठिनाई, मुंह या गर्दन में गांठ, बिना किसी कारण के रक्तस्राव और आवाज में बदलाव शामिल होते हैं। उन्होंने आगे बताया की ये लक्षण सूक्ष्म हो सकते हैं और आसानी से अनदेखे किए जा सकते हैं, यही कारण है कि नियमित रूप से दांतों की जांच और स्व-परीक्षण करना महत्वपूर्ण है।

मौखिक कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।

समय पर पता लगने से जान बचती है। नियमित जांच और स्व-परीक्षण से बीमारी का पता इसके शुरुआती, अधिक उपचार योग्य चरणों में लगाया जा सकता है। ओरल कैंसर के कई जोखिम कारक, जैसे धूम्रपान, शराब का सेवन और एचपीवी संक्रमण, जीवनशैली में बदलाव करके कम किए जा सकते हैं। इन जोखिम कारकों के बारे में शिक्षा स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित कर सकती है और बीमारी की घटनाओं को कम कर सकती है।

जागरूक एवम युवा विधार्थी जो हमारे देश का भविष्य हैं उन्हें अपने ज्ञान द्वारा आम जन मानस को जागृत करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं। अन्त में विद्यार्थियों की उत्सुकता उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर डॉ पांडेय ने उन्हें कैंसर जागरूकता के इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के शुरुआत में प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी, ने ओरल कैंसर पर जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को अपने आस पास लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन रोवर्स - रेंजर्स के समन्वयक प्रो विनय कुमार सिंह ने किया। प्राणी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो रविकांत उपाध्याय ने सभी कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों का औपचारिक स्वागत किया और प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र प्रो वीना बी कुशवाहा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो अनुभूति दुबे अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो विजय वर्मा, डॉ गौरव सिंह, डॉ तूलिका, प्रो अजय सिंह, प्रो केशव सिंह, डॉ महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ राम प्रताप यादव, डॉ सुशील कुमार, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ सुनैना गौतम, डॉ मनीष प्रताप सिंह, डॉ नुपुर श्रीवास्तव और डॉ पंकज श्रीवास्तव, विभागीय कर्मचारी एवं 200 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।

सामंजस्य, समन्वय एवं समानता का मूल्य प्रतिष्ठित करता है खेलकूद : प्रो. पूनम टंडन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के वार्षिक खेल आयोजन का विधिवत एवं भव्य शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन द्वारा किया गया. कुल 22 टीमों ने मार्च पास्ट कर कुलपति को सलामी दी. 26वीं वाहिनी पीएसी के बैंड ने मार्च पास्ट धुन बजाकर समारोह को गरिमा प्रदान की. इसमें कुल लगभग 400 खिलाड़ी प्रतिभागी के रूप में उपस्थित रहे. बता दें कि इसमें खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी टीम के रूप में 45 खिलाड़ियों के साथ गोरखपुर विश्वविद्यालय और सबसे छोटी टीम के रूप में 5 खिलाड़ियों के साथ नवल्स डिग्री कॉलेज की टीम रही।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने अपने संदेश में कहा कि अपने और पराए के भेद को मिटाने वाला खेलकूद सहज एवं स्वस्थ जीवन का मूर्त दर्शन है. खेल का मैदान न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों को भी संदेश देता है कि असहमतियों के बावजूद सुंदर का सृजन किया जा सकता है। खेलकूद सामंजस्य, समन्वय, समानता का मूल्य प्रतिष्ठित करता है। खेल विविधता में एकता के मूल्य को प्रतिष्ठित करता है. खेल जीत के स्थापित महत्व के बावजूद हार को स्वीकार करने के साथ ही उसके गरिमा की रक्षा करना भी सीखाता है।

आशा है इन तीन दिनों के वार्षिक एथलेटिक मीट का खिलाड़ी एवं दर्शक बखूबी आनंद लेंगे.

