*दो रोडवेज बसों के टक्कर में 25 यात्री गंभीर रूप से घायल एक कि मौत*

गोरखपुर।गोरखपुर से वाराणसी मार्ग पर गगहा थाना क्षेत्र के सराय चौराहे पर शुक्रवार की सुबह 11:00 बजे श्रद्धालुओं से भारी रोडवेज बस यात्रियों को उतार रहे थे तभी पीछे से राप्ती नगर डिपो की एक बस ने जोरदार टक्कर मार दिया जिसने 25 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए इस संबंध में एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे तथा बताया अभी घायलों की सूचना मिली है अभी मृत्यु कोई सूचना की जानकारी नहीं है उन्होंने बताया कि दोनों रोडवेज बसों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है तथा ड्राइवर की तलाश जारी है घायलों को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।जिसमें डॉक्टरों द्वारा एक कि मौत बताया गया है।जिसको चोट कम लगी है उसे सीएचसी गगहा में भर्ती कराया गया है।

एम्स गोरखपुर में राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गोरखपुर: राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस के अवसर पर एम्स गोरखपुर के त्वचा रोग एवं वेनेरोलॉजी विभाग ने ओपीडी ब्लॉक में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता (सेवानिवृत्त) रहीं।

कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग छात्राओं ने ओपीडी मरीजों और उनके तीमारदारों के सामने कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों और तथ्यों को बताते हुए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक ने भ्रांतियों को दूर करने और रोग के बारे में सटीक जानकारी देने में मदद की।

त्वचा रोग विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले वर्ष विभाग ने कुल 314 कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण किया, जिनमें से 225 गोरखपुर और आसपास के शहरों से थे, जबकि 89 रोगी बिहार और नेपाल से आए थे। उन्होंने यह भी बताया कि 138 रोगियों ने सफलतापूर्वक अपना उपचार पूरा किया। इसके अतिरिक्त, त्वचा रोग वार्ड में भर्ती होने के बाद कुष्ठ रोग से संबंधित पैर के अल्सर और लेप्रा रिएक्शन के मामलों का प्रभावी ढंग से इलाज किया गया। डीन (अकादमिक) प्रोफेसर महिमा मित्तल ने बाल कुष्ठ रोग और इसकी रोकथाम पर प्रकाश डाला। चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर अजय भारती ने कहा कि एम्स गोरखपुर सामाजिक कलंक से जुड़ी बीमारियों के इलाज और जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। अपने समापन भाषण में कार्यकारी निदेशक ने कुष्ठ रोग के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग कोई संक्रामक रोग नहीं है और उचित उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकता है। उन्होंने सभी से समाज और राष्ट्र से कुष्ठ रोग को मिटाने के लिए जागरूकता फैलाने में हाथ मिलाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में डॉ. शिवांगी राणा, प्रोफेसर शिखा सेठ, डॉ. आराधना सिंह, उप निदेशक (प्रशासन) श्री अरुण कुमार सिंह, नर्सिंग प्रिंसिपल और डॉ. रेणुका सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

एक दिवसीय कार्यशाला "बौद्धिक संपदा अधिकार" का बायोटेक्नोलॉजी विभाग में बौद्धिक संपदा अधिकार जागरुकता कार्यशाला का हुआ आयोजन

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने और शिक्षकों तथा शोधार्थियों को बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) की ओर प्रेरित करने के लिए प्रायोजित एक दिवसीय कार्यशाला "बौद्धिक संपदा अधिकार" को बायोटेक्नोलॉजी विभाग में बौद्धिक संपदा अधिकार जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत पेटेंट, कॉपीराइट, भौगोलिक संकेत, ट्रेडमार्क, व्यापार रहस्य आदि विषयों पर वक्ताओं द्वारा जानकारी दी गई। उक्त कार्यशाला माननीय कुलपति प्रो. पूनम टण्डन के निर्देश व नेतृत्व मे आयोजित किया गया।

