उत्तर प्रदेश: फतेहपुर में दो मालगाड़ियों की भिड़ंत, दो इंजन और गार्ड कोच बेपटरी; दो रेलवे अधिकारी घायल

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दो मालगाड़ी आपस में टकरा गईं. एक मालगाड़ी ने दूसरी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे दो इंजन और एक गार्ड कोच बेपटरी हो गया. हादसे में एक लोको पायलट समेत दो रेलवे अधिकारी घायल हुए हैं. हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे विभाग मे हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी और कर्मचारी पहुंच गए हैं. हादसे से रेलवे ट्रैक बाधित जो गया, राहत कार्य कर उसे सुचारू किया जा रहा है. हादसा खागा के समीप डीएफसी रेलवे ट्रैक पर हुआ है.

दोनों मालगाड़ी की टक्कर से इलाके में कोहराम मच गया. बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए. मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं. हादसा उस दौरान हुआ जब एक ही ट्रैक पर आगे-पीछे मालगाड़ी आ गईं और उनमें टक्कर हो गई. हादसे के बाद डीएफसी की अपलाइन हावड़ा-दिल्ली ट्रैक बाधित हुआ है.

पीछे से टकराई मालगाड़ी

जानकारी के मुताबिक, जिले के खागा थाना क्षेत्र के गांव पांभीपुर इलाके के न्यू रसूलाबाद और न्यू सुजातपुर के बीच डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर लाइन पर मंगलवार सुबह हादसा हो गया. यहां कोयला से लदी खड़ी मालगाड़ी के पीछे से प्रयागराज-कानपुर की ओर से आ रही दूसरी मालगाड़ी ट्रेन पीछे से जा टकराई. दूसरी मालगाड़ी ट्रेन में भी कोयला लदा था. जोरदार टक्कर से तेज आवाज गूंज उठी. हादसे से दो इंजन और गार्ड कोच बेपटरी होकर ट्रैक से नीच उतर गए.

लोको पायलट और को-पायलट घायल

हादसे से डीएफसी की हावड़ा-दिल्ली अपलाइन बाधित हो गई. हादसे की जानकरी मिलते ही घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी पहुंच गए. घायल लोको पायलट और को-पायलट को अस्पताल ले जाया गया. हादसा सुबह करीब 5 बजे हुआ. पीछे से टकराने वाली मालगाड़ी प्रयागराज-कानपुर की ओर से आ रही थी. उसी ट्रैक पर दूसरी मालगाड़ी कोयले से लदी खड़ी थी, तभी वह आपस में टकरा गईं और हादसा हो गया. राहत दल द्वारा ट्रैक को सुचारू किया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश: सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में बड़ा घोटाला, एक रुपये के लिफाफे को खरीदा गया 246 रुपये में

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज में स्टेशनरी घोटाले में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यहां मेडिकल कॉलेज में हुए एक स्टेशनरी घोटाले में जांच के बाद पता चला कि कॉलेज में स्टेशनरी खरीद के नाम पर लाखों का घोटाला किया गया. घोटाला भी ऐसा जिसे सुनकर कोई भी हैरान हो जाए. बाजार में जिस लिफाफे की कीमत मात्र 1 रुपए है. उस लिफाफे को 246 और 123 रुपए में खरीदा गया है. आप भी यही सोच रहे होंगे कि इतना मंहगा तो अमेरिका में भी नहीं होगा. अब इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उसके बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

सहारनपुर के पिलखनी में शेख-उल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज है. यहां साल 2018 में टेंडर प्रक्रिया में बड़ी धांधली हुई, जिसके बाद स्टेशनरी घोटाले की खबर सामने आई थी. जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में साल 2018 में स्टेशनरी और कंटीजेंसी के समान खरीदे गए थे और उन सभी समान का भुगतान कीमत से कई गुना ज्यादा किया गया था, जिस लिफाफे को बाजार से महज एक रुपये में खरीदा जा सकता था. उस लिफाफे को 123 रुपए से 246 रुपए तक खरीदा गया. इतना ही नहीं स्टेशनरी के अन्य समान को भी 30 प्रतिशत से ज्यादा कीमत देकर खरीदा गया.