क्रीडा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि अत्यंत खुशी के अवसर पर मुझे इस बात का संशय भी है कि जिन कर्तव्यनिष्ठ, उत्साही और दूरदर्शी सोच वाले पूर्व अध्यक्षों के प्रयास से क्रीड़ा परिषद, जिस ऊंचाई पर पहुंचा है, उसे उसी रूप में बनाए रखने और उसके गौरव को आगे बढ़ाने में हम कहां तक सफल होंगे! यह वर्ष हम सभी के लिए अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे विश्वविद्यालय की स्थापना का 75 वां वर्ष है।

इस अवसर पर कुलपति महोदया के नेतृत्व में वार्षिक एथलेटिक मीट की स्मारिका का भी विमोचन हुआ, जिसका संपादन डॉ. मनीष कुमार पांडेय द्वारा किया गया. उद्घाटन सत्र का संचालन भी डॉ. मनीष कुमार पांडे ने किया।

इस वार्षिक एथलेटिक मीट के पर्यवेक्षक पूर्वोत्तर रेलवे के एथलेटिक प्रशिक्षक विनोद कुमार सिंह तथा मुख्य रेफरी मोहम्मद अख्तर हैं. इसके साथ ही उद्घोषणा एवं टेक्निकल टेबल की जिम्मेदारी डॉ.अभिनव सिंह, डॉ. विकास सोनकर, डॉ.अखिल मिश्र एवं पुनीत श्रीवास्तव ने निभाया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रतिकुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, प्रो.राजवंत राव, प्रो. रजनीकांत पाण्डेय, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. जितेंद्र मिश्र, प्रो.सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. विजय कुमार श्रीवास्तव, प्रो. करुणाकर राम त्रिपाठी, प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो. अनुभूति दुबे, प्रो. दिव्या रानी सिंह, प्रो.आलोक गोयल, प्रो. विजय चहल, प्रो.प्रत्यूष दुबे, राजवीर डॉ राजवीर सिंह सहित विश्वविद्यालय के अधिकांश शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में खेल प्रेमी विद्यार्थी इत्यादि उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय पहलवान रामसांवर के निधन पर शोक

खजनी गोरखपुर।इलाके के मऊंधरमंगल गांव के मूल निवासी रहे राष्ट्रीय पहलवान रामसांवर यादव उम्र लगभग 82 वर्ष का सोमवार को सबेरे लगभग 10 बजे उनके पैतृक निवास पर निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे, बताया जाता है कि वर्षों पहले वे लकवे का शिकार हो गए थे जिसके बाद शारीरिक रूप से असमर्थ होने के कारण दवा और इलाज उनकी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। निधन की सूचना मिलते ही गांव तथा आसपास के लोगों ने उनके पैतृक निवास पर पहुंच कर शोक संतप्त परिजनों को धैर्य बंधाया।

रूद्रपुर ग्रामसभा के अंतराष्ट्रीय पहलवान स्वर्गीय ब्रह्मदेव मिश्र एवं स्वर्गीय रामनारायण मिश्र के जमाने से उनके शिष्य और शागिर्द के रूप में कुश्ती कला के क्षेत्र में इलाके में मशहूर पहलवानों में शुमार रामसांवर यादव पहलवान के मल्लकला की चर्चा इलाके के नामी गिरामी पहलवान आज भी किया करते हैं। वे अपने पीछे धर्मपत्नी सहित एक मात्र बेटी मिल्ला और 6 पुत्रों क्रमश: कृष्णपाल, धर्मपाल, महिपाल, धर्मवीर, दिलीप और सत्यवान का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। बताया जाता है कि अपने जमाने में कुश्ती के दांव-पेंच में निपुण रामसांवर पहलवान के अखाड़े में उतरते ही लोग सांसे थाम कर उनके दांव-पेंच और प्रदर्शन को देखते रह जाते थे। निधन के बाद गोला बाजार स्थित सरयू तट पर स्थित मुक्तिपथ पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सबसे छोटे पुत्र सत्यवान ने उन्हें मुखाग्नि दी।

निधन की सूचना पर गांव तथा क्षेत्र के रामसेवक यादव, हरिहर यादव, ओमप्रकाश यादव, लक्ष्मण यादव, सोमनाथ यादव, अशोक यादव, पप्पू कुमार यादव, गुड्डू यादव, पूर्व प्रधान पन्नेलाल यादव, प्रमोद यादव, प्रेम यादव,बेसर यादव, गंगा यादव, हरिकेश यादव, हरी यादव, गिरीवर मिश्र, प्रेमशंकर मिश्र समेत दर्जनों लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए श्रद्धांजलि दी है।

