दूल्हा-दुल्हन ले रहे थे सात फेरे, पंडाल के पीछे हो गया बड़ा कांड… शादी समारोह में मच गई भगदड़

हरियाणा के नारनौल से शादी के दौरान एक युवक की चाकू घोंपकर हत्या का मामला सामने आया है. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि मृतक पर 6 केस चल रहे हैं. इन मामलों में वह जेल भी जा चुका था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुई एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक इलाके में ‘हफ्ता’ के नाम से मशहूर था.

नारनौल के पुरानी मंडी इलाके मोहल्ले में शुक्रवार की देर रात एक शादी समारोह चल रहा था. इसी दौरान महेश पंडाल के पीछे बैठकर कुछ लोग के साथ ताश खेल रहा था. ताश खेलने के दौरान महेश का एक युवक से झगड़ा गया और फिर देखते ही देखते युवक ने महेश की चाकू घोंपकर हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. मामले की जानकारी होते ही इलाके में भगदड़ मच गई. शादी का मंडप में मानों सन्नाटा पसर गया हो.

युवक की चाकू मारकर हत्या

घटना के बाद शोर सुनकर मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग युवक को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे. जहां से प्राथमिक उपचार देने के बाद युवक को PGI रोहतक रेफर किया था, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी परवीन को हिरासत में ले लिया है. पुलिस हत्या के कारणों को लेकर आरोपी से पूछताछ कर रही है.

हफ्ता’ के नाम से मशहूर था मृतक

लोगों का कहना है कि महेश योगी इलाके में ‘हफ्ता’ के नाम से मशहूर था. इलाके में हफ्ता मांगने के चलते उसका नाम हफ्ता रख दिया गया था. इस संबंध में लोगों ने उसके खिलाफ स्थानीय थाने में 6 मामले दर्ज कराए थे. इसके अलावा आरोपी के खिलाफ हत्या और लूट के भी मामले दर्ज थे.

हिमाचल प्रदेश: बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद किशन कपूर का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला (Dharamshala) से बड़ी खबर सामने आई है. बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद किशन कपूर (BJP Kishan Kapoor Death) का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है. पीजीआई चंडीगढ़ में उनका इलाज चल रहा था. आज यानि शनिवार को उन्होंने चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली. बीजेपी से लेकर अन्य पार्टियों के लीडर्स ने उनके निधन पर शोक जताया है. धर्मशाला भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉ. विशाल नैहरिया ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी है.

किशन कपूर ने राजनीति की लंबी पारी खेली और हमेशा धर्मशाला के विकास की लड़ाई लड़ी और सदन में आवाज बुलंद की. धर्मशाला के मुद्दों को उठाने वाली यह आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई. किशन कपूर 5 बार विधायक रहे हैं और 3 बार मंत्री व एक बार सांसद रहे हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1985 में लड़ा था. यह चुनाव वह हार गए थे. साल 1990 में पहली बार विधायक बने.

2008 व 2017 में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे, जबकि 2019 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद बने. साल 2008 से 2012 प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में परिवहन, जनजातीय मंत्री रहे. वर्ष 2017 से 2019 तक जयराम सरकार में उद्योग, परिवहन व शहरी विकास मंत्री रहे. 2019 से 2024 तक कांगड़ा के सांसद बने.

किशन कपूर राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के वर्ष 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड मतों के अंतर से सीट जीती थी. उन्होंने 4.77 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी जो पूरे देश में 72.2 फीसद के साथ दूसरा सबसे बड़ा मतदान प्रतिशत है. कपूर का राजनीति में लंबा इतिहास रहा है और वे अपेक्षाकृत कम उम्र में ही सक्रिय राजनीति में आ गए थे.

1952 में हुआ था कपूर का जन्म

किशन कपूर का जन्म 25 जून 1952 को हरि राम व गुलाबो देवी के घर खनियारा में हुआ था. किशन कपूर का विवाह रेखा कपूर से हुआ था. जिनके दो बच्चे प्रगति कपूर बेटी व शाश्वत कपूर हैं.