जांच के लिए कमेटी का गठन

कॉलेज में हुए इस घोटाले की जांच फाइनेंस कंट्रोलर ने की. जांच में ये सारा गोलमाल देखकर वो भी चकरा गए, जिसके बाद एक रिपोर्ट बनाई गई और मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग क्लर्क फैजान और जिग्नेश की तत्काल सेवाएं समाप्त कर दी गई. वहीं इस मामले में मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉक्टर अरविंद द्विवेदी भी जांच के घेरे में आ गए थे. तत्कालीन कमिश्नर संजय कुमार ने इस पूरे घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद कमेटी ने एक रिपोर्ट बनाकर कमिश्नर को भेजी और उस रिपोर्ट के आधार पर एक चार्जशीट बनाकर शासन को भेजी गई.

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

अब उस चार्जशीट पर एक आरोप पत्र शासन से नए कमिश्नर अटल कुमार राय को मिला है. बताया जा रहा है कि आरोप पत्र में तत्कालीन प्रिंसिपल दोषी पाए गए हैं. अब इस आरोप पत्र के आधार पर सहारनपुर कमिश्नर अटल कुमार राय ने तत्कालीन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर द्विवेदी से सबूत मांगे हैं. उन्हें पेश होने का आदेश दिया है. सहारनपुर के कमिश्नर अटल कुमार राय का कहना है कि इस मामले की एक फाइनल रिपोर्ट बनाकर जल्दी ही शासन को भेजी जाएगी और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुझे बिरयानी-चिकन फ्राई चाहिए…बच्चे के वायरल वीडियो पर मंत्री ने लिया बड़ा एक्शन

केरल के एक आंगनवाड़ी केंद्र में उपमा की जगह बिरयानी और चिकन फ्राई मांगने वाले एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केरल के ऐसे बाल देखभाल केंद्रों की खाने के मेन्यू में बदलाव की संभावना है. राज्य की स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को अपने ‘फेसबुक’ पेज पर शंकु नामक एक बच्चे का वीडियो शेयर किया, जिसमें वह इस तरह का अनुरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी की खाने के मेन्यू में बदलाव किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बच्चे ने मासूमियत में यह अनुरोध किया है और इस पर विचार किया जा रहा है. शंकु, उसकी मां और आंगनवाड़ी कर्मचारियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंत्री ने कहा कि शंकु के सुझाव को ध्यान में रखते हुए मेन्यू की समीक्षा की जाएगी.

‘मुझे बिरयानी और चिकन फ्राई चाहिए’

जॉर्ज ने बताया कि बच्चों को पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए आंगनवाड़ियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के भोजन उपलब्ध कराए जाते हैं. वीडियो में टोपी पहने हुए बच्चे को मासूमियत से अपनी मां से कहते हुए सुना जा सकता है, मुझे आंगनवाड़ी में उपमा की जगह ‘बिरनानी’ (बिरयानी) और ‘पोरिचा कोझी’ (चिकन फ्राई) चाहिए. उनकी मां ने बताया कि घर पर बिरयानी खाते समय उन्होंने यह वीडियो बनाया और फिर इसे सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट कर दिया जिसके बाद यह वायरल हो गया.

आंगनवाड़ी के मेन्यू में करेंगे बदलाव

दरअसल बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने अपने फेसबुक पेज पर शंकू नाम के एक बच्चे का ऐसा अनुरोध करते हुए वीडियो शेयर किया और कहा कि आंगनवाड़ी के मेन्यू में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चे ने मासूमियत में यह अनुरोध किया है और इस पर विचार किया जा रहा है.

बच्चों के मिलते हैं अंडे और दूध

जॉर्ज ने कहा, इस सरकार के तहत, आंगनबाड़ियों के माध्यम से अंडे और दूध उपलब्ध कराने की योजना सफलतापूर्वक लागू की गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से, स्थानीय निकाय आंगनबाड़ियों में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराते हैं. वायरल वीडियो में, टोपी पहने हुए बच्चे को मासूमियत से अपनी मां से पूछते हुए सुना गया, मुझे आंगनवाड़ी में उपमा के बजाय ‘बिरनानी’ (बिरयानी) और ‘पोरिचा कोझी’ (चिकन फ्राई) चाहिए.

बिरयानी और चिकन फ्राई की पेशकश

बच्चे की मां ने कहा कि घर पर बिरयानी खाते समय जब उन्होंने अनुरोध किया तो उन्होंने वीडियो बनाया, फिर इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, जहां यह वायरल हो गया. उन्होंने बताया कि वीडियो देखने के बाद, हमें कुछ लोगों के फोन आए जिन्होंने शंकू को बिरयानी और चिकन फ्राई की पेशकश की. नेटिज़न्स ने भी बच्चे के अनुरोध का समर्थन किया, कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि सरकार को जेलों में दोषियों को दिए जाने वाले भोजन को कम करना चाहिए और आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों को बेहतर भोजन प्रदान करना चाहिए.