*भ्रष्टाचार के आरोप में उरूवां ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी निलंबित*

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के उरूवां ब्लॉक में कार्यरत रहे ग्राम विकास अधिकारी राजकिशोर सिंह को भ्रष्टाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि राजकिशोर सिंह द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासन की मंशा के विपरीत गांव के विकास कार्यों में धांधली की गई है। जिसके अनुसार उनके द्वारा ग्राम पंचायत इस्माईलपुर विकास खण्ड उरूवां में काली माँ के चबूतरे से सिंहासन के घर तक इंटरलांकिग कार्य से सम्बन्धित पत्रावली त्रुटिपूर्ण रूप से तैयार करना।

ग्रामसभा व ग्राम पंचायत इस्माईलपुर की समितियों की बैठक की कार्यवाही करना।

ग्राम पंचायत इस्माईलपुर में सामुदायिक शौचालय अक्रियाशील होने के उपरान्त रख-रखाव के लिए समूह के साथ अनुबन्ध करना तथा अनुचित तरीके से 72 हजार रूपए का भुगतान करना।

अपने पदीय दायित्वो व कृत्यों का समुचित निर्वहन न करना। उच्चाधिकारियों के आदेशो/निर्देशों की अवहेलना किया जाना। जैसे आरोप लगे हैं। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा भेजे गए निलंबन आदेश पत्रांक संख्या 3547 दिनांक 30 जनवरी 2025 के अनुसार राजकिशोर सिंह ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड उरूवां, गोरखपुर को वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन के बराबर देय होगा तथा इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की धनराशि पर महंगाई भत्ता तथा महंगाई भत्ता का उपान्तक जो अवकाश वेतन पर देय होता है, भी अनुमन्य होगा। निलम्बन की अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान तभी किया जाएगा, जबकि इनके द्वारा इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाएगा कि वे किसी अन्य व्यवसाय एवं सेवायोजन में नहीं लगे हैं। निलंबन अवधि के दौरान 6 सप्ताह तक उन्हें जांच अधिकारी खण्ड विकास अधिकारी बेलघाट गोरखपुर कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

संलग्न पत्र ग्राम विकास अधिकारी राजकिशोर सिंह, बिल लिपीक जिला विकास कार्यालय गोरखपुर, बीडीओ उरूवां, जांच अधिकारी बेलघाट, जिला पंचायत राज अधिकारी गोरखपुर, मुख्य कोषाधिकारी गोरखपुर को सूचनार्थ तथा मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर, जिलाधिकारी गोरखपुर को अवलोकन हेतु प्रेषित किया गया है।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय हीरक जयंती अंतर्जनपदीय प्रतियोगिता हेतु बैठक सम्पन्न

गोरखपुर । संवाद भवन, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में कुलाधिपति महामहिम आनंदीबेन पटेल के पटेल की प्रेरणा से हीरक जयंती अन्तर्जनपदीय प्रतियोगिता का आयोजन प्रस्तावित है। हीरक जयंती अंतर्जनपदीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध तीनों जनपदों में ब्लॉक स्तर तथा जनपद स्तर पर नोडल महाविद्यालय तय किए गए हैं।

संपूर्ण कार्यक्रम की रूप-रेखा पर विमर्श हेतु एक बैठक आहूत थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से अंतर्जनपदीय विविध कार्यक्रम में बनाए गए ब्लाक एवं जनपद नोडल महाविद्यालयों को कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा करके जरूरी दिशा निर्देश प्रदान किया गया ’ इस आयोजित बैठक की संरक्षता प्रोफेसर पूनम टंडन , कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर रही ’ कार्यक्रम की शुरूआत सम्मानित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया । सभी अतिथियो एवं संयोजकों स्वागत प्रो. दिव्या रानी सिंह तथा मीटिंग की प्रस्ताविकी डॉ सत्यपाल सिंह, समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर ने रखा ’ साथ ही साथ प्रो. दिव्या रानी सिंह द्वारा कार्यक्रम में होने वाले मुख्य तीन प्रतियोगिताओं जैसे साहित्यिक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवं खेल प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई’ कार्यक्रम के सह समन्वयक सत्यपाल जी द्वारा आयोजित मुख्य प्रतियोगिताओं के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के चरणों के बारे में बताया गया।