किशन कपूर का राजनैतिक सफर

1970 जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने

1978 युवा मोर्चा सचिव

1980 भाजपा के गठन में भाग लिया

1982-1984 मंडल अध्यक्ष भाजपा धर्मशाला

1985 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में पहला विधायक चुनाव लड़ा

1990 भाजपा के विधायक के रूप में धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया

1993 धर्मशाला से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे

1993-97 विधानसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त

1994 भाजपा हिमाचल प्रदेश राज्य कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त

1995-97 कांगड़ा जिला भाजपा अध्यक्ष रहे

1996 मणिपुर संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा चुनाव प्रभारी नियुक्त

1998 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार जीते

1998 परिवहन, जनजातीय विकास, मुद्रण एवं लेखन सामग्री तथा विधि मंत्री के रूप में शपथ ली

2003 धर्मशाला से चुनाव लड़े और हार गए

2004 भाजपा हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रवक्ता नियुक्त

2007 धर्मशाला से चौथी बार जीते

2008 परिवहन, शहरी विकास, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री के रूप में शपथ ली

2009 विभाग बदलकर उद्योग, श्रम एवं रोजगार तथा सैनिक कल्याण मंत्रालय कर दिया गया

2012 धर्मशाला से चुनाव लड़ा और हार गए

2017 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से पांचवीं बार जीते

2017 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा चुनाव मंत्री के रूप में शपथ ली

2019 पूरे देश में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के रिकॉर्ड अंतर से पहली बार कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए.

बरेली: भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने फेसबुक पर की हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में उस वक्त हड़कंम मच गया जब फेसबुक पर ‘हिंदू धर्म साबित करो और एक करोड़ का इनाम पाओ’ जैसे कई आपत्तिजनक टिप्पणियां भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने कीं. पुलिस ने भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष सुशील गौतम के खिलाफ कैंट थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है. सुशील गौतम फिलहाल फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. जिला अध्यक्ष फरार चल रहा है. पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है.

बरेली के थाना कैंट में तैनात दरोगा रोहित तोमर ने एक रिपोर्ट दर्ज की है. उन्हें सोशल मीडिया के जरिए शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी जिलाध्यक्ष सुशील गौतम ने फेसबुक पर हिन्दू धर्म और ब्राह्मणों को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है. यह शिकायत हिमांशु पटेल नामक युवक ने की थी.

हिमांशु ने सुशील गौतम की दो पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया था. जिसमें एक में लिखा था ‘हिंदू धर्म साबित करो और एक करोड़ इनाम पाओ’ और दूसरे में लिखा था- ब्राह्मण कहता है कि पृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब ईश्वर धर्म को बचाने के लिए आता है. ब्राह्मण की रक्षा करने के लिए धरती पर जन्म लेते हैं. यह षडयंत्र है और इससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.

अभी तक फरार है सुशील

उसके बाद जिला अध्यक्ष के खिलाफ कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली है. इस घटना के बाद से ब्राह्मण समाज के लोगों में आक्रोश है. वो सुशील गौतम को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. पुलिस अब जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन जिला अध्यक्ष अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं लग पाया है.

वहीं पूरे मामले में कैंट पुलिस का कहना है कि जिला अध्यक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जल्दी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगाय पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.

बॉयफ्रेंड से मिलने दिल्ली पहुंची बरेली की लड़की, हो गई गैंगरेप का शिकार,किया सुसाइड

उत्तर प्रदेश के बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पॉलिटेक्निक की छात्रा ने दुष्कर्म के बाद डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली. छात्रा प्रेमी से मिलने दिल्ली गई थी, लेकिन वहां प्रेमी नहीं मिला था. इसके बाद कुछ लोगों ने छात्रा को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घर आने के बाद छात्रा खुद को नहीं संभाल पाई और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सीबीगंज के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्रा को कॉलेज के ही एक युवक से प्यार हो गया था. मृतका की मां का आरोप है कि 17 साल की बेटी प्रेमी के बहकावे में आकर 26 जून 2024 को भागकर दिल्ली गई थी, लेकिन वहां उसे कहीं भी प्रेमी नजर नहीं आया. छात्रा ने युवक को खोजने की बहुत कोशिश की. हालांकि, उसको इस काम में सफलता नहीं मिली.