बिहार वालों के लिए खुशखबरी! शुरू होने वाली है पहली स्लीपर वंदे भारत, मिलेंगी ये सुविधाएं

बिहार में लोकल में सफर करने वाले यात्रियों को गर्मी और ठंड से राहत मिलने वाली है. राज्य को पहली पैसेंजर वंदे भारत ट्रेन मिलने वाली है. इसके अलावा बिहार में प्रथम फेज में चार नमो भारत ट्रेनें भी शुरू होने वाली हैं.

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बिहार में अभी 12 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जो 15 जिलों से होकर गुजरती हैं. उन्होंने कहा कि इस ट्रेन से कम दूरी वाले शहरों में आने जाने के लिए यात्रियों को सीधे सुविधा मिलेगी. साथ ही इससे 300 से 500 किमी का रोजाना सफर करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा.

किया जा रहा है 90 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार में रेलवे द्वारा लगभग 90 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. चेयर कार कोच के बाद अब बिहार से स्लीपर कोच वाली वंदे भारत का परिचालन किया जाएगा. इस ट्रेन में 6 एसी कोच और 10 जनरल कोच हैं. साथ ही इसकी गति 140 किमी प्रतिघंटे होगी. रेलमंत्री ने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक सुविधाएं बढ़ी हैं.

मिलेगी नमो भारत की सुविधा

रेल मंत्री ने कहा कि बिहार में वंदे भारत की सफलता के बाद अब नमो ट्रेन की सुविधा भी राज्य के लोगों को मिलेगी. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बजट 2025-26 में भारतीय रेल के विकास के लिए रिकॉर्ड 252200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

चल रहा है कवच लगाने का सिस्टम

यूपीए के कार्यकाल में 2009 से 2014 तक हर वर्ष बिहार में औसतन 1132 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो कि इस वर्ष 10 हजार 66 करोड़ कर दिया गया गया है. वहीं बिहार को इस बार 10,066 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पिछली यूपीए सरकार के समय से 9 गुना है. 2014 से अब तक बिहार में 1832 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई जा चुकी है, यह मलेशिया के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है. वहीं 1783 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम लगाने का काम भी चल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता चंद्रिका टंडन को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय-अमेरिकी गायिका चंद्रिका टंडन को ग्रैमी पुरस्कार जीतने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति इतनी जुनूनी हैं और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हैं. टंडन ने एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट या चैंट एल्बम श्रेणी में ग्रैमी पुरस्कार जीता है. रिकॉर्डिंग अकादमी के सबसे बड़े संगीत पुरस्कार समारोह का 67वां एडिशन रविवार को लॉस एंजिलिस में आयोजित किया गया.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एल्बम त्रिवेणी के लिए ग्रैमी जीतने पर चंद्रिका टंडन को बधाई. एक उद्यमी, परोपकारी और निश्चित रूप से संगीत के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों पर हमें बहुत गर्व है!

भारतीय संस्कृति के लिए जुनूनी

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय है कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति कितनी जुनूनी हैं और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हैं. वह कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे 2023 में न्यूयॉर्क में उनसे हुई मुलाकात याद है.

100 मिलियन डॉलर का दान

चंद्रिका टंडन एक प्रसिद्ध वैश्विक व्यापार नेता, परोपकारी और आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक हैं, जिन्हें शिक्षा और कला में उनके प्रमुख योगदान के लिए जाना जाता है. 2015 में, उन्होंने और उनके पति ने न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया, जिसका नाम अब उनके नाम पर है.

कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना

संगीतकार टंडन को 2010 में उनके एल्बम ‘ओम नमो नारायण: सोल कॉल’ के लिए ग्रैमी के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्होंने मैकिन्जी में पहली भारतीय अमेरिकी महिला भागीदार के रूप में इतिहास बनाया और टंडन कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना की, जो संस्थागत पुनर्गठन में माहिर है. हाल ही में, उन्हें प्रमुख कलाकारों के साथ एक पुरस्कार के लिए नामांकन मिला, जबकि उनकी सौतेली बहन नोरा जोन्स ने सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक पॉप वोकल एल्बम के लिए पुरस्कार जीता.