कार्यशाला का शुभारम्भ मां सरस्वती को दीप प्रज्वलित कर, विश्वविद्यालय के कुलगीत से किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम के संरक्षक/विश्विद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी का विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजर्षि कुमार गौड़, मुख्यअतिथि प्रो. एच. एस. चावला का स्वागत डॉ. रामवन्त गुप्ता, विशिष्ट अतिथि डॉ. कनिका मालिक का प्रो. दिनेश यादव ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह दे कर स्वागत किया।

इस श्रृंखला में कार्यशाला के संयोजक प्रो. दिनेश यादव द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया जिसके उपरांत रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल व आईपीआर सेल द्वारा निर्मित पुस्तिका का विमोचन किया गया।

इस बार की कार्यशाला भी जैव प्रौद्योगिकी विभाग में आयोजित की गई, जिसमें पाँच विशेषज्ञ व्याख्यानो को दो तकनीकी सत्रों में किया गया, इस अवसर पर माननीय प्रति कुलपति व संकाय अध्यक्ष विज्ञान प्रो. शांतनु रस्तोगी ने अध्यक्षीय भाषण दिया।

प्रो. एच. एस. चावला, डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज, प्रोफेसर एवं प्रमुख, आनुवंशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग, CEO, बौद्धिक संपदा प्रबंधन केंद्र, जी. बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, "बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR): एक अवलोकन" पर व्याख्यान दिया।

डॉ. कनिका मलिक, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, CSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (NIScPR), नई दिल्ली, "कॉपीराइट और प्रकाशन मुद्दे" पर व्याख्यान दिया।

अधिवक्ता आशीष शर्मा, मैनेजिंग पार्टनर, IP नेशन, नई दिल्ली, "पेटेंट सुरक्षा का मार्ग: फाइलिंग से ग्रांट तक के चरण" विषय पर व्याख्यान दिया।

प्रो. राम चेत चौधरी, पद्म श्री और अध्यक्ष, PRDF, गोरखपुर, "उत्तर प्रदेश में भौगोलिक संकेत टैग: लाभ और हानि" पर चर्चा किया।

प्रो. दिनेश यादव, निदेशक, अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ, "IPR प्रेरित अनुसंधान: एक अवलोकन" पर चर्चा किया।

कार्यशाला में सहभागिता कर रहे प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. गौरव सिंह ने किया। इस कार्यशाला में लगभग 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिनमें नेपाल के प्रतिभागी भी शामिल हैं। प्रतिभागियों में विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के संकाय सदस्य, पीएचडी शोधार्थी और स्नातकोत्तर छात्र शामिल हैं।

जयशंकर 'प्रसाद' की जन्म जयंती पर हिन्दी एवं पत्रकारिता विभाग में हुआ व्याख्यान

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा तथा पत्रकारिता विभाग में वृहस्पतिवार को जयशंकर 'प्रसाद' की जन्म जयन्ती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर पूर्व पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलांग के प्रो. हितेंद्र मिश्र ने अपना विशिष्ट व्याख्यान दिया।

प्रो. मिश्र ने अपने व्याख्यान में 'प्रसाद' की विभिन्न रचनाओं का सन्दर्भ देते हुए कहा कि आज 'प्रसाद' को आज नए ढंग से पढ़ने की आवश्यकता है।

इसके पूर्व प्रो. बिमलेश मिश्र ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं से समाज कि विषमता को दूर करता है और समरसता को स्थापित करता है।

कार्यक्रम में विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार राय ने जयशकर 'प्रसाद' की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के किसी भी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से लेकर संघ लोक सेवा आयोग के हिन्दी के पाठ्यक्रम में 'प्रसाद' की उपस्थिति अपरिहार्य है। प्रो. राय ने आगे कहा कि 'प्रसाद' विमर्श के पोलिटिकल करेक्टनेस में फँसे हैं, क्योंकि मुक्तबोध ने भले ही उन्हें समझने का प्रयास किया परन्तु प्रगतिशील आलोचना में 'प्रसाद' प्राय: उपेक्षित ही रहे हैं। दूसरी तरफ एक विचारधारा उनका अपहरण कर उनके विश्वबोध को स्थानीय बोध बनाने में लगी है, इससे 'प्रसाद' को मुक्त कराने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने कहा कि 'प्रसाद' की रचनाएं अतिवादिता के विरूद्ध है। उन्होंने बताया कि 'प्रसाद' पर यह विभाग का पहला आयोजन है।