बंधक बनाकर किया रेप

इस दौरान कुछ लोगों ने उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया और आठ दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. किसी तरह छात्रा आरोपियों के चंगुल से छूटकर प्रेमी के गांव के पहुंची, लेकिन वहां भी उसे प्रेमी नहीं मिला. इसके बाद युवक के परिजनों ने छात्र के परिवार को उसकी जानकारी दी और कहां कि अपनी बेटी को आकर ले जाओ. इसके बाद परिवार के लोग उसे घर ले आए. घर आने के बाद से ही छात्रा डिप्रेशन में रहने लगी थी. इसी बीच उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बेटी की मौत के बाद से ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता की शिकायत पर पुलिस ने प्रेमी और मृतका की सहेली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं . वहीं, इस मामले में परिवार और गांववालों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

गांववालों का कहना है कि लड़की बहुत सीधी-सादी और पढ़ाई में होशियार थी. किसी ने सोचा भी नहीं था कि उसके साथ ऐसा कुछ हो सकता है. मामले पर पुलिस का कहना है कि वह मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.

मौनी महाराज ने महाकुंभ में भगदड़ के बाद ली भू-समाधि, 3 घंटे तक 10 फीट गहरे गड्ढे में रहे

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना से दुखी परमहंस पीठाधीश्वर शिवयोगी मौनी महाराज ने भू-समाधि ले ली है. शिवयोगी मौनी महाराज ने यह भू-समाधि 3 घंटे के लिए 10 फीट गहरे गड्ढे में ली. भू समाधि से पहले मौनी बाबा ने विधिवत पूजा अर्चना की. उन्होंने रुद्राक्ष की मालाओं के मुकुट को उतारकर अलग रख दिया.

मौनी बाबा ने शुक्रवार की रात को भू-समाधि ली. वह अब तक 55 से ज्यादा बार भू समाधि ले चुके हैं. ये उनकी 57वीं भू-समाधि है. मौनी बाबा का कहना था कि प्रयागराज महाकुंभ की घटना से वह बेहद व्यथित हैं. भू-समाधि के जरिए वह कामना करना चाहते हैं कि महाकुंभ में दोबारा ऐसी कोई दुखद घटना ना हो. महाकुंभ में पूरे विश्व के लोग आ आ रहे हैं. किसी को कोई दिक्कत न हो इसके लिए भूमि के अंदर तपस्या करूंगा.

उन्होंने महाकुंभ क्षेत्र में सेक्टर-6 में स्थित अपने शिविर में भू समाधि ली है. मौनी बाबा के शिविर में रुद्राक्ष की मालाओं के जरिए द्वादश ज्योतिर्लिंग के स्वरूप को तैयार किया गया है. मौनी बाबा ने महाकुंभ में पहली बार 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियों से दिव्य 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की है. हर ज्योतिर्लिंग 11 फीट ऊंचा, 9 फीट चौड़ा और 7 फीट मोटा है.

13 साल मौन व्रत पर रहे

महाराज शिवयोगी 13 साल तक मौन व्रत में रहे हैं, इसलिए लोग इन्हें मौनी महाराज के नाम से बुलाते हैं. इनका जन्म प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र में हुआ. यहीं पर शिक्षा-दीक्षा हुई. इसके बाद मुंबई में जीविकोपार्जन के लिए गए. फिर वहीं सांसारिक जीवन से विरक्त होकर इन्होंने संन्यास धारण कर लिया.

1989 में किया था मौन धारण

मौनी महाराज अमेठी के बाबूगंज स्थित सगरा आश्रम के प्रमुख हैं. राष्ट्र कल्याण की भावना और भगवान शिव के दर्शन की इच्छा को लेकर महाराज ने 1989 में मौन धारण किया. मौन रहने और भगवान शिव की पूजा का सिलसिला 2002 तक चला. तभी से सब लोग इन्हें मौनी महाराज के नाम से जानने लगे.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी, CM योगी और 77 देशों के डेलीगेट्स का दौरा कल


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 77 देशों के 118 राजनयिक शनिवार को महाकुंभ मेले का दौरा करेंगे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राजनयिक संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे, जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ एक धार्मिक समारोह में भाग लेंगे. महाकुंभ में भगदड़ की घटना में श्रद्धालुओं की मौत के बाद वीआईपी का यह पहला दौरा है.