यह प्रतियोगिता प्रथम स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर की जाएगी उसके उपरांत जिला स्तर पर एवं अंतत: विश्वविद्यालय स्तर पर इसका अंतिम चरण आयोजित होगा’ जिसमें महामहिम कुलाधिपति, आनंदीबेन पटेल उपस्थिति रहेगी’

समिति के सदस्यों एवं उनकी टीम द्वारा कार्यक्रम का दिशा निर्देशित बताया गया’ जिसमें डॉ वेंकटेश द्वारा साहित्यिक कार्यक्रमों, डॉ नूपुर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं डॉ आरती यादव द्वारा खेलकूद प्रतियोगिताओं का दिशा निर्देश विस्तृत रूप से बताया गया’ आभार ज्ञापन डा. सत्यपाल सिंह द्वारा किया गया।

उरूवां ब्लॉक के तीन ग्राम विकास अधिकारियों का वेतन रोकने की चेतावनी

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के उरूवां ब्लॉक में कार्यरत तीन ग्राम विकास अधिकारियों राजकिशोर सिंह ग्राम पंचायत इस्माईलपुर, पिड़िया रमाशंकर यादव ग्राम पंचायत टेंगरी और चैतन्य त्रिपाठी ग्राम पंचायत अरांव जगदीश के द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पोर्टल पर ग्राम विकास से संबंधित कार्य योजनाओं को निर्धारित समयावधि में पोर्टल पर अपलोड न करने पर एडीओ पंचायत उरूवां के द्वारा चेतावनी पत्र भेज कर उनके फरवरी माह का वेतन रोकने की चेतावनी देते हुए रोष जताया गया है।

चेतावनी पत्र में ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्ययोजना को जीपीडीपी पोर्टल पर अपलोड किए जाने हेतु साप्ताहिक बैठकों में एवं दूरभाष माध्यमों से कई बार निर्देशित किए जाने के बावजूद 31 जनवरी 2025 तक अपलोड न करने पर रोष जताया गया है। साथ ही वार्षिक कार्ययोजना को तत्काल अपलोड करने और जिला पंचायत राज अधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा वीसी मीटिंग के दौरान रोष प्रकट करने की जानकारी भी दी गई है। चेतावनी से संबंधित संलग्न पत्र बीडीओ उरूवां, जिला पंचायत राज अधिकारी,उप निदेशक पंचायती राज अधिकारी और मुख्य विकास गोरखपुर को भी भेजा गया है।

ज्ञान एवं कला से मनुष्य को पूर्णता प्राप्त होती है: प्रोफेसर पूनम टंडन

गोरखपुर । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बसंत पंचमी के अवसर पर विभिन्न विभागों में मां सरस्वती की समिधापूर्वक आराधना की गई. है. प्राचीन इतिहास विभाग में आयोजित पूजा- अर्चना में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन मुख्य यजमान के तौर पर शामिल हुईं. उन्होंने एक तरफ कर्मचारियों को वस्त्र भेंट किया तो दूसरी तरफ विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया. कुलपति महोदया ने कहा कि ज्ञान एवं कला से मनुष्य को पूर्णता प्राप्त होती है. मां सरस्वती ज्ञान एवं कला की अधिष्ठात्री देवी हैं. बसंत पंचमी के अवसर पर उनकी पूजा हमारी परंपरा रही है. प्राचीन इतिहास विभाग विगत 45 वर्षों से अनवरत वाग्देवी सरस्वती की आनुष्ठानिक पूजा समारोहपूर्वक करता आ रहा है.

विज्ञान संकाय के प्राणी विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विभाग, अभियांत्रिकी संकाय समेत विभिन्न विभागों में भी बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की विधिवत आराधना की गई.