इस आयोजन में छात्र-छात्राओं ने 'प्रसाद' की कविताओं का पाठ भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अखिल मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन विभाग के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति के संयोजक प्रो. राजेश कुमार मल्ल ने किया। इस अवसर पर प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी, प्रो. प्रत्यूष दुबे, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. संदीप यादव, डॉ. सुनील कुमार यादव, डॉ. रामनरेश राम, डॉ. अभिषेक शुक्ल, डॉ. ऋतु सागर,डॉ. प्रियंका नायक, डॉ. अपर्णा पाण्डेय, डॉ. रजनीश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. नरगिस बानो, डॉ. अन्वेषण सिंह, डॉ. अभय शुक्ल और विभाग छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ज़ी की 77 वी शहादत दिवस पर कांग्रेसियों ने उनकी मूर्ति पर किया माल्यार्पण

गोरखपुर। जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में गोलघर गांधीजी के मूर्ति पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ज़ी की 77 वी शहादत दिवस के अवसर पर तथा मौनी अमावस्या को प्रयागराज मे भगदड के दौरान हुई हजारों श्रद्धालुओं की मौत श्रद्धांजलि तथा घायल लोगो को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए महात्मा गांधी ज़ी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी एक व्यक्ति के नहीं वह भारत की आत्मा है और हर भारतीयों में आज जीवित हैं सत्य और अहिंसा और निडर का शक्ति बड़े-बड़े साम्राज्य की जड़े दिला सकती है पूरा विश्व उनके इन आदर्शों की प्रेरणा लेता है ।

भाजपा सरकार सिर्फ और सिर्फ नफरत फैला रही है 29 जनवरी को महाकुंभ प्रयागराज में जो श्रद्धालुओं के साथ हादसा में हजारों की जान गई उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार है सिर्फ सिर्फ है सरकार v i p मोमेंट चला रही थी श्रद्धालु को कहीं किसी प्रकार की सुविधा नहीं करोड़ों की भीड़ में कोई सिस्टम नहीं श्रद्धालुओं को सिर्फ मरने करने के लिए छोड़ दिया गया सिर्फ उनके v i p मेहमान दिखे रहे थे यह सरकार लाशों पर राजनीति कर रही है इसी क्रम में मृत श्रद्धालुओं को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दिया गया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से aicc मेंबर स्नेह लता गौतम, मनोज यादव ,दिलीप निषाद, तौकीर आलम सत्येन्द्र कुमार निषाद, महेन्द्र नाथ मिश्रा, अनिल सोनकर, विनोद जोजफ रामसमुझ सावरा मुन्ना तिवारी, उज्जैर खान, संदीप गोरखपुरी, अशोक कश्यप, देवेंन्द्र निषाद गुलाम ताहिर शेलेन्द्र ब्ललभ पाण्डेय धुरुव पासवान हरीश चंद पंकज पासवान प्रमोद जोजफ आदि मौजूद रहे।

प्रयागराज हादसे में मृतकों का शव पहुंचते ही बिलख पड़े परिजन

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत उनवल के निवासी प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर हुए भगदड़ के हादसे में मृतक पन्नालाल साहनी और नगीना देवी का शव आज सबेरे 6 बजे पोस्टमार्टम के बाद सम्मान सहित प्रशासन के द्वारा उनके घर पहुंचाते ही परिवार के लोग बिलख पड़े। मौके पर पहुंचे विधायक प्रदीप शुक्ल और नायब तहसीलदार खजनी राम सूरज प्रसाद ने शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य बंधाते हुए प्रदेश शासन द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन दिया तथा हादसे पर खेद जताते हुए शव यात्रा में सम्मिलित हो कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मौजूद सभी की आंखें नम हो उठीं। नगीना देवी का अंतिम संस्कार उनके छोटे पुत्र सिकंदर साहनी तथा पन्नालाल का अंतिम संस्कार उनके बेटे के पुत्र हिमांशु साहनी 12 वर्ष ने किया।