सर्किल ऑफिसर (प्रोटोकॉल-III) प्रतिमा सिंह ने शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और सीएम योगी के महाकुंभ नगर के प्रस्तावित दौरे की पुष्टि की, हालांकि, उन्होंने उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम का विवरण साझा नहीं किया. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 फरवरी को महाकुंभ का दौरा करने की उम्मीद है.

हादसे के बाद पहली बार आज महाकुंभ जाएंगे योगी

शनिवार को सीएम आदित्यनाथ शाम करीब 4 बजे सतुवा बाबा के शिविर में पट्टाभिषेक समारोह में शामिल होंगे. आधिकारिक बयान के अनुसार, 77 देशों के 118 राजनयिक 1 फरवरी को महाकुंभ मेले में पहुंचेंगे, जहां उनका अरैल में भव्य स्वागत किया जाएगा.

ये राजनयिक अरैल में अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे. बयान में आगे बताया गया है कि राजनयिक अक्षयवट, सरस्वती कूप और लेटे हुए हनुमान मंदिर का भी दौरा करेंगे.

77 देशों के 118 राजनयिक जाएंगे महाकुंभ

महाकुंभ में भाग लेने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, रूस, ब्राजील, स्विट्जरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड, जर्मनी, नेपाल और कनाडा शामिल हैं.

2019 के कुंभ के दौरान भी इसी तरह का राजनयिक जमावड़ा आयोजित किया गया था. यहां एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले कुछ प्रतिनिधि संगम में डुबकी भी लगा सकते हैं.

अधिकारी ने कहा कि उनके दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मजबूत कर दी गई है, साथ ही आम तीर्थयात्रियों की सुविधा को भी ध्यान में रखा गया है, जो 12 साल के धार्मिक महाकुंभ में भाग लेने के लिए हर दिन लाखों की संख्या में आते हैं.

कौन हैं दुलारी देवी जिनकी दी हुई साड़ी पहन कर वित्त मंत्री सीतारमण पेश करेंगी बजट 2025

भारत का आज यानी 1 फरवरी को आम बजट पेश होगा. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट 2025 पेश करने पहुंचीं, तो उनकी साड़ी ने सभी की निगाहें अपनी ओर खींची. उन्होंने मधुबनी कला से सजी क्रीम रंग की एक खास साड़ी पहनी थी. वित्त मंत्री की ये साड़ी इसीलिए और भी ज्यादा खास है क्योंकि यह न सिर्फ भारत की कला को पेश करती है, बल्कि इसको बिहार की मशहूर मधुबनी चित्रकार पद्मश्री दुलारी देवी ने तैयार किया है.

पद्मश्री दुलारी देवी की तैयार की हुई यह साड़ी सिर्फ एक साड़ी नहीं है, बल्कि संघर्ष, परंपरा और कला की अद्भुत यात्रा की कहानी है. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को यह साड़ी गिफ्ट की थी. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री से यह साड़ी गिफ्ट करते वक्त कहा था कि वो यह साड़ी पहनकर बजट 2025 पेश करें. दुलारी देवी ने निर्मला सीतारमण को यह साड़ी तब गिफ्ट की थी जब वो मिथिला कला संस्थान में क्रेडिट आउटरीच के लिए मधुबनी के दौरे पर गई थीं.

मछुआरा परिवार से राष्ट्रीय पहचान तक का सफर

बिहार के मधुबनी जिले में जन्मीं दुलारी देवी मछुआरा समुदाय से आती हैं, जहां महिलाओं का कला से कोई संबंध नहीं था. दुलारी देवी के जीवन में ऐसा नहीं हुआ कि वो बचपन से ही मधुबनी सीखने और चित्र करने की शौकीन हो या उन्होंने बचपन से ही इसको सीखा हो. बल्कि परिस्थितियों ने उन्हें मधुबनी से मिलाया और यहीं से उन्होंने इसको अपनी पहचान बनाने का साधन बना लिया और कामयाबी के शिखर पर चढ़ती चली गई.

दुलारी देवी की छोटी उम्र में शादी हो गई थी और महज 16 साल की उम्र में उन्हें उनके पति ने छोड़ दिया था. इससे भी बड़ा दुख तब मिला जब उन्होंने अपने बच्चे को खो दिया था. इसके बाद अपनी जिंदगी जीने के लिए उन्होंने 16 सालों तक एक घरेलू नौकरानी के रूप में काम किया.