गाजीपुर का ‘गुलाबी मशरूम’, कैंसर से भी लड़ने में है कारगर; किसान कर रहे इसकी खेती

मशरूम का सेवन करने से शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ढींगरी मशरूम की एक गुलाबी प्रजाति भी है, जो कैंसर जैसे रोगों के इलाज में सहायक हो सकती है? यह गुलाबी मशरूम, जिसे ‘प्लुरोटस जामोर’ के नाम से जाना जाता है.

कृषि विज्ञान केंद्र के पौध सुरक्षा वैज्ञानिक ओंकार सिंह ने बताया कि गुलाबी रंग का ढींगरी मशरूम जिसे प्रयोग के तौर पर गाजीपुर में उगाने का प्रयास किया गया है, यह प्रयास सफल रहा है. अब इसके बाद इसे उत्पादन के लिए किसानों को भी दिया जाएगा.

कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में काफी सक्षम

ओंकार सिंह ने बताया कि बताया कि इस मशरूम की खासियत यह है कि यह कैंसर जैसे असाध्य रोगों से लड़ने में काफी सक्षम होता है. साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या को भी शरीर से दूर करने में मदद करता है. गुलाबी ऑयस्टर मशरूम में बहुत अधिक पोषक तत्व होते हैं.

इसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज आदि होते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, सूजन से लड़ने और हृदय रोगों को रोकने में मदद करते हैं. यानी कि गुलाबी रंग का मशरूम देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतना ही यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है.

प्लुरोटस जामोर मूल रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रजाति है और यह प्लुरोटसी परिवार से संबंधित है. अभी तक गाजीपुर में इस प्रकार के मशरूम का उत्पादन नहीं हुआ था.

मशरूम की खेती काफी फायदेमंद

मशरूम की खेती हमेशा से किसानों के लिए काफी फायदेमंद रही है. इसकी खेती जिले के 25 से 30 किसान कर रहे हैं, जो जनपद के विभिन्न इलाकों में हैं. वहीं, बटन मशरूम की खेती भी जनपद के कई इलाकों में बड़े मात्रा में किसान कर रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं.

इसे घर में भी लगा जा सकत हैं किसान

ओंकार सिंह ने बताया कि गुलाबी और सफेद रंग वाले ढींगरी मशरूम को आसानी से घर में भी लगाया जा सकता है. इसके लिए थोड़ा सा भूसा, प्लास्टिक बैग और एक छोटा सा कमरा चाहिए. इसके लिए धान का भूसा पानी में 15 से 20 घंटे भिगोने के बाद अतिरिक्त पानी निकालकर उसे प्लास्टिक बैग या गत्ते के डिब्बे में भरकर रखा जा सकता है.

प्रत्येक बैग में 5 ग्राम तक मशरूम के बीज डालने के बाद उसे अंधेरे कमरे में रखकर उचित तापमान में रखा जाता है, जिसकी आद्रता (Humidity) 85 से 90% होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गुलाबी मशरूम मौजूदा समय में 200 से ₹300 प्रति 250 ग्राम बिकता है और सूखने के बाद इसका रेट ₹1000 किलो तक पहुंच जाता है.

मथुरा में उड़ने लगा अबीर-गुलाल, 40 दिन रंगों में सराबोर रहेंगे भक्त और भगवान

सब जग होरी ब्रज में होरा, कैसा यह देश निगोरा”… होली का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन ब्रज में होली का उत्सव कुछ खास होता है. यहां होली सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि पूरे 40 दिनों तक मनाई जाती है. जी हां, ब्रज में होली का माहौल अद्भुत होता है. आज, बसंत पंचमी के दिन ब्रज में होली का शुभारंभ हुआ और अब यह उत्सव 40 दिनों तक निरंतर चलता रहेगा.

आज बसंत पंचमी के अवसर पर श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन, जिसे संतों की नगरी कहा जाता है, में होली की धूम देखने को मिली. लाखों श्रद्धालु तीर्थ नदी वृंदावन पहुंचे और भगवान के साथ होली खेलने के लिए बहुत उत्साहित थे.

बांके बिहारी मंदिर में होली की शुरुआत

आज बसंत पंचमी के दिन विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली की शुरुआत हुई. यहां से गुलाल उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई, जिसे सूखी होली के नाम से जाना जाता है. इस उत्सव के दौरान, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत हर सुबह भक्तों पर गुलाल उड़ाएंगे. यह उत्सव आने वाले 40 दिनों तक चलता रहेगा.

आज के दिन बांके बिहारी महाराज ने बसंती रंग की पोशाक पहनी और भक्तों के साथ होली खेलते हुए गालों पर गुलाल चप्पे लगाए. जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और सभी अपने आराध्य के साथ होली खेलने के लिए उत्साहित नजर आए.