बसंत पंचमी पर्व की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर राजवंत राव ने बताया कि यह प्राचीन भारत में दीक्षा पर्व के रुप में मनाया जाता था। श्रावण के पूर्णिमा को विद्या आरम्भ होता था और माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी को विद्या समाप्ति अर्थात दीक्षांत समारोह सम्पन्न किया जाता था। इस रुप में बसंत पंचमी का पर्व आज भी महत्वपूर्ण है।

शारदा संगीतालय: आइल वसंत ऋतु आइल, मोरा मन अगराइल

गोरखपुर। शारदा संगीतालय आर्यनगर में आज विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ शारदा का पूजन अर्चन धूमधाम से किया गया इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या साक्षी श्रीवास्तव ने सभी को अबीर गुलाल लगा कर स्वागत किया। विद्यालय की छात्रा अनीता सिंह, लक्ष्मी गुप्ता , नीतू श्रीवास्तव रूपम श्रीवास्तव, अपर्णा त्रिपाठी , अंजना लाल एवं राधा मद्धेशिया द्वारा वसंत गीत की प्रस्तुति की गई, तत्पश्चात् वीर सेन सूफ़ी , लड्डू लाल यादव तथा पवन ने भी अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति दी , अमृता एवं ऐश्वर्या द्वारा युगल गीत की प्रस्तुति की गई । शारदा संगीतालय के महामंत्री लोक गायक डॉ राकेश श्रीवास्तव ने भी अपने सभी शिष्यों के साथ वसंत गीत के साथ वसंत ऋतु का स्वागत किया , मोरा मन अगराईंल , आइल वसंत ऋतु आइल…इस अवसर पर संस्था की प्रमुख अणिमा श्रीवास्तव द्वारा माँ सरस्वती का विधिवत पूजन अर्चन के बाद आरती की गई, प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।

गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के पुस्तकालय कक्ष (लाइब्रेरी) का हुआ शुभारंभ

गोरखपुर। गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के पुस्तकालय कक्ष (लाइब्रेरी) का विधवत मां सरस्वती की वंदना के साथ फीता खोल कर संस्थापक अध्यक्ष एस पी त्रिपाठी, वीरेंद्र मिश्रा दीपक, जय शंकर मिश्रा, राकेश शाश्वत, सुधीर श्रीवास्तव, कौशल त्रिपाठी, अध्यक्ष गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन रत्नाकर सिंह द्वारा किया गया। 

 नव निर्वाचित कार्यकारिणी ने संस्थापक सदस्यों सहित पूर्व अध्यक्ष अरविंद राय पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी पूर्व मंत्री ओंमकार धर द्विवेदी पूर्व मंत्री नवनीत प्रताप त्रिपाठी पूर्व मंत्री विजय जैसवाल पूर्व मंत्री धीरज श्रीवास्तव पूर्व उपाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह व कंचन त्रिपाठी टीपी शाही उपेंद्र पाण्डेय को नवनिर्वाचित अध्यक्ष रितेश मिश्रा सहित पुरी कार्यकारिणी के साथ वरिष्ट पत्रकार जनो से अंग वस्त्र व माला पहना कर सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में रेल बजट 18 गुना बढ़ा: अश्विनी वैष्णव

गोरखपुर, रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार अश्विनी वैष्णव ने बजट 2025-26 हेतु उत्तर प्रदेश में रेल परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने हेतु रिकार्ड बजट आवंटन हेतु माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उत्तर प्रदेश में रेल के विकास के लिए कुल 1,04,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।

जिससे प्रदेश में दोहरी लाइन, तीसरी लाइन, अमृत भारत स्टेशन आदि का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए वर्ष 2025-26 हेतु 19,858 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है, जो कि यूपीए सरकार (वर्ष 2009-14) की तुलना में 18 गुना ज्यादा है।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उत्तर, उत्तर-मध्य एवं पूर्वाेत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक एवं मंडल रेल प्रबन्धक की उपस्थिति में स्थानीय पत्रकारों को बजटीय प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले 10 सालों में 5,200 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं जो कि पूरे स्विट्जरलैंड अथवा बेल्जियम के रेलवे ट्रैक की लंबाई से अधिक है। उन्होनें मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होनें उत्तर प्रदेश हेतु स्वीकृत रेल परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए विशेष रूचि ली और उन्हें पूरा कराने में सराहनीय योगदान दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में एलिवेटेड ट्रैक परियोजना में आ रही अड़चनों को दूर कर विशेष योगदान दिया है।