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. जिस घर में वो नौकरानी थीं, वहां प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकार कर्पूरी देवी रहती थीं. उन्हें देखकर दुलारी देवी को भी इस कला में दिलचस्पी पैदा हुई. उन्होंने धीरे-धीरे चित्रकारी सीखनी शुरू किया और यहीं से उनकी प्रतिभा को कामयाबी की राह मिली. अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर वो राष्ट्रीय स्तर की कलाकार बन गईं और उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया.

समाज के लिए कला का माध्यम

दुलारी देवी की मधुबनी चित्रकारी सिर्फ रंगों का संगम नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का एक जरिया भी है. उन्होंने अब तक 10,000 से अधिक पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें वो बाल विवाह, एड्स जागरूकता, भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों को उकेरने का काम करती हैं. उनकी कला न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में प्रदर्शनी का हिस्सा बन चुकी है.

इतना ही नहीं, उन्होंने 1,000 से अधिक विद्यार्थियों को भी मधुबनी की ट्रेनिंग दी और मधुबनी कला की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया.

बजट दिवस पर संसद में दिखी मधुबनी कला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारतीय हस्तकला और हैंडलूम को हमेशा बढ़ावा देती आई हैं. इस साल जब उन्होंने बजट पेश करने के दौरान दुलारी देवी की बनाई मधुबनी साड़ी पहनी, तो यह न केवल एक कलाकार का सम्मान था, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी सलाम था और उन्होंने न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दिया. साथ ही पीएम मोदी की मेक इन इंडिया की पहल को भी आगे बढ़ाने का काम किया.

इस ऐतिहासिक मौके पर दुलारी देवी ने भावुक होकर कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बनाई कला संसद तक पहुंचेगी, यह मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है.”

गाजियाबाद में गैस सिलेंडर से लदे ट्रक में भीषण आग, कई घर और दुकानें जलकर स्वाहा

गाजियाबाद जिले के थाना टीला मोड़ क्षेत्र में दिल्ली-वजीराबाद रोड पर भोपुरा चौक पर गैस सिलेंडर ले जा रहे एक ट्रक में भीषण आग लग गई, जिससे सिलसिलेवार विस्फोट हुए. मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल कुमार के मुताबिक, फायर ब्रिगेड के अधिकारी और कर्मचारी मौके पहुंचे थे. लेकिन लगातार सिलेंडर फटने के कारण फायर ब्रिगेड कर्मी ट्रक तक नहीं पहुंच पा रहे थे. स्थानीय नागरिकों के मुताबिक, आग लगने की वजह से आस-पास की दुकानें पूरी तरह से जल गईं. धमाके का शोर इतना ज्यादा था कि लोग किसी तरह से वहां से बाहर निकले.

ब्लास्ट से लोगों में डर का माहौल

हालांकि आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है. गैस सिलेंडर में रुक-रुक हो रहे ब्लास्ट से लोगों में डर का माहौल है. स्थानीय लोग अपना-अपना घर छोड़कर जा रहे हैं. पूरे इलाके में धुआं फैल गया है. इससे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है.

घर में भी लगी आग

एक स्थानीय का दावा है कि यह घटना सुबह करीब 4.30 बजे हुई और कई सिलेंडर फट गए. इसकी वजह से पास का एक लकड़ी का गोदाम प्रभावित हुआ और एक घर में भी आग लग गई. एक और स्थानीय ने कहा कि पास का होटल क्षतिग्रस्त हो गया है, शीशे टूट गए हैं. जनता में बहुत दहशत है.

आसपास के घरों को कराया खाली

मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि सुबह करीब 4.35 बजे हमें एलपीजी सिलेंडर से लदे ट्रक में आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके बाद तत्काल दमकल की गाड़ियों को मौके पर भेजा गया. पुलिस ने आसपास के घरों को खाली करा लिया. घरों और कुछ वाहनों में आग पूरी तरह से बुझ गई है.