भक्तों के बीच उल्लास और जयकारे

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में जैसे ही आरती समाप्त हुई, मंदिर के सेवायतों ने गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया. इसके बाद भक्तों ने ठाकुर बांके बिहारी महाराज के जयकारे लगाते हुए मंदिर प्रांगण को गूंजायमान कर दिया. भक्तों ने खुशी-खुशी होली के गीत गाए और इस उत्सव का आनंद लिया.

वृंदावन के अन्य मंदिरों में भी होली की शुरुआत

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के साथ साथ वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिरों जैसे निधिवन, राधावल्लभ, राधा रमण आदि में भी होली की शुरुआत हो गई. यहां भी होली का उत्सव 40 दिनों तक चलता रहेगा और भक्त भगवान के साथ रंगों में सराबोर होकर इस पर्व का आनंद लेंगे.

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी ने बताया कि आज से बृज की 40 दिन की होली की शुरुआत हो गई है. ठाकुर बांके बिहारी महाराज ने बसंती रंग की पोशाक पहनी है और भक्तों के साथ होली खेल रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज ठाकुर बांके बिहारी महाराज को विशेष भोग भी अर्पित किया गया.

इस प्रकार, ब्रज में होली का उत्सव भक्तों के लिए एक अनमोल अनुभव होता है, जो 40 दिनों तक प्रेम, रंग और उल्लास का प्रतीक बनकर चलता रहता है

दिल्ली में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी BJP- राजनाथ सिंह

दिल्ली विधानसभा चुनाव के आखिरी दिन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में एक रोड शो किया. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि इस बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बहुमत के साथ आ रही है. चुनाव में बीजेपी दो तिहाई बहुमत लेकर सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की जनता को सिर्फ लूटा है. केजरीवाल सच बहुत कम बोलते हैं. उन्होंने लोगों को बहुत आश्वासन बहुत दिए थे लेकिन एक भी पूरे नहीं किए. दिल्ली का विकास भी उसी तेजी से होना चाहिए जैसे भारत का हो रहा है, दिल्ली पिछड़ती जा रही है, सड़कों की हालत खराब हें, नालों में गंदा पानी और झुग्गी-झोपड़ियों में अभी भी लोग रह रहे हैं. 11 साल हो गए आजतक यमुना साफ नहीं हो पाई.AAP ने बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया दिल्ली की जनता को धोखा दिया गया है.

‘AAP सरकार ने दिल्ली की जनतो को धोखा दिया’

दिल्ली वासियों ने देखा है कि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में देश तेजी से बढ़ रहा है लेकिन AAP सरकार के कारण दिल्ली का विकास उतनी तेजी से नहीं हो पाया. इस सरकार ने मोदी जी की सरकार का कोई सहयोग नहीं किया. मंत्री ने कहा कि दिल्ली की जनता को लगातार गुमराह किया गया और धोखा दिया गया है लेकिन अब जनता ने सच समझ लिया है और मन बना लिया है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद ही दिल्ली का असली विकास होगा. मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली में बीजेपी को 2/3 बहुमत मिलेगा.

PM मोदी के नेतृत्व में दुनिया भारत की बात सुनती है’

इसके आगे राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले भारत की आवाज को वैश्विक मंचों पर गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन अब पीएम मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भारत की बात ध्यान से सुनती है. 2014 में भारत 11वें, अब 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और आने वाले सालों में तीसरे स्थान पर होगा.

जाल में फंसी ऐसी मछली… चंद मिनटों में मालामाल हो गया मछुआरा

आंध्र प्रदेश में एक मछुआरे ने न तो कोई बैंक, न ही कोई लॉटरी का टिकट खरीदा फिर भी वह रातोंरात अमीर हो गया, जिसकी वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, काकीनाडा के तट पर मछुआरे ले विशालकाय मछली पकड़ी थी जिसके लिए उसको 3 लाख से ज्यादा रुपये मिले.

जानकारी के मुताबिक मछुआरे ने समुद्र में जाकर दुर्लभ ‘कचिडी’ मछली का पकड़ा है. सौभाग्य के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले इस मछली के पकड़े जाने से उन्हें 3 लाख 95 हजार रुपये की भारी रकम मिली है. मछुआरे को मछली को पकड़ने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी,लेकिन बिना हार माने उसने पकड़ ही ली.

