छलक जाए ना दर्द दिल आंखों से, उतरे बात जो दिल में वही बात करो
विश्वनाथप्रताप सिंह
प्रयागराज।गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक एकता के रूप में 'विश्व जनचेतना ट्रस्ट' व 'बज़्म ए अहबाब' के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया गया।
करैली स्थित अदब घर में आयोजित कार्यक्रम में समाज और साहित्य में योगदान देने वालों को सम्मानित भी किया गया, जिसकी अध्यक्षता सीनियर एडवोकेट एवं साहित्यकार एमए हसीन मुख्य अतिथि डॉ. जाहेदा खानम, विशिष्ट अतिथियों में ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर अशरफ अली बेग, चीफ पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन मैनेजर बसन्त कुमार शर्मा एवं पूर्व इंजीनियर पइंडियन टेलीफोन इंडस्ट्री लिमिटेड प्रदीप कुमार चित्रांशी रहे।
कार्यक्रम में शायर और कवियों ने एक से बढ़ कर एक रचनाएं प्रस्तुत कीं। तशना कानपुरी ने 'तुम जिसको समझते हो सर शब्ज़ घराना है, एक दस्त है कांटों का पानी है न दाना है। सुना वाहवाही लूटी तो डॉ. राहुल शुक्ल' ने 'जाति-धर्म के नाम पे देखो, बंटा हुआ परिवार, संविधान की शिक्षा खोकर, बन बैठा गुनहगार।' तलत महमूद ने 'छलक जाए ना दर्द दिल आंखों से 'बटोही' उतरे बात जो दिल में बस वही बात करो।'
सूना दाद बटोरी। फ़रमूद इलाहाबादी ने 'जिस्म दो , एक जान रहने दो। हिंदु, मुस्लिम समान रहने दो।' सुनाया। बख्तियार यूसुफ ने 'आज यूसुफ से मोहब्बत की नज़र मिल ही गई, बज़्म में अब रंग उलफत का जमा रह जायग, पेश किया। राम लखन चौरसिया ने 'किसे कहूँ मैं कोकिला, किसे कहूँ मैं काग, चेहरा चेहरा कालिखें, दामन दामन दाग,। सुना खूब वाहवाही लूटी।
संचालन फरमूद इलाहाबादी ने किया। शामिल होने वाले रचनाकारों में शाकिर हुसैन तशना, डॉ. राहुल शुक्ल, फ़रमूद इलाहाबादी, सुनिल दानिश, एडवोकेट बख्तियार यूसुफ, तलत महमूद, वरिष्ठ अधिवक्ता बख्तियार यूसुफ, रामलखन चौरसिया, हैदराबाद से आए शकील हैदराबादी, सलाह ग़ाज़ीपुरी, सेलाल इलाहाबादी, सुहैल अख़्तर, प्रकाश सिंह अश्क, असद ग़ाज़ीपुरी, अब्दुल रहमान, शाहिद अली शाहिद, एमए हसीन, डॉ. जाहेदा खानम, अशरफ अली बेग, बसन्त कुमार शर्मा, प्रदीप कुमार चित्रांशी
हसीन जीलानी, ज़ीशान फतेहपुरी एवं परवेज़ अख्तर आदि ने भी रचनाएं प्रस्तुत कीं। संयोजक साकिब सिद्दीक़ी 'बादल' एवं अमजद हुसैन रावी रहे। उपस्थित लोगों में आसिफ उस्मानी, कान्ति प्रभा शुक्ल, अन्नू विश्वकर्मा, सिरजीत गौतम, दीप कन्नौजिया, संध्या कन्नौजिया व अन्य लोग रहे।
Jan 28 2025, 10:03