इस बार बजट में क्या होगा खास? यहां समझिए पूरी बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करने जा रही हैं. ये बजट ऐसे समय पेश होने जा रहा है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया की इकोनॉमी में बड़े बदलाव की आशंका है. देश में महंगाई नियंत्रण में होते हुए भी जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है. कॉरपोरेट टैक्स अपने निचले स्तर पर होते हुए भी देश में प्राइवेट इंवेस्टमेंट ना के बराबर है और रोजगार से लेकर थाली तक की चिंता आम आदमी के माथे की शिकन बनी हुई है. ऐसे में इस बार बजट में क्या खास होने वाला है, गरीब, मिडिल क्लास, सैलरी क्लास, महिला और युवा के हाथ में क्या आने वाला है, यहां समझते हैं पूरी बात आसान भाषा में…

बजट से ठीक पहले इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश हो चुका है. ये भी देश की इकोनॉमी को लेकर कई खुलासे करता है. इसमें देश की इकोनॉमिक ग्रोथ अगले वित्त वर्ष में 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया गया है. तो आखिर सरकार किस मोर्चे पर क्या कदम उठाने जा रही रही है? वित्त मंत्री अब बजट को अंतिम रूप दे चुकी हैं.

इनकम टैक्स

आम आदमी या कहें सैलरी क्लास के लिए इनकम टैक्स में छूट या उसकी स्लैब चेंज का मुद्दा सबसे बड़ा होता है. सरकार ने जुलाई में आए पिछले बजट के बाद कई संकेत दिए हैं कि वह इनकम टैक्स के लेवल पर आम आदमी को कुछ राहत दे सकती है. ऐसे में इस बात की सबसे ज्यादा उम्मीद है कि सरकार न्यू इनकम टैक्स में नई राहत का ऐलान कर सकती है. पिछले बजट में भी सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 कर दिया था. हालांकि ओल्ड टैक्स रिजीम को लेकर कोई बड़ा बदलाव होने की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि सरकार उस दिशा में सोच भी नहीं रही है. इसकी वजह भी है.

देश की इकोनॉमी इस समय उपभोक्ता मांग में कमी से जूझ रही है. ऐसे में सरकार इनकम टैक्स में राहत देकर आम आदमी के हाथ में थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा छोड़ सकती है. इससे देश में डिमांड बेहतर हो सकती है. किसी भी इकोनॉमी में महंगाई का ऊंचा होना उतना चिंताजनक नहीं होता, जितना की डिमांड का कम होना. भारत में इस स्थिति और अजीब है रिटेल महंगाई नीचे बनी हुई है, लेकिन फूड इंफ्लेशन हाई पर है. उसके बावजूद देश में डिमांड का स्तर कम है.

रोजगार

बजट में रोजगार के मुद्दे पर भी सरकार फोकस कर सकती है. पिछले बजट में भी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’ को पेश किया था. हालांकि ये अभी धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतर पाई है. ऐसे में वित्त मंत्री सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने से लेकर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार बढ़ाने को लेकर ऐलान कर सकती हैं. इसके अलावा सरकार प्राइवेट इंवेस्टमेंट को बढ़ाने के लिए कोई प्रोत्साहन योजना का ऐलान कर सकती हैं, जो रोजगार से लिंक्ड हो सकती है.

गरीब और महंगाई

बजट में सरकार महंगाई से राहत के उपाय भी कर सकती है, ताकि गरीब की थाली में रोटी पहुंचती रहे. इसके लिए सरकार ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ का दायरा बढ़ाने से लेकर खाने-पीने की तमाम वस्तुओं पर टैक्स में कटौती, खाद्य तेल पर आयात शुल्क में छूट और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कमी जैसे उपाय अपना सकती है. हालांकि इसके साथ सरकार को राजकोषीय घाटे पर लगाम रखने, देश पर बढ़ते कर्ज के बोझ को संभालने का भी उपाय करना है. इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बैलेंस अप्रोच रख सकती हैं.