पेट में होते हैं औषधीय गुण

इस दुर्लभ मछली पर दावा करने के लिए कई व्यापारी एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं, लेकिन एक स्थानीय व्यापारी ने इसे सफलतापूर्वक हासिल कर लिया और मछुआरे को इसकी रकम दी. कचिडी मछली का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है, लेकिन बात सिर्फ पकाने और खाने की नहीं है.इस मछली के और भी कई फायदे हैं. नर कार्प मछली के पेट में औषधीय गुण होते हैं. यही कारण है कि इस मछली की बाजार में अच्छी मांग है. ऐसा कहा जाता है कि जो इस मछली को एक बार चख लेता है, वह इसे बार-बार खाने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है.

मछली का उपयोग

इंडो-पैसिफिक में पाई जाने वाली ‘कचिडी’ मछली में औषधीय गुणों के अलावा पौष्टिक गुण और बेहतरीन स्वाद भी पाया जाता है. यह भी माना जाता है कि इस मछली का उपयोग लीवर, फेफड़े और पित्ताशय से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए दवा बनाने में किया जाता है. कचिड मछली का उपयोग फोर्टीफाइड वाइन बनाने की प्रक्रिया में भी किया जाता है. समुद्री जल में पाई जाने वाली इस दुर्लभ मछली को मछुआरे गोल्डन फिश कहते हैं. वे सामान्य मछलियों की तरह जाल में आसानी से नहीं फंसती. कचिडी मछली में नर कचिडी मछली चमकदार और सुनहरे रंग की होती है.

ऑनलाइन हुआ प्यार, अब अमेरिकी लड़की ने यूपी के लड़के से रचाई शादी… दुल्हन को देखने के लिए उमड़ी भीड़

ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन. इन्हीं चंद लाइनों को चरितार्थ करने अमेरिका से लड़की कुशीनगर चली आई. अमेरिका में फैशन डिजाइनर का काम करने वाली लड़की का दिल कुशीनगर के एक युवक पर आया. जिसके बाद भारत आकर हिंदू रीति रिवाज के साथ अमेरिकी लड़की सात फेरे लेकर शादी के बंधनों में बंध गई. अब यह अनोखी शादी देश में चर्चा का विषय बनी हुई है.

कुशीनगर जिले के विकास खंड सुकरौली के पिडराघूर दास गांव में रहने वाला एक किशन की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अमेरिका के कैलिफोरनिया की रहने वाली थूई से मुलाक़ात हुई. इसके बाद व्हाट्सएप चैटिंग के साथ-साथ दोनों के बीच बातचीत कॉल पर भी होने लगी और दोनों की बातचीत कब प्यार में बदल गई इसका एहसास तक नहीं हुआ.कोरोना काल के बाद हालात सामान्य होने के बाद दोनों ने मिलने का मन बनाया और युवती 2021 में दिल्ली आ गई.

पिता से मिलाने ले गई थी युवती

लडके ने युवती को अपने परिवार के सदस्यों से मिलवाया तभी से दोनों परिवारों के बीच बातचीत होने लगी. 2023 में दिवाली के दौरान युवती अपने दोस्त के साथ उसके गांव आई और उसके परिवार के साथ रहकर वहां के रहन सहन और रीति रिवाजों के बारे में जाना. इसके बाद युवती अपने कुशीनगर के दोस्त को पिता तन ताहन वो से मिलने के लिए वियतनाम ले गई. माता तुयेत वन नगयुन जो अपने दूसरे बच्चों के साथ कैलिफोर्निया में रहती हैं.

हिंदू रीति-रिवाजों से की शादी

वीजा न मिलने की वजह से वह किशन से नहीं मिल पाई. दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद युवक के गांव में पूरे धूमधाम के साथ शादी संपन्न हुई. लड़के के पिता, माता और रिश्तेदारों ने दोनों पक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन किया. इसी दौरान बड़ी संख्या में दुल्हन को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई थी. किशन और अमेरिकी युवती थूई ने बताया कि दोनों ने लगभग चार साल तक एक दूसरे को समझने के बाद शादी करने का फैसला लिया. युवती ने नमस्ते करते हुए बताया कि हमें भारतीय संस्कृति और यहां के लोगों का सामान्य व आसान जीवन शैली बहुत पसंद हैं.

युवक के परिवार में उसके माता-पिता, दादा-दादी और बहन सभी हमें प्यार करतीं हैं. भाषा अलग होने से थोड़ी दिक्कत होती हैं, लेकिन लडके की वजह से सब आसान हो जाता है.