प्रत्यक्षदर्शी गजराज निषाद और कुसुम देवी ने बताया कि प्रयागराज में हम सभी लोग स्नान के बाद वापस लौट रहे थे,भीड़ बहुत अधिक थी अचानक लोग दौड़ने लगे, धक्का मुक्की हुई जिसमें पन्नालाल और नगीना देवी नीचे गिर गए भीड़ में लोग उन्हें नीचे कुचलते हुए भाग रहे थे। हर तरफ चीख पुकार मच गई कुछ समझ में नहीं आ रहा था। भगदड़ रूकने पर सभी घायलों  को प्रशासन, फोर्स और वहां मौजूद लोग एंबुलेंस में लाद कर अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने पन्नालाल साहनी और नगीना देवी को मृत घोषित कर दिया था।

बताया गया कि मृतक पन्ने साहनी के साथ प्राइवेट अर्टिगा गाड़ी में उनवल नगर पंचायत के निवासी पन्ने की पत्नी गजराज साहनी और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी, भुसावल की माताजी,जवाहर निषाद की पत्नी और बेटी प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए गए थे। वहीं पीपीगंज खोराबार क्षेत्र के अपने बेटे के साढू के बोलेरो गाड़ी से नगीना देवी के साथ, पारस की पत्नी, बहू, उनकी समधन, पारस की बेटी और दामाद प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए गए थे। हादसे के दौरान लोग स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे थे, अचानक हुई भगदड़ के दौरान हुए हादसे में लोग भीड़ की चपेट में आ गए थे। जिसमें अन्य लोग भी घायल हुए किंतु पन्नालाल साहनी और नगीना देवी की मौत हो गई। हादसे के बाद शोक संवेदना जताने दर्जनों लोगों सहित बड़ी संख्या में नगरवासियों स्थानीय जनप्रतिनिधियों चेयरमैन सभासद एवं संबंधियों ने शोक संतप्त परिजनों को धैर्य बंधाया।

समय से कुष्ठ की पहचान और उपचार से रुकता है प्रसार, दिव्यांगता से भी होता है बचाव

गोरखपुर । अगर समय से कुष्ठ की पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसके संक्रमण की आशंका कम हो जाती है। साथ ही मरीज के दिव्यांग होने का खतरा भी नहीं रहता है । इसके विपरीत गैर उपचाराधीन कुष्ठ रोगी खुद के लिए और समाज के लिए जटिलताएं बढ़ा सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम किसी भी कुष्ठ रोगी से भेदभाव न करें और कुष्ठ के लक्षण वाले लोगों को शीघ्र जांच और इलाज के लिए प्रेरित करें। यह संदेश जिला कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम की तरफ से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के शुभारंभ के मौके पर गुरूवार को दिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे और जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी डॉ गणेश यादव की देखरेख में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हुए इस कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहित कई अन्य सामाजिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। सभी लोगों को जिलाधिकारी का संदेश पढ़ कर सुनाया गया और एक स्वर से नारा दिया गया-कुष्ठ पूर्व जन्म का पाप नहीं, यह कोई अभिशाप नहीं।

इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास सिंह ने कुष्ठ रोगियों को सहयोगी सामग्री का वितरण किया । सिद्धांत चौधरी के मैजिक शो के जरिये भी कुष्ठ के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया और बताया गया कि शरीर पर कोई भी सुन्न दाग धब्बा जो चमड़ी के रंग से हल्का हो, कुष्ठ भी हो सकता है। ऐसा लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत जांच कराएं। जांच और सम्पूर्ण इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। इस मौके पर सीआरसी और प्रधानमंत्री दिव्य आशा केंद्र की टीम के सहयोग से कुष्ठ रोगियों को एडीएल किट और बटन वाला फोन भी वितरित किया गया। लेप्रोसी चैंपियन जय प्रकाश ने भी अपना अनुभव साझा किया।

जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रो बैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु के कारण होता है । यह अनुवांशिक रोग नहीं है और न ही पूर्व जन्म के पापों का फल, न कोई भूत-पिशाच व टोना - टोटका । कुष्ठ रोगी से भेदभाव करने की बजाय उसे प्रेरित करें कि वह इलाज कराए । नया कुष्ठ रोगी मिलने पर आसपास के दस घरों में बचाव की दवा खिलाई जाती है । नया बाल कुष्ठ व दिव्यांग कुष्ठ रोगी मिलने पर शहरी क्षेत्र में तीन सौ घरों में जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पूरे गांव को बचाव की दवा खिलाने का प्रावधान है।

इस मौके पर जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में कुष्ठ के 1234 नये रोगी खोजे गए । इनमें से 1195 लोग इलाज के बाद इस बीमारी से मुक्त हो चुके हैं। इस समय 325 दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को पेंशन मिल रहा है। पिछले पांच वर्षों के भीतर पच्चीस कुष्ठ रोगियों की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कराई गई, 210 को फिंगर स्प्लिंट लगे, 368 सेल्फ केयर किट और 1076 एमसीआर किट बांटे गए हैं।

इस अवसर पर जिला कुष्ठ कार्यालय समेत सभी अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों में कुष्ठ उन्मूलन की शपथ दिलाई गई।

सभी प्रतिभागियों ने महात्मा गांधी की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में सीआरसी निदेशक जितेंद्र यादव, प्रधानमंत्री दिव्य आशा केंद्र की कंचन चौधरी, डीप्टी सीएमओ डॉ अनिल कुमार सिंह, मंडलीय कीट विशेषज्ञ वीके श्रीवास्तव, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्रा, जिला कुष्ठ कार्यालय से डॉ आसिफ, महेंद्र चौहान, पवन श्रीवास्तव, रतनलाल, सुजीत कुमार सिंह, विनय समेत जिला कुष्ठ कार्यालय समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राजेश सिंह ने किया।

*खिलाड़ियों का हुआ सम्मान*

गोरखपुर, महात्मा गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्र खिलाड़ियों का सम्मान किया गया । बुधवार को कॉलेज के प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह ने विद्यालय के राज स्तरीय और राष्ट्रीय स्तरीय की अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं में 45 छात्रों को ट्रैकसूट और मेडल देकर सम्मानित किया । प्रधानाचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि खेल से हमारा शारीरिक और मानसिक विकास होता है। कोई खिलाड़ी जीवन में चुनौतियों से कैसे सामना किया जाता है वह खेल से ही सीखता है । प्रत्येक छात्र को कम से कम एक घंटा कोई ना कोई खेल खेलना चाहिए । शारीरिक शिक्षक विवेकानंद मिश्र ने अपने उद्बोधन से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और बधाई दी। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्य रामनाथ वर्मा, शशि भूषण श्रीवास्तव, डॉक्टर जनार्दन सिंह ,संजय मोहन त्रिपाठी ,डॉ चंदन सिंह ,सुशील त्रिपाठी, सत्य प्रकाश मिश्रा आदि लोगों ने बधाइयां दी ।

संस्कार भारती महानगर इकाई का हुआ विस्तार

गोरखपुर। संस्कार भारती के महानगर इकाई का विस्तार महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के देवी शंकर श्रीवास्तव सभागार में हुआ। इस महानगर इकाई के विस्तार में महानगर इकाई के अध्यक्ष मनकेश्वर नाथ पांडेय, महामंत्री आलोक कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष नील रतन वैश्य ने संयुक्त रूप से विचार विमर्श के उपरांत उपाध्यक्ष एसी वैश्य, अचिंत्य लाहिड़ी, आलोक रंजन वर्मा, राजकरन बाथम, प्रियंका श्रीवास्तव, मंत्री अनूप अग्रवाल, जितेंद्र श्रीवास्तव, ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, श्रीमती वंदना दास, मंचिय विद्या राकेश उपाध्याय, दृश्य कला अनीता श्रीवास्तवा, लोक कला शिवम गुप्ता का नाम घोषित किया गया। इस दौरान संस्कार भारती महानगर इकाई द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई, जिसमें 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर्व पर सरस्वती पूजन व काव्य गोष्ठी तथा 12 फरवरी को भरत मुनि जयंती मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। चयनित महानगर इकाई के विस्तार में सभी ने सहर्ष स्वीकारा।