रेल मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 157 स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित कर उनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में 14 वंदे भारत ट्रेनों का संचलन 20 जिलों से होकर किया जा रहा है तथा उनका ठहराव 25 स्टेशनों पर दिया गया है। दरभंगा-आनन्द विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस का उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में अवस्थित 10 स्टेशनों पर ठहराव दिया गया है। गोरखपुर, लखनऊ एवं वाराणसी से अमृत भारत एक्सप्रेस के संचलन संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि अमृत भारत ट्रेनों के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य किया जा रहा है। पुणे, बैंग्लोर, चेन्नई, दिल्ली में नये टर्मिनल बनाये जा रहे है। आगामी चार वर्षों में इन स्टेशनों से/के लिए कई गाड़ियां चलाई जा सकेंगी। उन्होनंे कहा कि प्रत्येक यात्रा टिकट पर 55 प्रतिशत की रियायत दी जाती है। इस वर्ष 740 करोड़ यात्रियों ने भारतीय रेल पर यात्रा की। जुलाई,2024 से अबतक 40,000 करोड़ के लागत की रेल परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

रेलमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 4800 किमी रेल नेटवर्क में कवच प्रणाली लागू करने हेतु कार्यवाही तेजी से चल रही है और आगामी छः वर्षों में सम्पूर्ण भारतीय रेल पर कवच प्रणाली लागू कर दी जायेगी।

इसके उपरान्त पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे सुश्री सौम्या माथुर ने कहा कि गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीन वर्षों में पूरा कर लिया जायेगा। गोरखपुर जं. रेलवे स्टेशन पर नये फुट ओवर ब्रिज का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि सहजनवा-दोहरीघाट, घुघली-महराजगंज-आनन्द नगर तथा खलीलाबाद-बहराइच नई लाइन निर्माण के संबंध में तेजी से कार्यवाही चल रही है। गोरखपुर कैंट-गोरखपुर के मध्य तीसरी लाइन निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009-14 में आवंटित पूंजीगत व्यय 45,900 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए में भारतीय रेल पर पूंजीगत व्यय के लिए 2,65,200 करोड़ आवंटित किया गया है। भारतीय रेल पर संरक्षा हेतु बजट में 1,16,514 करोड़ का आवंटन किया गया। रोड ओवर ब्रिज/रोड अण्डर ब्रिज के लिए वर्ष 2009-14 में औसतन प्रतिवर्ष आवंटित 916 करोड़ की तुलना में वर्ष 2025-26 हेतु 7,000 करोड़ का आवंटन किया गया। वर्ष 2025-26 में ट्रैक रिन्यूवल हेतु 22,800 करोड़ का प्रावधान किया गया है। भारतीय रेल के आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु वर्ष 2009-14 में नई लाइन निर्माण हेतु औसतन प्रतिवर्ष आवंटित 5,075 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए में 32,235.24 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे नई लाइन निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। वर्ष 2009-14 में आमान परिवर्तन कार्य हेतु औसतन प्रतिवर्ष आवंटित 3,088 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए में 4,550 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे आमान परिवर्तन परियोजनाओं को समय से पूरा किया जा सकेगा। वर्ष 2009-14 में दोहरीकरण, तीसरी/चौथी लाइन निर्माण हेतु औसतन प्रतिवर्ष आवंटित ₹ 2,461 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 में इन कार्यो के लिए 32,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे इन निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर आवश्यकतानुसार गाड़ियों का संचलन किया जा सके। वर्ष 2009-14 में रोलिंग स्टाक हेतु औसतन प्रतिवर्ष आवंटित 16,029 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 57,693 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

यात्रियों की सुविधाजन्य यात्रा हेतु 17,500 गैर वातानुकूलित सामान्य कोचों का निर्माण किया जायेगा। अगले पॉच वर्षों में सभी आई.सी.एफ. कोचों के स्थान पर एल.एच.बी. कोच लगा दिये जायेंगे। पहली वंदे स्लीपर ट्रेन का परीक्षण किया जा रहा है। 50 नमो भारत ट्रेन, आधुनिक सुविधाओं से युक्त 100 गैर वातानुकूलित अमृत भारत ट्रेनों तथा 200 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। खान-पान की गुणवत्ता में सुधार हेतु 600 बेस किचन चालू किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर पूर्वाेत्तर रेलवे के अपर महाप्रबन्धक दिनेश कुमार सिंह, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण अभय कुमार गुप्ता, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह, सचिव/महाप्रबन्धक आनन्द ऋषि श्रीवास्तव एवं मीडिया प्रतिनिधि उपलब्ध थे।