महंगाई को नियंत्रण में लाना इकोनॉमी में कंजप्शन बढ़ाने के लिए जरूरी भी है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में साबुन-तेल बेचने वाली कंपनियों (एफएमसीजी सेक्टर) की सेल महज 3 प्रतिशत बढी है. कंज्यूमर बास्केट में शामिल चाय से लेकर खाने के तेल और स्किन केयर प्रोडक्ट्स तक की कीमतों में 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. तमाम ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सितंबर के बाद से ही लगातार सेल चल रही है, जो नए साल में भी जारी है. ये सभी देश में कंजप्शन की कमी की ओर इशारा करते हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर

बजट में जहां सरकार को टैक्स में कटौती करने का दबाव है, वहीं रोजगार बढ़ाने का भी प्रेशर है. इसलिए पिछले कई बजट की तरह सरकार का फोकस कैपेक्स पर रहेगा. पिछले बजट में सरकार ने रेलवे, डिफेंस ओर सड़क एवं राजमार्ग पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च किया था. इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया खर्च इकोनॉमी में मल्टीप्लायर इफेक्ट डालता है. अगर सरकार 1 रुपए इंफ्रा पर खर्च करती है, तो इकोनॉमी को उसका फायदा करीब 3.5 रुपए का मिलता है. इसलिए इस बार भी बजट में जहां रेलवे और सड़क परिवहन मंत्रालय को अच्छा बजट मिलने वाला है. वहीं डिफेंस का बजट ‘मेक इन इंडिया’ से प्रेरित हो सकता है, ताकि हथियारों के स्वदेशीकरण से लेकर रोजगार तक सब बढ़ें.

इलेक्ट्रिक व्हीकल

साल 2024 वाहन उद्योग के लिए बस ठीकठाक ही रहा है. कई नई गाड़ियों के लॉन्च के बावजूद उनकी सेल्स में तेजी नहीं दर्ज की गई. वहीं ये देश के टोटल मैन्यूफैक्चर सेक्टर का करीब 40 प्रतिशत है. इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर रोजगार भी जेनरेट करता है. सरकार बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर फोकस कर सकती है. इससे दो फायदे होंगे, एक तो सरकार को अपना पेट्रोलियम इंपोर्ट कम करने में मदद मिलेगी. वहीं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर नए तरह के व्हीकल बनाने से नए रोजगार भी जेनरेट होंगे.

इसके अलावा सोशल सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ बजट में सरकार का फोकस कृषि पर भी रहने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले कहा भी है कि मां लक्ष्मी देश के गरीब और मिडिल क्लास पर विशेष कृपा बनाए रखें हैं. ये सरकार के बजट की प्रायोरिटी को इंगित करता है.

बजट 2025: मध्यम वर्ग को मिल सकती है बड़ी राहत, इनकम टैक्स में हो सकते हैं ये बड़े बदलाव

बजट 2025 कई मायनों में काफी ऐतिहासिक हो सकता है. इसका पहला अहम कारण है कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8 बजट पेश की करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. साथ ही देश के मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने का काम भी इस बजट में हो सकता है. इसके अलावा देश की सुस्त पड़ी इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने के लिए भी देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई अहम ऐलान कर सकती है. लेकिन जिस तरह की खबरें आ रही है, उसमें सबसे अहम देश के टैक्सपेयर्स को राहत देने की हैं. जानकारों का मानना है कि देश के मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में बड़ी छूट मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि इस बारे में देश के जानकारों का क्या कहना है?

इनकम टैक्स स्लैब में मिल सकती है राहत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी जिसमें महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मिडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स रेट/स्लैब में कटौती या बदलाव की उम्मीद की जा रही है. वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे को कम करने के मसौदे पर टिके रहते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय भी कर सकती हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए धन की देवी का आह्वान करने के बाद आयकर में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. खासकर निम्न मध्यम वर्ग को बजट में कुछ राहत मिल सकती है.

सरकारी खर्च बढ़ेगा

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पहली तिमाही के आंकड़े निजी खपत में उल्लेखनीय वृद्धि और निवेश गतिविधि में मामूली सुधार की ओर इशारा करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव संपन्न होने के साथ अनुमान है कि सरकारी खर्च बढ़ेगा, जिससे आगामी तिमाहियों में वृद्धि को समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में प्रयासों को प्राथमिकता देना जारी रखेगी.

कैपेक्स में 20 फीसदी के इजाफे की उम्मीद

अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में कम-से-कम 20 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी. ईवाई इंडिया में मुख्य नीतिगत सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बीच आगामी बजट में राजकोषीय संयम को वृद्धि उपायों के साथ संतुलित करना चाहिए. डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि केंद्र सरकार राजकोषीय समेकन के रास्ते पर टिके रहकर और लोकलुभावन उपायों से दूर रहकर व्यापक स्थिरता को प्राथमिकता दे सकती है.