इस दौरान प्रांतीय संरक्षक वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष डॉ. भारत भूषण, मंत्री सुशील श्रीवास्तव, प्रेम पराया, विवेक अस्थाना, गोरक्ष प्रांत धरोहर कला के संगम दुबे, मंचिय कला प्रमुख श्रीनारायण पांडेय, डॉ. सुदीप्ता बी भूषण, शिशिर श्रीवास्तव, उमेश श्रीवास्तव नितिन जायसवाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

गन्ना उत्पादन प्रबन्धन से पूर्वांचल के किसानों का उठेगा जीवन स्तर"

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयन्ती वर्ष के अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान मे "गन्ना उत्पादन प्रबंधन " विषय पर विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। उक्त व्याख्यानमाला कुलपति प्रो पूनम टण्डन के निर्देश व नेतृत्व मे, संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र की देखरेख मे आयोजित हुआ। व्याख्यानमाला गोरखपुर की कृषि संस्था इरादाटेक फाउन्डेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। व्याख्यानमाला मे मुख्य रूप से गन्ना शोध संस्थान, सेवरही के वैज्ञानिकों को आमन्त्रित किया गया था। व्याख्यान के प्रारंभ मे सभी वैज्ञानिकों का स्वागत संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र ने किया। स्वागत करते हुए उन्होने बताया कि पूर्वांचल गन्ना की खेती के लिए मशहूर है। यहां गन्ना के उत्पादन के लिए पर्याप्त उर्वरा भूमि मौजूद है। गन्ना उत्पादन मे और बढोत्तरी के प्रबन्धन के माध्यम से किसानो की आय बढा सकते हैं।

अपने व्याख्यान मे गन्ना शोध संस्थान की वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डाॅ अर्चना सिरारी ने गन्ने की बुवाई और उसके विभिन्न तरीकों के बारे मे बताया। उन्होने उन तकनीकियों के बारे मे भी बताया, जिसके माध्यम से कम लागत से ज्यादा गन्ना उत्पादन किया जा सकता है। उन्होने पूर्वांचल के लिए गन्ने की सटीक प्रजातियों के बारे मे भी बताया। दूसरा व्याख्यान गन्ना शोध संस्थान के कीट वैज्ञानिक डाॅ विनय कुमार मिश्र द्वारा दिया गया। उन्होने गन्ने मे लगने वाले कीङों और उससे होने वाले नुकसान के बारे मे बताया। उन्होने बेतहाशा कीटनाशकों के प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त करते हुए गन्ना को कीङों से बचाने के लिए सुरक्षित और उपयोगी कीटनाशकों के बारे मे बताया। व्याख्यानमाला का अन्तिम व्याख्यान, गन्ना शोध संस्थान के प्लांट पैथोलाॅजी के विभागाध्यक्ष डाॅ वी पी भारती ने दिया।

डॉ. वाई पी भारती ने गन्ने पर लगने वाले रेड डॉट नामक बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।इसके साथ ही डॉक्टर वीपी भारती ने गन्ने की फसलों पर क्रिट प्रबंधन के बारे में जागरूक किया।कार्यक्रम के अंत में संस्थान के छात्रों को उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता के लिए प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में आभार ज्ञापन डॉक्टर नूपुर सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सरोज चौहान ने किया। कार्यक्रम में डॉ निखिल रघुवंशी, डॉक्टर तल्हा अंसारी, डॉक्टर सौरभ सिंह, डां ज्ञान प्रकाश सिंह, डॉक्टर रितेश कुमार, डॉक्टर तनवीर, डॉक्टर मोनालिसा उपस्थित आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने सहभागिता प्रदर्शित की।